अनाज की टंकी कौन सी दिशा में रखें? - anaaj kee tankee kaun see disha mein rakhen?

ऐसे में अगर घर के ईशान कोण में किसी तरह का वास्तु दोष है तो इस दिशा में तुलसी का पौधा लगवाना चाहिए। 1- वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का उत्तर-पूर्व कोना बहुत ही शुद्ध और सकारात्मक माना जाता है। इसे ईशान कोण भी कहते हैं। इस जगह पर कभी डस्टबिन या भारी सामान नहीं रखना चाहिए।

घर का ईशान कोण बड़ा है तो क्या होगा?

आपके घर के वास्तु में ईशान कोण का बहुत महत्व है, ईशान कोण उत्तर कोने को माना गया है। इस स्थान को वास्तु शास्त्र में भगवान की दिशा माना गया है। जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है कि यह स्थान ईश्वर का स्थान है। और यही कारण है कि यदि यह भाग कटा हो तो अशुभ माना जाता है तथा आपकी उन्नति में बाधा आती है।

पानी की टंकी कौन सी दिशा में रखनी चाहिए?

वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए शुभ है। इस दिशा में पानी होने से धन लाभ होता है। ऐसा घर उन्नति और समृद्धि देने वाला माना गया है। उत्तर दिशा में पानी का टेंक या पीने का पानी रखा जाए तो ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है।

ईशान कोण का मतलब क्या होता है?

ईशान कोण घर की उत्तर पूर्व दिशा होती है। वास्तु के अनुसार और ज्योतिष के अनुसार यह घर का सबसे पवित्र स्थान होता है जिसमें ईश्वर का निवास स्थान होता है। ऐसा माना जाता है कि घर के ईशान कोण को हमेशा साफ़ सुथरा रखना चाहिए जिससे घर में माता लक्ष्मी का वास ही।

घर का वास्तु दोष कैसे चेक करें?

अनिरुद्ध जोशी

  1. दक्षिण में है घर का द्वार : यदि आपका घर दक्षिणमुखी है तो आप सबसे पहले घर के सामने द्वारा से दोगुनी दूर पर नीम का एक पेड़ लगाएं।
  2. एक ही सीध में हैं द्वार : यदि आपके मुख्‍य द्वारा के बाद भीतर के द्वार भी एक ही सीध में हैं तो यह भी वास्तुदोष निर्मित करता है।

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वास्तु दोष के लक्षण क्या है?

दस संकेत जिनसे पता चल सकेगा आपके घर और दफ्तर में वास्तु दोष है या…

  • ताजगी महसूस न होना
  • आरामदायक जोन से बाहर न निकल पाना
  • तरक्की ठप हो जाना
  • वित्तीय स्थिरता का अभाव
  • बिना कारण अस्वस्थ्य रहना
  • हर बार गलत लोग ही मिलते हैं
  • व्यापार या व्यवसाय में बाधाएं आना
  • जिंदगी में खुशी और उत्साह की कमी

ईशान कोण में किचन होने से क्या होता है?

* ईशान क्षेत्र में किचन होने से घर के बड़े बेटे पर भयंकर संकट आ सकता है। भले ही फिर वह आपके साथ न रहता हो या देश के बाहर ही क्यों न हो। इससे घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। * यह क्षेत्र दैविक ऊर्जा से भरपूर है और यहाँ पूजा-पाठ या ध्यान जैसे आध्यात्मिक कार्यकलाप ही किए जाने चाहिए।

ईशान कोण में बेडरूम हो सकता है क्या?

ईशान दिशा को बेडरूम निर्मित करने के लिए अनुपयुक्त माना गया है, विशेष रूप से शादीशुदा लोगों के लिए यहां पर बेडरूम का निर्माण बिलकुल भी नहीं किया जाना चाहिए| यहां स्थित जल तत्व और इस दिशा के गुण बेडरूम के निर्माण के लिए जरुरी ऊर्जाओं और गुणों के अनुरूप नहीं माने जाते हैं।

रसोई घर में चूल्हे का मुंह किधर होना चाहिए?

