NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 वन के मार्ग में are part of NCERT Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 वन के मार्ग में. प्रश्न-अभ्यास सवैया से प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. अनुमान और कल्पना • गर्मी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धो लेने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाय और भूख लगने पर भोजन। तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और वह कुछ समय बाद पूरी हो गई होगी। तुम सोचकर लिखो कि आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी? भाषा की बात प्रश्न 1.
इसी प्रकार हमारी भाषा हिंदी खड़ी बोली है, पर पंजाबी में उपर्युक्त उद्देश्य के लिए क्रिया के साथ ‘के’ का प्रयोग करते हैं; जैसे-
प्रश्न 2. –पुर ते निकसी रघुबीर-बधू, –पुट
सूख गए मधुराधर वै।। –बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े। –पर्नकुटी करिहौं कित है? We hope the NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 वन के मार्ग में help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 वन के मार्ग में, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. श्रीराम ने सीता जी को आराम देने के लिए क्या किया?श्रीराम ने सीता को विश्राम देने के लिए यह किया कि वह धीरे-धीरे अपने पाँव से कांटे निकालने लगे। जब श्री राम जंगल में सीता को उठाए हुए भटक रहे थे तो उनके पैरों में कांटा चुभ गए थे। सीता से स्थिति देखी नहीं गई उन्होंने श्रीराम से विश्राम के लिए आग्रह किया और ताकि श्रीराम अपने पैरों से कांटे निकाल सके।
राम ने सीता की क्या सहायता की?राम ने थकी हुई सीता की क्या सह... Solution : राम ने जब देखा कि सीता थक गई हैं, तो उन्होंने पैरों से काँटे निकालने का बहाना किया और वहीं पर बैठ गये, ताकि सीता को कुछ समय तक थकान दूर करने का मौका मिल जाये।
भगवान राम ने सीता का त्याग क्यों किया?राम ने मेरा त्याग करके अपने राज-धर्म की रक्षा की है तो मैं भी राम के निर्णय का सम्मान करते हुए पत्नी-धर्म निभाऊंगी और शेष जीवन आश्रम में ही रहूंगी। ' कुछ समय बाद सीता को वाल्मीकि-आश्रम में दो पुत्र हुए - लव और कुश।
राम अपने पैर से कांटे क्यों निकलने लगे थे?वो बार-बार उनसे कह रही थीं कि लक्ष्मण जी पानी लेने गए हैं; जब तक वो पानी लेकर आते हैं वो आराम से बैठ जाए। सीता की इस व्याकुलता को देखकर वो बैठ गए और आराम से पैरों से काँटें निकालने लगे क्योंकि उन्हें अभी आगे और भी चलना था। इसलिए वो देर तक काँटें निकालते रहे।
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