कन्या राशि के इष्ट देवता कौन है - kanya raashi ke isht devata kaun hai

कन्या राशि के व्यक्ति का स्वभाव, शादी, शिक्षा, व्यापार, लकी रंग, इष्ट देव, और उपाय

स्वभाव : कन्या राशि बुध की राशि होती है इसलिए कन्या राशि के स्वभाव बुध ग्रह होते है। कन्या राशि के जातको का स्वभाव अस्थिर होता है वो अपनी बात पर ज्यादा लम्बे समय तक टिकते नहीं है। कन्या राशि के जातक बहुत जल्दी किसी भी बात पर गुस्सा हो जाते है लेकिन बहुत जल्दी मान भी जाते है गुस्सा उनका जल्दी शांत भी हो जाता है। कन्या राशि के जातको की हाइट अच्छी होती है शरीर थोड़ा पतला होता है। कन्या राशि के जातको को ज्यादा बाते करने की आदत होगी और दूसरो को छोटी छोटी बातो पर सलाह देने की आदत होगी। कन्या राशि वालो को लेखन में ज्यादा रूचि होती है। कन्या राशि का जातक चंचल स्वभाव के होते है और अपनी आयु से कम लगते है। कन्या राशि के जातको के अंदर फुर्ती अधिक होती है। कन्या राशि वालो में धन संचय करने की अच्छी कला होती है। इनकी वाणी आकर्षक होती है। कन्या राशि के जातक अच्छी वाणी के स्वामी होते है। कन्या राशि के जातक बुद्धिमान होते है। कन्या राशि के जातक किसी काम को करने की ठान लेते है तो उस काम को करके ही रहते है। कन्या राशि के जातक परम्परावादी भी होते है। कन्या राशि के जातको को खाने का अधिक शोक होता है कन्या राशि के जातको को खेल कूद में भी अधिक रूचि होती है। कन्या राशि के जातक दिखने में बहुत आकर्षक होते है। कन्या राशि के जातक बहुत मेहनती और हिम्मत वाले भी होते है। कन्या राशि के जातक सफाई पसंद करने वाले होते है उनको घर और ऑफिस में हर वस्तु व्यवस्थित तरिके से रखने की आदत होती है। कन्या राशि के जातको को मैनेजमेंट बहुत अच्छा आता है। कन्या राशि के जातक दूसरो के साथ निष्पक्ष व्यवहार करते है। कन्या राशि

शिक्षा : कन्या राशि के जातको को आर्ट्स से जुडी शिक्षा प्राप्त करने से लाभ होता है इसलिए कन्या राशि वालो को अपनी उच्च शिक्षा आर्ट्स साइड से करनी चाहिए और कन्या राशि वाले लोग वकालत की शिक्षा भी ले सकते है इसमें इन लोगो को सफलता प्राप्त होती है।

व्यापार : अगर व्यापार की बात करे तो कन्या राशि के जातको को निम्नलिखित व्यापार करने से लाभ होगा जैसे कंसल्टेंसी, कूरियर, हरी चीज़ो से जुड़ा कार्य, टेलीफोन, टूरिज्म, तम्बाकू, पान मसाला, पुस्तक का कार्य, कपड़े का कार्य, चूड़ियों का बिज़नेस, केमिकल, मार्केटिंग.  इनमे से कोई भी बिज़नेस कन्या राशि के लोग कर सकते है।

शादी : कन्या राशि के जातक के लाइफ पार्टनर धार्मिक होते है इनके लाइफ पार्टनर का वजन थोड़ा ज्यादा हो सकता है। इनके लाइफ पार्टनर वफादार होते है और कर्तव्यनिष्ठ होते है। अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले होएत है इनके पार्टनर पुरे परिवार का ध्यान रखने वाले होते है।  इनके लाइफ पार्टनर बहुत हिम्मत वाले होते है। इनके लाइफ पार्टनर की हाइट सामान्य होती है। इनके लाइफ पार्टनर बहुत मेहनती होते है। इनके लाइफ पार्टनर बहुत ही पॉजिटिव नेचर के होते है। इनके लाइफ पार्टनर इमोशनल नेचर के होते है। इनके लाइफ पार्टनर बहुत केयरिंग होते है। इनके लाइफ पार्टनर इनके प्रति ईमानदार होते है और इनको अच्छी सलाह देने वाले होते है।

लकी रंग : कन्या राशि के जातको के लिए हरा और सफेद रंग लकी होते है इसलिए इनको अपनी लाइफ में हरे और सफेद रंग का प्रयोग अधिक करना चाहिए विशेषकर इनको सफेद और हरे रंग के वस्त्र अधिक पहने चाहिए। इससे इनको बहुत लाभ होगा। इससे इनके भाग्य में वृद्धि होगी।

