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शंकर जैसे युवक को रीढ़ विहीन क्यों कहा गया है?हमारा समाज इन मानसिकताओं का गुलाम बनकर बिना रीढ़ वाला शरीर हो जाता है। दूसरी तरफ़ यहाँ शंकर जैसे लड़कों से भी यही तात्पर्य है बिना रीढ़ का। इस प्रकार के लड़कों का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं होता और न ही इनका कोई चरित्र होता है।
रीढ़ की हड्डी जैसे एकांकी और नाटकों से समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा तर्क सहित उत्तर दीजिए?उत्तर: इस एकांकी का उद्देश्य है समाज की विडंबनाओं को दिखाना। एक ओर समाज आगे बढ़ने की इच्छा रखता है तो दूसरी ओर उसकी बेड़ियाँ उसे आगे नहीं बढ़ने दे रही हैं। लेकिन हर काल में हर समाज में कुछ ऐसे लोग आगे आते हैं जो पुरानी बेड़ियों को तोड़ने की कोशिश करते हैं।
ख रीढ़ की हड्डी शीर्षक एकांकी में कथावस्तु के आधार पर आप किसे मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?रीढ़ की हड्डी कथा वस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों? इस कहानी में कई पात्र है परन्तु सबसे सशक्त पात्र बनकर जो उभरता है वह उमा ही है। क्योंकि पूरी एकांकी इसके ही इर्द-गिर्द घूमती है।
कलसों से नहाता था लोटों की तरह रीढ़ की हड्डी के इस कथन द्वारा कौन क्या कहना चाहता है?— अबे, हमने भी जवानी में कसरतें की हैं। कलसों से नहाता था लोटों की तरह।
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