जिले के लोग जो पानी हैंडपंप, बोरवेल और गहरे पारंपरिक कुएं-बावड़ियों से पी रहे हैं वह भले ही दिखने में साफ लगे लेकिन इसमें न दिखने वाले विषैले रसायन फ्लोराइड की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। पिछले एक दशक से लोग इस धीमे जहर को पीने के लिए मजबूर हैं। Show
इसी का परिणाम है कि जिले में लोगों को दांतों, हड्डियों और जोड़ों की विभिन्न असाध्य बीमारियाें से जूझना पड़ रहा है। जनस्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद भी विभाग ने लोगों के स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार फ्लोराइड युक्त पानी का लगातार सेवन लोगों के लिए धीमा जहर जैसा साबित हो रहा है। पानी में फ्लोराइड की मात्रा प्रति लीटर 0.75 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। जिले के गांवों और नारनौल शहर के भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा का प्रतिशत चौंकाने वाला है। जनस्वास्थ्य विभाग स्वयं भी पानी में फ्लोराइड की मात्रा की समय-समय पर जांच कराता है। इसके बाद भी विभाग ने लोगों के लिए पीने के साफ पानी की व्यवस्था का प्रबंध नहीं किया है। चिंताजनक है
फ्लोराइड का यह स्तर फ्लोराइड शरीर में प्रवेश होने पर रक्त परिवहन तंत्र द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंच कर धीरे-धीरे इनमें जमने लगता है। यह मां और गर्भस्थ शिशु के बीच स्थित दीवार को भी आसानी से भेद सकता है। यह उन अंगों को ज्यादा प्रभावित करता है, जिनमें कैल्शियम तत्व की बहुलता हो। यह अति संवेदनशील एवं सक्रिय अंग मस्तिष्क की तंत्रिकाओं (न्यूरोंस) को तोड़ने एवं नष्ट करने की क्षमता रखता है। कैसे बचें खतरनाक स्तर पर पहुंची मात्रा जिले के अन्य गांवाें में भी पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा 0.75 प्रतिशत से काफी अधिक पाई गई है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। फ्लोराइड के अलावा पेयजल में पाई जाने वाली टोटल डिसाल्वड सोलवेंट टीडीएस की मात्रा भी मानव स्वास्थ्य को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। जिले में भूमिगत जल में फ्लोराइड का स्तर सेब का बीज बन सकता है मौत का कारण... सेब को दुनिया के सबसे सेहतमंद फलों में से एक माना जाता है, लेकिन यही पौष्टिक फल आपकी सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है। सेब तो नहीं लेकिन सेब के बीज आपकी मौत का कारण बन सकते हैं, आईये जानें कैसे...फोटो साभार: shutterstock सेब के बीज में एमिगडलिन नाम का तत्व पाया जाता है और जब यह तत्व इंसान के पाचन संबंधी एन्जाइम के संपर्क में आता है तो सायनाइड रिलीज करने लगता है। प्राकृतिक तौर पर बीजों की कोटिंग काफी हार्ड होती है जिसे तोड़ पाना आसान नहीं है। एमिगडलिन में सायनाइड और चीनी होता है और जब इसे हमारा शरीर निगल लेता है तो वह हाईड्रोजन सायनाइड में तब्दील हो जाता है।श्रीदेवी की हालिया रिलीज हुई फिल्म मॉम में एक सीन है जहां श्रीदेवी अपनी बेटी का रेप करने वाले अपराधियों से बदला ले रही है। उन अपराधियों में से एक को वो सेब के बीजों से मार डालती है। आपने बिल्कुल सही पढ़ा, सेब के बीजों से मार डालती है। सेब को दुनिया के सबसे सेहतमंद फलों में से एक माना जाता है, लेकिन यही पौष्टिक फल आपकी सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है। सेब तो नहीं लेकिन सेब के बीज आपकी मौत का कारण बन सकते हैं। सेब के बीज में एमिगडलिन नाम का तत्व पाया जाता है और जब यह तत्व इंसान के पाचन संबंधी एन्जाइम के संपर्क में आता है तो सायनाइड रिलीज करने लगता है। प्राकृतिक तौर पर बीजों की कोटिंग काफी हार्ड होती है जिसे तोड़ पाना आसान नहीं है। एमिगडलिन में सायनाइड और चीनी होता है और जब इसे हमारा शरीर निगल लेता है तो वह हाईड्रोजन सायनाइड में तब्दील हो जाता है। इस सायनाइड से न सिर्फ आप बीमार हो सकते हैं बल्कि मौत का भी खतरा रहता है। इसके अलावा अगर किसी