परिवर्तन शब्द से कौन सा उपसर्ग अलग होगा? - parivartan shabd se kaun sa upasarg alag hoga?

विषयसूची

  • 1 परिवर्तन में उपसर्ग क्या है?
  • 2 परिवर्तन शब्द कौन सा है?
  • 3 गैरहाजिर में कौन सा समास है?
  • 4 चिकनाहट में उपसर्ग क्या है?
  • 5 अध का उपसर्ग क्या होगा?
  • 6 प्रत्येक में उपसर्ग क्या है?
  • 7 अभिव्यक्त शब्द में मूल शब्द क्या है?
  • 8 परी का उपसर्ग क्या होगा?
  • 9 कड़वाहट शब्द में कौन सा प्रत्यय लगा है?

परिवर्तन में उपसर्ग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्‍पष्‍टीकरण – परिवर्तन में ‘परि’ उपसर्ग का प्रयोग हुआ है।

गैरहाजिर में कौन सा उपसर्ग है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न – गैरहाजिर में कौनसा उपसर्ग है? उत्तर – गैरहाजिर में ‘गैर’ उपसर्ग है।

परिवर्तन शब्द कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: परिवर्तन’ शब्द में परि उपसर्ग का प्रयोग हुआ है।

परिवर्तन शब्द में कौन सी संधि है?

इसे सुनेंरोकेंई + आ = या परिवर्तन यण संधि में होता है। अतः विकल्प 3 ‘यण संधि’ सही है। स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

गैरहाजिर में कौन सा समास है?

विभक्तियों के अनुसार तत्पुरुष समास के निम्नलिखित छः भेद हैं

नञ तत्पुरुष शब्दविग्रह
असुन्दर अ + सुन्दर
अनहोनी अन + होनी
नालायक ना + लायक
गैरहाजिर गैर + हाजिर

परिवर्तन का संधि विच्छेद क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनिकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से उत्पन्न परिवर्तन को संधि कहते हैं। वर्णों में संधि करने पर स्वर , व्यंजन अथवा विसर्ग में परिवर्तन आता है। अतः संधि तीन प्रकार की होती है १ स्वर संधि २ व्यंजन संधि ३ विसर्ग संधि।

चिकनाहट में उपसर्ग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंचिकनाहट : चिकना + आहट ‘चिकनाहट’ में ‘आहट’ प्रत्यय होगा और ‘चिकना’ मूल शब्द होगा।

अभिव्यक्त शब्द में उपसर्ग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. अभिव्यक्त शब्द में अभि उपसर्ग है।

अध का उपसर्ग क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंउपसर्ग से बने शब्द अधजला, अधखिला, अधपका, अधकचरा, अधकच्चा, अधमरा इत्यादि। उनतीस, उनचास, उनसठ, इत्यादि। भरपेट, भरपूर, भरदिन इत्यादि।

अब का उपसर्ग क्या है?

2. हिन्दी के उपसर्ग(तद्भव)(22)

उपसर्गउपसर्गयुक्त शब्द
2. अध(आधा) अधपका, अधमरा, अधजला, अधखिला, अधनंगा, अधगला
3. उ उचक्का, उजड़ना, उछलना, उखाड़ना, उतावला
4. उन(एक कम) उनचालीस, उन्नीस, उनतीस, उनसठ, उन्नासी
5. औ(अब) औगुन, औगढ़, औसर, औघट, औतार

प्रत्येक में उपसर्ग क्या है?

इसे सुनेंरोकें. प्रत्येक शब्द में कौन सा उपसर्ग लगा है? उत्तर – प्रति 2.

उपसर्ग कितने है?

इसे सुनेंरोकें१. संस्कृत के उपसर्ग या तत्सम उपसर्ग- इनकी संख्या २२ है। २. हिन्दी के उपसर्ग या तद्भव उपसर्ग- इनकी संख्या १० है।

अभिव्यक्त शब्द में मूल शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकें’अभिव्यक्ति’ शब्द में उपसर्ग है.

अभिव्यक्ति में प्रत्यय क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमध्य प्रत्यय(इन्फिक्स) अभिव्यक्ति: रुप (a संकारक b)की अभिव्यक्ति है। जब एक संकारक प्रत्येक युग्म संकार्य के बीच में होता है। प्रत्यय(पोस्टफिक्स) अभिव्यक्ति: रुप ( a b संकारक) की अभिव्यक्ति है। जब प्रत्येक युग्म संकार्य के लिए एक ऑपरेटर का पालन किया जाता है।

परी का उपसर्ग क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंपरि उपसर्ग से शब्द- परिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिधि, परिपूर्ण, परिवेष्टन, परिभ्रमण, परिहार, परिवर्तन, परिवार, परिस्थिति, परिधान, परिजन, परिश्रम, परिचय।

प्रबलता में क्या उपसर्ग है?

