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धोरों की धरती में पहली बार ही केसर की खेती में हासिल की सफलताहनुमान वर्मा | सरदारशहर (चूरू) केसर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त स्थान ठंडे इलाके को माना जाता है, मगर धाेराें में भी केसर की खेती हो रही है। हम बात कर रहे हैं सरदारशहर तहसील के गांव रंगाईसर के किसान श्रवणदास स्वामी की, जिन्होंने न केवल धोरों में केसर की खेती की, बल्कि पहली ही बार में अच्छी उपज भी ले ली। एक लाख रुपए बीज व एक लाख रुपए खाद इत्यादि पर खर्च किए थे। आठ महीने में श्रवणदास को करीब 8 लाख रुपए कमाई की उम्मीद है। किसान श्रवणदास ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने गांव सोनपालसर में रिश्तेदार के खेत में केसर के पौधे देखे, तो खुद भी खेती करने का मानस बनाया। रिश्तेदार से केसर की खेती करने की सारी विधि समझी। फिर पिछले साल अगस्त में एक बीघा भूमि में गाय के गोबर की खाद डालकर जमीन तैयार की। अक्टूबर के पहले सप्ताह में केसर का रोपण किया। इस साल मार्च में केसर के पौधे पूरी तरह तैयार हो चुके और इन पर फूल आ गए। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में पूरे परिवार ने मिलकर केसर के फूलों को चुनना शुरू किया। उन्होंने बताया कि पहली बार में उन्होंने करीब 30 किलो केसर एकत्र की है। अभी करीब 5 किलो केसर लगी हुई है। उन्होंने बताया कि केसर का पौधा 6 महीने में तैयार हो जाता है। एक लाख रुपए किलो में खरीदे बीज : स्वामी ने बताया कि केसर की खेती करने के लिए कश्मीर से बीज मंगवाए थे, जो एक लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिले। एक बीघा भूमि में एक किलो बीज का रोपण किया। इसके अलावा एक लाख रुपए खाद इत्यादि पर भी खर्च हुए। उन्होंने बताया कि जिले में अधिक सर्दी व गर्मी के विपरीत मौसम के बावजूद उन्होंने केसर की खेती करने का मन बताया और अपनी मेहनत से इसमें सफल भी हुए हैं। फिलहाल करीब 35 किलो केसर उत्पादन की उम्मीद है। श्रवणदास की मानें तो कम से कम भाव 25 हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से भी उसकी केसर बिकी तो वह करीब 8 लाख रुपए से अधिक कमाएगा। गोबर की खाद उपयुक्त, धूप से बचाव जरूरी : उन्होंने बताया कि धोरों की धरती में केसर की खेती के लिए गोबर की खाद श्रेष्ठ है। पौधों को धूप से बचाना जरूरी है। पांच माह बाद केसर के पौधे पर डोडे लगने शुरू हो जाते हैं, उनमें केसर के फूल लगते हैं, जिन पर पत्तियां लगती हैं। ये 2-3 दिन में पीले से लाल होनी शुरू हो जाती हैं। लाल होने पर इन्हें 48 घंटे के अंदर चुनना जरूरी होता है, अन्यथा ये खराब हो जाती हैं। सरदारशहर. रंगाईसर में किसान श्रवणदास स्वामी खेत में लगी केसर की फसल से केसर एकत्रित करते हुए।
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Looking for Just provide a few details and we will help you get quick quotes! 1 Have a requirement? Looking for Just provide a few details and we will help you get quick quotes! 1 Have a requirement? 1 ग्राम केसर की कीमत क्या है?केसर कितने रुपए किलो है
बाजार में केसर 1.20 लाख रुपए किलो से 3.50 लाख रुपए किलो मिल जाती है। क्योंकि क्वालिटी में आज कल नकली केसर भी बाजार में बहुत ज्यादा मात्रा में मिल जाती है। परंतु ओरिजनल कश्मीरी केसर की बात करे तो यह केसर आपको 3.30 लाख से 3.50 लाख रुपए किलो तक मिल जाती है। परंतु उसकी पहचान आपको करनी पड़ेगी।
राजस्थान में केसर क्या भाव है?ये केसर 3 लाख रुपये प्रति किलो के भाव से बिकती है.
क्या राजस्थान में केसर की खेती की जा सकती है?केसर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त स्थान ठंडे इलाके को माना जाता है, मगर धाेराें में भी केसर की खेती हो रही है। हम बात कर रहे हैं सरदारशहर तहसील के गांव रंगाईसर के किसान श्रवणदास स्वामी की, जिन्होंने न केवल धोरों में केसर की खेती की, बल्कि पहली ही बार में अच्छी उपज भी ले ली।
केसर कहाँ मिलता है?केसर विश्व का सबसे कीमती पौधा है। केसर की खेती भारत में जम्मू के किश्तवाड़ तथा जन्नत-ए-कश्मीर के पामपुर (पंपोर) के सीमित क्षेत्रों में अधिक की जाती है।
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