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संस्कृत भाषा की पढ़ाई से विदेशों में मिल सकता है जॉब का मौक़ा, पढ़ें कैसे
(सांकेतिक फोटो) विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत फिर से अपने पुराने गौरव की ओर लौट रही है और साहित्य, दर्शन या अध्यात्म से आगे बढ़कर अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छे अवसर उपलब्ध करवा रही है। संस्कृत से छात्रों में प्रतिभा का विकास होता है। यह उनकी वैचारिक क्षमता को निखारती है, जो उनके बेहतर भविष्य के लिए सहायक है” ये पंक्तियां भारत के किसी संस्कृत विद्यालय की नहीं बल्कि लंदन के सेंट जेम्स नामक कॉन्वेंट स्कूल के ब्रोशर से ली गई हैं। जाहिर है, विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत फिर से अपने पुराने गौरव की ओर लौट रही है। वर्तमान में यह भाषा केवल साहित्य, दर्शन या अध्यात्म तक सीमित न रहकर गणित, विज्ञान, औषधि, चिकित्सा, इतिहास, मनोविज्ञान, भाषाविज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में भी अपनी जगह बना रही है। ऐसे कर सकते हैं पढ़ाई
याद्दाश्त को भी बेहतर बनाती है संस्कृत शिक्षाविद पॉल मॉस के अनुसार संस्कृत मस्तिष्क को गति देती है। इससे सेरेब्रल कॉर्टेक्स सक्रिय होता है, जो सीखने की क्षमता, याद्दाश्त और निर्णय लेने की क्षमता को आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाता है। कई रिसर्च में यह पाया गया कि जिन छात्रों की संस्कृत पर अच्छी पकड़ थी उन्होंने गणित और विज्ञान में भी अच्छा प्रदर्शन किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि संस्कृत की तार्किक और लयबद्ध व्याकरण के चलते स्मरणशक्ति और एकाग्रता का विकास होता है। इसका ताजा उदाहरण है, गणित का नोबेल कहे जाने वाले सर्वोच्च सम्मान फील्ड्स मैडल के विजेता भारतीय मूल के गणितज्ञ मंजुल भार्गव, जो अपनी योग्यता का श्रेय संस्कृत भाषा को देते हैं जिसके तर्कपूर्ण व्याकरण ने उनके भीतर गणित की बारीकियों को समझने का तार्किक नजरिया विकसित किया। आगे की स्लाइड में पढ़ें, विदेशों में किन क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर...
stuti goswami | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Sep 16, 2021, 2:22 PM Jobs After Sanskrit: इस विषय का आधुनिकरण होने के बाद आप इस विषय में दिल्ली विश्वविद्यालय से क्लाइमेटोलॉजी, साइंटिफिक हेरिटेज, थिएटर, फैशन डिजाइनिंग जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं।विदेश तक फैली संस्कृत भाषा Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादविश्व के कितने देशों में संस्कृत पढ़ाई जाती है?भारत के अलावा जिन देशों में संस्कृत पढ़ाई जाती है उन देशों के नाम निम्नलिखित हैं- उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप (ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, द नीदरलैंड, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, रूस और नार्वे) मध्य पूर्व, जापान और थाईलैंड आदि।
भारत में कुल कितने संस्कृत विश्वविद्यालय है?तीनों मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालयों को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में परिवर्तित करने का प्रस्ताव - केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, १६ मार्च २०२० को राज्यसभा में और १२ दिसंबर २०१९ को लोकसभा में पारित हुआ । केंद्रीय विश्वविद्यालयों की कुल संख्या ५४ है.
संस्कृत भाषा कौन से देश में बोली जाती है?संस्कृत भाषा. संस्कृत सीखने वाले पहले अंग्रेज कौन थे?चार्ल्स बिल्किन्स पहला अंग्रेज अधिकारी था जिसने बनारस में संस्कृत भाषा सीखी और १७८५ में श्रीमद्भगवद्गीता, १७८७ में हितोपदेश और १७९५ में महाभारत के शाकुन्तलोपखयान का अंग्रेजी में अनुवाद प्रकाशित किया।
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