तहसीलदार प्रमोशन के बाद क्या बनता है? - tahaseeladaar pramoshan ke baad kya banata hai?

क्या Tehsildar से Deputy Collector बन सकते है? क्या कोई तहसीलदार डिप्टी कलेक्टर बन सकता है? क्या प्रमोशन के माध्यम से तहसीलदार जिला कलेक्टर बन सकते है? जानिए इन सवालों के जवाब :

तहसीलदार प्रमोशन के बाद क्या बनता है? - tahaseeladaar pramoshan ke baad kya banata hai?

Tehsildar क्या होता है? 

तहसीलदार (Tehsildar) तहसील का राजस्व प्रभारी होता है. कई राज्यों में तहसीलदार को तालुकादार या तहसील का मुखिया या मुख्य अधिकारी भी कहा जाता है. इसका काम कर जमा करना होता है, इसलिए इसे कर अधिकारी भी कहा जाता है.

तहसीलदार के कार्य की बात करे, तो भूमि से संबंधित कार्य व इससे जुड़े विवादों को का निवारण करना, भूमि अभिलेख से संबंधित कई प्रकार के कार्य करना, पटवारी के कार्यो का पर्यवेक्षण करना, फसल की नुकसान भरपाई, दस्तावेजों से संबंधित कार्य आदि कई प्रकार के लिए जिम्मेदार है.

Deputy Collector क्या होता है?

कलेक्टर जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है. अगर सरल शब्दों में कहे, तो डिप्टी कलेक्टर अपने जिले का मुखिया होता है. उस जिले के सभी कार्य और सभी विभाग कलेक्टर के अधीन होते है.

क्योंकि कलेक्टर को एक जिले की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाती है, इसलिए वह जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है. यहीं वजह है कि जिले के हर छोटे-बड़े सभी कार्य कलेक्टर के अधीन होते है, इसके अलावा कानून व्यवस्था को बनाये रखना एवं जिले की जानकारी सरकार तक पहुंचाने के काम भी कलेक्टर का ही होता है.

क्या Tehsildar से Deputy Collector बन सकते है?

यदि आप जानना चाहते है कि क्या क्या तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बन सकते है? तो आपको बता दूँ कि हाँ, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बन सकते है, और यह प्रमोशन के माध्यम से संभव है.

लेकिन (2016) जानकारी के लिए आपको बता दूँ कि अब राजस्व विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्व विभाग में काम कर रहे तहसीलदारों को अब डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी, अब बिना लिखित परीक्षा के तहसीलदारों के प्रमोशन नहीं होंगे.

कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से बदली गई नियमावली: पहले तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती थी. लेकिन अब अब बिना लिखित परीक्षा के तहसीलदारों के प्रमोशन नहीं होंगे. हालांकि यह नियमावली सभी राज्यों में लागू है या नहीं, इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. – Source

  • यह पढ़े – तहसीलदार कैसे बने
  • यह पढ़े – कलेक्टर कैसे बने

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Topic of this article: Kya Tahsildar Deputy collector ban sakte hai information in Hindi

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  • तीन साल में पटवारी से तहसीलदार बन गए, अब एसडीएम के दावेदार

तीन साल में पटवारी से तहसीलदार बन गए, अब एसडीएम के दावेदार

चार साल पहले जो व्यक्ति पटवारी था, उसे तीन साल में ही नायब तहसीलदार, फिर तहसीलदार के पद पर पदोन्नत कर दिया गया और अब इस महीने एसडीएम पद पर पदोन्नत करने के लिए होने वाली विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) के लिए पात्रता सूची में वरिष्ठता भी मिल गई है। ऐसे एक-दो नहीं करीब 30 लोग हैं। खास बात यह है कि डीपीसी में क्योंकि पांच साल तक की सीआर देखी जाती है, इसलिए शासन ने पटवारी रहते हुए किए गए काम की सीआर भी एसडीएम की डीपीसी के लिए मान्य की है।

दरअसल, ये 1990 के आसपास बैच के पटवारी हैं, जिन्हें शासन ने 2008-09 के दौरान दस साल पुरानी डेट से नायब तहसीलदार बना दिया था। जब तहसीलदार के लिए डीपीसी हुई तो इन सभी 30 लोगों ने इस डीपीसी में भी दावेदारी यह कहकर कर दी कि वे तो दस साल पुरानी बैच के नायब तहसीलदार हैं, शासन ने उनका तर्क मानते हुए तहसीलदार बना दिया। अब एक साल भी तहसीलदार पद पर नहीं हुआ और वे डिप्टी कलेक्टर के लिए होने वाली डीपीसी में भी पुरानी वरिष्ठता के आधार पर ही डिप्टी कलेक्टर की दौड़ में शामिल हो गए हैं।

