दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है। इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी। अप्रैल 2007 में संघ के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़गानिस्तान इसका आठवाँ सदस्य बन गया। इतिहास[संपादित करें]1970 के दशक में बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान ने दक्षिण एशियाई देशों के एक व्यापार गुट के सृजन का प्रस्ताव किया। मई 1980 में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग का विचार फिर रखा गया था। अप्रैल 1981 में सातों देश के विदेश सचिव कोलम्बो में पहली बार मिले। इनकी समिति ने क्षेत्रीय सहयोग के लिए पाँच व्यापक क्षेत्रों की पहचान की। सहयोग के नए क्षेत्रों में आने वाले वर्षों में जोड़े गए। चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य हैं:
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग पर इस घोषणा को 1983 में नई दिल्ली में विदेश मन्त्रियों द्वारा अपनाया गया। बैठक के दौरान मन्त्रियों ने नौ सहमत क्षेत्रों, अर्थात्, कृषि, ग्रामीण विकास, दूरसंचार, मौसम, स्वास्थ्य और जनसंख्या क्रियाएँ में, परिवहन, डाक सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और खेल, कला और संस्कृति में एकीकृत कार्ययोजना की शुरुआत की। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के प्रमुखों द्वारा उक्त चार्टर को औपचारिक रूप से स्वीकार किए जाने के साथ हुई। 13 नवम्बर 2005 को भारत के प्रयास से इस क्षेत्रीय समूह में अफ़गानिस्तान को शामिल किया गया और 3 अप्रैल 2007 को आठवाँ सदस्य बन गया। अप्रैल 2006 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किए जाने का औपचारिक अनुरोध किया। यूरोपीय संघ में भी पर्यवेक्षक बनने में दिलचस्पी दिखाई और जुलाई 2006 में दक्षेस मन्त्रिपरिषद की बैठक में इस बात पर औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया। 2 अगस्त 2006 को दक्षेस देशों के विदेश मन्त्रियों ने सैद्धान्तिक रूप में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए सहमत हुए। 4 मार्च 2007, ईरान ने पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किए जाने अनुरोध किया। इसके बाद मॉरीशस ने संगठन में प्रवेश किया। सचिवालय[संपादित करें]संगठन का संचालन सदस्य देशों के मन्त्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए देशों के वर्णमाला क्रम की अनुसार की जाती है।[3] सदस्य व प्रेक्षक देश[संपादित करें]सार्क के वर्तमान सदस्य[संपादित करें]प्रेक्षक देश[संपादित करें]महासचिव[संपादित करें]
शिखर सम्मेलन[संपादित करें]
19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन का आयोजन साल 2016 में पाकिस्तान में किया जाना था, लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, भूटान और अफ़गानिस्तान ने इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। बांग्लादेश घरेलू परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था, जिसके बाद ये सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. 20वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संंगठन (SAARC) सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान में हो रहा है। इसके भी रद्द होने की सम्भावना है क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं, जब तक वह ऐसा नही करेगा भारत का दक्षेस सम्मेलन में शामिल होना मुश्किल रहेगा। दक्षेस के वर्तमान नेता[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
|} सार्क में कुल कितने सदस्य हैं?इसके सदस्य भारत, पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश हैं। सार्क देशों में दुनिया के कुल क्षेत्रफल का 3 फीसदी हिस्सा आता है जबकि दुनिया की 21 फीसदी आबादी इन देशों में रहती है। सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुआ था।
सार्क का आठवां सदस्य देश कौन है?इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी। अप्रैल 2007 में संघ के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़गानिस्तान इसका आठवाँ सदस्य बन गया।
अफगानिस्तान सार्क में कब शामिल हुआ?अप्रैल 2007 में अफगानिस्तान, सार्क के आठवें सदस्य राज्य के रूप में शामिल हुआ।
सार्क का पूरा नाम क्या है?तो दोस्तों जैसा की हमने आप सभी को बताया है की SAARC की फुल फॉर्म South Asian Association for Regional Cooperation होती है। जिसको हिंदी में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन भी कहा जाता है। इस समूह में दक्षिण एशिया के आठ देश शामिल है यह एक प्रकार का आर्थिक व राजनीतिक संगठन है।
|