Gajar Ka Kaun Saa Bhag khaya Jata HaiGkExams on 12-05-2019 Show
जड़ सम्बन्धित प्रश्नComments Anil bharti on 26-11-2022 Aalu ko kaise Kaccha Mein Opy on 02-01-2022 Gajar ka kon sa vag Kate he Jar on 31-07-2021 Jar ko english m kay kahte Manu singh on 20-05-2021 Gajar ka kaun sa bhag khaya hata hai Sajan Kumar ram on 05-02-2021 Gajar ka kon sa bhag khaya jata hai Vinod on 27-12-2020 हम शकरकंद मूली गाजर का कौन सा भाग खाते हैं shivam on 19-12-2020 Gajar ke kaun se Bhag ko khaya jata hai Anmol on 02-07-2020 Root Meenakshi on 07-05-2020 Gaajar ka kaun SA bhaag khaaya Jaya hai Emm ox on 11-04-2020 He was also the pond owner who Surya ke prakash me kitne rang hai on 19-11-2019 7 Gajar ko kis ko khaya jata hai on 12-05-2019 Gajar ko kis bhag ko khaya jata hai Gajare ka kon sa bhag khaya jata he on 01-05-2019 Gajar ka kon sa bhag khaya jata he
Daucus carota subsp. maximus गाजर एक सब्ज़ी का नाम है। यह लाल, काली, नारंगी, कई रंगों में मिलती है। यह पौधे की मूल (जड़) होती है। यह स्वास्थ के लिए बहुत अच्छा भोजन हैं। स्वास्थ्य वर्धक[संपादित करें]गाजर के रस का एक गिलास पूर्ण भोजन है। इसके सेवन से रक्त में वृद्धि होती है।[1]मधुमेह आदि को छोड़कर गाजर प्रायः हरेक रोग में सेवन की जा सकती है। गाजर के रस में विटामिन ‘ए’,'बी’, ‘सी’, ‘डी’,'ई’, ‘जी’, और ‘के’ मिलते हैं। गाजर का जूस पीने या कच्ची गाजर खाने से कब्ज की परेशानी खत्म हो जाती है। यह पीलिया की प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में भी लाभदायक है। इसके सेवन से कोषों और धमनियों को संजीवन मिलता है। गाजर में बिटा-केरोटिन नामक औषधीय तत्व होता है, जो कैंसर पर नियंत्रण करने में उपयोगी है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इसके सेवन से इम्यूनिटी सिस्टम तो मजबूत होता ही है साथ ही आँखों की रोशनी भी बढ़ती है गाजर के सेवन से शरीर को उर्जा मिलती हे। गाजर यह अंबेलिफर कुटुंब की अपियासी की द्विवार्षिक वनस्पती है। शुरू में टॅप्रूट बढ़ते समय पत्ते फुटते है और वह बढ़ते हैं। जड में अल्फा और बीटा कॅरोटीन का प्रमाण अधिक होता है। और वह व्हिटॅमिन के और व्हिटॅमिन बी 6 का अच्छा स्रोत है। नियमितरूप से गाजर खाने से जठर में होने वाला अल्सर और पचन के विकार दूर कर सकते हैं। गाजर में आम्ल घटक होते हैं जो शरीर में मौजूद आम्ल का प्रमाण संतुलित करके रक्त शुद्ध करता है।गाजर में पोटॅॅशियम होता है जो रक्तदाब बढ़ाने में मदत करता है। गाजर खाने से मुह में हानिकारक किटाणूओ का नाश होता है और दात में लगने वाला कीडा नही लगता है।जले ठिकाने पर लगाने से तकलीफ कम होती है। गाजरामें कॅरोटीनॉड्स होते है जो शरीर में मौजूद रक्त की शक्कर नियंत्रित रखने में मदद करती है। नियमीत रूप से गाजर खाने से बाल, अॉख और त्वचा का आरोग्य सुधारता है। [2][3] फायदे[संपादित करें]
