रोज गुटखा खाने से क्या होता है? - roj gutakha khaane se kya hota hai?

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दांत तक गला देता है गुटखा, खाने से पहले ध्यान दें ये बातें!

कोटा.आप तंबाकू युक्त गुटखे का नियमित सेवन कर रहे हैं तो संभल जाइए। ओरल कैंसर के 91 फीसदी रोगियों की केस हिस्ट्री का अध्ययन किया गया तो इसकी जड़ में गुटखा और तंबाकू निकली है। शहर के डॉक्टरों के अनुसार यह जवानी में ही दांत तक गला देते हैं। एमबीएस हॉस्पिटल, प्राइवेट कैंसर हॉस्पिटल, डेंटल क्लिनिक तथा नाक कान गला विशेषज्ञों से भास्कर ने इस ज्वलंत मुद्दे पर बात की तो पता चला कि गुटखा की लत के कारण हर साल शहर में 300 से 400 रोगी ओरल कैंसर के सामने आ रहे हैं। इसमें 25 साल के युवाओं से लेकर 65 साल के नागरिक शामिल हैं। :मुंह खुलना बंद हो जाता है: डेंटल सर्जन का कहना है कि 5 से 10 साल तक नियमित तंबाकू युक्त गुटखा खाने से दांत ढीले होकर हिलने लगते हैं, धीरे-धीरे मुंह खुलना बंद हो जाता है। मसूड़े नीचे लुढ़क जाते हैं। ठंडा पानी पीने से झटका सा लगता है। मुंह में सूजन आने लगे तो इसे गंभीरता से लें क्योंकि यह ओरल कैंसर का कारण बन सकता है। : 25 साल की उम्र में मुंह का कैंसर: शहर में 12 से 14 साल की उम्र के स्कूली बच्चे भी नियमित जर्दा युक्त गुटखा का सेवन कर रहे हैं। धीरे-धीरे वे लत के शिकार हो जाते हैं। 25 साल की उम्र में आकर उनके दांत गलने लगते हैं, मुंह व जीभ पर सफेद पेच बनने लगते हैं। इनमें होंठ, जबड़े, टांसिल, जीभ या गालों में कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। जर्दा युक्त लाल मंजन व गुटखा खाने से महिलाएं भी मुंह के कैंसर की चपेट में आ रही हैं। गुटखा खाने से पहले ध्यान रखें ये 6 बातें 1. रोज 30 मिनट तक तंबाकू चबाना 4 सिगरेट से मिलने वाले निकोटिन के बराबर है। 2. जीभ, जबड़ों व गालों के भीतर संवेदनशील सफेद पेच बनने पर ‘ल्यूकोप्लेकिया’ हो जाता है। इससे आसपास कैंसर की कोशिकाएं विकसित होने लगती है। 3. तंबाकू चबाने वालों में कार्डियोवस्कुलर रोग(फेफड़ों की बीमारी) होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे 40 फीसदी मौतें हो जाती है। 4. तंबाकू में पाए जाने वाले निकोटिन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, रक्त धमनियों में रुकावट आती है। रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे हार्ट प्रभावित होता है। 5. तंबाकू चबाने से दांतों की जड़ों में गम भर जाता है, जिससे केविटी जमा होती है। सांस में दरुगध होने के साथ ही ओरल कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। 