दो में से क्या तुम्हे चाहिए कलम या कि तलवार? - do mein se kya tumhe chaahie kalam ya ki talavaar?

दो में से क्या तुम्हे चाहिए कलम या कि तलवार
मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,
दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे,
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे

एक भेद है और वहां निर्भय होते नर -नारी,
कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले,
बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले

जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार,
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार

                
                                                                                 
                            दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार 
                                                                                                
                                                     
                            
मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली, 
दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे, 
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे

एक भेद है और वहां निर्भय होते नर -नारी, 
कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले, 
बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले

जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार, 
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार

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3 years ago

दो में से क्या तुम्हे चाहिए कलम या कि तलवार
मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,
दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे,
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे

एक भेद है और वहां निर्भय होते नर -नारी,
कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले,
बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले

जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार,
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार

do mein se kya tumhe chaahie kalam ya ki talavaar man mein
oonche bhaav ki tan mein shakti vijay apaar

andh kaksh mein baith rachoge oonche meethe gaan
ya talavaar pakad jeetoge baahar ka maidaan

kalam desh kee badee shakti hai bhaav jagaane vaalee,
dil kee nahin dimaagon mein bhee aag lagaane vaalee

paida karatee kalam vichaaron ke jalate angaare,
aur prajvalit praan desh kya kabhee marega maare

ek bhed hai aur vahaan nirbhay hote nar -naaree,
kalam ugalatee aag, jahaan akshar banate chingaaree

jahaan manushyon ke bheetar haradam jalate hain shole,
baadal mein bijalee hotee, hote dimaag mein gole

jahaan paalate log lahoo mein haalaahal kee dhaar,
kya chinta yadi vahaan haath mein nahin huee talavaar

Which of the two do you want a pen or a sword?
High sense in the mind that the power in the body is immense

Sitting in the dark room, you will sing high sweet songs
or hold the sword will you win the field outside

The pen is the great power of the country, which awakens the spirit,
The one who sets fire to the mind, not the heart

The burning embers of the pen generating thoughts,
And the ignited life will ever die

There is a difference and there are fearless men and women,
Pen spewing fire, where letters are sparked

Where sholay always burns inside human beings,
There was electricity in the cloud, there were balls in the brain

Where people who care for the edge of plight in the blood,
Worry if there is no sword in hand

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति अजेय अपार?

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार,मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार? अंध कक्ष में बैठ रचोगे, ऊँचे मीठे गान, या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान।

कलम और तलवार किसका प्रतीक है?

उत्तर : कलम ज्ञानशक्ति का प्रतीक है । (ख) तलवार किसका प्रतीक है ? उत्तर : तलवार दैहिक शक्ति का प्रतीक है ।

कविता में कलम और तलवार शब्द का क्या आशय है?

कविता का सारांश कलम ज्ञानशक्ति का तथा तलवार दैहिक शक्ति का प्रतीक है। एक ओर, जहाँ कलम के द्वारा मनुष्य ज्ञान का दीप जला सकता है तथा विचारों की शक्ति के द्वारा समाज में नयी चेतना पैदा कर सकता है; वहीं दूसरी ओर युद्ध में विजयी होने के लिए तथा हिंसक पशुओं से आत्मरक्षा हेतु तलवार की आवश्यकता पड़ती है।

तलवार कब बहुत जरूरी हो जाती है?

की ज्वाला जल रही हो वहाँ कलम की नहीं तलवार की जरूरत पड़ती है। है। तब तलवार जरूरी हो जाती है।