Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए | शेयर खरीदते समय क्या ध्यान रखें | शेयर में निवेश करते वक्त कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए | Important key factors to check before buying a stock | What should we check before buying stocks Show
शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने वाले हर एक निवेशक के मन में एक बार यह सवाल जरूर आता है कि आखिर एक अच्छा मजबूत शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? वह कौन कौन से फैक्टर्स हैं जो किसी शेयर को लेने से पहले आपको देखना चाहिए? क्योंकि किसी भी स्टॉक को खरीदते समय सिर्फ उसका शेयर प्राइस देखना ही काफी नहीं होता है बल्कि उस कंपनी के बारे में अन्य चीजों को भी पता करना पड़ता है जिससे कि आपका पैसा एक सुरक्षित कंपनी में इन्वेस्ट हो. इसीलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप किसी भी शेयर को खरीदने से पहले एक प्रॉपर चेक लिस्ट को फॉलो करें और उसी के आधार पर शेयर खरीदने का निर्णय करें. तो आज मैं इस पोस्ट में आपको एक कंपलीट चेकलिस्ट देने वाला हूं जिसमें दिए गए पॉइंट पर आप किसी भी शेयर को खरीदने से पहले विचार कर सकते हैं. मैं वादा करता हूं अगर आपने किसी भी शेयर को खरीदने से पहले इस पोस्ट में दिए गए सभी पॉइंट पर ध्यान दिया तो आप एक High return giving मल्टीबैगर stock आसानी से ढूंढ सकते हैं. अब चलिए आगे बढ़ते हैं― Contents
जैसा कि मैं किसी भी शेयर को खरीदने से पहले आपको हमेशा बताता हूं कि आप केवल शेयर में निवेश नहीं कर रहे हैं बल्कि शेयर के जरिए उस कंपनी में निवेश कर रहे हैं जो कि कोई ना कोई बिजनेस करती है. इसका मतलब है कि आपका पैसा तभी बढ़ेगा जब कंपनी का बिजनेस बढ़ेगा. याद रखिए मैं यहां पर ट्रेडर्स की नही बल्कि इन्वेस्टर्स की बात कर रहा हूं क्योंकि जो लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं उन्हें किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना पड़ता है ना कि फंडामेंटल एनालिसिस. तो अगर आप एक ट्रेडर हैं और केवल इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको शेयर के चार्ट पैटर्न्स और टेक्निकल एनालिसिस को सीखना होगा। लेकिन अगर आप एक लंबी रेस के घोड़े हैं मतलब लॉन्ग टर्म निवेशक हैं मतलब इन्वेस्टर हैं तो आपको शेयर खरीदते समय नीचे दी गई चेकलिस्ट को फॉलो करना चाहिए. ये भी पढ़े―
शेयर खरीदते समय क्या ध्यान रखें?(What factors to consider when buying stock India in Hindi) यह checklist आपको बताएगी की किसी भी शेयर को खरीदने से पहले कौन-कौन से फैक्टर्स आपको देखना चाहिए तो आइए एक एक करके सभी पॉइंट को जान लेते हैं― 1. कंपनी का बिजनेस मॉडल समझने की कोशिश करेंबिजनेस मॉडल का मतलब होता है कि कंपनी पैसा कैसे कमाती है. किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले आपको उसका बिजनेस मॉडल जरूर पता होना चाहिए क्योंकि जब कंपनी मार्केट में अपना कोई नया प्रोडक्ट या सर्विस लॉन्च करती है तो उसके शेयर का दाम काफी ऊपर नीचे होता है. और उस समय पर आपको समझ नहीं आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है लेकिन अगर आपको कंपनी का बिजनेस मॉडल पता होगा तो आपको कोई आश्चर्य नहीं होगा। इसके अलावा जब कंपनी अपने क्वार्टरली रिजल्ट हर 3 महीने में घोषित करती है तो उसमें सेल्स और रिवेन्यू