दर्पण (Mirrors) ऐसे प्रकाशीय तल (optical surfaces) हैं जो प्रकाश की किरणों के परावर्त क (reflection) के द्वारा या तो प्रकाशपुंज को प्रत्यावर्तित कर देते हैं अथवा उसे एक बिंदु पर अभिसृत (converge) करके बिंब (image) का निर्माण करते हैं। प्रकाशीय यंत्रों के, विशेष कर ज्योतिष से संबधित यंत्रों के, निर्माण में दर्पणों ने अत्यंत महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है। Show
दर्पण के तल से परावर्तित होते समय प्रकाश की किरणें दो विशेष नियमों का पालन करती हैं। इन नियमों को परावर्तन के नियम (Laws of Reflection) कहते हैं। ये निम्नलिखित हैं:
यदि कोई तल प्रकाश की किरणों का परावर्तन किसी ऐसे प्रकार से करता है जिसमें किरणें उपर्युक्त नियमों का पालन नहीं करतीं तो ऐसा तल दर्पण का तल न होकर विसारी परावर्तक तल (diffusive reflecting surface) कहा जाएगा। प्राय: सभी दर्पणों की रचना समुचित आकृति के काचतल पर किसी अत्यधिक परावर्तनशील पदार्थ की पतली परत चढ़ाकर की जाती है। यह प्रक्रिया प्राय: निर्वात आलेपन द्वारा संपन्न की जाती है और पदार्थ का चयन उस वर्णक्रम प्रदेश के अनुसार किया जाता है जिसके लिय दर्पण का प्रयोग अभीष्ट है। दृश्य प्रखंड (visible region) के लिए चाँदी सर्वाधिक परावर्तनीयता (reflectivity) प्रदान करती है, किंतु साधारणतया ऐल्यूमिनियम का ही उपयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि एल्यूमिनियम चाँदी की अपेक्षा अधिक टिकाऊ होता है। इसका कारण ऐल्यूमिनियम ऑक्साइड है, जो ऐल्यूमिनियम के वायुमंडल के संपर्क में आने पर बन जाता है। निकटस्थ तथा दूरस्थ अवरक्त प्रखंड (Near and far infra-red region)[संपादित करें]लगभग २ माइक्रॉन तरंगदैर्घ्य तक के प्रकाश के लिए ऐल्यूमिनियम के स्थान पर सोने का उपयोग दर्पण की कलई करने के लिए किया जाता है। ०.३५ म्यू (m) के नीचे वर्णक्रम प्रखंड के लिए पुन: ऐल्यूमिनियम ही उपयुक्त सिद्ध होता है, क्योंकि ०.३१ म्यू (m) के समीप की किरणों के लिए ऐल्यूमिनियम पारदर्शी होता है। ०.१० म्यू (m) के नीचे प्लैटिनम का उपयोग किया जाता है, क्योंकि इन किरणों के लिए ऐल्यूमिनियम पारदर्शी होता है। समतल दर्पण[संपादित करें]एक ओर पाॅलिश की गई काँच की समतल प्लेट समतल दर्पण कहलाती है। समतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का बिंब बनने की प्रक्रिया में निम्नलिखित तीन बातें मुख्य होती हैं :
समतल दर्पण से बननेवाले बिंब आभासी (virtual) होते हैं, क्योंकि परावर्तित किरणें किसी एक बिंदु पर मिलती नहीं, वरन् बिंब से अपसृत (diverge) होती हुई प्रतीत होती हैं। इसलिए ये किरणें किसी पर्दे पर वस्तु के वास्तविक (real) बिंब का निर्माण नहीं कर सकतीं। परस्पर झुके हुए दर्पणों से बिंबों का निर्माण[संपादित करें]जब दो समतल दर्पण एक दूसरे पर झुके हुए होते हैं तब उनके बीच स्थित किसी वस्तु का बिंब दोनों दर्पणों द्वारा बनता है। इन बिंबों से और भी अनेक बिंब पुनरावृत परावर्तनों (repeated reflections) द्वारा बन सकते हैं, प्रतिबिंबों की संख्या = 360◦/θ - 1 होता हैं। जहाँ θ = दो समतल दर्पण झुकाव से बना कोण हैं। दर्पणों का घूर्णन (Rotation of mirrors)[संपादित करें]परावर्तित किरण में दर्पण के घुमाव का दुना घुमाव उत्पन्न हो जाता है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
