श्री कृष्ण की भक्ति कैसे की जाती है? - shree krshn kee bhakti kaise kee jaatee hai?

यदि कोई इन पांच बातों में से किसी एक में थोड़ा भी अग्रसर होता है तो उस बुद्धिमान व्यक्ति का कृष्ण के प्रति सुप्त प्रेम क्रमशः जागृत हो जाता है। नियमित भक्ति करते रहने से हृदय कोमल हो जाता है। धीरे धीरे सारी भौतिक इच्छाओं से विरक्ति हो जाती है, तब वह कृष्ण के प्रीति अनुरुक्त हो जाता है। जब यह अनुरुक्ति प्रगाढ़ हो जाती है तब यही भगवत्प्रेम कहलाती है।

1. भक्तों की संगति करना2. भगवान कृष्ण की सेवा में लगना3. श्रीमद् भागवत का पाठ करना4. भगवान के पवित्र नाम का कीर्तन करना5. वृन्दावन या मथुरा में निवास करना

 

श्री कृष्ण की भक्ति कैसे की जाती है? - shree krshn kee bhakti kaise kee jaatee hai?
दो पौधे जो कभी मुरझाते नहीं
दुनिया में दो पौधे ऐसे हैं जो कभी मुरझाते नहीं। अगर जो मुरझा गए तो उसका कोई इलाज नहीं।पहला – नि:स्वार्थ प्रेम
दूसरा – अटूट विश्वास
श्री कृष्ण की भक्ति कैसे की जाती है? - shree krshn kee bhakti kaise kee jaatee hai?
मन का होना ही अशांति का कारण है

दुनिया में तीन तरह के अशांत लोग मिल जाएंगे। आप उनमें से कोई एक हो सकते हैं।

पहले अशांत को दुर्जन का नाम दिया जा सकता है। दुर्जन वह व्यक्ति है जो भीतर से भी अशांत है और बाहर से भी।

दूसरी श्रेणी में सज्जन लोग आते हैं। ये भीतर से थोड़े गड़बड़ लेकिन, बाहर से ठीक-ठाक होते हैं। इनके भीतर अशांति अंगड़ाई ले रही होती है, पर चूंकि सज्जन हैं, इसलिए जैसे-तैसे उसे संभाल लेते हैं। ऐसे लोग शांत होने का अभिनय करने में इतने दक्ष हो जाते हैं कि असली शांति क्या होती है, भूल जाते हैं।

तीसरी श्रेणी के लोग हैं संत जो कि भीतर-बाहर दोनों से शांत होते हैं। केवल शरीर से संत एक आवरण हो सकता है, लेकिन संत बनने के लिए मन पर काम करना पड़ता है।

हमारी अशांति का केंद्र मन है। यदि मन हटा तो शांति अपने आप आ जाएगी।

अगर कोई कहे कि मेरा मन अशांत है तो ऊपरी तौर पर बात समझ में आएगी पर गहराई में यह है कि अशांत मन होता नहीं है।

दरअसल, जीवन में जब अशांति आती है तो उस अशांति का नाम मन है। मन अपने आप में कोई चीज नहीं है। अशांति इकट्‌ठी होकर कोई आकार ले ले तो उसे मन कहेंगे।

अशांति गई तो मन गया। थोड़ा सा बुद्धि को जागरूक रखिए, समझ में आ जाएगा कि किन बिंदुओं से आप अशांत होते हैं तो आप उनसे जुड़ना ही बंद कर देंगे।

क्या सीखा
जैसे ही अशांति के कारण हटाए, मन अपने आप गायब हो जाएगा। जिसका मन उपस्थित है, फिर वह भीतर-बाहर दोनों से अशांत है।प्रस्तुतिः दीपक डावरUP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

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प्रभु भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे की जाती है जानिए हमारे साथ मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । 

जो मित्रों लंबे दिनों से भगवान श्री कृष्ण की पूजा आराधना जानकारी प्राप्त के लिए इंतजार कर रहे हैं आज उनका इंतजार करना खत्म । क्योंकि यह आपके लिए बहुत खास जानकारी होने वाले हैं । भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करेंगे आपको मैं विस्तार से बताएंगे बस पूरे पोस्ट पढ़कर जानकारी प्राप्त करें।

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प्रिय मित्र चलिए आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा आराधना कैसे करेंगे विस्तार से बताएंगे ।

सबसे पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है भगवान श्री कृष्णा मानव अवतार थे इसलिए उनका पूजा अलग नियमों से किया जाता है । 

वैसे तो हिंदू शास्त्र में 33 प्रकार भगवान के अलग-अलग नियमों से पूजा की जाती है जिसके फलस्वरूप बड़ी आसानी से भक्तों को भगवान का कृपा प्राप्त होता है । 

