सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा था? - soory ke sammukh kaun nrty kar raha tha?

सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा था? - soory ke sammukh kaun nrty kar raha tha?

सवाल: सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा है?

जवाब: सूर्य के सम्मुख नृत्य कोई महिला नहीं बादलों की पंक्तियाँ कर रही थी। लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार प्रकृति अपने रंग बिखेर रही थी और सूर्य के सम्मुख वो पल भर में बदल रही थी और एक नया रूप धारण कर रही थी जो की काफी सौंदर्य पूर्ण नजारा था। मुख्यतः लेखक के अनुसार जो बादलों की जो पंक्तियाँ थी वो सूर्य के सामने नाच रही थी और अपनी वेशभूषा में अनेक बदलाव कर रही थी जिसे अक्षरों में कैद करने का कार्य इसके लेखक रामनरेश त्रिपाठी किया। 

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सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा था? - soory ke sammukh kaun nrty kar raha tha?

सवाल: सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा है?

लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार सूरज के सामने बादलों की पंक्तियां नृत्य कर रही हैं। वह बताते हैं, कि कैसे प्रकृति हमें आकर्षित करती हैं। उन्होंने प्रकृति में उपस्थित बादलों, पक्षियों, फूलों, आकाश की तारीफ की है। वह कहते हैं, कि प्रकृति हर वक्त अपना वेश बदलते हैं। उन्हें लगता है, कि जैसे बादलों की पंक्तियाँ सूरज को सामने नित्य कर रही हैं। वह अपने भाव बता रहे हैं कि प्रकृति पल पल बदल रही है। वह सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय भी आकाश एवं बादलों के रंगों में हो रहे परिवर्तन के बारे में बताया है। वह सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय बादलों एवं आकाश में लालिमा छा जाती हैं, जो  कि वह अति मनमोहक होती हैं।

सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा था? - soory ke sammukh kaun nrty kar raha tha?

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विषयसूची

  • 1 सूर्य के समक्ष कौन नृत्य करता है?
  • 2 कवि ने किसका राज्य परम सुंदर बताया है?
  • 3 वारिद माला का क्या अर्थ है कवि ने उसको किस रूप में प्रस्तुत किया?
  • 4 रामनरेश त्रिपाठी की रचना क्या है?

सूर्य के समक्ष कौन नृत्य करता है?

इसे सुनेंरोकेंजवाब: सूर्य के सम्मुख नृत्य कोई महिला नहीं बादलों की पंक्तियाँ कर रही थी। लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार प्रकृति अपने रंग बिखेर रही थी और सूर्य के सम्मुख वो पल भर में बदल रही थी और एक नया रूप धारण कर रही थी जो की काफी सौंदर्य पूर्ण नजारा था।

रवि के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा है?

इसे सुनेंरोकेंसवाल: सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा है? लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार सूरज के सामने बादलों की पंक्तियां नृत्य कर रही हैं। वह बताते हैं, कि कैसे प्रकृति हमें आकर्षित करती हैं। उन्होंने प्रकृति में उपस्थित बादलों, पक्षियों, फूलों, आकाश की तारीफ की है।

सूर्य के सम्मुख कौन मृत्यु कर रहा है?

इसे सुनेंरोकेंमाघ शुक्ल की अष्टमी को त्यागे प्राण : करीब 58 दिनों तक मृत्यु शैया पर लेटे रहने के बाद जब सूर्य उत्तरायण हो गया तब माघ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म पितामह ने अपने शरीर को छोड़ा था, इसीलिए यह दिन उनका निर्वाण दिवस है।

कवि ने किसका राज्य परम सुंदर बताया है?

इसे सुनेंरोकेंप्रकृति के लिए कवि ने ‘स्थिर, पवित्र, आनंद-प्रवाहित’ तथा ‘सदा शांति सुखकर’ विशेषणों का प्रयोग किया है। कवि प्रकृति के असीम सौंदर्य को प्रेम का राज्य कह रहा है। यह प्रेम-राज्य स्थिर, पवित्र शांतिमय, सुंदर व सुखद है।

निर्भय और गंभीर भाव में कौन गरज रहा है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Explanation: निर्भय, दृढ़, गंभीर भाव से गरज रहा सागर है।

पथिक कहाँ बैठा है वह क्या देख रहा है?

इसे सुनेंरोकेंपथिक सागर के किनारे खड़ा है। वह आसमान में मेघमाला और नीचे नीले-समुद्र को देखकर बादलों पर बैठकर विचरण करना चाहता है। वह लहरों पर बैठकर समुद्र का कोना-कोना देखना चाहता है। समुद्र तल से आते हए सूरज को देखकर कवि कल्पना करता है मानो सूर्य की किरणों ने लक्ष्मी को लाने के लिए सोने की सड़क बना दी हो।

वारिद माला का क्या अर्थ है कवि ने उसको किस रूप में प्रस्तुत किया?

इसे सुनेंरोकेंरवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद-माला। भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने बादलों को रंग-बिरंगी नर्तकी के रूप में सूर्य के सामने नृत्य करते हुए दर्शाया है। 2. रत्नाकर गर्जन करता है।

सूर्य की मृत्यु कब होगी?

इसे सुनेंरोकेंयह सभी को पता है कि सूर्य आखिरी में एक ‘व्हाइट ड्वार्फ’ में बदल जाएगा। इसका मतलब यह है कि एक जल चुके तारे का अवशेष जिसका प्रकाश मंद होते होते अंधकार में तब्दील हो जाएगा। सूर्य 4.5 अरब साल पहले बना था। यह हाइड्रोजन और हीलियम गैसों की एक गर्म गेंद है।

सूरज की मृत्यु कब होगी?

इसे सुनेंरोकेंमहाकाल के गर्भ से जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु होती है । सूर्य का भी जन्म हुआ है इसलिए मृत्यु भी निश्चित है। परंतु जैसा कि वैज्ञानिकों का आंकलन है कि सूर्य का निरंतर क्षरण हो रहा हैै यह सत्य नहीं है। सूर्य न ही गैसों से बना है और न ही उसमे किसी तरह का एटमिक फ्यूजन हो रहा है।

रामनरेश त्रिपाठी की रचना क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइनकी प्रमुख रचनाएँ हैं— ‘पथिक’, ‘मिलन’ और ‘स्वप्न’ (खण्ड काव्य), ‘मानसी’ (स्फुट कविता संग्रह), ‘कविता-कौमुदी’, ‘ग्राम्य गीत’ (सम्पादित), ‘गोस्वामी तुलसीदास और उनकी कविता’ (आलोचना)।

रामनरेश त्रिपाठी की प्रमुख कृतियां कौन कौन है?

कृतियाँ

  • मिलन (1918) १३ दिनों में रचित
  • पथिक (1920) २१ दिनों में रचित
  • मानसी (1927) और
  • स्वप्न (1929) १५ दिनों में रचित * इसके लिए उन्हें हिन्दुस्तान अकादमी का पुरस्कार मिला

समुद्र के तट पर किसका अधूरा बिंब दिखाई देता है?

इसे सुनेंरोकें➲ (स) सूर्य ✎… समुद्र के तल पल सूर्य का बिंब अधूरा दिखाई दे रहा है। ‘पथिक’ कविता में कवि रामनरेश त्रिपाठी कहते हैं कि…