अमृतमपत्रिका गाजर के 20 फायदे.. क्या गाजर से प्राप्त विटामिन e से आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं?.. नेत्र की सूक्ष्म रक्त नाड़ियों को बल देकर दर्शन शक्ति को घटाने से रोकती हैं- गाजर और गाजर का मुरब्बा.. जूस, कच्ची गाजर और मुरब्बे के कार्य.. गाजर का हलुआ भूख व खून एवं फुर्ती बढ़ाता है, जबकि गाजर का मुरब्बा रक्तपित्त, बवासीर संग्रहणी रोग यानी ibs, लिवर की सूजन, नेत्ररोग तथा वातरोग नाशक है। गाजर के जूस से सुस्ती, आलस्य मिट जाता है। द्रव्यगुण विज्ञान आयुर्वेदिक शास्त्र के अनुसार…स्मरण रखना बहुत जरूरी है कि साल भर आने वाली रसायनिक गाजर को भूलकर भी न खाएं। यह शरीर को बर्बाद कर सकती है। गाजर सिजनेबल सब्जी या ओषधि है। इसे केवल सर्दी के समय ही लेवें। केवल गाजर का मुरब्बा हर समय पूरे वर्ष दूध से सेवन कर सकते हैं। गाजर को संस्कृत में गुंजन या अंजन क्यों कहते हैं?.. गाजर का जूस या गाज़र मुरब्बा क्या लाभ करता है? गाजर किसे खाना चाहिए?.. नेत्ररोगों से बचने के लिए गाजर से निर्मित दवा कौनसी है?.. क्या गाजर पाचनतंत्र ठीक करती है?..
!!- आयुर्वेद सार संग्रह !!!- वृहद भावप्रकाश निघण्टु !v- चरक सहिंता आदि में वर्णित ओषधियों एवं गाजर मुरब्बे के उपयोग से इम्युनिटी बढ़ाकर अपनी आंखों की चिकित्सा घर बैठे कर सकते हैं। गाजर आंखों की सर्वश्रेष्ठ सब्जी और औषधि है। गाजर के बारे में यह लेख 16 से ज्यादा प्राचीन आयुर्वेदिक तथा प्राकृतिक ग्रन्थों से लिये गया है, जो सारे भ्रम मिटा देगा। यह यथार्थ जानकारी पढ़कर सभी मुगालते मिट जाएंगे। केवल सर्दी के सीजन में ही लाभकारी है-गाजर जूस.. अगर रोज 50 ml केवल सर्दी के मौसम में पिया जाए, तो रक्त संचार नियमित होकर आंखों की रोशनी तथा मानसिक शांति बढ़ती है। गाजर मुरब्बे एवं 25 प्राकृतिक जड़ीबूटियों से निर्मित आयुर्वेदिक अवलेह या माल्ट कौनसा है- गाजर को संस्कृत में गुंजन, अञ्जन भी कहते हैं क्योंकि यह अंजन यानी आंखों के गू अर्थात गन्दगी को बाहर निकाल देती है। नारंग, वर्णक आदि अन्य नाम हैं। ■ गाजर के रस में विटामिन ‘ए’,'बी’, ‘सी’, ‘डी’,'ई’, ‘जी’ ABCDEG और ‘के’ होते हैं। विटामिन E नेत्रों के लिए श्रेष्ठ रहता है। यह फाइवर युक्त शाक है। ■ गाजर विटामिन B-6 बी ६ का अच्छा स्रोत है। ■ गाजर में आम्ल घटक होते हैं जो शरीर में मौजूद आम्ल का प्रमाण संतुलित करके खून साफ रखता है। ■ गाजर में कॅरोटीनॉड्स होते है जो शरीर में मौजूद रक्त शर्करा नियंत्रित रखने में सहायक हैं। ■ गाजर में पोटॅॅशियम होता है जो रक्तदाब वृद्धिकारक है। गाजर के फायदे हैं-अनंत… ¶ आंखों के लिए चमत्कारी रूप से फायदेमंद है गाज़र। ¶ कर्कट रोग यानी केंसर से बचाये गाजर। ¶ पाचन शक्ति को बनाए बेहतरीन। ¶ हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक। ¶ मुंह के स्वास्थ्य में सुधार करता है। ¶ त्वचा के लिए गुणकारी गाजर। मेटाबोलिज्म करेक्ट करती है- गाज़र… शरीर में उपापचयी क्रियायों