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शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है?निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर उपयुक्त विकल्पों के द्वारा दीजिये - (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); राहे पर खड़ा है, सदा से ठूँठ नहीं है। दिन थे जब वह हरा भरा था और उस जनसंकुल चौराहे पर अपनी छतनार डालियों से बटोहियों की थकान अनजाने दूर करता था।पर मैंने उसे सदा ठूँठ ही देखा है। पत्रहीन, शाखाहीन, निरवलंब, जैसे पृथ्वी रूपी आकाश से सहसा निकलकर अधर में ही टंग गया हो। रात में वह काले भूत-सा लगता है, दिन में उसकी छाया इतनी गहरी नहीं हो पाती जितना काला उसका जिस्म है और अगर चितेरे को छायाचित्र बनाना हो तो शायद उसका-सा ‘अभिप्राय’ और न मिलेगा। प्रचंड धूप में भी उसका सूखा शरीर उतनी ही गहरी छाया ज़मीन पर डालता जैसे रात की उजियारी चांदनी में। जब से होश संभाला है, जब से आंख खोली है, देखने का अभ्यास किया है, तब से बराबर मुझे उसका निस्पंद, नीरस, अर्थहीन शरीर ही दिख पड़ा है। पर पिछली पीढ़ी के जानकार कहते हैं कि एक जमाना था जब पीपल और बरगद भी उसके सामने शरमाते थे और उसके पत्तों से, उसकी टहनियों और डालों से टकराती हवा की सरसराहट दूर तक सुनाई पड़ती थी। पर आज वह नीरव है, उस चौराहे का जवाब जिस पर उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम चारों और की राहें मिलती हैं और जिनके सहारे जीवन अविरल बहता है। जिसने कभी जल को जीवन की संज्ञा दी, उसने निश्चय जाना होगा की प्राणवान जीवन भी जल की ही भांति विकल, अविरल बहता है। सो प्राणवान जीवन, मानव संस्कृति का उल्लास उपहार लिए उन चारों राहों की संधि पर मिलता था जिसके एक कोण में उस प्रवाह से मिल एकांत शुष्क आज वह ठूँठ खड़ा है। उसके अभाग्यों परंपरा में संभवतः एक ही सुखद अपवाद है – उसके अंदर का स्नेहरस सूख जाने से संख्या का लोप हो जाना। संज्ञा लुप्त हो जाने से कष्ट की अनुभूति कम हो जाती है।Question 1: शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है?Right Answer is: CSOLUTIONउपरोक्त विकल्पों में ठूँठ वृक्ष विकल्प ही सटीक विकल्प है। अतः स्पष्ट है कि ठूँठ वृक्ष विकल्प ही सही विकल्प है ,अन्य विकल्प असंगत है। स्पष्टीकरण :- प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार लेखक ने आम के सूखे वृक्ष का वर्णन किया है। उसकी असमर्थता को बतलाया है कि अब उम्र के साथ उसमे क्या -क्या खामियाँ आ गयी है। उसकी इस अवस्था का लेखक ने बहुत मार्मिक ढंग से वर्णन किया हैं। विशेष :- काव्य शिरोमणि रहीमदास जी पेड़ों के विषय में कह रहें है - "वे रहीम अब बिरछ कहुँ ,जिनकर छाँह गंभीर। बागान बिच -बिच देखियत ,सेहुड़ कुटज क़रीर। l " शाखाहीन शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है?शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को ठूंठ कहा जाता है । 4. आम के वृक्ष के सामने पीपल और बरगद के शरमाने का कारण यह था कि आम का पेड़ उनसे अधिक सघन तथा हरा- भरा पेड़ था।
वृक्ष की छतनार डालियों के कारण क्या होता था?2. आम की छतनार डालियों के कारण राहगीरों तथा पाथिकों की थकान दूर होती थी। 3. शाखाहीन, रसहीन तथा शुष्क वृक्ष को ठूंठ कहा जाता है।
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