सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त करने वाला देश कौन सा है? - sarvaadhik ephadeeaee praapt karane vaala desh kaun sa hai?

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भारत में सिंगापुर ने किया सबसे बड़ा निवेश, मॉरिशस को पीछे छोड़कर दूसरे पायदान पर पहुंचा अमेरिका

सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त करने वाला देश कौन सा है? - sarvaadhik ephadeeaee praapt karane vaala desh kaun sa hai?

भारत में एफडीआई के मामले में इस बार अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है.

वित्‍त वर्ष 2020-21 (FY21) की पहली छमाही के दौरान भारत में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में अमेरिका (US) ने मॉरिशस (Mauritius) को पीछे छोड़कर दूसरे स्‍थान पर कब्‍जा कर लिया है. इस दौरान अमेरिका ने भारत में 7.12 अरब डॉलर का एफडीआई किया. वहीं, मॉरिशस ने इस दौरान 2 अरब डॉलर का निवेश किया.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : November 29, 2020, 17:30 IST

    नई दिल्‍ली. कोरोना संकट के मुश्किल दौर में भी भारत प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को लाने में सफल रहा है. वित्‍त वर्ष 2020-21 (FY21) की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान भारत में सबसे ज्‍यादा एफडीआई सिंगापुर (Singapore) से आया है. इस दौरान सिंगापुर ने भारत में 8.30 अरब डॉलर का एफडीआई किया. वहीं, इस बार दूसरे और चौथे पायदान पर मौजूद रहे देशों ने इस मामले में अदला-बदली की है. मॉरिशस (Mauritius) 2 अरब डॉलर के निवेश के साथ चौथे नंबर पर खिसक गया है, जबकि अमेरिका (America) 7.12 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ चौथे से दूसरे पायदान पर आ गया है.

    भारत को बाकी देशों से हासिल हुआ इतना प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश
    चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत में एफडीआई के लिये अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है. साल भर पहले की समान अवधि में मॉरीशस भारत में एफडीआई के मामले में का दूसरा सबसे बड़ा देश था. उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान भारत को केमैन आइलैंड से 2.1 अरब डॉलर का एफडीआई मिला. वहीं, नीदरलैंड्स (Netherlands) से 1.5 अरब डॉलर, ब्रिटेन (UK) से 1.35 अरब डॉलर, फ्रांस (France) से 1.13 अरब डॉलर का एफडीआई हासिल हुआ.

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    भारत-अमेरिका के मजबूत आर्थिक संबंधों के मिल रहे संकेत
    भारत में जापान (Japan) से 65.3 करोड़ डॉलर, जर्मनी (Germany) से 20.2 करोड़ डॉलर और साइप्रस (Cyprus) से 4.8 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका से बढ़ता एफडीआई दोनों देशों के मजबूत होते आर्थिक संबंधों की ओर से स्‍पष्‍ट संकेत कर रहे हैं. वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान भी भारत के साथ सबसे ज्‍यादा कारोबार करने वाला देश अमेरिका ही था. जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (JNU) में इकोनॉमिक्‍स के प्रोफेसर बिस्‍वजीत धर का कहना है कि अमेरिका की टेक्‍नोलॉजी कंपनियां भारतीय कंपनियों में हिस्‍सेदारी खरीद रही हैं. इसी वजह से एफडीआई में बढ़ोतरी दिख रही है.

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    अब भी मॉरिशस की एफडीआई में हिस्‍सेदारी है 29 फीसदी
    मॉरिशस से एफडीआई घटने के बाद भी उसकी अप्रैल 2000 से लेकर सितंबर 2020 के बीच भारत में आए एफडीआई में 29 फीसदी हिस्‍सेदारी है. इस अवधि में भारत में अलग-अलग देशों ने 500.12 अरब डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश किया. चालू वित्‍त वर्ष की पहली छमाही के दौरान एफडीआई में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अकेले अगस्‍त 2020 में भारत को 17.5 अरब डॉलर का एफडीआई हासिल हुआ था.