अर्थात मेटाबोलिक रिएक्शन के अनियमित होने के कारण से रक्तचाप/बीपी/ब्लडप्रेशर, मधुमेह/डाइबिटीज और वलिपिड लेवल यानि केलोस्ट्रोल एवं ट्राइग्लिसराइड्स का परीक्षण किया जाता है। आदि परेशानियां होने लगती हैं। उदर के पाचन तंत्र में शरीर को फायदा देने वाले वेकटेरिया भी होते हैं। यह पाचनतंत्र को ठीक रखने के साथ अनेक समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। पाचनतंत्र में दुग्धदण्डाणु यानि लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) और विफ़ीडोवेसियस जैसे सूक्ष्म बैक्टेरिया होते हैं, जो भजन को तुरन्त पचाते हैं। क्या है लैक्टोबैसिलस? यह जीवाणु दूध से दही बनाने में सहायक होता है। यही जीवाणु स्त्रियों की योनि तथा मानवों के आहार नाल में पाया जाता है। इनका आकार दण्ड (रॉड) जैसा होता है। सर्दी के दिनों में कच्ची गाज़र, गाजर का हलुआ या गाज़र का जूस बहुत लाभदायक रहता है। तथा शेष वक्त गाजर का मुरब्बा यपयोगी रहता है। गाजर का फाइवर पाचन शक्ति को मजबूत कर पेट में कब्ज का कब्जा नहीं होने देता। (वृहद भावप्रकाश निघण्टु शाकवर्ग:) ग्रामीण जड़ीबूटी संग्रह नामक पुरानी किताब के मुताबिक गाजर के फायदे… 【१】गाजर का सेवन पाचन संबंधी समस्या से राहत दिला सकता है। पाचन क्रिया को बढ़ाने के साथ गाजर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी को भी बढ़ाने में सहायक होती है। 【२】गाजर के सेवन से शरीर को उर्जा मिलती है। 【३】गाजर मुरब्बा से कोषों और धमनियों को संजीवन मिलता है। 【४】गाजर से प्राप्त विटामिन-ए (A) दांतों और मसूडों को स्वस्थ्य रखता है। 【५】गुंजन या गाजर में बिटा-केरोटिन नामक औषधीय तत्व एवं फाइवर होता है, जो त्वचा को मुक्त कणों व सूरज की हानिकारक किरणों से बचाकर कैंसर पर नियंत्रण करता है। यह ब्लड कैंसर और पेट के कैंसर में भी लाभदायक है। 【६】गाजर में पॉली-एसिटिलीन व फालकैरिनोल तत्व होता है, जिसमें एंटी कैंसर गुण होता है 【७】गाजर का जूस पीने या कच्ची गाजर खाने से कब्ज की परेशानी खत्म हो जाती है। 【८】गाजर का 50 ml जूस सुबह खाली पेट एक महीने लेवें, तो ये पीलिया, पांडुरोग की प्राकृतिक औषधि है। महिलाओं की मलिनता मिटाकर यौवन प्रदान करे… 【९】मासिक धर्म से 5 दिन पहले अगर गाजर का जूस 50 ml खाली पेट लेवें, भोजन के एक पहले 200 ग्राम कच्ची गाजर खाएं और रात को गाजर का मुरब्बा दूध के साथ करीब 25 ग्राम लेवें, तो माहवारी खुलकर आती है। पीसीओडी में हितकारी- गाजर 【१०】सोमरोग या पीसीओडी, लिकोरिया, श्वेतप्रदर, रक्तप्रदर की समस्या का अंत हो जाता है और खूबसूरती बढ़ती है। नवयुवतियों को गाजर जरूर खाना चाहिए। 【११】सुबह खाली पेट 100 ग्राम गाजर अच्छी तरह चबाकर खाने से मुख के हानिकारक विषाणुओं व कीटाणुओं का नाश होता है और दांत में कीडा नही लगता। 【१२】नियमितरूप से गाजर खाने से जठर में होने वाला अल्सर और उदर विकार नहीं पनपते। 【१३】जले हुए या जलन के हिस्से पर गाजर का रस या गूदा लगाने से जलन कम होती है। 