के बारे में बताया जाता है और उसके आधार पर ही इन्वेस्टर शेयर को खरीदने और बेचने का निर्णय लेते हैं। और अगर आप मुझसे पूछें तो मैं आपसे साफ-साफ कहूंगा कि हर कंपनी के शेयर की कीमत ज्यादातर उसके क्वार्टरली रिजल्ट पर ही निर्भर करती है ना केवल क्वार्टरली बल्कि Annualy यानी वार्षिक रिजल्ट पर भी। मान लीजिए अगर कंपनी साल दर साल अच्छा प्रॉफिट दिखाती है तो ऑटोमेटिक ही इन्वेस्टर उस शेयर को खरीदेंगे जिससे उसका शेयर प्राइस ऊपर जाएगा। लेकिन अगर कंपनी बिजनेस ही नहीं कर पाती है या उसके प्रोडक्ट में ही कोई खामी या कमी है तो अंत में कंपनी का शेयर प्राइस नीचे ही जाएगा।
जैसे मान लीजिए अगर आपने एशियन पेंट कंपनी में निवेश किया है तो आप ऊपर ऊपर से तो जानते हैं कि यह कंपनी पेंट बेचती है और केमिकल इंडस्ट्री में काम करती हैं लेकिन साथ ही साथ आपको एशियन पेंट ही नहीं बल्कि हर एक कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले उसके बारे में ये कुछ जरूरी चीजें भी पता करने की कोशिश करनी चाहिए कि―
इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं जो आपको एक कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले देखना चाहिए और इन सभी के बारे में आपको तभी पता चलेगा जब आप उस कंपनी के बिजनेस मॉडल के बारे में पता करेंगे। इसलिए किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उसका बिजनेस मॉडल जरुर चेक कर लें।
चलिए अब दूसरा पॉइंट जान लेते हैं― 2. कंपनी पर कर्ज ज्यादा नहीं होना चाहिएअगर आप थोड़ा बहुत गूगल पर सर्च करेंगे तो आपको ऐसी बहुत सारी कंपनियों के उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने ज्यादा कर्ज ले लिया और उसे ना चुका पाने की वजह से वह डूब गई और इन्वेस्टर्स का पैसा भी डूब गया। ऐसी कंपनियों में जो लोग पैसा लगाते हैं जिन पर कर्ज बहुत ज्यादा होता है वह खुद को ही रिस्क में डालते हैं. लेकिन क्या किसी कंपनी के लिए कर्ज लेना बुरी बात है? नहीं.
कहने का मतलब है कि अगर किसी कंपनी ने बैंक से या अन्य किसी बड़े इन्वेस्टर से प्रोडक्ट बनाने के लिए कोई लोन लिया और कर्ज मिल जाने के बाद वह कंपनी नया प्रोडक्ट बनाने के बजाय उसे मार्केटिंग पर खर्च करती है तो यह सही नहीं होता है। क्योंकि जिस उद्देश्य के लिए कंपनी कर्ज लेती है सिर्फ उसी उद्देश्य को पूरा करना चाहिए ना कि अपनी अन्य जरूरतों को. हां कोई कंपनी अपनी जरूरतों को तब पूरा कर सकती है जब उसके पास एक्स्ट्रा कैश पडा हो मतलब अगर कंपनी के पास Reserve and surplus में बहुत सारा कैश बचा है तो कंपनी अपने अन्य खर्चों को इस पैसे से पूरा कर सकती है। Reserve and surplus के बारे में आपको कंपनी की बैलेंस शीट में पता चल जाएगा। देखिए यहां पर मैं आपको केवल डायरेक्शन दे रहा हूं. कौन सा शेयर खरीदना है यह काम आपका है और ध्यान रखें कि अगर कोई आपको किसी शेयर को खरीदने के लिए बोल रहा है तो एक बार उस कंपनी पर थोड़ा बहुत खुद से रिसर्च जरूर कर ले। चलिए अगले पॉइंट पर बढ़ते हैं― 3. बैलेंस शीट और फाइनेंसियल हेल्थ यानी फंडामेंटल देखेंकंपनी के फंडामेंटल और बैलेंस शीट पढ़ने से आपको उसकी फाइनेंशियल हेल्थ यानी वित्तीय स्थिति का पता लगता है. बैलेंस शीट में आपको कंपनी के पास कितना cash है यह तो पता चलता ही है साथ ही साथ कंपनी के पास कितने असेट्स ओर लायबिलिटीज हैं इसकी जानकारी भी बैलेंस शीट में दी गई होती है। इसीलिए किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले उसकी बैलेंस शीट और फंडामेंटल जरूर चेक करें। ये भी पढ़ें―
