प्रश्न. 19वीं शताब्दी में सामाजिक-धार्मिक सुधारों का स्वरूप क्या था तथा उन्होंने भारत में राष्ट्रीय जागृति में कैसे योगदान दिया? प्रश्न. भारतीय पुनर्जागरण की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें? प्रश्न. रामकृष्ण ने किस तरह से हिंदू धर्म में एक नया जोश और गत्यात्मकता का संचार किया? प्रारंभिक परीक्षा हेतु प्रश्नप्रश्न.. राजा राम मोहन राय के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए: (A) केवल 1 प्रश्न. आर्य समाज के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (A) केवल 1 और 3 प्रश्न. सत्य शोधक समाज का संबंध किस आंदोलन से था? (A) बिहार में आदिवासियों के उत्थान के लिये एक आंदोलन × धर्म सुधार आंदोलन को रोकने तथा उसको समाप्त करने की प्रक्रिया स्वरूप कौन सा आंदोलन हुआ?इस धर्मसुधार-विरोधी आंदोलन का उद्देश्य कैथोलिक चर्च में पवित्रता और ऊँचे आदर्शों को स्थापित करना था, चर्च और पोपशाही में व्याप्त दोषों को दूर कर उसके स्वरूप को पवित्र बनाना था।
प्रति धर्म सुधार आंदोलन क्या है?16वीं शताब्दी के विद्रोहात्मक धर्म-सुधार के कारण नवीन प्रोटेस्टेंट धर्म के प्रसार से चिंतित होकर कैथोलिक धर्म के अनुयायियों ने कैथोलिक चर्च व पोपशाही की शक्ति व अधिकारों को सुरक्षित करने और उनकी सत्ता को पुनः सुदृढ़ बनाने के लिए कैथोलिक धर्म में अनेक सुधार किये, जिसे 'धर्म-सुधार-विरोधी आंदोलन' या 'प्रतिवादी धर्म-सुधार ...
धर्म सुधार आंदोलन का वास्तविक प्रणेता कौन थे?जर्मनी में धर्मसुधार आंदोलन का प्रणेता मार्टिन लूथर (1483 ई. -1546 ई.) था।
धर्म सुधार आंदोलन कहाँ से शुरू हुआ?श्रीकृष्ण ने बताया कि 15वीं और 16वीं शताब्दी में यूरोप में रोमन कैथेलिक चर्च में आई बुराइयों के खिलाफ मार्टिन लूथर, डिवलिंग, काल्विन और हेनरी अष्टम जैसे नेताओं के नेतृत्व में जर्मनी, फ्रांस, स्विटजरलैंड और इंग्लैंड में चर्च सुधार आंदोलन की शुरुआत की गई थी।
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