‘मुस्कुराती चोट’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। Show बालक बबलू के घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई है, पर पढ़ाई की लालसा उसके मन में बनी रहती है। बबलू माँ को सहारा देने के लिए घर घर जा कर रद्दी इकट्ठा करता है और रद्दी पेपर के दुकानदार को बेच देता है। पर उसे अपनी पढ़ाई के लिए स्कूल की पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे नहीं बच पाते। एक बार उसके पास रद्दी पेपर के दुकानदार के कुछ पैसे बचे थे। वह एक घर से रद्दी पेपर के साथ-साथ स्कूल की
किताबें भी खरीद लाता है। अब उसे विश्वास हो जाता है कि वह अब पढ़ने स्कूल जा सकेगा, क्योंकि उसके मुस्कुराती चोट इस कहानी के बाल पात्र का नाम क्या है?'मुस्कुराती चोट' कहानी एक ऐसे अनाथ बच्चे बबलू की कहानी है, जो आर्थिक अभाव के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहा है। उसकी पढ़ाई के प्रति लगन है, लेकिन उसे अपने पिता की बीमारी के कारण अपनी पढ़ाई को छोड़ना पड़ता है और छोटे-मोटे काम करने पड़ते हैं, ताकि वह घर का खर्चा चलाने के लिए अपनी माँ की सहायता कर सके।
मुस्कुराती चोट यह कौन सी विधा है?यह साझा कहानी का प्रतीकार्थ है।
मुस्कुराती चोट इस लघुकथा में रद्दी इकट्ठा करने का काम इन में से कौन करता है?उत्तर : 'मुस्कुराती चोट' एक प्रेरणादायी लघुकथा है। इस कथा का बबलू अभाव में जीता है। 'पिता की बीमारी' माँ का संघर्ष देखकर खुद भी घर-घर जाकर रद्दी इकट्ठा करता है।
मुस्कुराती चोट लघुकथा कौनसी समस्या दर्शाती है?(अ) मुस्कुराती चोट ।
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