दुश्मन का खात्मा करने के लिए क्या करें? - dushman ka khaatma karane ke lie kya karen?

दुश्मन का खात्मा करने के लिए क्या करें? - dushman ka khaatma karane ke lie kya karen?
दुश्मन का खात्मा करने का मंत्र

दुश्मन का खात्मा करने का मंत्र

दुश्मन का खात्मा करने का मंत्र, दोस्तों आज कल हम जिस जमाने में रहते इस जमाने को आधुनिक युग कहते हैं और इस युग में सब कोई सबसे आगे बढ़ना चाहता और इस आगे बढ़ने की होड़ में हम बिना सोचे समझे कुछ भी गलत करते रहते हैं।

इस तरीके से हमारे बहुत सारे दुश्मन बन जाते हैं जब दुश्मन बन जाते हैं तो वह हमें हर तरीके से तकलीफ पहुंचाने में लगे रहते हैं वह हमारे हर कदम पर अपनी नजर को रखते हैं और हमें बर्बादी के रास्ते तक लेकर आते हैं।

अगर आपके भी ऐसे ही दुश्मन है जो आप पर हमेशा नजर गड़ाए रखते हैं आप क्या करते हैं, क्या खाते हैं, कहां जाते हैं, किनसे हम मिलते हैं यहां तक कि आप को हर तरीके से क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हैं और आप अपने दुश्मनों के वार से बिल्कुल तंग आ चुके है और आप उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही स्थान पर आए हैं क्योंकि आज हम कुछ ऐसे ही उपाय लेकर आप सबके सामने आए हैं।

दुश्मन का खात्मा करने के लिए क्या करें? - dushman ka khaatma karane ke lie kya karen?
दुश्मन का खात्मा करने का मंत्र

दोस्तों आज हम दुश्मन को खात्मा करने का मंत्र आप सबके सामने लेकर आए हैं जिसको आप अपने जीवन में अपना कर अपने दुश्मनों से हमेशा हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं उनको हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।
चलिए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में जिनको पढ़कर हम अपने जीवन से अपने दुश्मनों को खात्मा कर सकते हैं।

अगर आप अपने दुश्मनों को खात्मा करना चाहते हैं तो दुश्मन को खात्मा करने का सबसे पहला उपाय यह है कि आप जब भी शौचालय जाए तो शौचालय करते वक्त बैठते हुए वहीं के पानी से आप अपने दुश्मनों का नाम जमीन पर लिखें या दिवार पर लिख ले और जैसे आपका शौच खत्म हो जाए उसके बाद उस नाम को अपने बाएं पैर से तीन बार लात मारिए और शौचालय से बाहर निकल आइए।

ऐसा करने से आपका जो दुश्मन है वह आपके वश में आ आएगा वह आपको कभी भी कोई तकलीफ नहीं देगा। यह उपाय करके अपने दुश्मन का खात्मा अवश्य कर सकते हैं। क्या आपका व्यापार सही तरीके से नहीं चल रहा है आपके दुश्मन आप को कमजोर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है और आप उनके प्रयासों के कारण आप सच में कमजोर भी पड़ रहे हैं और आप आप चाहते हैं कि आप अपने दुश्मनों का खात्मा करे मगर आपको समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे आप अपने दुश्मन का खात्मा करें।

उसकी चिंता मत कीजिए क्योंकि आज का हमारा यह उपाय दुश्मन को खात्मा करने का मंत्र है चलिए आगे जानते कि किस तरह अपने दुश्मन का खात्मा करेंगे।

ऊं श्रीम ह्रीम क्लीम दोम
ज्वाला ज्वाला शूलीनी।।
आस्या याजामानास्या
सर्वा शत्रून संहारा संहारा।।
क्षेम लभाम कुरू कुरू
दुष्टा ग्राहम हम फट स्वाहा।

अगर आप इस मंत्र का जाप प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को रात के 12:00 बजे के बाद इस मंत्र का जाप पूरे 108 बार करते हैं तो आपको अवश्य लाभ प्राप्ति होगी आपके दुश्मन अपने आप आप पर वार करना छोड़ देंगे वह आप पर कभी भी कोई वार नहीं करेंगे।

ऊपर दिए गए मंत्रों का जाप जिस तरह दिया गया है उस तरह से करना है। जिन लोगों ने इस मंत्र जाप से सिद्धि हासिल की है उन लोगों के अनुसार उनके दुश्मन अब उनके पीछे नहीं पड़ते हैं। मंत्र जाप करने वाले लोगों को व्यापार में सिद्धि भी हासिल हुई है और घर परिवार में शांति भी हासिल हुई है पहले दुश्मनों के कारण घर परिवार में जो अशांति होती थी वह अब नहीं होती है।

