स्थानीय स्वशासनभारतीय अवधारणा/नवाचार है। स्थानीय स्वशासन का अर्थ स्थानीय स्तर की उन संस्थाओं से है जो जनता द्वारा चुनी जाती है तथा जिन्हें राष्ट्रीय या प्रान्तीय शासन के नियंत्रण में रहते हुए नागरिकों की स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिकार और दायित्व प्राप्त होते हैं। Show
Local government in India
सन् 1882 में लॉर्ड रिपन द्वारा स्थानीय स्वशासन की संस्थाएँ के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए एक प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रस्ताव को स्थानीय स्वशासन का मेग्नाकार्टा कहा जाता है।लॉर्ड रिपन काे भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता है। sthaniya swashasanगाँधीजी की ग्राम स्वराज की अवधारणा स्थानीय स्वशासन से संबंधित है। इस अवधारणा का उल्लेख अपनी पुस्तक My Picture of the free India में किया। गाँधी के अनुसार यदि भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है तो गाँव को आत्मनिर्भर बनाना होगा। ग्रामीण स्थानीय स्वशासन ( पंचायती राज )भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में राज्यों द्वारा ग्राम पंचायतों के गठन किये जाने का उल्लेख है। भारत में स्थानीय स्वशासनग्रामीण स्थानीय स्वशासन (पंचायती राज) एवं नगरीय स्वायत्त शासन के रूप में विधमान है। पंचायती राज का विकास
समिति की अनुशंसा
पंचायती राज की स्थापना
पंचायती राज संस्थाओं का संवैधानिकरण
73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँग्राम सभा [अनुच्छेद 243 (A)]
नोट :– पंचायतों की सबसे छोटी इकाई ग्राम सभा हाेती है। ग्राम सभा के कार्य
पंचायतों का गठन [अनुच्छेद 243 (C)]
चुनाव
सीटों का आरक्षण [अनुच्छेद 243 (D)]
नोट :- अनुच्छेद 243(D) में स्पष्ट उल्लेखित है कि अनुसूचित जाति का आरक्षण का प्रावधान अरूणाचल प्रदेश में लागु नहीं होगा। नोट :- अनुच्छेद 243(D) में यह भी उल्लेखित है कि यह आरक्षण अनुच्छेद 334 के अनुरूप लागु होगा। नोट :- 110 वाँ संविधान संशोधन विधेयक द्वारा इस महिला आरक्षण को 1/3 से बढ़ाकर 1/2 करने का प्रस्तावित किया गया था लेकिन यह विधेयक 2009 में लोकसभा में रखा गया था जो कि समाप्त हो गया। पंचायतों का कार्यकाल [अनुच्छेद 243 (E)]
सदस्यता हेतु योग्यता [अनुच्छेद 243 (F)]
पंचायतों की शक्तियाँ , प्राधिकार, उत्तरदायित्व [अनुच्छेद 243(G)]
पंचायतों की करारोपण शक्ति (अनुच्छेद 243 (H)]
राज्य वित्त आयोग [अनुच्छेद 243 (I)]
राज्य निर्वाचन आयोग [अनुच्छेद 243 (K)]
अनुच्छेद 243 (L) के तहत इस अधिनियम के उपबंध इसी प्रकार संघ-राज्य क्षेत्रों में लागू होंगे जिस प्रकार अन्य राज्यों में लागू होते हैं। राष्ट्रपति इन क्षेत्रों में अपवादों या संशोधनों के साथ लागू करने के लिए निर्देश दे सकता है। अनुच्छेद 243 (M) के अनुसार इस अधिनियम के प्रावधान निम्न राज्यों के क्षेेत्रों में लागू नहीं होंगे।
अनुच्छेद 243 (O) के अनुसार संविधान में किसी बात के होते भी अनुच्छेद 243(K) के अधीन बनाई गई किसी ऐसी विधि की विधि मान्यता जो निर्वाचन क्षेत्राें के परिसीमन या स्थानों के आवंटन से संबंधित है किसी न्यायालय में प्रश्नगत नहीं की जायेगी। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अनिवार्य एवं स्वैच्छिक प्रावधानअनिवार्य प्रावधान
ऐच्छिक प्रावधान
पंचायती राज का महत्त्व
पंचायती राज की कमियाँ
स्थानीय शासन का कार्य क्या है?“स्थानीय शासन सरकार का वह भाग है जो स्थानीय विषयों का प्रबन्ध करता है, जो सत्ताधारी राज्य सरकार के अधीन प्रशासन चलाते हैं परन्तु उनका निर्वाचन राज्य सरकार के स्वतंत्र एवं सक्षम निवासियों द्वारा किया जाता है।
स्थानीय स्वशासन का उद्देश्य क्या है?स्थानीय सरकार की प्रणाली को अपनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य यही है कि इसके माध्यम से देश के सभी नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को प्राप्त कर सकते हैं। विदित है कि लोकतंत्र की सफलता सत्ता के विकेंद्रीकरण पर निर्भर करती है और स्थानीय स्वशासन के माध्यम से ही शक्तियों का सही विकेंद्रीकरण संभव हो पाता है।
स्थानीय प्रशासन का क्या अर्थ है?स्थानीय सरकार (local government) जन प्रशासन का एक रूप है जो अधिकांश जगहों पर किसी राज्य या राष्ट्र की सबसे निचली श्रेणी की प्रशासनिक ईकाई होती है। इसके ऊपर ज़िले, प्रान्त, राज्य या राष्ट्र का प्रशासन होता है जिसे राजकीय सरकार, राष्ट्रीय सरकार, संघीय सरकार, इत्यादि नामों से जाना जाता है।
स्थानीय स्वशासन का जनक कौन है?लॉर्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है। माना जाता है कि उन्होंने 1882 में स्थानीय स्वशासन की स्थापना करके भारतीयों को स्वतंत्रता का पहला स्वाद दिया था।
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