4. चेक करो कि कंपनी कितनी पुरानी हैकंपनी जितनी पुरानी होगी उसके पास एक्सपीरियंस भी उतना ही ज्यादा होगा। उदाहरण के लिए अगर आप बजाज ग्रुप या टाटा ग्रुप की किसी कंपनी के share में निवेश करते हैं तो अच्छा रिटर्न कमाने के चांसेस बहुत ज्यादा होंगे ऐसा इसलिए क्योंकि टाटा और बजाज ग्रुप का एक्सपीरियंस मार्केट में बहुत लंबे समय से है जिसके दौरान इन्होंने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं और उनसे सीखा भी है। जबकि एक नई कंपनी ने बहुत सारी मुसीबतों का सामना नहीं किया होता है जिसके कारण उसे बिजनेस चलाने का एक्सपीरियंस कम होता है। इसीलिए आपको नई कंपनी के बजाय ऐसी कंपनी के शेयर में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए जो मार्केट में कई सालों से बिजनेस कर रही हो। 5. सर्किट लगने वाले शेयरों में निवेश नहीं करना चाहिएअगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको सर्किट के बारे में तो पता ही होगा। सामान्यतः किसी stock में 5%, 10%, 15% या 20% के अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगते हैं लेकिन यह सभी स्टॉक्स में नहीं बल्कि अधिकतर पेनी स्टॉक्स में ही लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटे या सस्ते शेयर को कोई भी बड़ा इन्वेस्टर आसानी से manupulate कर सकता है मतलब उसमें बहुत सारा पैसा एक साथ निवेश करके अचानक से इसमें तेजी ला सकता है। इस प्रकार छोटे रिटेल निवेशकों को लगेगा कि उसका शेयर प्राइस बढ़ रहा है तो उन्हें भी पैसा इन्वेस्ट कर देना चाहिए और इस प्रकार बहुत सारे नए लोग ऐसी ऑपरेटर स्टॉक्स का शिकार बन जाते हैं। और 1 पॉइंट ऐसा आता है जब ऑपरेटर यानी जिसने पैसा शुरुआत में लगाया था वह देखता है कि उसके शेयर का प्राइस काफी ज्यादा बढ़ चुका है तो वह अपने खरीदे गए सारे शेयर एक ही बार में बेच देता है अब चूंकि उसके पास सबसे ज्यादा शेयर थे और कंपनी बहुत छोटी थी इसीलिए उस शेयर में लोअर सर्किट लगना शुरू हो जाते हैं। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर उस स्टॉक में सर्किट की प्रक्रिया नहीं होती तो ऑपरेटर के अचानक स्टॉक बेचने की वजह से एक ही दिन में उस शेयर का प्राइस 500%, 1000% या इससे भी ज्यादा नीचे जा सकता था और इसीलिए छोटे शेयरों में सर्किट लगना काफी जरूरी होता है।
इसलिए मैं आप से कहता हूं कि आपको सर्किट लगने वाले शेयरों से दूर रहना चाहिए क्योंकि ऐसे शेयर काफी रिस्की होते हैं जिनमें एक बार पैसा लगा देने के बाद आप अपने खरीदे गए शेयर को बेच नहीं पाते हैं। इसीलिए share को खरीदने से पहले उसमें सर्किट लगते हैं या नहीं यह पता जरूर करें। ये भी पढ़ें―
6. कंपनी के जरूरी फाइनेंसियल रेश्यो जरूर देखेंकिसी शेयर की फंडामेंटल रिसर्च करते समय हमें काफी सारे फाइनेंसियल रेश्यो को देखना पड़ता है जैसे―