【१४】सर्दी के मौसम में गाजर खाने से बाल,केशविकार, आंख की तकलीफ नहीं होती। 【१५】त्वचा निखारकर सुंदरता बढ़ाने एवं आरोग्यता में गाजर का कोई सानी नहीं है। 【१६】गाजर में काफी फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र के लिए फाइबर जरूरी होता है। 【१७】गाजर कच्ची खाने से कब्ज या कॉन्स्टिपेशन नहीं होता। फीवर भोजन को जल्दी पचाता है। 【१८】गाजर का जूस भूख बढ़ाता है। गाजर कभी भी आंखों की बीमारियों को पनपने नहीं देता। अनेक नेत्ररोग दूरकर आंखों की रोशनी तेज करने विशेष कारगर है। 【१९】यह गर्म, अग्निदीपन यानी देह व उदर में अग्नि को तेज करता है। नेत्र ज्योति बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या हैं? अमृतम कम्पनी ने इन्हीं सब किताबों से आंखों की परेशानी दूर करने के लिए दुनिया में पहली बार खाने का अवलेह/माल्ट का निर्माण किया है। यह गाजर मुरब्बा, त्रिफला, यशद भस्म से निर्मित योग है। आयुर्वेद के प्राचीन उपनिषद, ग्रन्थ भाष्य में आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले कुछ अनुभव ऋषि, मुनि, साध सन्तों ने लिखें है। इस प्रयोगों में कोई हानि भी नहीं है। शास्त्रों में 135 घरेलू उपायों का वर्णन है। इनमें से कुछ सरल घरेलू उपायों द्वारा अपनी आंखों को स्वस्थ्य रख सकते हैं। ■ सुबह उठते ही पानी मुह में भरकर उससे आंखे धोएं। ■ अमृतम त्रिफला चूर्ण रात को खाएं। सुबह त्रिफला पावडर से बाल व आंख धोएं। ■ रोज नंगे पैर प्रातः की धूप में सुबह दुर्बा में 100 कदम उल्टे चलें। ■ जिस आंख में तकलीफ हो उसके विपरीत पैर के अगूंठे में सुबह 4 से 5 बजे के बीच ब्रह्म महूर्त में स्नान करके सफेद अकौआ का दूध कम मात्रा में पैर के अंगूठे के नाखून पर लगाये। ■ सौंफ, धागामिश्री, बादाम समभाग मिलाकर सुबह खाली पेट लेवें। ■ गाजर का जूस पियें। ■ बताशे को गर्म कर यानी देशी घी में सेंककर उस पर कालीमिर्च पावडर भुरखकर खाएं खाली पेट 3 से 4 बताशे। ■ अमृतम यशद भस्म 100 mg मधु पंचामृत या मख्खन में मिलाकर चाटे। ■ अमृतम कम्पनी द्वारा निर्मित आई कि माल्ट EYEKey malt दिन में 2 से 3 बार दूध से तीन महीने लेवें। नेत्रों का सम्पूर्ण उपचार और पाएं…. १८-अट्ठारह परेशानियों से मुक्ति कम दिखाई देना, लालिमा आना या लाल आंख एक या दोनों आंखों में हो सकती है इसके अनेक कारण हैं जिनमें निम्न लक्षण सम्मिलित हैं- 【१】आंखों में सूजन 【२】कम दिखना 【३】माइग्रेन आधाशीशी का दर्द 【४】आंखों में लाली 【५】नेत्रों में थकान, तनाव 【६】आंखों में सूखापन यानि ड्राइनेस्स 【७】कम या साफ न दिखना 【८】आंखों का आना 【९】आंखों में नमी न होना। 【१०】 दूर या पास का न दिखना 【११】मोतियाबिंद की समस्या 【१२】आँखों में चिड़चिड़ाहट 【१३】आंखों में खुजली होना 【१४】आँखों में दर्द बने रहना 【१५】आंखों में निर्वहन 【१६】धुंधली दृष्टि 【१६】आँखों में बहुत पानी आना 【१८】प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता ( Sensitivity to light ) आदि समस्याओं का अन्त, अब 100 प्रतिशत आयुर्वेदिक अवलेह अमृतम आईकी अवलेह से करें। अब दूरदृष्टि अपनाकर दूर तक देखो.