यह मंत्र ना केवल आपके दुश्मन का खात्मा करेगा बल्कि अगर आपके राशि नक्षत्र में कोई कमजोर ग्रह है तो उस ग्रह को भी यह मंत्र शक्तिशाली बनाएगा और आपके राशि के अनुकूल बनाकर रखेगा।

दोस्तों क्या आप अपने शत्रु के वजह से रात को सो नहीं पा रहे हैं, ठीक से खाना नहीं खा पा रहे हैं, अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं या आप अपने परिवार के साथ घर में अशांति कर रहे हैं और यह सब कुछ आपके दुश्मन के वजह से हो रहा है तो बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में ऐसे बहुत से उपाय हैं जिनको आप अपना कर दुश्मनों का खात्मा हमेशा हमेशा के लिए कर सकते हैं।

अगर आप अपने दुश्मनों से छुटकारा पाना चाहते तो किसी भी मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में जाइए और एक मोर का पंख लेकर उस मोर के पंख के ऊपर हनुमान जी के माथे से सिंदूर लेकर उस शत्रु का नाम लिखिए जो शत्रु आपको आए दिन परेशान करता रहता है।

नाम लिखने के बाद उस मोर के पंख को आप अपने घर पर लेकर आए और दूसरे दिन बहते हुए जल में प्रवाहित कर दीजिए। इस तरह आपका दुश्मन हमेशा हमेशा के लिए आपका पीछा छोड़ देगा।

नृसिंहाय विद्यहे,वज्र नखाय धीमही तन्‍नो नृसिंह प्रचोदयात्’

दोस्तों अगर आप बहुत सारे उपाय करके थक चुके हैं मगर फिर भी आपको उचित परिणाम नहीं मिला है तो आप इस मंत्र का अवश्य जाप किजिए वह भी हर सुबह सूर्योदय होने से पहले।

अगर आप इस मंत्र का उच्चारण सही तरीके से करते हैं तो हम दावे के साथ कह सकते कि आपके दुश्मन आपके पीछे कभी नहीं लगेंगे और आप हमेशा हमेशा के लिए अपने दुश्मनों का खात्मा कर पाएंगे।

इस मंत्र का जाप आपको हर सुबह सूर्य के उदय होने से पहले ही करना होगा और मंत्र का जाप बिल्कुल आप को शांत वातावरण में बैठकर ही 108 बार करना होगा।
दोस्तों अगर आप अपने शत्रु को बर्बाद करना चाहते हैं तो आप अपने किसी भी पुराने फटे हुए जूते को अपने घर के किसी भी कोने में टांग दें

और टांगने से पहले अपने जूते के तलवे पर उस शत्रु का नाम लिखिए जो आपको आए दिन परेशान करता रहता है इस तरीके से आपका शत्रु का विनाश हो जाएगा और आप अपने दुश्मनों के वार से मुक्त हो जाएंगे। आशा करते हैं आप को हमारे द्वारा उपलब्ध कराए गए वशीकरण मंत्र या दुश्मन का खात्मा मंत्र बहुत पसंद आएगा और आप इसे और लोगों के साथ भी साझा करेंगे।

तांत्रिक विद्या का तोड़

दुश्मन का खात्मा कैसे किया जाए?

: यदि कोई अपने दुश्‍मन को शांत करना चाहता है तो वह 38 दाने काली उड़द की दाल के और 40 चावल के दाने मिलाकर किसी गड्ढे में मिला दें। इसके ऊपर नीबू को निचोड़ दें। नीबू को निचोड़ते समय लगातार अपने शत्रु का नाम लेते रहें। इस उपाय के प्रभाव से आपका शत्रु शांत होगा और आपको कुछ भी अहित नहीं कर पाएगा।

नमक से दुश्मन को कैसे बर्बाद करें?

नमक का यह काफी चमत्कारी और सरल उपाय है जिसका उपयोग करके आप अपने शत्रुओं से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं, इसे करने के लिए गुरुवार के दिन रात 8:00 बजे के बाद अपने घर की रसोई से एक मुट्ठी नमक ले और 11 काली मिर्च के दाने और इन दोनो को अपनी मुट्ठी में लेकर नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें, मंत्र के बीच में जहां शत्रु ...

कागज पर लिखकर दुश्मन का कैसे नाश करें?

आपको सफ़ेद कागज का टुकड़ा लेना है उस पर चंदन से आपके दुश्मन का नाम लिखना हैं. अब इस कागज के टुकड़े को अपने देवता के चरणों में रखकर उन्हें घी का दीपक करना हैं. ऐसा आपको सात दिन तक लगातार करने हैं. आपका दुश्मन आपके वश में आ जाएगा और फिर कभी आपके काम में बाधा नहीं डालेगा.

शत्रु नाशक मंत्र कौन सा है?

यदि शत्रु कमजोर करना हो या दुश्मन पर विजयश्री की अभिलाषा हो तो जपें यह सिर्फ यह मंत्र : 'पूर्व कपि मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा।। '