इनके अलावा भी काफी सारे अनुपात हैं जो आपको फाइनेंशियल एनालिसिस करते वक्त देखना चाहिए. शेयर को खरीदने से पहले अगर आप इन सभी फाइनेंसियल रेश्यो को देखते हैं तो आपको पता चलेगा कि कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति कैसी है. मतलब कंपनी का बिजनेस कितना मजबूत है या फिर कंपनी बेवजह का दिखावा कर रही है। हर फाइनेंसियल रेश्यो का अलग इंपॉर्टेंस होता है जैसे कि― पीई रेश्यो (PE Ratio) बताता है कि कोई शेयर कितना महंगा है या सस्ता, डेट to इक्विटी ratio बताता है कि इक्विटी के मुकाबले कंपनी पर कर्ज ज्यादा है या कम. तो याद रखिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले एक बार फाइनेंसियल अनुपात जरूर चैक करें. जानिए PE Ratio क्या होता है और एक अच्छा पीई अनुपात कितना होना चाहिए? 7. मैनेजमेंट पर एक नजर जरूर डालेंशेयर खरीदने से पहले कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस इंर्पोटेंट स्टेप होता है. आपको कंपनी के प्रमोटर्स और सीईओ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने चाहिए ताकि आपको पता चल सके कि कंपनी के टॉप लोग कितने सक्षम है. जैसे कि―
लेकिन अगर कोई कंपनी ऐसी है जिसके मैनेजमेंट के बारे में आपको पता नहीं है तो आपको उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेना चाहिए क्योंकि यह वही लोग होते हैं जो किसी भी बिजनेस को सफल कर देते हैं या फिर उसे बर्बाद कर देते हैं। फास्ट में ऐसा कई बार हुआ है कि कंपनी के फंडामेंटल, बैलेंस शीट और फाइनेंसियल रेश्यो तो बहुत अच्छे थे जिन्हें देखकर लोगों ने उन कंपनियों में पैसा इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया लेकिन मैनेजमेंट पर ध्यान नहीं दिया और कुछ समय बाद यह कंपनियां पैसा लेकर भाग गई। जो कि मैनेजमेंट पर ध्यान ना देने की वजह से ऐसा हुआ था उदाहरण के लिए आप “सत्यम scam” के बारे में पढ़ सकते हैं। 8. उस कंपनी के सेक्टर और अपोनेंट बिजनेस की तुलना करेंकंपनी जिस इंडस्ट्री में काम करती है उस इंडस्ट्री के बारे में आपको थोड़ा बहुत पता होना चाहिए जैसे―
उदाहरण के लिए; हिंदुस्तान युनिलीवर का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ही उसका कंपटीशन एडवांटेज है क्योंकि किसी भी FMCG कंपनी के पास HUL जितना बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क नहीं है और इसीलिए आज हिंदुस्तान युनिलीवर के पास हजारों प्रोडक्ट हो चुके हैं क्योंकि कोई भी नई कंपनी अगर अपने प्रोडक्ट को गांव के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहती है तो उसे बहुत बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क खड़ा करने की जरूरत होगी जबकि हिंदुस्तान युनिलीवर के पास वह पहले से ही है इसीलिए वह नई कंपनी अपना प्रोडक्ट हिंदुस्तान युनिलीवर को ही देना चाहेगी जिससे कि वह देश के कोने-कोने तक पहुंच पाए। और इस प्रकार हिंदुस्तान युनिलीवर का यह कंपटीशन एडवांटेज कोई नहीं तोड़ सकता।
इसी प्रकार बजाज फाइनेंस के पास उनका डाटा ही कंपटीशन एडवांटेज यानी Moat है जो किसी अन्य कंपनी के पास नहीं है और यही कारण है कि इंडिया में बजाज फाइनेंस ने अन्य मजबूत कंपनियों की अपेक्षा सबसे ज्यादा रिटर्न दिए हैं। इसीलिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले आप उस कंपनी में यह जरूर देखें कि क्या उसके पास कोई ऐसा कंपटीशन एडवांटेज या प्रोटेक्शन है जो अन्य कंपनी अप्लाई नहीं कर सकती है। अगर हां तो वह कंपनी फ्यूचर में अच्छी ग्रोथ दिखा सकती है। इसीलिए शेयर में निवेश करते वक्त कंपनी के सेक्टर और अपोनेंट की तुलना जरूर करें। 9. इनोवेटिव और ग्रोथ वाली कंपनी में ही निवेश करना चाहिएऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं जिनमें कुछ बिजनेसेस ऐसे थे जो शुरुआत में तो बहुत अच्छा कर रहे थे लेकिन देखते ही देखते वह डूब गए। और इनके फेल होने या डूबने का एक ही कारण था वह था इनोवेशन की कमी। उदाहरण के लिए;