6. सामान्य व्यक्ति की तुलना में गुटखा खाने वालों में ओरल कैंसर की संभावना 50 गुना ज्यादा रहती है। कोर्ट में नहीं बिकने देंगे गुटखा हाड़ौती विधिक सहायता मंच ने मंगलवार से गुटखे पर पाबंदी लगाने के लिए कोर्ट परिसर से जनजागरण अभियान शुरू किया। मंच के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक चौधरी अभियान से पूर्व इस संबंध में सीजेएम प्रेमचंद शर्मा से मिले और उन्हें अभियान की जानकारी दी। अभियान के तहत मंच की टीम गुटखों की बिक्री पर पाबंदी को लेकर परिसर की चाय की कैंटीनों पर पहुंची। दुकानदारों ने तुरत-फुरत में तंबाकू-जर्दे व गुटखों के पाउच इधर-उधर कर दिए। इलाज का खर्चा तोड़ देता है कमर पैसे ही नहीं बचे इलाज के : बूंदी के 32 वर्षीय मैकेनिक हनीफ दिनभर मुंह में गुटखा रखकर काम करते थे। 6 साल बाद उनका मुंह खुलना बंद हो गया, जीभ पर सफेद घाव हो गए। ऑपरेशन, थेरेपी व इलाज पर 5 लाख खर्च करने के बाद पैसे नहीं बचे। अब शहर के प्राइवेट अस्पताल में उनका निशुल्क उपचार चल रहा है। मुंबई में कराना पड़ा ऑपरेशन : इंद्रा मार्केट के व्यवसायी अमरीक (नाम परिवर्तित) 15 साल से दिन में 6-7 बार गुटखा खा रहे थे। गाल के भीतर सफेद निशान हुए तो जांच में ओरल कैंसर का पता चला। मुंबई के टाटा मैमोरियल कैंसर अस्पताल में इलाज पर 2 लाख खर्च करने के बाद गुटखा बंद कर दिया। दिल्ली के सर्जन ने की सर्जरी : छावनी के 45 वर्षीय देवीलाल 20 साल से गुटखा पाउच खा रहे थे। जबड़े में सूजन आने पर जांच कराई तो पता चला कि मुंह में ओरल कैंसर फैल चुका है। पिछले हफ्ते दिल्ली से सर्जन बुलाकर यहां के प्राइवेट कैंसर हास्पिटल में उनकी सर्जरी की गई। डॉक्टर्स के अनुसार, प्रथम स्टेज में 80 से 90 फीसदी कैंसर रोगी ठीक हो सकते हैं, दूसरे स्टेज पर 60 फीसदी, तीसरे स्टेज पर 30 से 40 फीसदी रोगी ठीक हो जाते हैं। चौथी स्टेज पर पता चलने पर ठीक होना संभव नहीं होता है। कितना खतरनाक >रोज 30 मिनट तंबाकू चबाना 4 सिगरेट से मिलने वाले निकोटिन के बराबर है। >जीभ, जबड़ों व गालों के भीतर संवेदनशील सफेद पेच बनने पर ‘ल्यूकोप्लेकिया’ हो जाता है। इससे कैंसर कोशिकाएं विकसित होती हैं। >तंबाकू चबाने वालों में कार्डियोवस्कुलर रोग(फेफड़ों की बीमारी) होने की संभावना बढ़ जाती है। >निकोटिन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, रक्त धमनियों में रुकावट आती है। रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। >तंबाकू चबाने से दांतों की जड़ों में गम भर जाता है, केविटी जमा होती है। सांस में दरुगध होने के साथ ही ओरल कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। >सामान्य व्यक्ति की तुलना में गुटखा खाने वालों में ओरल कैंसर की संभावना 50 गुना ज्यादा रहती है।

तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में करना खतरे से खाली नहीं होता. चाहे वो गुटखा हो, जर्दा हो या फिर पान मसाला. तम्बाकू के नुकसान आपके शरीर को ना सिर्फ बाहर से बल्कि अन्दर से भी जर्जर बना देते हैं. आज हम आपको गुटखा खाने के नुकसान बताने वाले हैं, क्योंकि हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस खतरनाक आदत की चपेट में है.

ऐसा नहीं है की लोग इसे छोड़ना नहीं चाहते. भारत में आपको लाखों ऐसे लोग मिल जायेंगे जो हर वक़्त सोचते रहते हैं की तम्बाकू कैसे छोड़ें या गुटखे की लत से छुटकारा कैसे पायें. क्योंकि वो खुद भी इनके Side Effects से परेशान हो चुके हैं. इस पोस्ट में हम आपको गुटखा, तम्बाकू छोड़ने के उपाय व् घरेलू नुस्खे बताएँगे जो आपके लिए जरूर सहायक होंगे.

किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है और हमारे देश युवा गलत संगत में पड़कर या फिर शौक शौक में गुटखा खाने की खतरनाक आदत के चंगुल में फंसता जा रहा है. हमारे देश का एक बड़ा हिस्सा तो ऐसा है जहाँ तम्बाकू और गुटखे का बेतहासा उपयोग किया जाता है भले ही आप उन्हें कितने ही गुटखा खाने के दुष्प्रभाव बता दें.

U.P, बिहार, M.P और छत्तीश्गढ़ कुछ ऐसी जगह हैं जहाँ के लोग गुटखे का Limit से भी ज्यादा प्रयोग करते हैं. हमारे देश में तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है लेकिन वो सिर्फ एक दिखावा है. तम्बाकू, ज़र्दा और गुटखे का सेवन करने वाले लोग धडल्ले से इनका इस्तेमाल करते हैं. एक बार इसकी आदत लग जाने पर इसे छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है.

यहाँ तम्बाकू, जर्दे, खैनी, पान मसाला और गुटखे के नुकसान बताने का हमारा मकसद भी यही है. जैसा की हमने बताया की इसे छोड़ना मुश्किल है, तो हम लोगों को इसके नुकसानों  से अवगत करना चाहते हैं ताकि जो युवा अभी गुटखा नहीं खाते, वो इसे खाने के बारे में कभी सोचें भी ना. और जो लोग अभी गुटखा खा रहे हैं वो इसे छोड़ने के लिए प्रेरित हों.

खाना शुरू करने के कुछ साल बाद गुटखा कई लोगों के लिए गले की फांस बन जाता है. उन्हें तरह तरह की परेशानियां होने लगती है, उस समय आदमी इसे छोड़ने के बारे में विचार जरूर करता है. चलिए आपको बताते हैं तम्बाकू के नुकसान जो आपकी स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं.

Side Effects Of Tobacco In Hindi – गुटखा खाने के नुकसान

(1) सड़े गले दांत– गुटखा खाने वाले लोगों के दांत आपने देखे ही होंगे. पूरी Personality को खराब करके रख देते हैं इनके दांत. गुटखे का कुछ समय तक लगातार सेवन करने से दांत बिलकुल पीले, काले और लाल हो जाते हैं जो बहुत ही भद्दे लगते हैं. ये कुछ ऐसे नुकसान हैं जो आदमी का पूरा लुक ही खराब कर देते है. धीरे धीरे दांत गलने लग जाते हैं.

रोज गुटखा खाने से क्या होता है? - roj gutakha khaane se kya hota hai?

दांतों के जोड़ों के बीच में जो सख्त मसाला होता है वो गुटखा खाने की वजह से गलकर बाहर निकल जाता है. इससे दाँतों के बीच में जगह बन जाती है जिसमें सड़ा गला खाना या अन्य चीज़ें फंस जाती है. इस कारण दाँतों में Becteria पनपने लगते हैं जो विभिन्न बिमारियों का कारण बनते हैं.

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(2) DNA पर गलत प्रभाव– आनुवान्शिता के बारे में तो आपने सुना ही होगा, यानी आपको होने वाली बीमारियाँ आपकी आने वाली पीढ़ियों पर भी असर डालने लगती हैं. लगातार लम्बे समय तक तम्बाकू या गुटखे का इस्तेमाल आपके DNA पर बहुत ही बुरा असर डालता है.

इससे आप समझ जाइए की तम्बाकू के नुकसान सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि आपके बच्चों को भी प्रभावित करेंगे. आपकी आने वाले पीढ़ियों को हृदय सम्बन्धी रोग मुफ्त में उपहारस्वरूप मिल सकते हैं.

(3) बदहाल मसूड़े– जो लोग गुटखा खाते हैं उनके मसूड़ों को बहुत ही तकलीफ से गुजरना पड़ता है. एक तो गुटखा खाने पर मसूड़े इधर उधर से कट जाते हैं, दूसरा जब कटी हुयी जगह जब तम्बाकू के संपर्क में आती है तो बहुत ही ज्यादा नुक्सान होने की संभावना हो जाती है.

