Show ताड़का का जीवन परिचय Biography of tadkaहैलो दोस्तों इस लेख ताड़का के जीवन परिचय (Biography of tadka ) में आपका बहुत - बहुत स्वागत है। इस लेख में एक और पौराणिक रामायण पात्र ताड़का के बारे में बताया गया है। इस लेख में ताड़का कौन थी, तड़का के पति, ताड़का वन तथा ताड़का के वध का वर्णन किया गया है. तो दोस्तों आइये शुरू करते है, ताड़का कौन थी। दुर्वासा ऋषि का जीवन परिचय ताड़का कौन थी who was tadkaरामायण भगवान श्रीराम की जीवन गाथा है, जो प्राचीन कवि वाल्मीकि (Balmiki) द्वारा लिखी गयी है, जिसमें ताड़का एक प्रमुख पात्र थी। राक्षसी ताड़के के पुत्र मारीच तथा सुबाहु थे जो बड़े ही दुष्ट प्रवृति के थे और मारीच और रावण की माँ केकसी के बीच भाई बहिन का रिश्ता था ताड़का अतिबलशाली तथा क्रूर प्रवृति की राक्षसी थी जो वन में रहा करती थी तथा वहाँ से आने-जाने वाले लोगो ऋषि मुनियों को कष्ट पहुँचाती तथा उन्हें मारकर खा जाती थी। ताड़का का अर्थ Meaning of tadakaताड़का शब्द संस्कृत भाषा (Sanskrit Languadge) का स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द है। ताड़का का अर्थ ताड़ बृक्ष के पत्ते समान विशाल, खुश ताड़ सम्बन्धी होता है। हिंदी में ताड़का विशेषण शब्द है। ताड़का एक यक्ष सुकेतु की कन्या थी। जिसका विवाह सुंड नामक राक्षस से हुआ था। ताड़का महर्षि अगस्त्य के श्राप के कारण राक्षसी बन गई थी। जिसका संहार भगवान श्रीराम ने किया था। ताड़का का जन्म Birth of tadkaसुकेतु नामक एक अत्यंत बलवान यक्ष था। जिसकी कोई भी संतान नहीं थी, संतान प्राप्ति के लिए सुकेतु ने ब्रह्मा जी की बहुत ही कठोर तपस्या की तथा तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे संतान प्राप्ति का वरदान दिया, ब्रह्मा जी के वरदान से सुकेतु के घर एक पुत्री का जन्म हुआ, जिसका नाम ताड़का रखा गया। सुकेतु ने ब्रह्मा जी से तड़का के अतिबल होने का वरदान भी ले लिया था जिसकारण ताड़का में हजार हाथियों का बल था तथा इसी बल के मद में चूर ताड़का अति बलवान राक्षसी बन गयी थी । ताड़का अपने पति और दो पुत्रों सुबाहू और मारीच के साथ अयोध्या के समीप एक सुंदरवन में रहती थी। ताड़का के शरीर में हजार हाथियों का बल था। जिससे उसके प्रकोप से उस सुंदरवन का नाम ताड़का वन हो गया था। उस वन में अनेक मुनि और विश्वामित्र भी जप-तप करते थे । राक्षस उनके यज्ञ में हमेशा बाधाएँ खड़ी करते थे, इन बाधाओं से थक हार कर विश्वामित्र ने महाराज दशरथ से विनती करके 16 वर्षीय राम और लक्ष्मण को सुंदरवन ले गए। राम ने विश्वामित्र के यज्ञ की पूर्णाहुति सुबाहु का वध कर दिया और मारीच राम के बांण से घायल होकर दक्षिण में समुद्र के तट पर जा गिरा। और जीवित बचा रह गया और उसने राम जी से बदला लेने की ठान ली।, सीता हरण के समय रावण ने मारीच की मायावी बुद्धि की सहायता ली थी। इसे भी पढ़े :-
ताड़का का पति कौन था Tadka's Husbandजब ताड़का विवाह योग्य हुई तो खेतों में ताड़का का विवाह एक सुंड (Sund) नामक राक्षस से कर दिया। उससे मारीच का जन्म हुआ। सुंड एक राक्षस था, इसलिए उससे विवाह करके ताड़का भी एक राक्षसी कहलाने लगी। ताड़का बहुत ही खूबसूरत थी। ताड़का हर दिन अपने पुत्रों के साथ ऋषि-मुनियों को सताती थी। इसी कारण एक दिन विश्वामित्र ने उसे कुरुप होने का श्राप दे दिया। ताड़का के पुत्र मारीच और सुबाहु राक्षस से उत्पन्न होकर भी स्वयं राक्षस नहीं थे लेकिन वह बचपन से ही बहुत ही उपद्रवी थे। वे ऋषि-मुनियों (Rishi Muni) को बहुत ही कष्ट दिया करते थे इसलिए एक दिन उनके इन चीजों से तंग होकर अगस्त्यमुनि ने उनको राक्षस होने का श्राप दिया, यह सुनकर सुंड बहुत ही अधिक क्रोधित हो गया और अगस्त्य मुनि को मारने पहुँच गया। यह देख अगस्त मुनि ने शाप देकर सुंड को उसी समय भस्म कर दिया। ताड़का अपने पुत्र की दुर्गति और अपने पति की मृत्यु का बदला लेने के लिए अगस्त्य ऋषि के पास पहुँची, यह देख अगस्त मुनि ने ताड़का पर क्रोधित