वरिष्ठता सूची में साल 2000-01 में पीएससी द्वारा नायब तहसीलदार पद पर चुनकर आए और सात साल पहले तहसीलदार बन चुके अधिकारी वरिष्ठता सूची में पूर्व पटवारी से भी पीछे हैं।

कुछ तहसीलदार तो ऐसे हैं जिनके अधीन कुछ लोग पटवारी रह चुके हैं और अब वे उन्हें वरिष्ठता सूची में पीछे छोड़कर डिप्टी कलेक्टर बनकर उनके सीनियर अधिकारी हो जाएंगे। उदाहरण के तौर पर साल 2009-10 में पटवारी रहे ब्रजेश सक्सेना और शत्रुघ्न चौहान डिप्टी कलेक्टर बनने की दौड़ में इन तहसीलदारों से वरिष्ठता सूची में आगे हैं।

शासन और तहसीलदारों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू
जल्द डीपीसी कराने की तैयारी कर चुके शासन ने बैठक में विघ्न नहीं पड़े, इसके लिए तहसीलदार संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में मंगलवार को कैविएट दायर कर दी। इसमें संघ के अध्यक्ष के साथ ही इंदौर के तहसीलदार राजेश सोनी, बजरंग बहादुर, चरणजीतसिंह हुड्डा को नामजद पार्टी बनाया है, साथ ही यदि अन्य तहसीलदार या भू अभिलेख अधीक्षक जो भी इस डीपीसी के विरोध में जाएगा। वहीं इंदौर के तहसीलदार बजरंग बहादुरसिंह, राजेश सोनी, योगेंद्र मौर्य, प्रदीप कौरव, निमिषा पांडे, अशोक डेहरिया और चरणजीतसिंह हुड्डा ने भी मंगलवार को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में डीपीसी के विरोध में याचिका लगा दी है। पीएससी ने भी तहसीलदारों की इन आपत्तियों को निराकृत करने के लिए शासन से कहा है।

सारे नियम ताक पर रख दिए
भर्ती व सेवा नियमों में साफ है कि किसी पद पर पदोन्नत होने के लिए कम से कम पांच साल उस पद पर काम किया जाना चाहिए। यदि इस नियम में छूट देना है तो शासन को कैबिनेट में प्रस्ताव पास कराना होगा, लेकिन इस मामले में शासन ने सारे नियम ताक पर रख दिए और एक-एक साल पद पर काम करने वालों को भी नायब तहसीलदार, तहसीलदार और अब डिप्टी कलेक्टर पद के लिए योग्य मान लिया।

नायब तहसीलदार का प्रमोशन कैसे होता है?

सामान्य तौर पर नायब तहसीलदार पांच वर्ष की नौकरी के बाद तहसीलदार के पद पर प्रमोशन के हकदार होते हैं। वहीं, तहसीलदार दो साल बाद डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नत हो सकते हैं बशर्ते कि पदोन्नति के लिए रिक्तियां हों। राजस्व परिषद डीपीसी की बैठक की तैयारियों में जुटा है।

क्या नायब तहसीलदार राजपत्रित अधिकारी होता है?

नायब तहसीलदार को राजपत्रित का दर्जा नहीं दिया है। जिससे उन्हें कार्य क्षेत्र में प्रशासनिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। न्यायालय दिवस में राजस्व अधिकारी को अन्य कार्यों से मुक्त रखा जाए। हर साल स्थानांतरण नीति जारी की जाती है।

नायब तहसीलदार और तहसीलदार में क्या अंतर है?

तहसीलदार और नायब-तहसीलदार तहसील के प्रभारी अधिकारी को तहसीलदार कहा जाता है हालांकि, तहसीलदार और एक नायब-तहसीलदार के राजस्व और मजिस्ट्रेटिक कर्तव्यों में कोई अंतर नहीं है, राजस्व मामलों में, दोनों सहायक कलेक्टर, ग्रेड II की शक्तियों का उपयोग सर्कल राजस्व अधिकारियों के रूप में करते हैं।

तहसीलदार को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?

तहसीलदार = sub divisional magistrate , it means the meaning of तहसीलदार in english is sub divisional magistrate and it is used as Noun.