… आईकी माल्ट की खास बात यह है कि इसका कोई भी दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट नहीं है। यह पूर्णतः हानिकारक प्रभाव से मुक्त और असँख्य साइड बेनिफिट युक्त है। अमृतम आईकी माल्ट तीन माह तक लेकर आंखों की चमक, रोशनी बढ़ाएं। आईकी माल्ट कैसे काम करता है…पुतलियों को गीला और साफ रखने में मदद करता है। आंखों में खराबी के कारण जाने… भाग्य जगाने के लिए रोज की भागमभाग से आंखों में गन्दगी, कचरा एना स्वाभाविक है। कम्प्यूटर, मोबाइल, टीवी की स्किन लगातार देखते रहने से नेत्रों में लचिलापन एवं नमी कम होती जाती है। दूषित वातावरण तथा प्रदूषण के कारण भी आंखों में जलन, खुजली, थकान आदि से आंखों की पुतलियों पर जोर पड़ता है। अधिकांश लोग नेत्रों की सुरक्षा के लिए रसायनिक आई ड्राप का उपयोग करते हैं। यह केवल बाहरी उपचार है। आंखों के अंदरूनी इलाज के लिए 5000 वर्ष पुराने आयुर्वेद शास्त्रों में 55 से ज्यादा द्रव्य-घटक, जड़ीबूटियों का वर्णन है। जैसे- गाजर मुरब्बा, गजीर का रस, त्रिफला चूर्ण, त्रिफला मुरब्बा, त्रिफला काढ़ा, गुलकन्द, महात्रिफला घृत , ख़श, पुदीना, तुलसी, गुलाब जल, ब्राह्मी, जटामांसी, सप्तामृत लोह, स्वर्णमाक्षिक भस्म, सेव मुरब्बा, करौंदा मुरब्बा, गुडूची, दारुहल्दी, लोध्रा, मुलहठी, समुद्रफेन, पुर्ननवा मूल, शतावरी, नीम कोपल, अष्टवर्ग, चोपचीनी, शहद, स्वर्ण रोप्य भस्म- स्वर्ण भस्म, ताम्र भस्म, लौह भस्म, यशद भस्म, प्रवाल शंख, मुक्ति शुक्त, सिंदूर बीज, फिटकरी भस्म, नोसादर, कुचला, पिपरमेंट, नीलगिरी तेल, लौंग, दालचीनी, त्रिकटु चूर्ण, जटामांसी, कुटकुटातत्वक भस्म, वंग भस्म, शुध्द गूगल बच, पीपरामूल, पोदीना सत्व, पारद भस्म, सज्जिकाक्षर, चन्दन, जीरा, ख़श ख़श, नागकेशर, बेल मुरब्बा जामुन सिरका। पेठा, जावित्री, जायफल अनार जूस, ब्राह्मी, शतावर, विदारीकन्द, अदरक, मधु,इलायची, नागभस्म, ताम्र भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म ,प्रवाल भस्म आदि 55 से अधिक ओषधियाँ नेत्र चिकित्सा में लाभकारी है। अमृतम लेकर आया है आपकी आंखों के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक ओषधि-आईकी माल्ट… जिसमें अनेक तरह की जड़ीबूटियों के अलावा, काढ़ा, क्वाथ, रस-भस्म, मेवा, आदि गाजर, आँवला मुरब्बो का उपयोग किया है। आई की माल्ट के आंखों में फायदे… तनाव, धुंधुलापन, आंख आना, आंखों में थकान, पलको में सूजन, आंखों का किरकिरापन, आंख आना, पानी आना, सूजन, जलन, मोतियाबिंद आदि सब समस्याओं से बचाता है। अमृतम आई की माल्ट लेने से नयनों की ज्योति तेज होती है। यह नेत्र रोग के कारण होने वाला आधाशीशी के दर्द से निजात दिलाता है। आई की माल्ट शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है। इसमें मिलाया गया त्रिफला क्वाथ नेत्र ज्योति बढ़ाने के साथ साथ बालों को भी झड़ने से रोकता है। आवलां मुरब्बा एंटीऑक्सीडेंट होने से