मसूड़ों में घाव हो जाते हैं और खून भी निकलने लगता है. घाव के कारण Becterias जन्म ले लेते हैं जिससे मुहं से दुर्गन्ध आना शुरू हो जाती है. मामला और आगे बढ़ने पर घातक Infection का खतरा बढ़ जाता है.

(4) Engymes पर बुरा असर– हमारे शरीर में बनने वाले Engyme हमारे लिए बहुत जरूरी होते हैं. ये हमारे शरीर के अन्दर चलने वाली क्रियाओं को आसान बनाने का काम करते हैं. लेकिन जो लोग तम्बाकू या गुटखे का सेवन करते हैं उनमें इन Engymes का उत्पादन कम हो जाता है.

या फिर यूँ कहलें की हमारे शरीर में इनकी कार्यशीलता कम होती चली जाती है. इससे हमारे शरीर में बनने वाले जरूरी Harmones भी बनना कम हो जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए ठीक नहीं.

(5) नींद पर बुरा असर– तम्बाकू या गुटखा खाने के नुकसान आपका सुख चैन चीन लेते है, क्योंकि ये आपकी नींद को ही खराब कर देते हैं. ज्यादा मात्रा में और लम्बे समय तक गुटखे के प्रयोग से आपको नींद ना आने की बीमारी लग सकती है.

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इस चीज़ का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं. अच्छी नींद नहीं तो अच्छा दिन नहीं. नींद पूरी ना होने पर हमें और भी कई तरह की बीमारियाँ अपनी चपेट में ले लेती हैं.

(6) कैंसर का प्रमुख कारण– तम्बाकू या गुटखा खाने वाले व्यक्ति में मुहं, गले या फिर फेफड़ों का कैंसर होने की प्रबल संभावना रहती है. अगर आप भी गुटखा खाते हैं तो आपने देखा होगा की कभी कभी मुहं में सफ़ेद सफ़ेद छोटे छोटे घाव से दिखाई देते हैं. ये सफ़ेद Points होने पर भी लगातार गुटखे का सेवन करने से कैंसर Cells पनपना शुरू कर देती हैं.

ये कैंसर मुहं में फैलता फैलता इतना फ़ैल जाता है की आपका मुहं सही से खुलना भी बंद हो जाता है. हमने कई ऐसे Case सुने हैं जिनमें गुटखा खाने वाले व्यक्ति को कैंसर हुआ और मुहं नहीं खुलने के कारण उनके एक Side का जबड़ा काटना पड़ा. इस भयानक स्थिति से बचना चाहते हैं तो आज से गुटखा छोड़ने की कोशिश शुरू कर दीजिये.

(7) दिल की बीमारियाँ– गुटखे और तम्बाकू का इस्तेमाल करने के नुकसान आपके दिल को बहुत ही कमजोर बनाने का काम करते हैं. आप में से जो लोग 4-5 साल से गुटखे का सेवन कर रहे हैं उन्हें ये जरूर महसूस होता होगा की उनका दिल पहले से काफी कमजोर हो गया है.

गुटखा दिल पर बहुत ही बुरा असर डालता है, दिल कमजोर हो जाने के कारण कई तरह की Heart से सम्बंधित बीमारियाँ आपको हो सकती हैं. कई लोगों का दिल तो इतना कमजोर हो जाता है की छोटी से छोटी चिंता को लेकर भी उनकी दिल की धडकन बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं.

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(8) नपुंसकता– ये एक बहुत ही बड़ा गुटखा खाने का नुकसान है जो किसी भी व्यक्ति को Depression के द्वार पर पहुंचा देता है. ये बिलकुल सच है की Limit से ज्यादा और लम्बे समय तक तम्बाकू या गुटखे का सेवन आपको नपुंसक बना सकता है.

अगर पूरी तरह से नपुंसक नहीं तो आपकी पौरुष शक्ति बहुत कम जरूर हो जायेगी. ये प्रजनन क्षमता पर बहुत बुरा असर डालते हैं. पौरुष शक्ति पूरी तरह से रक्त संचरण से जुडी होती है जिसे तम्बाकू बुरी तरह से प्रभावित करता है.

