Bharat Ke NimnLikhit Bandargahon Me Se Kaun - Saa Ek Odissa Tat Par Sthit Hai -A. हल्दिया Show Comments आप यहाँ पर बंदरगाहों gk, ओडिशा question answers, general knowledge, बंदरगाहों
सामान्य ज्ञान, ओडिशा questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं। छह महीने तक फिशिंग पर रोक ओडिशा ने छह महीने तक फिशिंग पर रोक लगा दी है। यह रोक एक नवंबर से लेकर 31 मार्च तक है। इस दौरान ये कछुए ओडिशा के तटों पर रहते हैं। सरकार ने तय किया है कि मत्स्य पालन पर निर्भर मछुआरों को सरकार की ओर से साढ़े सात से आठ हजार रुपया प्रतिमाह दिया जाएगा। इन इलाकों से पावर बोट समुद्र में ले जाने पर रोक है। मुख्य वन सरंक्षक संदीप त्रिपाठी ने बताया कि 30 एचपी के ट्रालर्स 20 किलोमीटर तक समुद्र के भीतर नहीं जा सकेंगे। जिन क्षेत्रों में ओलिव रिडले हैं वहां तो बिल्कुल ही नहीं। पेट्रोलिंग तेज कर दी गयी है। इन कछुओं के संरक्षण को एक्शन प्लान 2019-20 का नाम दिया गया है। क्या है ओलिव रिडले की खूबी ओलिव रिडले समुद्री कछुओं की उन पांच प्रजातियों में से एक है, जो प्रजनन के लिए भारतीय तटों का रुख करते हैं। वन्यजीव सुरक्षा एक्ट 1972 के तहत उनकी सुरक्षा की गारंटी दी गयी है। केंद्रपाड़ा के गहिरमथा समुद्र तट ओलिव रिडले से अटापटा है। यही हाल ऋषिकुल्या नदी के मुहाने गंजाम का भी है। लगभग 4 लाख से ज्यादा ओलिव रिडले कछुए हजारों मील दूर प्रशांत महासागर से बंगाल खाड़ी अंडे देने पहुंचे हैं। अंडों से कछुआ निकलने में 45 दिन तक लग जाते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए ऋषिकुल्या नदीं के मुहाने पर बीस किलोमीटर के दायरे में मछली पकडऩा मना है। डिवीजनल फॉरेस्ट अफसर राजनगर विमल प्रसन्न आचार्य ने बताया कि फरवरी से अंडे देने का सिलसिला शुरू हो गया है। 6 लाख के ओलिव रिडले कछुए दे सकते हैं अंडे विभाग का अनुमान है कि इस बार 6 लाख के आसपास ओलिव रिडले कछुए ओडिशा तटवर्ती क्षेत्र में अंडे दे सकते हैं। वर्ष 2001 के बाद अबकी बार ज्यादा कछुए आए हैं। तब इनके आने का रिकार्ड 7 लाख 41 हजार रहा है। बंगाल की खाड़ी ओडिशा के तट कछुओं के लिए अंडा देने की सबसे मुफीद जगह हैं। ये कछुए गंजाम जिले के ऋषिकुल्या नदी, केंद्रपाडा जिले में गहिरमाथा नदी और पुरी जिले के देवी नदी में प्रजनन को आते हैं। इन कछुओं के संरक्षण और अंडा देने और प्रजनन की प्रक्रिया के दौरान उन्हें नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने इन क्षेत्रों में 20 किमी के दायरे में मछली पकडऩे पर एक नवंबर से 31 मई तक प्रतिबंध लगा दिया है। सिर्फ 6 स्थानों पर ही पाए जाते हैं ओलिव रिडले ओलिव रिडले के घरौंदे सिर्फ 6 स्थानों पर ही पाए जाते हैं। इनमें से तीन ओडिशा में हैं। केंद्रपाड़ा का गहिरमथा तथा गंजाम जिले का ऋषिकुल्या नदी को ये सबसे ज्यादा मुफीद पाते हैं। मादा ओलिव रिडले की क्षमता एक बार में करीब 150 अंडे तक देने की होती है। इनके अंडे दो महीनें में फूटते हैं जिनसे छोटे-छोटे कछुए निकलते हैं। फिर नन्हें मुन्ने ओलिव रिडले रेंगते हुए समुद्र में उतर जाते हैं। गंजाम ऋषिकुल्या नदी केपास सटीक गिनती से पता चला है कि करीब दो लाख कछुए इसी तट पर आ चुके हैं। वन विभाग ने इनकी सुरक्षा को एक विंग बनाया है। यह विंग प्रजनन स्थल को 20 किलोमीटर के दायरे तक नो मैन जोन बनाए रखने में सहायक होते हैं। उड़ीसा पुरी में कौन सा समुद्र है?पुरी का समुद्री तट, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है और पुरी रेलवे स्टेशन से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर है। पुरी समुद्री तट शहर का एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है और इस तट को तैराकी के लिए आदर्श तथा भारत के सर्वश्रेष्ठ समुद्री तटों में से एक के रुप में माना जाता है। इस समुद्री तट को हिंदू बहुत पवित्र मानते हैं।
ओडिशा में महासागर का नाम क्या है?ओडिशा
ओडिशा के पूर्व में कौन सा महासागर है *?आर्कटिक महासागर उत्तर ध्रुव वृत्त में स्थित है तथा यह उत्तर ध्रुव के चारों ओर फैला है। यह प्रशांत महासागर से छिछले जल वाले एक सँकरे भाग से जुड़ा है जिसे बेरिंग जलसंधि के नाम से जाना जाता है।
उड़ीसा का मुख्य भोजन क्या है?पारंपरिक 'डाल्मा', आलू, बैंगन और पालक जैसे सब्जियों के साथ पकाया जाने वाला दाल स्वादिष्ट और पौष्टिक है। अन्य परंपरागत प्रसन्नियां, संतुला (ओड़िया शैली मिश्रित सब्जियां), मूंग डाल्मा, शाग भजा (तला हुआ पालक), दही बैंगन (दही के साथ पकाया बैंगन), चिंगुड़ी तरकारी, (झींगे करी)।
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