यह शरीर के सूक्ष्म नाडीयों को क्रियाशील बनाता है। गुलकन्द शरीर के ताप ओर पित्त को सन्तुलित करती है। लाल आँखें रहना…लाल आंखें (या लाल आंख) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख की सफेद सतह लाल हो जाती है या “रक्तमय” हो जाता है। आई की माल्ट में मिश्रित ओषधियाँ नेत्रों के सभी तरह के विकार हर लेती हैं। Amrutam's Eyekey Malt | Vedic Recipe for Eyes पैकिंग-400 ग्राम केवल ऑनलाइन उपलब्ध अमृतम पत्रिका के 4100 से अधिक ब्लॉग/लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें- अमृतमपत्रिका गूगल पर सर्च कर पढ़े.. !- कैसे बनाये जीवन को जिंदादिल ... !!- डिप्रेशन अवसाद, तनाव मिलाने वाली आयुर्वेदिक औषधि ब्रेनकी गोल्ड माल्ट क्या है?… !!!- हर्बल इम्युनिटी बूस्टर सप्लीमेंट... !v- कैसे करें सेक्सी स्त्री की पहचान… V- थायराइड की चिकित्सा…और बालों को बर्बादी से रोकने के लिए कुन्तल केयर लगाएं कैसे बनाये जीवन को जिंदादिल ... उपयोग[संपादित करें]गाजर को कई तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है। यहां हम क्रमवार गाजर के सेवन करने के तरीकों के बारे में बता रहें हैं:
नुकसान[संपादित करें]गाजर के फायदे तो हमने जान लिए, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं [7] ।
पैकेट बंद गाजर का जूस बिल्कुल न पिएं। इसमें मौजूद प्रिजर्वेटिव शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं। गाजर पोलेन एलर्जी को ट्रिगर कर सकता है। इससे छींक आना, नाक बहना, आंखों का लाल होना, नाक बंद होना व आंखों में खुजली आदि की परेशानी हो सकती है। सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
गाजर का कौन सा भाग खाया जाता है?खाने योग्य भाग मांसल जड़ है।
गाजर की जड़ें α और ß कैरोटेन्स के समृद्ध स्रोत हैं।
गाजर में क्या खाया जाता है?गाजर में विटामिन A, K, C, पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे सभी जरूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं. गाजर में एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो बहुत लाभदायक होता है. आइए जानते हैं कि गाजर खाने से शरीर को किस-किस तरह के फायदे (Health Benefits of Carrots) मिलते हैं.
गाजर कैसे खाया जाता है?इसका उपयोग सब्जी के साथ, सलाद, जूस, अचार, केक, हलवा आदि बनाने में किया जाता है। गाजर विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-के, पोटेशियम व आयरन जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होती है (1)।
सुबह सुबह गाजर खाने से क्या फायदा होता है?सुबह खाली पेट गाजर का जूस पीने के फायदे (Subah Khali Pet Gajar Ka Juice Pine Ke Fayde In Hindi). आंखों के लिए फायदेमंद ... . कोलेस्ट्रॉल लेवल होता है कम ... . डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद ... . पाचन तंत्र होता है मजबूत ... . वजन होता है कम ... . स्किन के लिए फायदेमंद ... . बालों के लिए फायदेमंद. |