एकाकी व्यापार की विशेषता क्या है? - ekaakee vyaapaar kee visheshata kya hai?

विषयसूची

  • 1 एकाकी स्वामित्व व्यवसाय की विशेषता क्या है?
  • 2 व्यावसायिक संगठन के एक आदर्श रूप के लक्षणों की व्याख्या कीजिए कौन सा रूप समस्त पहलुओं से आदर्श माना जा सकता है?
  • 3 स्वामित्व दावा अथवा पूंजी क्या है?
  • 4 निम्न में से कौन सी एकाकी व्यापार की सीमा है?
  • 5 एकाकी व्यवसाय के चार लाभ क्या है?
  • 6 स्वामित्व से आप क्या समझते हैं?

एकाकी स्वामित्व व्यवसाय की विशेषता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएकल स्वामित्व- एकाकी व्यापार में व्यापार का स्वामी एक ही व्यक्ति होता हैं जो व्यापार के समस्त कार्यो के लिये स्वयं उत्तरदायी होता हैं। निर्णय लेने में स्वतंत्र- एकाकी व्यापारी अपने व्यापार के संबंध में स्वंय निर्णय लेता हैं। उसे निर्णय लेने के लिये किसी सहयोगी या साझेदार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

व्यावसायिक संगठन के एक आदर्श रूप के लक्षणों की व्याख्या कीजिए कौन सा रूप समस्त पहलुओं से आदर्श माना जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंयदि व्यवसाय स्थायी है तो स्वामी भविष्य के लिये योजना बना सकेगा, तथा लम्बे समय तक आय प्रदान करने वाले निवेश कर सकेगा । ग्राहकों की दृष्टि से भी, उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये माल और सेवाओं की नियमित पूर्ति अपेक्षित है। संगठन का एक आदर्श रूप वह है जो व्यवसाय को उचित मात्रा में स्थायित्व प्रदान करता है ।

इसे सुनेंरोकेंएकाकी व्यापार व्यावसायिक संगठन वह स्वरूप है जिसको केवल एक व्यक्ति स्थापित करता है। वही व्यक्ति आवश्यक पूंजी लगाता है, संचालन एवं प्रबंध करता है, लाभ प्राप्त करता है, हानि को सहन करता है और व्यापार का समस्त उत्तरदायित्व उसी एक व्यक्ति के कंधो पर होता है तथा लाभ-हानि का एकमात्र भाजक व वहनकर्ता भी वही होता है।

स्वामित्व दावा अथवा पूंजी क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसका अर्थ है- ‘एक व्यक्ति का स्वामित्व’। अर्थात् एक ही व्यक्ति व्यवसाय का स्वामी होता है। इस प्रकार एकल स्वामित्व वह व्यापार संगठन है, जिसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यकलापों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है।

एकल स्वामित्व से आप क्या समझते हो इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंएकल स्वामित्व की विशेषताएँ एकल स्वामित्व : एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय का स्वामी एक ही व्यक्ति होता है। यह व्यक्ति ही व्यवसाय से सम्बन्धित सभी संपत्तियों का स्वामी होता है और यही सारे जोखिम उठाता है। इसलिए एकल स्वामित्व व्यवसाय स्वामी की मृत्यु के साथ या स्वामी की इच्छा से समाप्त हो जाता है।

3 व्यवसायिक संगठन कितने प्रकार के होते हैं?

अनुक्रम

  • एकल स्वामित्व
  • भागीदारी जनरल और लिमिटेड
  • सीमित दायित्व भागीदारी
  • हिन्दू संयुक्त परिवार
  • सहकारी
  • सार्वजनिक कंपनी
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
  • छोटी सी कंपनी

निम्न में से कौन सी एकाकी व्यापार की सीमा है?