(9) पेट में घाव– जब कोई भी व्यक्ति गुटखे को बिलकुल Normal चीज़ समझकर खाने लगता है तो उसे इसके कई दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं. लगातार गुटखे का सेवन करने से आपके पेट में घाव भी हो सकते हैं जो की कोई छोटी समस्या नहीं है.

इससे आपके पेट में भयंकर जलन या दर्द हो सकता है. इसके लिए आपको Surgery यानी ऑपरेशन तक भी करवाना पड़ सकता है. अभी कुछ ही दिन पहले गुटखा खाने वाले एक व्यक्ति की आँतों से आधा किलो से भी ज्यादा गुटखा बाहर निकाला गया और बड़ी ही मुश्किल से उसकी जान बच पायी.

(10) High Blood Pressure– इन नशीले पदार्थों के सेवन से आपको हाई ब्लड प्रेशर की भी दिक्कत हो सकती है. अगर पहले से ही आपका ब्लड प्रेशर Normal से कुछ ज्यादा रहता है तो आपको इनका सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि इनके इस्तेमाल से आपका Blood Pressure और ज्यादा बढेगा जो आपके Heart के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है.

(11) खाना खाने में परेशानी– गुटखे के नुकसान कुछ ऐसे भी हैं जो हमारा स्वाद बिगाड़कर रख देते हैं. जी हाँ गुटखा खाने वाले व्यक्ति को खाना खाने में कभी भी वो मज़ा नहीं आ सकता जो एक साधारण आदमी को आता है.

गुटखा खाने वाले व्यक्ति के अंदरूनी गालों की ऊपरी परत जल जाती है ऐसे में थोड़ी सी मिर्ची भी उन्हें बहुत तेज लगती है और वो ढंग से खाना नहीं खा पाते हैं. अगर कोई व्यक्ति खाना ही ठीक से नहीं खायेगा तो स्वस्थ कैसे रह सकता है.

इसके अलावा गुटखा जीभ को भी प्रभावित करता है. जिससे उसका Taste बदल सकता है. समझे आप? मतलब वो जो कुछ भी खाता है उसे वो उतना स्वादिस्ट नहीं लगता जितना असल में वो होता है.

(12) पथरी– गुटखा खाने वाले लोगों में पथरी होने की संभावना भी ज्यादा होती है. खुद गुटखा पथरी बनाने का काम करता है. होता क्या है की जब भी कोई व्यक्ति गुटखा खाता है तो हर बार थोडा सा गुटखा किसी ना किसी बहाने अन्दर चला ही जाता है. इस तरह समय के साथ साथ उसके शरीर में बहुत ज्यादा गुटखा इकठ्ठा हो जाता है जो सख्त होता जाता है.

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गुटखा कैसे छोड़ें – तम्बाकू छोड़ने के उपाय व् घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे

जैसा की हमने ऊपर बताया की हर तम्बाकू या गुटखा खाने वाला व्यक्ति दिन में एक बार ये जरूर सोच लेता है की तम्बाकू कैसे छोड़ें या अपनी गुटखा खाने की लत से छुटकारा कैसे पायें. लेकिन ऐसा क्या होता है की लोग तम्बाकू उत्पाद खाना बंद नहीं कर पाते? क्या तम्बाकू या गुटखा खाने की आदत को छोड़ना लगभग असंभव है?

जी नहीं बिलकुल नहीं, झूठ बोलते हैं वो लोग भी जो कहते हैं की एक दम से तम्बाकू को छोड़ना नामुमकिन है. उनकी ये बात फिलहाल हमारे देश में चल रहे Lockdown और गुटखे व् तम्बाकू उत्पादों पर लगे Ban ने पूरी तरह से गलत साबित कर दी है. एक ही झटके में अचानक से 15% से ज्यादा गुटखा खाने वाले लोगों ने इसे छोड़ दिया है.