होकर उसे भी श्राप देकर उसकी सुंदरता को कुरुपता में बदल दिया। ताड़का ने अपने कुरूप रूप को देखकर और अपने पति की मृत्यु से क्रोधित होकर अगस्त्य मुनि के आश्रम को नष्ट कर दिया। ताड़का वन का नाम क्या था What was the name of tadka vanमहर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में ऐसे कई पात्र हैं जो अपनी मायावी शक्तियों के लिए परिचित हैं। इनमें से एक पात्र है ताड़का जो सुकेतु नामक यक्ष की पुत्री थी जिसका विवाह सुंड नामक राक्षस से कर दिया गया था जैसे ताड़का के पूरे परिवार की प्रवृत्तियाँ राक्षसी प्रवृतियों में बदल गई थी। ताड़का अयोध्या (Ayodhya) के समीप ही एक बन में रहा करती थी जिसका पहले नाम सुंदरवन था किंतु ताड़का में अपार हाथियों का बल होने के कारण तथा राक्षसी प्रवृतियाँ होने के कारण उस बन में ताड़का का राज शुरू हो गया इसलिए सुंदरबन (Sundarvan) का नाम ताड़का वन हो गया ताड़का तथा उसके दोनों पुत्र सुबाहु तथा मारीच देवी देवताओं के लिए किए जाने वाले यज्ञ संबंधी कार्यों में विघ्न डालते थे तथा ऋषि-मुनियों को कष्ट पहुँचाया करते थे। जिसका वध भगवान श्री राम के द्वारा किया गया। ताड़का का वध किसने किया Tadka's Deathताड़का के प्रकोप के द्वारा सुंदरवन बहुत ही भयाभय तथा डरावना हो गया था। ऋषि मुनि भी उनके अत्याचारों से परेशान हो गए थे। अंततः महर्षि विश्वामित्र महाराज दशरथ के महल पहुँचे और बोले! हे राजन सुंदरवन में तड़का मारीच तथा सुबाहु ने आतंक मचा रखा है ऋषिगण उनके आतंक से अनुष्ठान, यज्ञ भी नहीं कर पा रहे है. जब यज्ञ होता है तो ये राक्षस आकार यज्ञ में कई बाधाएँ डालते है तथा ऋषि मुनियों को मार देते है। अतः उन राक्षसों का नाश करने के लिए हम आपसे आपके पुत्र राम को साथ लेने आये है। बड़े भारी हृदय से महाराज दशरथ ने राम तथा लक्ष्मण को महर्षि के साथ भेज दिया। विश्वामित्र राम लक्ष्मण के साथ सुंदरवन में पहुँचे तब वहाँ का भयानक वातावरण देखकर दोनों भाई आश्चर्यचकित हो गए धना वन चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा तथा जंगली जानवरों का शोर विश्वामित्र राम तथा लक्ष्मण उस स्थान पर पहुँचे जहाँ ताड़का सो रही थी तभी राम के धनुष की टंकार से घोर गर्जना हुई और ताड़का जाग गयी जैसे ही ताड़का ने राम लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ देखा, तो उन पर टूट पड़ी ताड़का और श्रीराम के बीच भयंकर युद्ध हुआ जिससे सारा वन कांप उठा अंततः श्रीराम का एक तीर ताड़का के ह्रदय में जा लगा और उसका अंत हो गया ताड़का मरते ही सारा वन तथा ऋषिगण भयमुक्त हो गए। दोस्तों आपने इस लेख में ताड़का का जीवन परिचय (Biography of Tadka) पढ़ा। आपको ये लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइयेगा तथा शेयर करना बिल्कुल ना भूलें Thankyou इसे भी पढ़े:-
सुंदरवन का नाम ताड़का वन क्यों पड़ गया था?यह सुकेतु यक्ष की पुत्री थी जिसका विवाह सुड नामक राक्षस के साथ हुआ था। यह अयोध्या के समीप स्थित सुंदर वन में अपने पति और दो पुत्रों सुबाहु और मारीच के साथ रहती थी। उसके शरीर में हजार हाथियों का बल था। उसके प्रकोप से सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था।
सुंदरवन का नाम क्या पड़ गया था?भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरवन 54 छोटे द्वीपों का समूह है.
ताड़का वन का दूसरा नाम क्या था?ताड़का अपने पति और दो पुत्रों सुबाहू और मारीच के साथ अयोध्या के समीप एक सुंदरवन में रहती थी। ताड़का के शरीर में हजार हाथियों का बल था। जिससे उसके प्रकोप से उस सुंदरवन का नाम ताड़का वन हो गया था।
ताड़का पूर्व जन्म में कौन थी?आनंद रामायण के अनुसार ताड़का पहले एक सुंदर अप्सरा थी। वह सुकेतु यक्ष की पुत्री थी। लेकिन एक बार जब उसने तप करते हुए ऋषि अगस्त्य को सताया, तब उनके शाप से वह कुरूप राक्षसी ताड़का बन गई। उससे एक राक्षस से विवाह भी किया।
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