Course NCERT Class 12Class 11Class 10Class 9Class 8Class 7Class 6 IIT JEE Exam JEE MAINSJEE ADVANCEDX BOARDSXII BOARDS NEET Neet Previous Year (Year Wise)Physics Previous YearChemistry Previous YearBiology Previous YearNeet All Sample PapersSample Papers BiologySample Papers PhysicsSample Papers Chemistry Download PDF's Class 12Class 11Class 10Class 9Class 8Class 7Class 6 Exam CornerOnline ClassQuizAsk Doubt on WhatsappSearch DoubtnutEnglish DictionaryToppers TalkBlogJEE Crash CourseAbout UsCareerDownloadGet AppTechnothlon-2019 Logout Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 8 > Physics > Chapter > प्रकाश > जब समतल दर्पण पर प्रकाश अभिलम्... जब समतल दर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश आपतित हो तो क्या होगा?Updated On: 27-06-2022 UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! लिखित उत्तर Solution : प्रकाश उसी ओर लौट आती है. परावर्तन कोण `0 ^(@)` होता है। उत्तर Step by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams. संबंधित वीडियो177255739 0 3.4 K 3:05 यंग के प्रयोग में दोनों रिलटो से पदों की दुरी 2 मीटर है 4800x 10^(-10)"मीटर"`तरंगदैर्ध्य का प्रकाश उन पर आपतित होता है <br> यदि आपतित प्रकाश का तरंगदैर्द्य बदलकर कर दिया जाता है, तो फ्रेजो की चौड़ाई ज्ञात कीजिये 431673580 0 6.6 K 2:57 x अक्ष के समान्तर समतल का समीकरण होगा - 234320648 0 8.4 K 1:34 यदि यादृच्छिक चरX के संगत प्रायिकता P(X) हो , तो X का प्रसरण `Var (X) = ………` होगा। 306960109 600 3.5 K 3:38 एक समतल निर्देशांक अक्षो को `A, B, C` पर इस प्रकार मिलता है की त्रिभुज ABC का केन्द्रक `(1, 2, 3)` है तो समतल का समीकरण होगा- 306255053 400 2.9 K 3:18 एक समतल निर्देशांकों अक्षों को A,B,C पर इस प्रकार मिलता है कि त्रिभुज ABC का केंद्रक (1,2,3) है तो समतल का समीकरण होगा 142054123 800 6.7 K 2:26 एकवर्णी प्रकाश का एक पुंज (beam of light) काँच की एक प्लेट पर `58^(@ के कोण पर आपतित होता है और परावर्तित किरणपुंज पूरी तरह समतल-ध्रुवित पाया जाता है। काँच का अपवर्तनांक निकालें। Show More Comments Add a public comment... Follow Us:
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समतल दर्पण पर गिरने वाली किसी एकल आपतित किरण के लिए कितनी परावर्तित किरणें हो सकती हैं?Solution : समतल दर्पण पर पड़ने वाली किसी एक आपतित (प्रकाश) किरण के लिए एक परावर्तित किरण हो सकती है।
समतल दर्पण में प्रकाश का परावर्तन कैसे होता है?दर्पण (Mirrors) ऐसे प्रकाशीय तल (optical surfaces) हैं जो प्रकाश की किरणों के परावर्त क (reflection) के द्वारा या तो प्रकाशपुंज को प्रत्यावर्तित कर देते हैं अथवा उसे एक बिंदु पर अभिसृत (converge) करके बिंब (image) का निर्माण करते हैं।
1 समतल दर्पण पर पड़ने वाली एक ही प्रकाश किरण की कितनी परावर्तित किरणें हो सकती हैं ?`?एक कण `y = x^(2) + 2x` से साथ-साथ चलता है।
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