इसे सुनेंरोकेंएकाकी व्यापार का कार्य-क्षेत्र व्यापार की सीमाओं मे सीमित होता है। अकेला होने के कारण वह अनेक स्थानों पर कार्य न करके एक स्थान पर कार्य-क्षेत्र सीमित करता है। व्यवसाय का स्वीम एक ही व्यक्ति होता है जो व्यापार की समस्त बातों के लिए उत्तरदायी होता है। वह स्वयं जोखिम उठाता है।

एकाकी व्यवसाय के चार लाभ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएकाकी व्यापार के लाभ अथवा अथवा महत्व अथवा गुण एकाकी व्यापारी का अपने ग्राहकों से निकट संपर्क रहता है। वह अपने व्यक्तित्व, नम्रता तथा व्यापारिक कुशलता से उन्हें संतुष्ट रखता है। एकाकी व्यापारी का अपने व्यापार पर पूर्ण नियंत्रण होता है।

स्वामित्व से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्वामित्व का अर्थ निजी संपत्ति का किसी व्यक्ति के नाम पर होना है।

एकाकी व्यापार क्या है इसके लाभ एवं हानियों का वर्णन किजिये?

इसे सुनेंरोकेंआकार के बड़े होने पर ही कुछ दशा मे योग्य प्रबन्धक नियुक्त किये जाते है परन्तु सीमित धन होने के कारण अधिक योग्य प्रबन्धक की सेवाएं ये नही प्राप्त कर पाते। एकाकी व्यापार को स्थापित करने के लिए किसी प्रकार की वैधानिक कार्यवाही नही करनी पड़ती है अर्थात् इसके लिए रजिस्ट्री आदि की आवश्यकता नही होती।

व्यापार से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंव्यापार (Trade) का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामानों का स्वामित्व अन्तरण ही व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे ‘बाजार’ कहते हैं।

एकाकी व्यापार की विशेषता है?...


एकाकी व्यापार की विशेषता क्या है? - ekaakee vyaapaar kee visheshata kya hai?

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एकाकी व्यापार की विशेषता है कि उसका मालिक एक ही व्यक्ति होता है और उसमें जो लाभ होता है वो किसी को मिलता है पूंजी भी उसी को लगानी पड़ती है हानि होती है तो भी उसी को मिलती है

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एकाकी व्यापार की विशेषता क्या है? - ekaakee vyaapaar kee visheshata kya hai?

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एकाकी व्यापार से आप क्या समझते हैं इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

एकाकी व्यापारी स्वयं ही व्यवसाय का प्रबंधक और कर्मचारी होता हैं। वह स्वयं ही आवश्यक पूंजी लगाता हैं। लाभ-हानि का अधिकारी होता हैं तथा व्यापार के समस्त उत्तरदायित्वों को पूरा करता है। इन्ही विषेष ताओं के कारण उसे एकाकी व्यापारी, व्यक्तिगत साहसी, व्यक्तिगत व्यवस्थापक, एकल स्वामी तथा एकाकी स्वामित्व आदि भी कहा जाता हैं

एकाकी व्यापार क्या है गुण दोष विशेषताएं?

“एकाकी व्यापार व्यवसाय का वह स्वरूप है, जिसका प्रमुख एक ही व्यक्ति होता है, जो उसके समस्त कार्यों के लिये उत्तरदायी होता है, उसकी क्रियाओं का संचालन करता है एवं लाभ-हानि का सम्पूर्ण भार स्वयं ही उठाता है।” - एल. एच. हैने.
“एकाकी व्यापार एक अनौपचारिक व्यवसाय है, जिस पर व्यक्ति का स्वामित्व होता है।”.

एकाकी व्यापार का कार्य क्षेत्र क्या है?

शीघ्र निर्णय तथा उचित कार्यवाही : एकल स्वामित्व में व्यापार में स्वामी ही सही और गलत का निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी होता है, क्योंकि निर्णय लेने में किसी अन्य की साझेदारी नहीं होती इसलिए यह सही और तुरन्त निर्णय लेने में सहायक होता है

एकाकी व्यापार क्या है इसे व्यापार का भारत में क्या भविष्य है?

एकल स्वामित्व (Sole proprietorship) एक प्रकार का व्यावसायिक संगठन है। ... इस प्रकार एकल स्वामित्व वह व्यापार संगठन है, जिसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यकलापों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है। एकल व्यवसाय के स्वामी और संचालक 'एकल स्वामी' या 'एकल व्यवसायी' कहलाते हैं।