एप्पल कंपनी का शेयर भी वारेन बुफे ने इसलिए खरीदा है क्योंकि यह कंपनी समय-समय पर नए-नए इनोवेशन करती रहती है जिससे इनकी ग्रोथ कभी भी रुकती नहीं है। इसीलिए मैं आपको भी सुझाव देता हूं कि हमेशा इनोवेशन और ग्रोथ करने वाली कंपनियों में ही इन्वेस्ट करें ना कि उन कंपनियों में जो सिर्फ एक ही जैसा काम हमेशा से करती आ रही है। 10. भविष्य की योजनाओं के बारे में पता करेंजब आप कंपनी की भविष्य की योजनाओं पर नजर रखते हैं तो आपको उसके पोटेंशियल के बारे में पता चलता है। उदाहरण के लिए;
क्योंकि आपको भी पता है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल भविष्य में काफी बढ़ने वाली हैं और जो कंपनियां उनके प्रोडक्शन में काम कर रही हैं उन पर इन्वेस्टर्स की अच्छी खासी नजर है। इसी तरह टाटा पावर के शेयर में भी तेजी तब आई जब रिन्यूएबल एनर्जी और सोलर पावर का क्रेज बढ़ा। इसीलिए अगर आप भविष्य को देखकर किसी शेयर में निवेश करेंगे तो निश्चित ही अच्छे रिटर्न पाएंगे। तो अगर किसी कंपनी का पोटेंशियल जानना है तो उसके भविष्य के प्लान पर नजर रखें मतलब किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसकी भविष्य की योजनाओं पर एक नजर जरूर डालें।
11. शेयर होल्डिंग पेटर्न जरूर चेक करेंआप शेयर होल्डिंग क्या है ये तो जानते ही होंगे मतलब किसी शेयर में किन- किन शेरहोल्डर्स ने पैसा लगाया है उसे ही शेयर होल्डिंग कहते हैं। अच्छे मजबूत शेयर में सबसे ज्यादा शेयर होल्डिंग कंपनी के प्रमोटर्स की होनी चाहिए।
इसके अलावा आपको किसी विषय को खरीदने से पहले उसमें म्युचुअल फंड यानी कि DII (डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर) की होल्डिंग भी चेक करनी चाहिए. साथ ही साथ विदेशी निवेशकों ने भी अगर उस शेयर में इन्वेस्ट किया है तो और भी अच्छा है।
लेकिन अगर कंपनी के प्रमोटर्स ही अपनी शेयर होल्डिंग को कम कर रहे हैं या शेयर बेच रहे हैं तो खुद अपनी कंपनी पर ही भरोसा नहीं है। मतलब जब प्रमोटर्स अपनी कंपनी के शेयर खुद बेचने लगे तो समझ जाइए कि कुछ ना कुछ गड़बड़ है और तुरंत उस शेयर से बाहर निकल जाइए।
इसलिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले शेयर होल्डिंग पेटर्न जरूर चेक करें। 12. कंपनी का साइज देखेंआपको पता है कंपनी का साइज उसकी मार्केट कैप से डिसाइड होता है मतलब;
जितनी छोटी कंपनी होगी उसमें रिस्क उतना ही ज्यादा होगा। याद रखिए मार्केट में तेजी और गिरावट दोनों के वक्त सबसे ज्यादा छोटी स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर ही भागते हैं और गिरते हैं। कुछ छोटी कंपनियां तो ऐसी होती हैं जो स्टॉक मार्केट में गिरावट के समय पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं। जबकि इसका विपरीत तेजी के वक्त कुछ पेनी शेयर बहुत कम समय में बहुत ज्यादा मुनाफा भी दे जाते हैं और उसके बाद ही लाइमलाइट में आते हैं मतलब पॉपुलर हो जाते हैं। इसीलिए किसी भी शेयर में पैसा निवेश करने से पहले कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी कंपनी कितनी बड़ी है यह जरूर देखें। 13. डिविडेंड हिस्ट्री पर एक नजर डालेंशेयर मार्केट में लिस्टेड हर एक कंपनी डिविडेंड नहीं देती है केवल कुछ कंपनियां ही देती हैं। डिविडेंड वह पैसा होता है जो कंपनियां अपने शेयर होल्डर को अपने मुनाफे के कुछ हिस्से में से बांटती हैं। आपको क्या लगता है मुकेश अंबानी के महीने की सैलरी कितनी होगी. जवाब है सिर्फ दो से तीन करोड़। अब सवाल यह आता है कि इतनी कम सैलरी होने के बावजूद भी वह इंडिया के सबसे अमीर व्यक्ति कैसे हैं? जवाब है डिविडेंड।