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तो जब वो 15% लोग ऐसा कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं? तम्बाकू खाने वाला व्यक्ति तम्बाकू छोड़ने के बारे में सोचते ही बेचैन हो उठता है. ये सच है थोड़ी बेचैनी होती है, लेकिन जो इस बेचैनी होने के डर से पार पा लेता है वो आसानी से इसे छोड़ देता है. इसे छोड़ने में कुछ घरेलू उपाय व् नुस्खे आपकी काफी मदद कर सकते हैं.

भारत में Lockdown और तम्बाकू पर Ban ने ये तो साबित कर दिया है की जब कोई चीज़ हमें नहीं मिलती तो वो अपने आप छूट जाती है. तो गुटखा छोड़ने के लिए आपको सबसे पहले दृढ़ निश्चय करना होगा और अपने इस निश्चय के बारे में परिवार वालों व् दोस्तों को बताना होगा की आपने अब गुटखा खाना बंद कर दिया है.

दूसरों को बताने के लिए हम आपसे इसलिए कह रहे हैं ताकि आपके मन में हमेशा ये बात रहे की अब मैंने सबको बता दिया है की मैंने तम्बाकू छोड़ दिया है. इससे आपके मन में थोडा ये रहेगा की अब अगर मै गुटखा खाऊंगा तो वो सब लोग क्या कहेंगे जिनको मैंने कहा था की मैंने गुटखा छोड़ दिया है.

इसके बाद बारी आती है तम्बाकू के विकल्पों यानी तम्बाकू या गुटखा छोड़ने के उपाय और नुस्खों का. मतलब कुछ ऐसी चीज़ें हमारे आस पास उपलब्ध हैं जो वाकई आपकी गुटखा खाने की लत और बेचैनी को दूर करने में सहायक है. चलिए जानते हैं गुटखा खाना कैसे छोड़ें, इसकी आदत से छुटकारा पाने के लिए क्या करें.

(1) तम्बाकू खाने वाले व्यक्ति को सुबह उठते ही इसकी तलब लगती है. तो आपको हर रोज सुबह उठते ही खाली पेट गुनगुने पानी में शहद और आधा निम्बू मिलाकर पीना है. ये Formula वाकई आपके लिए अच्छा काम करेगा. इससे दो चीज़े होंगी, मतलब 2 फायदे होंगे.

एक तो ये आपकी तम्बाकू की तलब को कम करेगा और दूसरा आपके खून में जो निकोटिन पदार्थ है उसे जल्दी जल्दी बाहर निकालने में मदद करेगा. ध्यान रखिये जितनी जल्दी आपके खून से निकोटिन का स्तर कम होगा उतनी ही जल्दी आप गुटखा खाना छोड पायेंगे. क्योंकि यही वो पदार्थ है जो आपके तम्बाकू की तलब पैदा करता है.

(2) ये बात भी सच है की कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो हमारे अन्दर तम्बाकू या गुटखा खाने की इच्छा को बढ़ा देती हैं. अगर आपको गुटखा खाने के नुकसान या Side Effects से बचना है और इसे छोड़ना है तो साथ में ऐसी चीज़ों को भी छोड़ना होगा. जैसे शराब, चाय, कॉफ़ी और चीनी वगैरह.

(3) आजकल Medicals पर Nicotex नाम की Chewing Gums मिलती हैं जो असल में Nicotin Gums ही होती हैं. लेकिन इनमें कम मात्रा में निकोटिन होता है और वो कम हानिकारक भी होता है. ये सिर्फ सिगरेट छोड़ने में ही मदद नहीं करती बल्कि तम्बाकू के सभी उत्पाद छुडवाने में भी सहायक है.

अगर आप सोच रहे हैं की गुटखा खाना कैसे छोड़ें तो ये एक बेहतरीन विकल्प है. आप दिन में सिर्फ ३ बार सुबह, दोपहर और शाम को ये Chewing Gum चबाएं. इसे काफी देर तक चबाते रहें. इससे आपकी Nicotin यानी तम्बाकू खाने की तलब ख़त्म हो जायेगी. तम्बाकू छोड़ने के 10-12 दिन बाद धीरे धीरे इन्हें भी खाना छोड़ दें.

