वह भारत आकर क्या देखना चाहता था - vah bhaarat aakar kya dekhana chaahata tha

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वह भारत आकर क्या देखना चाहता था - vah bhaarat aakar kya dekhana chaahata tha

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Important Questions of Class 9 Hindi – B Chapter 5 Hamid kha. myCBSEguide has just released Chapter Wise Question Answers for class 09 Hindi – B. There chapter wise Practice Questions with complete solutions are available for download in myCBSEguide website and mobile app. These test papers with solution are prepared by our team of expert teachers who are teaching grade in CBSE schools for years. There are around 4-5 set of solved Hindi Extra questions from each and every chapter. The students will not miss any concept in these Chapter wise question that are specially designed to tackle Exam. We have taken care of every single concept given in CBSE Class 09 Hindi – B syllabus and questions are framed as per the latest marking scheme and blue print issued by CBSE for class 09.

CBSE Class 9 Hindi Ch – 5

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Practice Questions for Class 9 Hindi – B Chapter 5

Ch-5 हामिद खां

  1. साम्प्रदायिक दंगों का प्रभाव समाज के किस वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित करता हैं? यह भी स्पष्ट कीजिए कि इस प्रकार के दंगों को रोकने के लिए आप क्या उपाय करेंगे?

  2. हामिद को लेखक की किस बात पर यकीन नहीं हो पा रहा था और क्यों?

  3. हामिद खाँ लेखक के मुल्क जाकर अपनी आँखों से क्या देखना चाहता था?

  4. हामिद खाँ और लेखक के बीच कब और किस प्रकार का सम्बन्ध स्थापित हो गया था?

  5. तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?

  6. हामिद खाँ कौन था? लेखक उसके लिए ईश्वर से प्रार्थना क्यों कर रहा था?

  7. मालाबार में हिन्दू-मुसलमानों के पारस्परिक सम्बन्धों के बारे में ‘हामिद खाँ’ पाठ के आधार पर लिखिए।

  8. हामिद खाँ ने लेखक की किस बात का विश्वास नहीं किया और क्यों? स्पष्ट कीजिए। लेखक के द्वारा दिए गए उत्तर से हमें क्या सीख मिलती है? बताइए।

Ch-5 हामिद खां


Answer

  1. अशिक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की शिक्षा पर बल दिया जाए, अशिक्षित लोगों को भी लघु और कुटीर उद्योग धन्धों द्वारा रोजगार से जोड़ा जाए। अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जाए तथा दंगों में कफ्यू लगाने पर श्रमिक वर्ग रोटी-रौजी के लिए मजबूर हो जाता है। वह धन्धा नहीं कर पाता। दंगों को रोकने के लिए सभी को सहृदयता एवं एकता की भावना मन में लानी होगी। आपस में जाति-भेद, भाई-चारे की भावना, सहयोग व प्रेम की भावना के लिए उनको जागरूक किया जाए।
  2. हामिद ने पूछा कि एक हिन्दू मुसलमानी होटल में क्या खाना खाएँगे। इस पर लेखक ने कहा कि हमारे यहाँ अगर बढ़िया चाय पीनी हो या बढ़िया पुलाव खाना हो तो लोग बेखटके मुसलमानी होटल में जाया करते हैं। इस बात पर हामिद को यकीन नहीं हो पा रहा था।
  3. जब लेखक ने हामिद खाँ को यह बताया कि मालाबार (केरल) में हिन्दू-मुसलमान मिलकर रहते हैं, एक दूसरे के तीज त्योहार में शामिल होते हैं, उनमें दंगे न के बराबर होते हैं, भारत में मुसलमानों द्वारा पहली मस्जिद का निर्माण उसके राज्य में ही किया गया। हामिद खाँ को इन सब बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था। वह ऐसी अच्छी जगह को अपनी आँखों से देखना चाहता था।
  4. हामिद खाँ और लेखक के बीच तब सम्बन्ध स्थापित हुआ जब लेखक तक्षशिला के खण्डहर में घूमते हुए भूख-प्यास से बेहाल हो हामिद खाँ की दुकान में भोजन करता है। हामिद खाँ उसे आत्मीय भाव से भोजन खिलाता है और अपना मेहमान बनाकर उससे पैसे तक नहीं लेता। दोनों में एक सौहार्दपूर्ण आत्मीय सम्बन्ध स्थापित हो जाता है।
  5. तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक को हामिद खाँ की याद आ गई। उसके यहाँ उसने खाना खाया था। उसे हामिद खाँ की आवाज, उसके साथ बिताए क्षणों की यादें आज भी ताजा हैं। उसकी मुस्कान उसके दिल में बसी है। लेखक की यही कामना है कि तक्षशिला के साम्प्रदायिक दंगों की चिंगारियों की आग से हामिद और उसकी वह दुकान जिसने मुझ भूखे को दोपहर में छाया और खाना देकर मेरी क्षुधा को तृप्त किया था, बचे रहें। इनसे लेखक की पंथ निरपेक्ष मानवीय भावनाओं का पता चलता है।
  6. हामिद खाँ एक मुसलमान पठान था। तक्षशिला में हामिद रहता था, वहाँ आगजनी की घटना हुई थी। हामिद मानव प्रेम में आस्था रखने वाला व्यक्ति था। लेखक के साथ उसका भावनात्मक जुड़ाव भी था। इसलिए अखबार में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक ने उसकी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
  7. मालाबार में हिन्दू-मुसलमान प्रेम से रहते हैं। यदि किसी को बढ़िया चाय पीनी हो, या बढ़िया पुलाव खाना हो तो लोग बेखटके मुसलमानी होटल में जाया करते हैं। यहाँ सब मिल-जुलकर रहते हैं। मुसलमानों ने भारत में जिस पहली मस्जिद का निर्माण किया, वह मालाबार के कोइँगल्लूर में है। यहाँ दंगे भी नहीं के बराबर होते हैं। यहाँ आपसी समझ व सद्भावना है।
  8. लेखक जब तक्षशिला के खण्डहर देखने गया तो वहाँ की कड़कड़ाती धूप में भूख-प्यास से बेहाल हो गया। तभी चपातियाँ की सौंधी महक सूँघकर वह एक दुकान की ओर मुड़ गया जहाँ पठान अंगीठी के पास बैठा चपातियाँ सेंक रहा था। लेखक ने उसे बताया कि वह मालाबार (केरल)का रहने वाला है तो उस व्यक्ति ने शंका व्यक्त की क्या वह हिन्दू होकर एक मुसलमानी होटल में खाना खायेगा। लेखक द्वारा यह बताने पर कि हमारे यहाँ हिंदू-मुसलमान मिल-जुलकर रहते हैं और बढ़िया चाय या बढ़िया पुलाव के लिए मुसलमानी होटल में खाना खाते हैं। लेकिन लेखक की इस बात पर पठान हामिद खाँ को विश्वास न हुआ और बोला-काश मैं आपके मुल्क में आकर सब बातें अपनी आँखों से देख पाता। उसने लेखक को बड़े प्रेम से खाना खिलाया और जिद करने पर भी केवल एक रुपया ही लिया और वह भी यह कहते हुए वापस कर दिया कि इससे अपने मुल्क में जाकर किसी मुसलमानी होटल में पुलाव खा लेना। इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि हिंदू-मुसलमान सब एक हैं हमें आपस में प्रेम और भाईचारे की भावना से एक साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए।

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