Meaning of Case in Hindi | Kaarak definition, Types of Case, examples – कारक की परिभाषा, कारक के भेद और उदाहरण Show
Related – Learn Hindi Grammar कारक की परिभाषा -Definition of Case in Hindi विभक्ति या परसर्ग – जिन प्रत्ययों की वजह से कारक की स्थिति का बोध होता है, उसे विभक्ति या परसर्ग कहते हैं। उदाहरण –
कारक के भेद –1. कर्ता कारक
Related – Shabdo ki Ashudhiya कारक के लक्षण, चिन्ह, और विभक्ति चिन्हकारक लक्षण चिन्ह विभक्ति (i) कर्ता क्रिया को पूरा करने वाला ने प्रथमा (ii) कर्म क्रिया को प्रभावित करने वाला को द्वितीया (iii) करण क्रिया का साधन से, के द्वारा तृतीया (iv) सम्प्रदान जिसके लिए काम हो को, के लिए चतुर्थी (v) अपादान जहाँ पर अलगाव हो से पंचमी (vi) संबंध जहाँ पर पदों में संबंध हो का, की, के, रा, री, रे षष्ठी (vii) अधिकरण क्रिया का आधार होना में, पर सप्तमी (viii) सम्बोधन किसी को पुकारना हे, अरे!, हो! सम्बोधन कर्ता कारक पहले वाक्य में क्रिया का कर्ता राम है। इसमें ‘ने’कर्ता कारक का विभक्ति-चिह्न है। इस वाक्य में ‘मारा’भूतकाल की क्रिया है। ‘ने’का प्रयोग प्रायः भूतकाल में होता है। दूसरे वाक्य में वर्तमानकाल की क्रिया का कर्ता लड़की है। इसमें ‘ने’विभक्ति का प्रयोग नहीं हुआ है। Related – Anusvaar कर्म कारक जैसे- माँ बच्चे को सुला रही है। बुलाना, सुलाना, कोसना, पुकारना, जमाना, भगाना आदि क्रियाओं के प्रयोग में अगर कर्म संज्ञा हो, तो ‘को’ विभक्ति जरुर लगती है। Related – Notice writing in Hindi करण कारक सम्प्रदान कारकजिसके लिए कोई क्रिया (काम) की जाती है, उसे सम्प्रदान कारक कहते है। Related – Arth vichaar in Hindi अपादान कारक सम्बन्ध कारक Related – Tenses in Hindi अधिकरण कारक इसकी पहचान किसमें, किसपर, किस पे आदि प्रश्नवाचक शब्द लगाकर भी की जा सकती है। कहीं-कहीं पर विभक्तियों का लोप होता है, तो उनकी जगह पर किनारे, यहाँ, वहाँ, समय आदि पदों का प्रयोग किया जाता है। कभी-कभी ‘में’ के अर्थ में ‘पर’ और ‘पर’ के अर्थ में ‘में’ लगा दिया जाता है। संबोधन कारक Related – Singular and Plural in Hindi कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर करण और अपादान कारक में अंतर कारक प्रश्न अभ्यास (महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर ) उत्तर : जो शब्द वाक्य में क्रिया का संज्ञा और सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध बनाए, उसे कारक कहते हैं। कारक का शाब्दिक अर्थ है -‘क्रिया को करने वाला’ अर्थात क्रिया को पूरी करने में किसी-न-किसी भूमिका को निभाने वाला। इसका सीधा संबंध क्रिया से होता है। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया तथा वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संबंध का पता चलता है, उसे कारक कहते हैं।
प्रश्न 2 – कारक के कितने भेद हैं तथा इनके चिन्ह कौन-कौन से हैं? उत्तर : कारक के आठ भेद हैं : कर्ता (ने), कर्म (को), करण (से/के द्वारा), संप्रदान (को, के लिए), अपादान (से), अधिकरण (में, पर), संबंध (का, की, के, रा, री, रे), संबोधन (हे, अरे, ओ)।
प्रश्न 3 – कर्ता कारक किसे कहते हैं और इसके पहचान का सरल तरीका क्या है? उत्तर : कर्ता का अर्थ होता है-करने वाला। शब्द के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं। क्रिया से पहले ‘कौन’ या ‘किसने’ लगाकर देखने से जो उत्तर आए, वही कर्ता कारक है। जैसे : आयुष ने स्वर्ण पदक जीतकर विद्यालय का सम्मान बढ़ाया। (प्रश्न – किसने सम्मान बढ़ाया) उपर्युक्त वाक्य में सम्मान बढ़ाने वाला आयुष है। अतः कर्ता वही है और इसका ज्ञान करा रहा है–ने परसर्ग।
