उत्साह कविता का शीर्षक क्या है? - utsaah kavita ka sheershak kya hai?

इसे सुनेंरोकेंयह एक आह्वान गीत है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

कविता का शीषक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंक्या कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ सार्थक है? कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ पूर्णतया सार्थक है क्योंकि यह ध्वनि कवि के अंतर्मन की अनुगूँज है जो अनंत में व्याप्त हो रही है। कवि को वसंत के आगमन पर पत्ते-पत्ते में; कण-कण में प्रकृति की सुंदरता, आभा और सुषमा दिखाई पड़ती है।

काव्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंदिए गए विकल्पों में से कविता का उचित शीर्षक ‘आत्मसम्मान’ है। कवि ने बताया है की आत्मसम्मान को त्याग कर जीना व्यर्थ होता है। आत्मसम्मान के पर्यायवाची शब्द हैं – स्वाभिमान, आत्मगौरव, आत्मसुख।

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उचित शीर्षक का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकें- 1. वह शब्द या शब्द समूह जो किसी विषय से परिचित होने के लिए सबसे ऊपर लिखा जाता है; (टाइटिल) 2. किसी ग्रंथ या लेख आदि के विषय का परिचायक शब्द; रचना नाम 3.

उपर्युक्त गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंप्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर हम बता सकते है कि इस गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक विकल्प 3 नि:शस्त्रीकरण है I अत: विकल्प 3 सही उत्तर होगा।

उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधर्मवीर भारती’ हैं।

काव्यांश क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकाव्यंश नाम का मतलब – Kavyansh ka arth आपको बता दें कि काव्यंश का मतलब बुद्धिमान और कविता के साथ पैदा हुआ होता है। बुद्धिमान और कविता के साथ पैदा हुआ होना बहुत अच्छा माना जाता है और इसकी झलक काव्यंश नाम के लोगों में भी दिखती है।

कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है अपने शब्दों में उत्तर लिखें 12?

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इसे सुनेंरोकें➲ ‘उत्साह’ कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। ✎… ‘उत्साह’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी द्वारा रचित कविता है, जो कि एक आह्वान गीत है। इसमें कवि ने बादलों का आह्वान किया है।

उत्साह कविता का मूल स्वर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंyour answer: उत्साह’ कविता कवि का आह्वान गीत है, जिसके स्वर में ओज है, क्रांति है। यही कारण है कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम बसरने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है।

उत्साह कविता का मुख्य स्वर ‘ओज’ का है। कवि अपनी ओजस्विता से जन-चेतना लाकर जन-सामान्य में क्रांति लाना चाहता है। कवि बादलों से संपूर्ण आकाश को घेर लेने को कहता है। कविता के स्वर में ओज, क्रांति, विप्लव तथा परिवर्तन का आवेग है।

कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा है, क्योंकि कवि बादलों के माध्यम से क्रांति और बदलाव लाना चाहता है। वह बादलों से गरजने के लिए कहता है। एक ओर बादलों के गर्जन में उत्साह समाया है तो दूसरी ओर लोगों में उत्साह का संचार करके क्रांति के लिए तैयार करना है।

कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर 'गरजने' के लिए कहता है, क्यों?


निराला विद्रोही कवि हैं। वे समाज में क्रांति के माध्यम से परिवर्तन लाना चाहते थे। वे क्रांति चेतना का आश्वान करने में विश्वास रखते थे जो ओज और जोश पर निर्भर करती है। ओज और जोश के लिए ही कवि बादलों को गरजने के लिए कहता है।
‘उत्साह’ कविता एक आव्हान गीत है। बादल निराला जी का प्रिय विषय है। यह कविता समाज में क्रांति और उत्साह की भावना का संचार करने के उद्देश्य से लिखी गई है। कवी बादल से घनघोर गर्जन से आकाश को भर देने का आग्रह कर रहे हैं। बादल के गर्जन में क्रांति की चेतना निहित है जिससे नवनिर्माण हो सके। प्रकृति में नवजीवन का समावेश, क्रांति-चेतना का शंखनाद आदि इस कविता के शीर्षक की सार्थकता को सिद्ध करते हैं।

Solution : कविता का शीर्षक .उत्साह. इसलिए रखा गया है क्यों यह बादलों की गर्जन और उमड़न-घुमड़न से मेल खाता है। बादलों में भीषण गति होती है। उसी से वह धरती के ताप हरता है। कवि ऐसी ही गति, ऐसी ही भावना और शक्ति चाहता है।

उत्साह कविता का शीर्षक सार्थक है क्या आप सहमत हैं?

➲ 'उत्साह' कविता का शीर्षक 'उत्साह' इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। इस कविता के माध्यम से कवि ने लोगों के मन में उत्साह भरने का प्रयत्न किया है, इसलिये ये शीर्षक पूर्ण रूप से सार्थक है।

कविता का शीर्षक उत्साह क्या रखा गया है?

कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

उत्साह कविता का मूल उद्देश्य क्या है?

इस कविता में बादलों को क्रांतिदूत मानकर सोए, अलसाए और कर्तव्यविमुख लोगों को क्रांति लाने के लिए प्रेरित किया गया है। इस क्रांति या विप्लव के बिना समाज की जड़ता और कर्तव्यविमुखता में परिवर्तन लाना संभव नहीं है। लोगों में उत्साह भरना ही 'उत्साह' कविता का उद्देश्य है।

कविता का शीर्षक क्या है?

क्या कविता का शीर्षक 'ध्वनि' सार्थक है? कविता का शीर्षक 'ध्वनि' पूर्णतया सार्थक है क्योंकि यह ध्वनि कवि के अंतर्मन की अनुगूँज है जो अनंत में व्याप्त हो रही है। कवि को वसंत के आगमन पर पत्ते-पत्ते में; कण-कण में प्रकृति की सुंदरता, आभा और सुषमा दिखाई पड़ती है।