के शरीर में बीज की कम मात्रा भी होती है तो उसे भी कई तरह की परेशानियां होती है जैसे कि सिरदर्द, वॉमेट, पेट में ऐंठन और कमजोरी। यानि कि बीज की थोड़ी सी भी मात्रा आपके शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है। तो सेब खाने से पहले उसके सारे बीज निकल ले ताकि आपको सेब खाने के फायदे की जगह कभी नुकसान न हो। ऐसे में अगर बिना चबाए आप बीज केवल निगल लेते हैं तो घबराने की बात नहीं है लेकिन इसको चबाकर निगलने पर पेट में साइनाइड रिलीज होता है जिससे तबीयत खराब हो सकती है। यह साइनाइज आपको बीमार कर सकता है और आपको मार भी सकता है। कैसे काम करता है यह सायनाइड?साइनाइड एक कुख्यात जहर है, इसका इतिहास काफी पुराना रहा है। सामूहिक आत्महत्या और केमिकल युद्ध के दौरान इससे होने वाली मौतों का लंबा इतिहास मौजूद है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ हस्तक्षेप करके साइनाइड काम करता है। सायनाइड, हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है। कुछ रेयर केस में इंसान कोमा में जा सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। अगर ज्यादा मात्रा में सायनाइड का सेवन कर लिया जाए तो तुरंत सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है, ब्लड प्रेशर लो हो जाता है और इंसान बेहोश हो जाता है। अगर इस जहर से कोई शख्स बच जाता है तब भी उसके हृदय और मस्तिष्क को काफी नुकसान पहुंचता है। सायनाइड की थोड़ी सी मात्रा का सेवन करने पर भी चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी, पेट में दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। सेब के अलावा ऐप्रिकॉट यानी खुबानी, चेरी, आड़ू, आलूबुखारा जैसे फलों के बीज में भी सायनाइड की मात्रा होती है। 200 सेबों के बीज यानि एक कप बीज इंसान के शरीर में जहर पैदा करने के लिए काफी है। सायनाइड की कितनी मात्रा खतरनाक हैसेब के करीब 200 बीज का पाउडर तकरीबन 1 कप भर जितना होता है, वह इंसान के शरीर के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। एक ग्राम सेब के बीज में 0.06-0.24 मिली ग्राम साइनाइड होता है। अगर आपने बीज का सेवन कर लिया है और आपको सिरदर्द, उल्टी, पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। यदि किसी ने गलती से या जानबूझ कर 0.5 से 3.5 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में बीज खा लिया, तो उसकी मौत भी हो सकती है। इसलिए जब भी इन फलों का सेवन करें, तो बीजों को सावधानी के साथ निकाल दें। ये भी पढ़ें,खाने के बाद अगर आपको भी होती है चाय की तलब, तो हो जायें सावधान!घरेलू जहर कौन सा होता है?दरअसल बादाम का स्वाद कड़वा होने का प्रमुख कारण उसमें हाइड्रोजन साइनाइड की उपस्थिति है। हाइड्रोजन साइनाइड आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। 3 जायफल - रसोई घर में कभी स्वाद के लिए तो कभी दवा के तौर पर जायफल को रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि पुराने जायफल का सेवन आपके लिए तनाव का कारण बन सकता है।
यह धीमा जहर क्या है?बोटूलिनम टॉक्सिन: इसका प्रयोग धीमे जहर के रूप में किया जाता है. इसे खुला छोड़कर कहीं रख दिया जाए तो ये शरीर में घाव के माध्यम से प्रवेश कर जाता है और इलाज ना हुआ तो मौत हो जाती है. खाने में मिलाकर भी इसे दे दिया जाए तो भी संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाती है.
सबसे अच्छा जहर कौन सा होता है?वर्तमान में आत्महत्या, मर्डर के लिए सायनाइड का सबसे ज्यादा प्रयोग हो रहा है। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें धरती के सबसे खतरनाक जहर समेत 9 अन्य जहर के बारे में...
कौन सा जहर शक्तिशाली है?सायनाइड के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जिसे बेहद ही खतरनाक जहर माना जाता है। इसी की तरह ही एक और खतरनाक जहर है, जिसे पोलोनियम 210 कहा जाता है।
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