तो आज आपने यह भी सीखा कि कोई भी बड़ा व्यक्ति सिर्फ उसकी सैलरी से बड़ा नहीं होता है बल्कि वह डिविडेंड से बड़ा होता है। अगर आप डिविडेंड के बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो यह पोस्ट पढ़िए―
लेकिन अब सवाल यह आता है कि क्या आपको डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए या फिर बिना डिविडेंड देने वाली कंपनियों में।
इसीलिए आपने देखा होगा कि कुछ बड़ी सक्सेसफुल कंपनियां डिविडेंड नहीं देती हैं। जबकि वहीं कुछ कंपनियां जो अच्छा खासा डिविडेंड देते हैं उनका शेयर प्राइस ग्रोथ ही नहीं करता है जैसे― ITC, Coal India, BPCL आदि। इसलिए अगर आप डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो उसकी ग्रोथ पर नजर रखिए और साथ ही साथ उसकी डिविडेंड हिस्ट्री भी जरूर चेक करें। शेयर में निवेश करने से पहले कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?इस पोस्ट में जो बातें मैंने बताई हैं अगर आप सभी को फॉलो करते हैं तो आप निश्चित ही एक अच्छा मजबूत खरीद पाएंगे भले ही उसका साइज छोटा ही क्यों ना हो लेकिन वह आपके पैसे पर इतना रिटर्न कमा कर देगी जो बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर नहीं दे पाएंगे। बस शर्त यह है कि आपने ऊपर दी गई चेक लिस्ट को अच्छे से फॉलो किया हो। शेयर को खरीदने से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए?Factors to consider when buying shares of a company― आपने यह तो समझ लिया कि किसी share में पैसा लगाने से पहले आपको कुछ पॉइंट्स का ध्यान रखना जरूरी है जिनके बारे में ऊपर मैंने विस्तार से बताया है लेकिन यहां पर मैं आपको शार्ट में बताने वाला हूं कि ऊपर दी गई चेकलिस्ट आपको पढ़ना क्यों जरूरी है― यह चेक लिस्ट आपको क्या क्या बताएगी―
FAQs (शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए)किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले क्या करना चाहिए?किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले आपको बहुत सारी चीजें देखनी होती हैं जैसे कि कंपनी क्या करती है, उसके फंडामेंटल कैसे हैं, कितनी तेजी से ग्रोथ कर रही है, पिछले कुछ सालों में इन्वेस्टर्स का पैसा कितने गुना बढ़ा है और इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं जो एक शेयर को खरीदने से पहले आपको देखना चाहिए। शेयर में निवेश करते वक्त कौन-कौन सी चीजों का ध्यान रखना चाहिए?आप जिस शेयर में निवेश कर रहे हैं उसे खरीदने से पहले खुद से अपनी प्रॉपर एक चेक लिस्ट तैयार कीजिए जिसमे कुछ 10 से 12 पॉइंट को शामिल कीजिए और हर एक शेयर को खरीदने से पहले उसे फॉलो कीजिए आप इस पोस्ट में दी गई चेकलिस्ट को भी फॉलो कर सकते हैं। कौन सा शेयर खरीदना चाहिए जो भविष्य में अच्छा मुनाफा कमा कर दे?अगर आप ऐसा शेयर खरीदना चाहते हैं जो भविष्य में एक मल्टीबैगर स्टॉक बनकर सामने आए और अपने निवेशकों को मालामाल कर दे, तो आपको जितना ज्यादा हो सके कंपनी के फ्यूचर पोटेंशियल पर नजर रखना चाहिए और उस वक्त शेयर खरीदना चाहिए जब वह काफी कम कीमत पर (यानी कि इंटरिंसिक वैल्यू पर) मिल रहा हो। शेयर खरीदने से पहले कौन कौन से फैक्टर्स ध्यान रखना चाहिए?