दो सदिशों के अदिश गुणनफल में एक परिमाण होता है जो _____के आनुपातिक होता है। (θ दो सदिशों के बीच कोण के रूप में माना जाता है):
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Answer (Detailed Solution Below)Option 4 : Cos θ Free 80 Questions 80 Marks 50 Mins अवधारणा: सदिश का अदिश गुणनफल:
माना कि दो सदिश A और B हैं तो दो सदिश का अदिश गुणनफल:
जहाँ |A| = सदिश A और |B| परिमाण = सदिश B का परिमाण और θ A और B के बीच का कोण है। दो सदिशों का सदिशगुणनफल:
A × B = |A||B| sin θ जहाँ |A| = सदिश A और B का परिमाण और |B| = सदिश B का परिमाण और θ A और B के बीच का कोण है। स्पष्टीकरण:
Last updated on Sep 30, 2022 The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) has released the final result and cut-off marks for the DSSSB PRT. The result and marks are released for the post code - 42/21. A total of 434 candidates are finally selected for the post of Assistant Teacher (Primary) in the Directorate of Education. Check out the DSSSB PRT Result here. Candidates who will be finally selected for the post will get DSSSB PRT Salary range between Rs. 9300 to Rs. 34800. Let's discuss the concepts related to Vectors and Vectors and Scalars. Explore more from Physics here. Learn now! सदिश गुणनफलदो सदिशों का सदिश गुणनफल (या, क्रॉस गुणनफल) गणित तथा सदिश बीजगणित में, दो सदिशों a और b का सदिश गुणनफल (vector product) या क्रॉस गुणनफल (cross product), वह सदिश है जिसकी दिशा a और b दोनों के लम्बवत होती है तथा परिमाण |\vec|\, |\vec|\, \sin\theta के बराबर होता है। गणित, भौतिकी, इंजीनियरी तथा कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में सदिश गुणनफल के अनेक उपयोग हैं। यह सदिशों के डॉट गुणनफल से अलग है। श्रेणी:सदिश बीजगणित. 6 संबंधों: भौतिक शास्त्र, सदिश बीजगणित, सदिश राशि, गणित, अदिश गुणनफल, अभियान्त्रिकी। भौतिक शास्त्रभौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। . नई!!: सदिश गुणनफल और भौतिक शास्त्र · और देखें » सदिश बीजगणितसदिशों का योग एवं अदिश गुणनफल (स्केलिंग) सदिश बीजगणित (वेक्टर अल्जेब्रा) के अन्दर्गत सदिश राशियों के योग, गुणन आदि का अध्ययन किया जाता है। . नई!!: सदिश गुणनफल और सदिश बीजगणित · और देखें » सदिश राशिजिस भौतिक राशि में मात्रा (परिमाण) तथा दिशा दोनो निहित होते हैं उन्हें सदिश राशि कहते है। सदिश राशियों के उदाहरण हैं - वेग, बल, संवेग इत्यादि। जिन राशियों में सिर्फ परिमाण होता है उन्हें अदिश राशि कहते हैं, जैसे - चाल, दूरी, द्रव्यमान, आयतन इत्यादि। सदिश राशियों को अदिश से अलग समझने का कारण यह है कि हम कभी-कभी किसी राशि की दिशा का ज्ञान करना आवश्यक होता है। जैसे कि जमीन पर रखे बक्से पर बल किस दिशा में लग रहा है - कितना लग रहा है यह स्पष्टतटा नहीं बताता कि बक्सा खिसकेगा या नहीं। अगर हम बल उपर से नीचे की ओर लगाएं तो बक्सा कितना भी बल लगाने से नहीं खिसकेगा। पर यदि हम इसको क्षैतिज रूप से लगाएं तो एक नियत मात्रा के बल के बाद यह खिसकने लगेगा। गणित तथा भौतिक विज्ञान में सदिशों के बहुत उपयोग हैं। . नई!!: सदिश गुणनफल और सदिश राशि · और देखें » गणितपुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। . नई!!: सदिश गुणनफल और गणित · और देखें » अदिश गुणनफलदो सदिशों का '''डॉट गुणनफल''' या '''अदिश गुणनफल''' दो सदिशों A और B का डॉट गुणनफल या अदिश गुणनफल एक अदिश राशि होती है, जिसका मान निम्नलिखित समीकरण से दिया जाता है- जहाँ θ वह कोण है जो सदिश ||A|| और सदिश ||B|| के बीच में बनता है। . नई!!: सदिश गुणनफल और अदिश गुणनफल · और देखें » अभियान्त्रिकीलोहे का 'कड़ा' (O-ring): कनाडा के इंजिनियरों का परिचय व गौरव-चिह्न सन् 1904 में निर्मित एक इंजन की डिजाइन १२ जून १९९८ को अंतरिक्ष स्टेशन '''मीर''' अभियान्त्रिकी (Engineering) वह विज्ञान तथा व्यवसाय है जो मानव की विविध जरूरतों की पूर्ति करने में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। इसके लिये वह गणितीय, भौतिक व प्राकृतिक विज्ञानों के ज्ञानराशि का उपयोग करती है। इंजीनियरी भौतिक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है; औद्योगिक प्रक्रमों का विकास एवं नियंत्रण करती है। इसके लिये वह तकनीकी मानकों का प्रयोग करते हुए विधियाँ, डिजाइन और विनिर्देश (specifications) प्रदान करती है। . नई!!: सदिश गुणनफल और अभियान्त्रिकी · और देखें » दो सदिशों के अदिश तथा सदिश गुणनफल से आप क्या समझते हैं?दो सदिशों का अदिश गुणनफल
यह एक अदिश राशि होती है जो दोनों सदिशों के परिणामों तथा उनके बीच के कोण की कोज्या के गुणनफल के बराबर होती है। माना दो सदिश A व B हैं जिनके परिमाण क्रमशः A व B हैं। यदि इनके बीच बना कोण θ है तो A व B का अदिश गुणनफल निम्न होगा।
I सदिश गुणनफल क्या है उदाहरण सहित समझाएँ?Solution : दो सदिशों का सदिश गुणनफल या क्रॉस गुणनफल एक सदिश होगा है जिसका मान उन सदिशों के मापाको तथा उनके बीच के कोण की ज्या के गुणनफल के बराबर होता है और दिशा दक्षिण - हस्त नियम के अनुसार दोनों सदिशों से होकर गुजरने वाले समतल के लंबवत होती है।
सदिश गुणनफल क्या है इसकी दिशा ज्ञात करने हेतु किन नियमों का पालन किया जाता है?दो सदिशों का सदिश गुणनफल (या, क्रॉस गुणनफल) गणित तथा सदिश बीजगणित में, दो सदिशों a और b का सदिश गुणनफल (vector product) या क्रॉस गुणनफल (cross product), वह सदिश है जिसकी दिशा a और b दोनों के लम्बवत होती है तथा परिमाण |\vec|\, |\vec|\, \sin\theta के बराबर होता है।
दो अदिश राशियों का अनुपात क्या होता है?दो सदिश A और B के पार गुणनफल को A × B द्वारा दर्शाया गया है और इसे A पार B के रूप में पढ़ा जाता है। इसे तीसरे सदिश C के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका परिमाण दो सदिश A और B के परिमाण के गुणनफल के बराबर है और उनके अंतर्गत कोण का साइन θ है। इसलिए, यदि C = A × B है, तो C = AB sinθ है।
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