क्षुद्रांत्र या छोटी आंत (स्माल इन्टेस्टिन) मानव पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है जो आमाशय से आरम्भ होकर बृहदांत्र (बड़ी आंत) पर पूर्ण होती है। क्षुदान्त्र में ही भोजन का सबसे अधिक पाचन और अवशोषण होता है। अनुक्रम
आकार और भाग[संपादित करें]छोटी आंत की औसत लम्बाई एक वयस्क पुरूष में 6.9 मीटर (22 फीट 6 इंच) और एक वयस्क स्त्री में 7.1 मीटर (23 फीट 4 इंच) होती है। इसकी न्यूनतम लम्बाई 4.6 मीटर (15 फीट) से अधिकतम 9.8 मीटर (32 फीट) तक हो सकती है।[2][3] इसका व्यास लगभग 2 से 3.5 सेमी होता है। छोटी आंत को तीन भागों में विभक्त किया जाता है:
ऊतक विज्ञान[संपादित करें]वैसे तो छोटी आंत के तीनों भाग सुक्ष्म स्तर तक देखने पर भी समान ही दिखाई देते हैं लेकिन उनमें कुछ महत्वपूर्ण अन्तर पाये जाते हैं। ये भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
अतिरिक्त चित्र[संपादित करें]
छोटी आंत में क्या पाया जाता है?Solution : छोटी आंत लगभग 7.5 मीटर लम्बी कुंडलित नली होती है जो आमाशय व अग्न्याशय के नीचे बड़ी आंत से घिरे क्षेत्र में स्थित होती है। छोटी आंत में पित्त रस व अग्न्याशयिक रस भोजन में मिलते हैं। पचे हुए भोजन को छोटी आंत में स्थित दीर्घरोम अवशोषित कर रक्त में मिला देते हैं।
छोटी आंत का मुख्य कार्य क्या होता है?क्षुद्रांत्र या छोटी आंत (स्माल इन्टेस्टिन) मानव पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है जो आमाशय से आरम्भ होकर बृहदांत्र (बड़ी आंत) पर पूर्ण होती है। क्षुदान्त्र में ही भोजन का सबसे अधिक पाचन और अवशोषण होता है।
छोटी आंत में किसका पाचन होता है?3.छोटी आंत
यहां भोजन पचाने की प्रक्रिया डेढ़ से तीन घंटे चलती है। आंतों में ग्रंथियां भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं। छोटी आंत विटामिन, बी-12, मिनरल्स कैल्शियम, मैग्नीशियम व प्रोटीन अवशोषित करती हैं। भोजन से 90 प्रतिशत पोषक तत्व ले लेती है।
छोटी आंत में कौन सा जीवाणु पाया जाता है?जिस तरह हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को दुरुस्त रखने में जंगल और बारिश की भूमिका होती है वैसे ही हमारी अंतड़ियों में भी एक पारिस्थितिकी तंत्र काम करता है जिससे चीज़ें नियंत्रण में रहती हैं. लेकिन कोलस्ट्रिडियम डिफिसाइल (सी. डिफिसाइल) एक ऐसा जीवाणु है जो हमारी आंत पर अपना नियंत्रण कर लेता है.
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