अगर आप मुझसे पूछें तो मैं जब भी किसी भी शेयर को खरीदता हूं तो ऊपर दिए गए सभी पॉइंट को फॉलो करता हूं जो मेरे खरीदे गए स्टॉक्स पर लॉन्ग टर्म में अच्छा मुनाफा कमा कर देते हैं, और मैं आपको भी इन्हीं फैक्टर्स को शेयर खरीदने से पहले ध्यान में रखने की सलाह देता हूं। इस पोस्ट में मैंने आपको विस्तार से बताने की कोशिश की है कि एक अच्छा फंडामेंटली मजबूत Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? मैं गारंटी देता हूं अगर आपने ऊपर दी गई चेकलिस्ट को फॉलो किया तो आप शेयर मार्केट के इतने बड़े समुंदर में से गोल्डन फिश जरूर ढूंढ पाएंगे। मतलब आप एक ऐसा मल्टीबैगर High Return giving stock ढूंढ पाएंगे जो भविष्य मल्टीबैगर बनेगा और आपको एक अमीर इन्वेस्टर बना देगा। देखिए अच्छे शेयर को खरीदना बड़ी बात नहीं है लेकिन सही समय पर अच्छे शेयर को खरीदना बड़ी बात है मतलब अगर राकेश झुनझुनवाला ने उस समय टाइटन कंपनी के शेयर को ना खरीदा होता जब वह कंपनी बहुत छोटी थी तो शायद आज वह इंडिया के टॉप शेयर मार्केट इन्वेस्टर नहीं होते। इसलिए मैं कह रहा हूं कि ऊपर दी गई चेक लिस्ट को फॉलो करके आप भी उस समय शेयर में निवेश कर पाएंगे जब कंपनी बहुत छोटी होगी क्योंकि तब आपको उसका पोटेंशियल पहले से ही नजर आ सकता है अगर आपने प्रॉपर सभी पॉइंट्स को फॉलो किया तो. मैं उम्मीद करता हूं आपको ऊपर दी गई जानकारी से कुछ ना कुछ मदद जरूर मिली होगी। आप मुझे कमेंट में बताइए कि एक शेयर को खरीदने से पहले आप कौन-कौन सी चीजें देखते हैं? मुझे आपकी कमेंट का इंतजार रहेगा। मेरा नाम दीपक सेन है और मैं इस ब्लॉग का Founder हूं। यहां पर मैं अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से शेयर मार्केट, निवेश और फाइनेंस से संबंधित उपयोगी जानकारी शेयर करता हूं। ❤️ शेयर खरीदने से पहले क्या क्या देखना चाहिए?हम स्टॉक में निवेश के लिए एक चेक लिस्ट बनाएं, उसके पहले कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए। स्टॉक चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत के तौर पर हमें सबसे पहले कुछ ऐसे शेयर तलाशने चाहिए जो हमें पसंद आ रहे हों। कुछ शेयरों को पसंद करने के बाद हमें देखना चाहिए कि वो हमारी चेक लिस्ट की शर्तों को पूरा करते हैं या नहीं।
एक दिन पहले ही कैसे पता करें की किस शेयर का price ऊपर जा सकता है?इसका मतलब यह हो सकता है कि कल शेयर में तेजी की उम्मीद है। अगर किसी शेयर में 1 दिन पहले 40 से 50% से ज्यादा डिलीवरी दिखाई देती है तो इसका मतलब है कि कल वह स्टॉक गैप अप ओपनिंग के साथ खुलेगा यानी ऊपर जाने के संकेत हैं। इसलिए आप जिस स्टॉक को खरीदना चाहते हैं उसकी डिलीवरी पोजीशन एक बार जरूर चेक कर लें।
शेयर की सही कीमत कैसे पता करें?यह पता लगाने के लिए कि व्यापारियों के लिए कोई शेयर कितना मूल्यवान हैं, कंपनी के शेयर का अंतिम अद्यतन मूल्य लें और इसे बकाया शेयरों से गुणा करें। शेयर की कीमत की गणना करने का एक अन्य तरीका कीमत अर्जन अनुपात है। आप पिछले 12 महीनों के स्टॉक मूल्य को इसकी आय से विभाजित करके पी/ई अनुपात की गणना कर सकते हैं।
₹ 10 से कम वाले शेयर कौन कौन से हैं?Paradeep Phosphates Ltd.. 66.70.. 25003.70.. 61.6567.00.. |