(4) अगर आपको हमेशा गुटखा चबाते रहने की आदत है और इसके बिना रह नहीं पा रहे हैं तो भुनी हुयी अजवायन का इस्तेमाल करना शुरू करें. दिन में 3-4 बार भुनी हुयी अजवायन खाने से आप आसानी से गुटखा खाने की लत से छुटकारा पा लेंगे. ये तम्बाकू की तलब मारने में बहुत ही अच्छा काम करेगी.

(5) सौंफ, इलाइची और आंवला का मिश्रण यानी चूर्ण तम्बाकू छुड़ाने का बेहद कारगर नुस्खा है. जब भी आप गुटखा छोड़ना चाहें आप इन ३ चीज़ों का मिश्रण तैयार कर लें और हर 2 घंटे में थोडा सा चूर्ण खाएं. इससे आप आसानी से तम्बाकू खाना बंद कर पायेंगे. ये नुस्खा Try तो करके देखिये, Result ना मिले तो कहना.

(6) थोड़ी सी सौंफ और थोड़ी सी अजवायन लेकर उन्हें अच्छे से मिलाएं, उसके बाद उस मिश्रण में थोडा काला नमक और निम्बू का रस भी डालें. 2 दिन बाद उसका उपयोग करना शुरू करें. जब भी आपका तम्बाकू खाने का मन करे, एक चुटकी मिश्रण अपने मुहं में कई देर तक रखें. ये भी काफी कारगर तरीका है तम्बाकू छोड़ने का.

(7) सादा खाना तम्बाकू छोड़ने में आपकी काफी मदद करता है. क्योंकि इससे पाचन क्रिया सही रहती है, किसी प्रकार की बेचैनी नहीं रहती और मन शांत रहता है. इसलिए तम्बाकू छोड़ना है तो मीट मांस और ज्यादा तेल मसाले वाला खाना ना खाएं. कम से कम तब तक तो बिलकुल भी नहीं जब तक आप गुटखा खाना छोड़ ना दें.

ये कुछ गुटखा छोड़ने के तरीके थे जो आपके लिए काफी सहायक साबित हो सकते हैं. लेकिन आखिर में वही बात आती है की आपको अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ रखना है. आखिर आदमी कुछ भी खाना छोड़ता है तो वो अपने मन से ही छोड़ता है. इसलिए पक्का मन बनायें, इन चीज़ों का सहारा लें, हमे पक्का विश्वास है की आप कामयाब जरूर होंगे.

गुटखे के Harmful Effects आपकी ज़िन्दगी को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. इसके कारण आप ठीक से खाना भी नहीं खा पाते हैं. सोचिये अगर कोई इंसान जीवन में सही से खाना ही नहीं खा पा रहा है तो वो स्वस्थ कैसे रहेगा. इसके अलावा इससे आपका परिवार भी प्रभावित होता है. हो सकता है आपको देखकर आपके बच्चे भी इसका सेवन करने लगें.

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अधिक गुटखा खाने से क्या होता है?

रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। > तंबाकू चबाने से दांतों की जड़ों में गम भर जाता है, केविटी जमा होती है। सांस में दरुगध होने के साथ ही ओरल कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। > सामान्य व्यक्ति की तुलना में गुटखा खाने वालों में ओरल कैंसर की संभावना 50 गुना ज्यादा रहती है।

सुबह सुबह गुटखा खाने से क्या होता है?

इसके बाद भी गुटखा खाया। पत्नी सेहत की चिंता में टोकती रहीं। श्री जैन कहते हैं कि पत्नी को नाराज नहीं करना चाहता था इसलिए गुटखा छोड़ ही दिया।

गुटखा खाने से पेट में क्या होता है?

गुटखा खाने वालों की भूख लगातार कम होती जाती है। इसके रासायनिक तत्व पेट की आंतों और मांसपेशियों में ऐसे दाग बना देते हैं जिनसे पाचन तंत्र बिगड़ जाता है।

गुटखा खाने से कौन सा रोग होता है?

गुटखा खाने से होने वाले रोग का नाम लिखिए।