सेना और अर्ध सैनिक बल में क्या अंतर है? - sena aur ardh sainik bal mein kya antar hai?

जब भी कोई जवान शहीद होता है। चाहे वो अर्ध सेना का क्यों न हो। मीडिया उसको भारतीय सेना का जवान शहीद हुआ , बताकर समाचार फैलाती है।

कल एक सेना के बड़े अधिकारी ने कहा की अर्ध सेना कुछ नहीं करती है ! इन अधिकारियों को मेरा जवाब।

यहाँ पर मैं आप सभी को यह बता दूँ की हम आम लोंगो में से अधिकांश को यह पता नहीं है कि अर्धसैनिक बल आखिर हैं कौन ?

आइए मैं आप सभी को इनके बारे में बताने की कोशिश करता हूँ।

1. जो बल हमारे देश की सीमा की सुरक्षा में दिन रात तैनात हैं वो बल सेना नहीं है (आम धारणा यही है) बल्कि वो सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ) के जवान हैं।

सेना तो बीएसएफ के पोस्टों से काफी पीछे रहती है। दूसरे देश के दुश्मनों की पहली गोली इन्ही जवानो के सीनो को छलनी करती हैं।

2. केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल। यह बल हमारी आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेवारी संभालती है चाहे वह उत्तर पूर्व के राज्य हों या नक्सल समस्या से ग्रसित राज्य या जम्मू व कश्मीर। लेकिन जब नक्सल हमला में कोई जवान शहीद होता है तो हम बोलते हैं की सेना का जवान शहीद हुआ है ।

*****यहाँ मैं आपको बता दूँ की सेना की कोई भी टुकड़ी नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात नहीं है।****

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल———- संसद सुरक्षा के अलावा अति विशिष्ट व्यक्ति को सुरक्षा देती है । राम जन्मभूमि मंदिर, कृष्ण जन्म भूमि मंदिर, काशी-विश्वनाथ मंदिर आदि की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी बल के उपर है।

3. भारतीय तिब्बत सीमा बल—- यह बल देश की चीन से लगी हुई हमारी सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार है। इस बल के जवान माइनस 40 डिग्री तापमान में भी अपनी चौकियों पे तैनात रहते हैं।

4. सीमा सशत्र बल —- नेपाल – भूटान सीमा को सुरक्षित रखने की कार्रवाई करते हैं।

5. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल———- देश की सभी महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेवारी इसी बल की है।

उक्त बलों द्वारा किये गए सभी कार्यों का श्रेय हम गलती से सेना को देते रहते हैं।

इसके अलावा मुझे ये भी ज्ञात हुआ की हमारी अपनी सरकार भी इन बलों के साथ वेतन भत्तों एवं अन्य सुबिधाओं में भी भेदभाव करती है।

देश सेवा में अपनी जान देने वाले सेना के जवानों को शहीद और अर्धसैनिक बलों के जवानों को मृतक कहा जाता है।

यहाँ पर मैं आपसे एक प्रश्न पूछता हूँ जब दुश्मन की गोली इनमें कोई भेदभाव नहीं रखती तो हमारी सरकार क्यूँ?

जब दोनों एक ही प्रकार के काम कर रहे हैं तो मिलने वाली सुविधाओं में अंतर क्यों? बल्कि कई मामलों में तो इन बलों का काम सेना से भी कठिन है।
!!!जयहिंद!!!

सेना में जवानो को पुरानी पेन्शन,ज्यादा सैलरी, 100 % फैमली क्वाटर,कैन्टीन की बेहतरींन सुबिधा, लगभग सभी ट्रैनो में स्पेशल कोच,आर्मी स्पेशल पे साल के दौरान समय पर व लम्बी छुट्टियॉ ।

अर्ध सैनिक बलो को ऊपर लिखी सुविधाओ में से एक भी सुबिधा नही दी जाती है, इनके हिस्से में आती है सिर्फ और सिर्फ ड्यूटियॉ
जैसे कि—-
1. नेता जी के पोते की शादी है… 4 BSF 4 CRPF 4 ITBP की कम्पनियॉ लगा दो
2. सैफई महोत्सव हो तो CRPF की कम्पनियॉ लगा दो…।

3. बाढ, भू-कम्प, सुनामी आ जाये तो NDRF (a combined organization of para military). लगा दो—।

4. सीमा की रक्षा के लिए BSF/ITBP/SSB लगा दो—।

5. किसी भी प्रकार का पूरे देश में कही भी चुनाव हो BSF/CRPF/ITBP/SSB आदि को लगा दो—-।

6. नक्सलविरोधी अभियान में BSF/CRPF/ITBP/SSB को लगा दो—-।

7… जम्मू कश्मीर में आतंकबादियो से लडने के लिए BSF/CRPF/ITBP को लगा दो—।

8. सामप्रदायिकं दंगो से निपटने के लिए RAF /CRPF/ITBP/BSF/SSB को लगा दो..।

9. दुश्मन देशो से जब लडाई लगेगी तो आर्मी अकेली नही लडेगी BSF/ITBP साथ में लडेगी…।

हद तो तब हो गयी जब BSF/CRPF/ITBP/SSB का सैनिक अगर अपनी ड्युटी के निर्वहन के दौरान या आतंकियो या नक्सलियो के खिलाफ लडते हुए मारे गये तो वे शहीद नही कहलायेगा—।

BSF/CRPF/ITBP/SSB में इन्सान नही जानवर है क्या ?

अब मेरा सबाल देश की व्यबस्था से है न कि सेना से , ये पोस्ट सेना के खिलाफ नही है और न ही सेना के खिलाफ लिखने की किसी की औकात है !