इसे सुनेंरोकेंप्रबलता में ‘प्र’ उपसर्ग होगा।

कड़वाहट शब्द में कौन सा प्रत्यय लगा है?

इसे सुनेंरोकेंअतः ‘कड़वाहट’ में ‘आहट’ प्रत्यय और ‘कड़वा’ मूल शब्द है।

प्रबल में उपसर्ग और मूल शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न – प्रबल में कौनसा उपसर्ग है? उत्तर – प्रबल में ‘प्र’ उपसर्ग है।

उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।


उदाहरण:

  • प्र + हार = प्रहार, 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे 'प्र' शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा - 'प्रहार' (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना।
  • आ + हार = आहार, 'आ' जोड़ने से आहार (भोजन)
  • सम् + हार = संहार (विनाश) ,संयोग
  • वि' + हार = विहार' (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे।

उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं।

नी के ऊपर[संपादित करें]

हिंदी में बाइस (22) उपसर्ग हैं।

अति - excessive, surpassing, over, beyond

अधि - above, additional, upon

अनु - after, behind, along, near, with, orderly

अप - away, off, back, down, negation, bad, wrong

अपि - placing over, uniting, proximity, in addition to

अभि - intensive, over, towards, on, upon

अव - down, off, away

- towards, near, opposite, limit, diminutive

उत्, उद् - up, upwards, off, away, out, out of, over

उप - near, inferior, subordinate, towards, under, on

दुस्, दुर्, दुः - bad, hard, difficult, inferior

नि - negation, in, into, down, back

निस्, निर्, निः - negative, out, away, forth, intensive

परा - away, off, aside

परि - round, about, fully

प्र - forth, on, onward, away, forward, very, excessive, great

प्रति - towards, in opposition to, against, upon, in return,back, likeness, every

वि - without, apart, away, opposite, intensive, different

सम् - with, together, completely

सु - good, well, easy

उदाहरण
  • अति - (आधिक्य) अतिशय, अतिरेक;
  • अधि - (मुख्य) अधिपति, अध्यक्ष
  • अधि - (वर) अध्ययन, अध्यापन
  • अनु - (मागुन) अनुक्रम, अनुताप, अनुज;
  • अनु - (प्रमाणें) अनुकरण, अनुमोदन.
  • अप - (खालीं येणें) अपकर्ष, अपमान;
  • अप - (विरुद्ध होणें) अपकार, अपजय.
  • अपि - (आवरण) अपिधान = अच्छादन
  • अभि - (अधिक) अभिनंदन, अभिलाप
  • अभि - (जवळ) अभिमुख, अभिनय
  • अभि - (पुढें) अभ्युत्थान, अभ्युदय.
  • अव - (खालीं) अवगणना, अवतरण;
  • अव - (अभाव, विरूद्धता) अवकृपा, अवगुण.
  • आ - (पासून, पर्यंत) आकंठ, आजन्म;
  • आ - (किंचीत) आरक्त;
  • आ - (उलट) आगमन, आदान;
  • आ - (पलीकडे) आक्रमण, आकलन.
  • उत् - (वर) उत्कर्ष, उत्तीर्ण, उद्भिज्ज
  • उप - (जवळ) उपाध्यक्ष, उपदिशा;
  • उप - (गौण) उपग्रह, उपवेद, उपनेत्र
  • दुर्, दुस् - (वाईट) दुराशा, दुरुक्ति, दुश्चिन्ह, दुष्कृत्य.
  • नि - (अत्यंत) निमग्न, निबंध
  • नि - (नकार) निकामी, निजोर.
  • निर् - (अभाव) निरंजन, निराषा
  • निस् (अभाव) निष्फळ, निश्चल, नि:शेष.
  • परा - (उलट) पराजय, पराभव
  • परि - (पूर्ण) परिपाक, परिपूर्ण (व्याप्त), परिमित, परिश्रम, परिवार
  • प्र - (आधिक्य) प्रकोप, प्रसारित, प्रबल
  • प्रति - (उलट) प्रतिकूल, प्रतिच्छाया,
  • प्रति - (एकेक) प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रत्येक
  • वि - (विशेष) विख्यात, विनंती, विवाद
  • वि - (अभाव) विफल, विधवा, विसंगति
  • सम् - (चांगले) संस्कृत, संस्कार, संगीत,
  • सम् - (बरोबर) संयम, संयोग, संकीर्ण.
  • सु - (चांगले) सुभाषित, सुकृत, सुग्रास;
  • सु - (सोपें) सुगम, सुकर, स्वल्प;
  • सु - (अधिक) सुबोधित, सुशिक्षित.