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    Tags: America, Britain, Business news in hindi, Fdi, India, Investment, Singapore

    FIRST PUBLISHED : November 29, 2020, 17:29 IST

    वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष पहली अप्रैल से इस वर्ष 31 मार्च यानी बीते वित्त वर्ष (2020-21) के दौरान देश में कुल एफडीआइ निवेश 81.72 अरब डॉलर (करीब 5.88 लाख करोड़ रुपये) पर जा पहुंचा।

    नई दिल्ली, पीटीआइ। पिछले एक वर्ष के दौरान कोरोना संकट की सभी चुनौतियों के बावजूद देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आवक अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष पहली अप्रैल से इस वर्ष 31 मार्च यानी बीते वित्त वर्ष (2020-21) के दौरान देश में कुल एफडीआइ निवेश 81.72 अरब डॉलर (करीब 5.88 लाख करोड़ रुपये) पर जा पहुंचा। उससे एक वर्ष पहले की अवधि में यह आंकड़ा 74.39 अरब डॉलर था।

    बीते वित्त वर्ष में इक्विटी बाजार में विदेशी निवेशकों द्वारा किया गया नया निवेश 19 फीसद बढ़कर 59.64 अरब डॉलर हो गया। उससे पिछले वित्त वर्ष (2019-20) में इक्विटी बाजार में विदेशी निवेशकों द्वारा लगाई गई रकम 49.98 अरब डॉलर रही थी। इन आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर विदेशी निवेशकों को कोई संदेह नहीं है और कोरोना संकट जैसे मुश्किल दौर में भी उन्होंने निवेश बनाए रखा है। 

    बीते वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी में पूंजी लगाने के अलावा कमाई को वापस शेयर बाजारों में निवेश करने के मामलों की संख्या भी बड़ी रही। निवेश करने वाले देशों के मामले में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 29 फीसद हिस्सेदारी के साथ सिंगापुर सबसे आगे रहा। समीक्षाधीन वित्त वर्ष के दौरान भारतीय बाजार में कुल विदेशी निवेश में अमेरिकी के निवेशकों की हिस्सेदारी 23 फीसद रही। मॉरीशस के निवेशकों ने भारतीय बाजार में पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल निवेश का नौ फीसद हिस्सा लगाया। वहीं, सेक्टर के मामले में सबसे अधिक 44 फीसद विदेशी निवेश कंप्यूटर सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर क्षेत्र में आया। 

    कंस्ट्रक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में विदेशी निवेशकों ने 13 फीसद और सर्विस सेक्टर में आठ फीसद निवेश किया। राज्यों के मामले में पिछले वित्त वर्ष के दौरान विदेशी निवेश आकर्षित करने में गुजरात सबसे आगे रहा। कुल विदेशी निवेश का 37 फीसद हिस्सा गुजरात में लगाया गया। वहीं, निवेशकों ने 27 फीसद रकम का निवेश महाराष्ट्र में और 13 फीसद का कर्नाटक में किया।

    वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों, निवेशकों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को आसान बनाने संबंधी उपायों के चलते एफडीआइ बढ़ा है। इससे यह भी पता चलता है कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है।

    Edited By: Ankit Kumar

    एफडीआई का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता देश कौन है?

    लगभग 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर एफडीआई के शीर्ष प्राप्तकर्ता क्षेत्र भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे अधिक है।

    एफडीआई में भारत का स्थान कितना है?

    दुनिया में सांतवें स्थान पर रहा भारत यह 2021 में घटकर 45 अरब डॉलर पर आ गया। लेकिन इसके बावजूद भारत एफडीआई के मामले में 10 प्रमुख देशों में शामिल है। अमेरिका, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, कनाडा और ब्राजील के बाद भारत सातवें स्थान पर है।

    भारत में FDI में प्रथम देश कौन सा है?

    भारत में FDI में प्रथम देश कौन सा है? Notes: भारत में FDI में प्रथम नम्बर पर मॉरीशस है।

    भारत में FDI की शुरुआत कब हुई?

    2000 में, विदेशी निवेश को विनियमित करने के लिए विदेशी मुद्रा और प्रबंधन अधिनियम (FEMA) की शुरुआत की गई थी।