प्रश्न 4 – संप्रदान कारक को परिभाषित कीजिए। उत्तर : जहाँ कर्ता किसके लिए कार्य करता है या जिसे कुछ देता हैं उस भाव को बताने वाले शब्द को संप्रदान कारक कहते हैं। इस कारक के परसर्ग हैं – को, के लिए, हेतु। क्रिया से पहले “किसको” या “किसके लिए” लगाकर देखने से जो उत्तर मिले वही संप्रदान कारक है। जैसे : अमित ने भिखारी को वस्त्र दिए। (किसको दिए, “भिखारी को”- “भिखारी को”? संप्रदान कारक है।)
प्रश्न 5 – अधिकरण कारक किसे कहते हैं? उत्तर : संज्ञा के जिस रूप से क्रिया के समय, स्थान, अवसर आदि का पता चलता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। अधिकरण कारक के परसर्ग ‘में’ तथा ‘पर’ होते हैं। क्रिया के साथ “कहाँ” या “किसमें” लगाकर देखने से जो उत्तर मिलता है उसे अधिकरण कारक कहते हैं। जैसे : कौआ वृक्ष पर बैठा है? (कहाँ बैठा है? “वृक्ष पर” ‘वृक्ष पर’ अधिकरण कारक है।)
बहुविकल्पात्मक प्रश्न
प्रश्न 1 – कारक की विभक्तियों को और किस नाम से पुकारा जा सकता है – (क) काल (ख) लिंग (ग) परसर्ग (घ) क्रिया उत्तर : (ग) परसर्ग
प्रश्न 2 – ‘का’ ‘की’ ‘के’ विभक्ति-चिह्न किस कारक के हैं? (क) संबंध कारक के (ख) कर्म कारक के (ग) कर्ता कारक के (घ) संप्रदान कारक के उत्तर : (क) संबंध कारक के
प्रश्न 3 – कारक के कितने भेद होते हैं? (क) पाँच (ख) सात (ग) आठ (घ) नौ उत्तर : (ग) आठ
प्रश्न 4 – शब्द के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध हो, उसे ———- कहते हैं। (क) करण कारक (ख) कर्त्ता कारक (ग) संबंध कारक (घ) संप्रदान कारक उत्तर : (ख) कर्त्ता कारक
प्रश्न 5 – वृक्ष से पत्ते गिरते हैं। वाक्य में रेखांकित पद कौन सा कारक है। (क) कर्म कारक (ख) करण कारक (ग) अपादान कारक (घ) संप्रदान कारक उत्तर : (ग) अपादान कारक
प्रश्न 6 – जिसे कुछ दिया जाए या जिसके लिए क्रिया की जाए, उसे ———- कहते हैं। (क) कर्म कारक (ख) करण कारक (ग) अपादान कारक (घ) संप्रदान कारक उत्तर : (घ) संप्रदान कारक
प्रश्न 7 – कर्ता जिस साधन या माध्यम से कार्य करता है या क्रिया करता है, उस साधन या माध्यम को क्या कहते हैं। (क) कर्म कारक (ख) करण कारक (ग) अपादान कारक (घ) संप्रदान कारक उत्तर : (ख) करण कारक
प्रश्न 8 – नेहा मेरे लिए कॉफ़ी बना रही है। वाक्य में रेखांकित शब्द है (क) कर्ता कारक (ख) करण कारक (ग) संप्रदान कारक (घ) अपादान कारक उत्तर : (क) कर्ता कारक
प्रश्न 9 – ‘चाय मेज़ पर रख देना’ रेखांकित शब्द कौन सा कारक है (क) कर्ता कारक (ख) अपादान कारक (ग) संबोधन कारक (घ) अधिकरण कारक उत्तर : (घ) अधिकरण कारक
प्रश्न 10 – जिन शब्दों का प्रयोग किसी को पुकारने, सचेत करने आदि के लिए किया जाता है, उसे क्या कहते हैं। हिंदी में 8 कारक कौन कौन से होते हैं?अनुक्रम. 1 कारक के भेद 1.1 1.कर्ता कारक 1.2 2.कर्म कारक 1.3 3.करण कारक 1.4 4.संप्रदान कारक 1.5 5.अपादान कारक 1.6 6.संबंध कारक 1.7 7.अधिकरण कारक 1.8 8.संबोधन कारक. 2 हिन्दी में कारक 2.1 संज्ञा 2.2 सर्वनाम. 3 विभिन्न भाषाओं में कारकों की संख्या. 4 इन्हें भी देखें. हिंदी व्याकरण में कितने कारक होते हैं?संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी दूसरे शब्द के साथ जाना जाए, उसे कारक (Karak) कहते हैं। हिन्दी में 'आठ कारक' होते हैं।
कारक का पहचान कैसे करें?अर्थात कारक संज्ञा या सर्वनाम शब्दो का वह रूप होता है जिसका सीधा सम्बन्ध क्रिया से होता है। कहने का मतलब ये है की, जब किसी वाक्य मे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का अलग-अलग रूप मे प्रयोग होता है तब इन्ही अलग-अलग रूप को Karak कहते हैं। कुछ उदाहरण – राम किताब पढ़ता है। – संता बंता के लिए मिठाई लाया है।
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