इष्ट देव : इनके इष्ट देव शंकर भगवान होते है। इसलिए कन्या राशि के जातको को प्रतिदिन शंकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। शंकर भगवान की पूजा करने से कन्या राशि के जातको को बहुत लाभ प्राप्त होगा। शंकर भगवान की पूजा करने से कन्या राशि के जातको को तुरंत अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। उनको पूजा का फल जल्दी मिलेगा। इसलिए कन्या राशि के जातको के लिए प्रतिदिन शंकर भगवान की पूजा करना बहुत लाभदायक रहेगा।

उपाय : कन्या राशि के जातको को प्रतिदिन सुबह बुध के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करना चाहिए ॐ बुं बुधाय नमः। कन्या राशि के जातको के लिए बुध का रत्न पन्ना धारण करना बहुत लाभदायक रहेगा। पन्ना रत्न धारण करने से कन्या राशि वालो का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और करियर में भी तरक्की प्राप्त होती है। इसलिए इनको पन्ना रत्न धारण जरूर करना चाहिए। प्रतिदिन शाम को शनि के मंत्र की एक माला का जाप करे ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनेश्चराय नमः। प्रतिदिन सुबह पक्षियों को सतनाज खिलाए। प्रतिदिन शाम को चन्द्रमा के मंत्र की एक माला का जाप करे ॐ सोम सोमाय नमः। प्रत्येक रविवार गुड़ का दान करे। ये सभी उपाय इनको करने चाहिए।

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नई दिल्ली: वैसे तो कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा और श्रद्धा अनुसार किसी भी देवी-देवता की पूजा कर सकता है लेकिन अपने इष्ट देव (Isht Dev) की पूजा करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इसका कारण ये है कि इष्ट देव का संबंध हमारे कर्मों और हमारे जीवन से होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति को अच्छे और शुभ फल की प्राप्ति होती है. इष्ट देव का अर्थ है अपनी पसंद के देवता. लेकिन अगर किसी को इस बारे में पता ना हो तो आखिर इष्ट देव की पहचान कैसे की जा सकती है?

कुंडली के पंचम भाव से इष्ट देव की पहचान

ज्योतिष शास्त्र (Jyotish) की मानें तो आपके जन्म की तारीख (Birth date), आपके नाम के पहले अक्षर की राशि या जन्म कुंडली की राशि (Kundli Rashi) के आधार पर इष्टदेव की पहचान की जा सकती है. अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. कुंडली का पंचम भाव इष्ट का भाव माना जाता है. इस भाव में जो राशि होती है उसके ग्रह के देवता ही हमारे इष्ट देव कहलाते हैं. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते.

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राशि अनुसार जानें अपने इष्ट देव को

मेष और वृश्चिक- मेष (Aries) और वृश्चिक (Scorpio) राशि का स्वामी ग्रह मंगल है इसलिए इन दोनों राशिवालों के इष्टदेव हनुमानजी और राम जी हैं.
वृषभ और तुला- वृषभ (Tauras) और तुला (Libra) राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है और इसलिए इनकी इष्ट देवी मां दुर्गा हैं, उन्हें इनकी आराधना करनी चाहिए.
मिथुन और कन्या- मिथुन (Gemini) और कन्या (Virgo) राशि का स्वामी ग्रह बुध है और इसलिए उनके इष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी हैं और उन्हें इनकी पूजा करनी चाहिए.

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कर्क- कर्क (Cancer) राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है और इन लोगों के इष्ट देव शिवजी हैं. इनकी पूजा से विशेष फल मिलता है.
सिंह- सिंह (Leo) राशि वालों का स्वामी ग्रह सूर्य है और उनके इष्ट देव हनुमान जी और मां गायत्री हैं.
धनु और मीन- धनु (Sagitarius) और मीन (Pisces) राशिवालों के स्वामी ग्रह गुरु हैं और उनके इष्ट देव विष्णु जी और लक्ष्मी जी हैं.
मकर और कुंभ- मकर (Capricorn) और कुंभ (Aquarius) राशि के स्वामी शनि हैं इसलिए उनके इष्ट देव हनुमान जी और शिव जी हैं. उनकी पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

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कन्या राशि का गुरु कौन सा है?

कन्या राशि का स्वामी बुध है.

कन्या राशि वालों को कौन सी पूजा करनी चाहिए?

दऱअसल कन्या राशि के स्वामी बुध हैं, बुध के लिए गणपति की पूजा बहुत शुभ मानी गई है।

कन्या राशि वालों की आयु कितनी होती है?

23 और 24वें वर्ष बहुत उत्तम रहते हैं जबकि 4, 16, 22, 36 और 55 वर्ष कष्टप्रद होते हैं।

कन्या राशि वाले कौन से भगवान होते हैं?

इसका विस्तार राशि चक्र के १५० अंशों से १८० अंश तक है। इस राशि का स्वामी बुध है, इस राशि के तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध,शनि और शुक्र हैं