भगवान श्री कृष्णा धरती पर इसलिए जन्म लिया था ताकि मनुष्य अपने पाप पुण्य की विचार कर सके । धर्म और अधर्म की रास्ता समझ सके । मनुष्य को किस मार्ग पर चलने से मोक्ष प्राप्त होगा जान सकें ।

भगवान श्री कृष्ण ने हर समय मनुष्य को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी ‌। ईश्वर को कैसे भक्ति किया जाता है, ईश्वर को कैसे प्राप्त होता है, भगवान श्री कृष्ण के अमृतवाणी से ही समझाया गया । 

प्रिय मित्रों धर्म ग्रंथ के अनुसार जो भगवान विष्णु वही श्री रम है तो भगवान श्रीकृष्ण है । यदि आप भगवान श्री कृष्ण के पूजा करेंगे तो भगवान विष्णु के कृपा पात्र बनेंगे ।

भगवान श्री कृष्ण मानव थे इसलिए उनका पूजा इस नियमों से किया जाता है तो चलिए आप विस्तार से जानिए ।

 सूर्य उदय होने से पहले सुबह उठकर आप स्नान आदि करने के बाद श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं।  फिर गंगाजल से स्नान कराएं।  अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए।  भगवान् कृष्ण के सपने दीपक रखें  इसके बाद धूप दिखाएं। अष्टगंध चन्दन नहीं तो रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं। 

गुप्त टोटके

तांत्रिक टोटके

महाशक्तिशाली वशीकरण

इच्छापूर्ति टोटका

प्राचीन ऋषियों के शक्तिशाली टोटके

स्वास्थ्य संबंधी टोटके

घरेलू टोटके

भाग्य जगाने के टोटके

जमीन बेचने में अड़चन पर टोटके

इंद्रजाल टोटके

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असली प्रैक्टिकल टोटके

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उसके बाद भगवान श्री कृष्ण के लिए सुबह का भोग लगाइए आप के जितना समर्थ है आप उतना ही भगवान श्रीकृष्ण केलिए भोग लगा सकते हैं  । प्रिय मित्रों मैं आपको एक बात बताना चाहते हैं भगवान कभी भोग का प्यासा नहीं होते हैं भगवान तो भक्ति का प्यासे होते हैं मन में भक्ति रखिए जो भी अर्पित करना चाहते हैं बस अर्पित कर सकते हैं । यदि आपके अंदर भगवान श्री कृष्ण के लिए प्रेम भक्ति मौजूद है तो आप कैसे भी पूजा करें भगवान ग्रहण कर लेते हैं ।

यदि आपके पास बर्तन की कमी है तो केला के पत्रों से आप भगवान श्री कृष्ण के लिए भोग चढ़ा सकते हैं ।

उसके बाद हाथ जोड़कर कहें 🙏 की हे प्रभु श्री कृष्णा मैं आपके लिए भोग लगाया हूं जिसमें मेरी सिर्फ भक्ति और प्रेम है आप इसे स्वीकार करें और मुझे कृतार्थ करें । इस प्रकार कम से कम 5 मिनट तक मन ही मन कहे । उसके बाद भगवान श्री कृष्ण को 20 मिनट के लिए अकेले छोड़ दीजिए । इस क्रिया समाप्त होने के बाद जो भी आप भोग लगाया है उसे 

कृष्ण जी की भक्ति कैसे करें?

भक्तों की संगति करना.
भगवान कृष्ण की सेवा में लगना.
श्रीमद् भागवत का पाठ करना.
भगवान के पवित्र नाम का कीर्तन करना.
वृन्दावन या मथुरा में निवास करना.

श्री कृष्ण की पूजा कैसे की जाती है?

भगवान् कृष्ण को दीप दिखाएं। इसके बाद धूप दिखाएं। अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं। माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए.

श्री कृष्ण को क्या प्रिय है?

भगवान कृष्ण को मोर पंख, माखन और मिश्री, धनिया की पंजीरी, बांसुरी बहुत पसंद है इसलिए जिस समय भगवान का झूला सजाएं ध्यान रखें कि ये सारी चीजें उनके आसपास हों. इसके अलावा कई ऐसी राशियां हैं जिनपर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा रहती है. आज आपको उनके बारे में बताएंगे.

कृष्ण भक्ति क्या है?

कृष्ण ही भगवान हैं। कृष्ण हैं राजनीति, धर्म, दर्शन और योग का पूर्ण वक्तव्य। कृष्ण को जानना और उन्हीं की भक्ति करना ही हिंदुत्व का भक्ति मार्ग है। अन्य की भक्ति सिर्फ भ्रम, भटकाव और निर्णयहीनता के मार्ग पर ले जाती है।