नई दिल्लीः Difference Between Indian Army and Paramilitary Forces: हर देशभक्त और देशवासी कहीं न कहीं अपने मन में किसी भी तरह देश सेवा में योगदान देना चाहता है. जनता टैक्स चुका कर तो सैनिक सीमा पर देश सेवा कर रहे हैं. हमारे देश में सीमा की सुरक्षा करने के लिए सैन्यबलों के जवान, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान और पुलिस के जवान रहते हैं. जिनमें भारतीय सेना और अर्धसैनिक बल प्रमुख है, लेकिन क्या आप इन दोनों सेनाओं के बीच का अंतर जानते हैं. अगर नहीं तो यहां जानें दोनों सेवाओं के बीच का डिफरेंस. 

आगामी 3 मार्च को देश के अलग—अलग हिस्सों से रिटायर्ड अर्धसैनिक बल और उनसे जुड़े संगठन दिल्ली के जंतर—मंतर पहुंचने वाले हैं. दरअसल, इनकी मांग है कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाए.  वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना के तहत सेना को पेंशन दी जाती है जबकि अर्धसैनिक बलों से 2004 में यह सुविधा छिन ली गई थी.  लेकिन सवाल है कि सेना से अर्धसैनिक बल अलग क्यों हैं और इन दोनों के बीच अंतर क्या है.  आज हम इस रिपोर्ट में विस्तार से समझाएंगे.

सेना और अर्धसैनिक बल का अंतर

भारत में जब भी सेना की बात होती है तो सिर्फ थल सेना, नौसेना और वायुसेना आते हैं. ये तीनों रक्षा मंत्रालय के अधीन हैं और भारत के राष्ट्रपति इनके सुप्रीम कमांडर होते हैं.  इनका मुख्य काम बाहरी खतरों से निपटना है.  इन दिनों पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव की वजह से सेना मोर्चे पर है.  

ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ जंग के लिए बने हैं.  इन्हें किसी आपात स्थिति में भी मदद के लिए बुलाया जाता है. उदाहरण के लिए बीते साल केरल के बाढ़ के दौरान सेना की मदद ली गई थी. वहीं अर्धसैनिक बलों की बात करें तो ये गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं. भारत में अर्धसैनिक बलों की सबसे बड़ी तादाद मौजूद है. इनमें अधिकतर जवान मुख्य रूप से देश के भीतर या सीमा पर शांति के माहौल में मोर्चा संभालते हैं.

अर्धसैनिक बल में कौन-कौन शामिल

देश में अर्धसैनिक बलों की संख्या करीब 10 लाख है. इन अर्धसैनिक बलों में देश के कई अलग—अलग फोर्स के जवान शामिल होते हैं. इनमें मुख्य रूप से CRPF और BSF की ज्यादा चर्चा होती है. इसके अलावा ITBP, CISF, Assam Rifles और SSB भी शामिल हैं.

किसका क्या काम

अगर CRPF की बात करें तो आमतौर पर इन्हें देश के भीतर आतंकवाद और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाता है. यह चुनाव के दौरान या वीवीआईपी मूवमेंट में भी तैनात कर दिए जाते हैं. वहीं बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को बांग्लादेश और पाकिस्तान से सटी सीमा ड्यूटी पर लगाया जाता है. बीएसएफ तब सीमा पर रहती है जब माहौल शांति का हो. मसलन, अभी भारत—पाकिस्तान सीमा पर बीएसएसफ के जवान तैनात हैं लेकिन अगर जंग जैसी हालात बनते हैं तो बीएसफ की जगह सेना मोर्चा संभालती है.

इसके अलावा ITBP भारत तिब्बत सीमा पुलिस के नाम से जानी जाती है. इनकी भारत-तिब्बत सीमा पर तैनात होती है. वहीं असम रायफल्स को आमतौर पर असम के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ड्यूटी देनी होती है. जबकि SSB यानी सशस्त्र सीमा बल को भारत-नेपाल सीमा पर तैनात किया जाता है. इन सबसे इतर CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल पर सरकारी उपक्रमों की सुरक्षा का जिम्मा होता है.

सेना और अर्धसैनिक बलों में क्या अंतर है?

भारतीय सेना जहाँ रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है, तो वहीं अर्धसैनिक बल गृह मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं। गौरतलब है कि भारतीय सेना के अंतर्गत आर्मी, नेवी, और एयरफोर्स आते हैं और अर्धसैनिक बलों में BSF, CISF, CRPF, ITBP, SSB, SSF जैसे सुरक्षाबल आते हैं।

अर्धसैनिक बल का क्या काम होता है?

इस प्रकार से देश के अंदर होने वाले मामलों से निपटने के लिए जिस सुरक्षा बल को बनाया गया उसे ही पैरामिलिट्री फोर्स कहा गया जिसे हिंदी भाषा में अर्धसैनिक बल कहा जाता है। देश की आंतरिक परेशानियों से निपटने के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स के द्वारा भारत की सीमा की सुरक्षा के लिए भी काम किया जाता रहा है।

अर्धसैनिक बल कौन कौन से हैं?

भारत के अर्धसैनिक बल.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल.
भारतीय तटरक्षक.
सीमा सुरक्षा बल.
सशस्त्र सीमा बल.
भारत तिब्बत सीमा पुलिस.
केद्रीय रिज़र्व पुलिस बल.
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड.
रेलवे सुरक्षा बल.

सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल कौन सा है?

सही उत्तर असम राइफल्स है। असम राइफल्स, जिसे मूल रूप से इसे 1835 में स्थापित किया गया था। यह भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल है, जिसे कछार लेवी भी कहा जाता है। 1835 में अंग्रेजों ने असम क्षेत्र में कछार लेवी की स्थापना की थी।