कुछ शब्दों के पूर्व एक से अधिक उपसर्ग भी लग सकते हैं।

उदाहरण

  • प्रति + अप + वाद = प्रत्यपवाद
  • सम् + आ + लोचन = समालोचन
  • वि + आ + करण = व्याकरण

अत्युत्कृष्ट, निर्विकार, सुसंगति इत्यादि

उर्दू-फारसी के उपसर्ग

अल - निश्चित, अन्तिम - अलविदा, अलबत्ता

कम - हीन, थोड़ा, अल्प - कमसिन, कमअक्ल, कमज़ोर

खुश - श्रेष्ठता के अर्थ में - खुशबू, खुशनसीब, खुशकिस्मत, खुशदिल, खुशहाल, खुशमिजाज

ग़ैर - निषेध - ग़ैरहाज़िर ग़ैरकानूनी ग़ैरवाजिब ग़ैरमुमकिन ग़ैरसरकारी ग़ैरमुनासिब

दर - मध्य में - दरम्यान दरअसल दरहकीकत

ना - अभाव - नामुमकिन नामुराद नाकामयाब नापसन्द नासमझ नालायक नाचीज़ नापाक नाकाम

फ़ी - प्रति - फ़ीसदी फ़ीआदमी

ब - से, के, में, अनुसार - बनाम बदस्तूर बमुश्किल बतकल्लुफ़

बद - बुरा - बदनाम बदमाश बदकिस्मत बदबू बदहज़मी बददिमाग बदमज़ा बदहवास बददुआ बदनीयत बदकार

बर - पर, ऊपर, बाहर - बरकरार बरवक्त बरअक्स बरजमां कंठस्थ

बा - सहित - बाकायदा बाकलम बाइज्जत बाइन्साफ बामुलाहिज़ा

बिला - बिना - बिलावज़ह बिलालिहाज़ बिलाशक बिलानागा

बे - बिना - बेबुनियाद बेईमान बेवक्त बेरहम बेतरह बेइज्जत बेअक्ल बेकसूर बेमानी बेशक

ला - बिना, नहीं - लापता लाजबाब लावारिस लापरवाह लाइलाज लामानी लाइल्म लाज़वाल

'उपसर्ग' के अन्य अर्थ[संपादित करें]

  • (१) बुरा लक्षण या अपशगुन
  • (२) वह पदार्थ जो कोई पदार्थ बनाते समय बीच में संयोगवश बन जाता या निकल आता है (बाई प्राडक्ट)। जैसे-गुड़ बनाते समय जो शीरा निकलता है, वह गुड़ का उपसर्ग है।
  • (३) किसी प्रकार का उत्पात, उपद्रव या विघ्न
योगियों की योगसाधना के बीच होनेवाले विघ्न को उपसर्ग कहते हैं। ये पाँच प्रकार के बताए गए हैं : (1) प्रतिभ, (2) श्रावण, (3) दैव,। मुनियों पर होनेवाले उक्त उपसर्गों के विस्तृत विवरण मिलते हैं। जैन साहित्य में विशेष रूप से इनका उल्लेख रहता है क्योंकि जैन धर्म के अनुसार साधना करते समय उपसर्गो का होना अनिवार्य है और केवल वे ही व्यक्ति अपनी साधना में सफल हो सकते हैं जो उक्त सभी उपसर्गों को अविचलित रहकर झेल लें। हिंदू धर्मकथाओं में भी साधना करनेवाले व्यक्तियों को अनेक विघ्नबाधाओं का सामना करना पड़ता है किंतु वहाँ उन्हें उपसर्ग की संज्ञा यदाकदा ही गई है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • प्रत्यय
  • व्युत्पत्ति
  • व्याकरण

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • The multiplication of meanings: Sanskrit prefix 101

परिवर्तन शब्द में कौनसा उपसर्ग हैं?

स्‍पष्‍टीकरण - परिवर्तन में 'परि' उपसर्ग का प्रयोग हुआ है।

परिवर्तन में उपसर्ग और मूल शब्द क्या है?

यहाँ पर मूल शब्द 'परिवर्त' एक संज्ञा है जिसमें तद्धित प्रत्यय (संस्कृत) 'इत' जुडने से बना शब्द 'परिवर्तित' तद्धितान्त (विशेषण) शब्द कहा जाएगा। प्रत्यय वे शब्द होते हैं दूसरे शब्द के अंत में जुड़ कर उस शब्द के अर्थ में अपने अनुरूप परिवर्तन उत्पन्न कर देते हैं और अर्थ भी बदल देते हैं।

उपसर्ग वाले शब्द कौन कौन से हैं?

हिन्दी के उपसर्ग.
अ– अभाव, निषेध – अछूता, अथाह, अटल.
अन– अभाव, निषेध – अनमोल, अनबन, अनपढ़.
कु– बुरा – कुचाल, कुचैला, कुचक्र.
दु– कम, बुरा – दुबला, दुलारा, दुधारू.
नि– कमी – निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा.
औ– हीन, निषेध – औगुन, औघर, औसर, औसान.
भर– पूरा – भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार.
सु– अच्छा – सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल.

उपसर्ग को कैसे पहचाने?

(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है। (b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है। उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है।