संस्कृत वर्णमाला में कितने स्वर और कितने व्यंजन होते हैं? - sanskrt varnamaala mein kitane svar aur kitane vyanjan hote hain?

 वर्णमाला

(The Alphabet)

संस्कृत में कुल ४६ वर्ण होते हैं । जिसमें १३ स्वर, ३३ व्यंजन हैं ।

वर्ण भाषा की वह इकाई है जिसके और खण्ड नहीं हो सकते वर्ण दो प्रकार के होते हैं-

11) स्वर    स्वर वर्ण के उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता नहीं ली जाती । ये १३ स्वर इस प्रकार हैं-

) सामान्य स्वर - , , , , , , 

) मिश्रित स्वर  - , , , , , लृ

  2)  व्यंजन   ये कुल ३३ हैं-

स्पर्श-वर्ण                कवर्ग   क्  ख्  ग्  घ्  ङ्

चवर्ग   च्  छ्  ज्  झ्  ञ्

टवर्ग    ट्  ठ्  ड्  ढ्  ण्

तवर्ग    त्  थ्  द्  ध्  न्

पवर्ग    प्  फ्  ब्  भ्  म्

अन्तःस्थ                 य्  र्  ल्  व्

ऊष्म                               श् ष्  स्  ह्

इनके अतिरिक्त अनुस्वार (.) और विसर्ग (:) व्यंजन वर्णमाला में न होते हुए भी वर्णों की ही तरह कार्य करते हैं ।

क्+ष् = क्ष्               त्+र् =त्र्                  ज्+ञ् =ज्ञ्

ये तीन व्यंजन भी वर्णमाला में प्रयोग किये जाते हैं । यथा - कक्ष, छात्र, यज्ञ आदि ।

वर्ण-विच्छेद

वर्ण से बड़ी इकाई शब्द है जो वर्णों (स्वर तथा व्यंजन) के मेल से बनती है । इसे निम्नलिखित शब्दों के वर्ण-विच्छेद (अलग-अलग करने) से समझें -

छात्र = छ्++त्+र्+

छात्रा = छ्++त्+र्+

रमा = र्++म्+

बालक = ब्++ल्++क्+

यदि शब्द का अंतिम वर्ण  हो तो वह अकारान्त कहलाता है । यथा - राम, बालक, छात्र, अध्यापक, वृक्ष, पुस्तक इत्यादि ।

यदि शब्द का अंतिम वर्ण  हो तो वह आकारान्त कहलाता है । यथा - रमा, बालिका, छात्रा, अध्यापिका, चेतना आदि ।

संस्कृत वर्णमाला में कितने स्वर कितने व्यंजन होते हैं?

संस्कृत वर्णमाला में 46 अलग-अलग अक्षर होते हैं। लेकिन बाद में देवनागरी लिपि, जिसमें 14 स्वर और 33 व्यंजन सहित 47 प्राथमिक वर्ण हैं

संस्कृत में स्वर कितने हैं *?

स्वर-संस्कृत में 10 प्रमुख स्वर है जिनमे से तीन स्वर हस्व है और सात स्वर दीर्घ है। इनमें से आ, ई और ऊ क्रमशः अ, इ और उ के दीर्घ रूप है, अर्थात् इनका उच्चारण उसी प्रकार किया जाता है जिस प्रकार हस्व स्वरों का, किन्तु इनके उच्चारण में हस्य स्वरों की तुलना में दुगुना समय लगता है।

संस्कृत में व्यंजन कौन कौन से हैं?

संस्कृत वर्णमाला में 13 स्वर, 33 व्यंजन और 4 आयोगवाह ऐसे कुल मिलाकर के 50 वर्ण हैं । स्वर को 'अच्' और ब्यंजन को 'हल्' कहते हैंसंस्कृत वर्णमाला में 13 स्वर, 33 व्यंजन और 4 आयोगवाह ऐसे कुल मिलाकर के 50 वर्ण हैं

व्यंजन के कितने होते हैं?

व्यंजन कितने होते हैं (vyanjan kitne hote hain) हिंदी में मुख्य रूप से व्यंजनों की संख्या 33 होती है। परंतु इसमें द्विगुण व्यंजन ड़, ढ़ को जोड़ देने पर इनकी संख्या 35 हो जाती है । इनके अलावा चार संयुक्त व्यंजन – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र भी होते हैं। इनके बारे में हम आगे विस्तार से पढेंगे।