कहा जाता है कि जब भी किचन में खाना बनाएं तो पूर्व दिशा की तरफ खाना बनाने वाले का मुंह होना चाहिए. इसीलिए जरुरी है कि किचन में गैस चूल्हा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. अगर इस दिशा में चूल्हा रखा जाता है तो इससे अग्नि से होने वाले हादसों में भी कमी आती है. और किचन में काम करने के दौरान व्यक्ति सेफ रहता है.

किचन में सिंक कहाँ होना चाहिए?

अगर आप किचन सिंक लगा रहे हैं तो वह भी उत्तर दिशा में ही लगाना चाहिए। हमेशा ध्यान रखें कि भोजन बनाते समय आपका मुख पूर्व की ओर होना चाहिए, इसके लिए उत्तर व दक्षिण दिशा अशुभ मानी गई है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर किचन में झाडू, पौंछा या सफाई का कोई सामान रखना है तो नैऋत्य कोण में रख सकते हैं।

घर में ईशान कोण कैसे पहचाने?

पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं वो ईशान कोण कहलाता है। ये 10 दिशाओं में शामिल होने से वास्तु के अनुसार इसे ईशान दिशा भी कहा जाता है। उज्जैन.

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ईशान कोण की पहचान कैसे करें?

ईशान कोण जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को कहा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा शुभ मानी जाती हैं। यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है। इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है।

घर की तिजोरी में क्या रखना चाहिए?

घर की तिजोरी या अलमारी को कभी भी खाली ना रखें। अलमारी में गणेश जी और माँ लक्ष्मी की तस्वीर जरुर रखें या आप चांदी के कलश भी रख सकते है। खाली तिजोरी वास्तु के हिसाब से शुभ नहीं मानी जाती।

घर में वास्तु दोष का पता कैसे चलता है?

vastu dosh की लक्षण बहुत सारे है :
यदि आप सर्दी झुकाम से ज्यादा पीड़ित रहते है तो इसका मतलब है की मकान मे ब्रह्मस्थल पे दोष है। यदि घर के अग्नि कोण और ईशान कोण में वास्तु दोष है तो फिर घर के लोगो लो दिएबेटीएस होने की संभावनाए ज्यादा है।

फ्रिज को कौन सी दिशा में रखना चाहिए?

वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार घर में टीवी-फ्रिज की द‍िशा हमेशा दक्षिण-पूर्व ही होनी चाहिए। इस द‍िशा को अग्नि देव की द‍िशा माना जाता है। यही वजह है क‍ि इस द‍िशा में इलेक्‍ट्रॉन‍िक वस्‍तुएं रखने से जल्‍दी खराब नहीं होती। साथ ही इस घर में भी सुख-समृद्धि का वास होता है।

घर में दीवार घड़ी कौन सी दिशा में लगाएं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार घड़ी, उत्तर पूरब दिशा की दीवार पर लगाना शुभ है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरब और उत्तर दिशा में सकारात्मक उर्जा का भरपूर संचार होता है. इन दिशाओं में घड़ी लगाने से शुभ फल मिलता है.

ईशान कोण में सोने से क्या होता है?

* किसी दंपती का बेडरूम बनाने के लिए ईशान कोण अशुभ फलदायी जगह है। किसी नवदंपती को तो भूलकर भी ईशान कोण में अपना बेडरूम नहीं बनाना चाहिए। * नवविवाहिता अगर ईशान कोण पर बने बेडरूम में रहती है तो यह निश्चित है कि या तो वह गर्भधारण ही नहीं कर पाएगी या उसे बार-बार गर्भपात का शिकार होना पड़ेगा।

झाड़ू कौन सी दिशा में रखना चाहिए?

झाड़ू को दरवाजे के पीछे छुपाकर रखते हैं या वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू रखने के लिए घर की दक्षिण-पश्‍चिम दिया या पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए। 7. झाड़ू को कभी भी खड़ी नहीं रखना चाहिए। झाड़ू को भूमि पर लिटाकर ही रखना चाहिए।

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ईशान कोण में किचन हो तो क्या करना चाहिए?

जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए. इसके अलावा घर में अन्नपूर्णा या अनाज भरे हुए गणेशजी लगाना भी शुभ होता है, इससे घर में बरक्कत बढ़ती है.

किचन में कौन से भगवान की फोटो लगाना चाहिए?

हमेशा अनाज के भंडार भरे रहते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा अगर आपकी रसोई वास्तु के अनुसार दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा में नहीं बनी है या उसमें वास्तु से जुड़ी कोई अन्य परेशानी है तो रसोई के उत्तर-पूर्व, यानी ईशान कोण में सिंदूरी रंग के गणेश जी, यानी कि हेरम्ब गणेश जी की तस्वीर लगानी चाहिए।

घर के पूर्व और उत्तर के बीच ईशान कोण होता है.

ईशान कोण में क्या करें?

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. ईशान कोण देव गुरु का कोण है. इस कोण को भगवान ब्रह्मा , विष्णु का निवास स्थान कहा जाता है. वास्तु पुरुष का शीश ईशान कोण में ही रहता है जिसे भगवान शिव की संज्ञा दी जाती है क्योंकि उत्तर और पूर्व दोनों ही शिव ऊर्जा के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं.

ईशान कोण में कौन सा पौधा लगाना चाहिए?

यदि आप अपनी पुष्प वाटिका ईशान कोण में बनाना चाहते हैं तो यहां पर हल्के फूलों वाले पौधे या फिर बेल, जैसे कि तुलसी, आंवला आदि लगा सकते हैं. वास्तु के अनुसार आम का पेड़ ईशान और पूर्व दिशा में, जामुन का पेड़ दक्षिण व नैऋत्य कोण के बीच में, अनार का पेड़ घर से बाहर आग्नेय दिशा में लगाना शुभ माना गया है.

क्या ईशान कोण में किचन बना सकते हैं?

वास्तु के अनुसार, भोजन पकाते समय हमेशा आपका मुख पूर्व दिशा में रहे तो इसे शुभ माना गया है। दरअसल ऐसे उस दिशा की सकारात्मक ऊर्जा आपको प्राप्त होती है और आप अपना काम बेहतर कर पाते हैं। हालांकि ईशानकोण में किचन का निर्माण बिल्कुल निषेध माना गया है।

कौन सा पौधा लगाने से घर में लक्ष्मी आती है?

– घर में तुलसी का पौधा शुभ माना जाता है. तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. इसे पूरब, उत्तर या पूरब-उत्तर दिशा में लगाना चाहिए. तुलसी का पौधा लगाने से घर में भगवान की कृपा बनी रहती है.

घर में अनाज कौन सी दिशा में रखना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर आप रसोई घर में ही अनाज का भंडारण करने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं तो इसके लिए किचन की उत्तर-पश्चिम दिशा यानी वायव्य कोण सबसे अच्छा माना जाता है. कहते हैं कि इस कोण में सामान रखने से घर में कभी भी किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती.

घर में पानी का टैंक कौन सी दिशा में होना चाहिए?

वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए शुभ है। इस दिशा में पानी होने से धन लाभ होता है। ऐसा घर उन्नति और समृद्धि देने वाला माना गया है। उत्तर दिशा में पानी का टेंक या पीने का पानी रखा जाए तो ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है।

नल का मुंह किधर होना चाहिए?

वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी किचन में सिंक, पानी का नल पानी रखने का स्थान ये सब उत्तर दिशा से उत्तर-पूर्व दिशा के बीच हो। बता दें ये बात स्वतंत्र मकान में भी लागू होती और बंद मकान यानि कि फ़्लैट में भी।

नैऋत्य कोण में क्या रखना चाहिए?

नैऋत्य कोण दक्षिण-पश्चिम के मध्य स्थान को कहते हैं. इस कोण में पृथ्वी तत्व का स्थान माना गया है. इस दिशा के स्वामी राहु-केतु है. नैऋत्य कोण में ऊंचा और भारी रखना चाहिए.