इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष या द्वन्द्व (Conflict) से तात्पर्य दो या अधिक समूहों के बीच मतभेद, प्रतिरोध, विरोध आदि से है। एक ही समूह के अन्दर भी द्वन्द्व हो सकता है। इस स्थिति में अन्तःसमूह द्वन्द्व (intragroup conflict) कहते हैं। संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है। Show
संघर्ष कितने प्रकार के होते हैं? संघर्ष के प्रकार
संघर्ष करने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष बड़ी चुनौतियों और कठिनाईओं से भरा होता है। इसमें वही इंसान सफल होता है, जो लगातार अपना संघर्ष करना नहीं छोड़ता और वह कठिन से कठिन परिस्थितिओं में भी जूझता रहता है और अंत में जाकर सफलता को प्राप्त करता है। संघर्ष एक सफल व्यक्ति के लिए बहुत ही आवश्यक है। संघर्ष कैसे करे?
समाज में संघर्ष का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष का अर्थ (sangharsh ka arth) संघर्ष किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बल प्रयोग, हिंसा, प्रतिकार अथवा विरोधपूर्वक किया जाने वाला वह प्रयत्न है जो दो या दो से अधिक व्यक्तियों अथवा समूहों के कार्य मे बाधा डालता है। संघर्ष मानवीय संबंधों मे विद्यमान रहने वाली एक अनिवार्य व स्वाभाविक सामाजिक प्रक्रिया हैं। समाज में संघर्ष का क्या है? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार स्पष्ट होता है कि संघर्ष समाज मे सकारात्मक भूमिका का निर्वाह करता है। किन्तु संघर्ष सदैव सकारात्मक परिणाम ही नही देता बल्कि इसके नाकारात्मक परिणाम भी होते है। संघर्ष मे विरोधी के प्रति हिंसात्मक तरीका, बल प्रयोग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है और इसका परिणाम जीवन को भी खत्म करने तक हो सकता है। पढ़ना: वर्तमान में भारत में कितने राज्य हैं? संघर्ष के विभिन्न चरण क्या है?इसे सुनेंरोकेंअवधारणा और परिभाषा का परिसीमन संघर्ष विषय के तीन दृष्टिकोण हैं: Psicológica, प्रेरणाओं और व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं के स्तर पर। इसकी एक महत्वपूर्ण परंपरा है: मनोविश्लेषण, क्षेत्र सिद्धांत, संज्ञानात्मक असंगति, भूमिका सिद्धांत. समाजशास्त्रीय, परस्पर विरोधी सामाजिक संरचनाओं और संस्थाओं के स्तर पर। संघर्ष से आप क्या समझते हैं संघर्ष के प्रकारों का विस्तार से वर्णन कीजिये? इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष के प्रकार (sangharsh prakar) प्रत्यक्ष संघर्ष के तरीके, वाद-विवाद, वैचारिक मतभेद, मारपीट आदि रूप मे प्रकट होते हैं। अप्रत्यक्ष संघर्ष, संघर्ष का वह रूप है जिसमे व्यक्ति और समूह दूसरे व्यक्ति और समूह के स्वार्थ और हितो मे बाधा पहुँचाकर स्वयं के हितो की पूर्ति करने का पूर्ण प्रयास करते है। जीवन में संघर्ष क्यों जरूरी है? इसे सुनेंरोकेंजिंदगी कठिन है। यह कठिन इसलिए है कि हम अपनी क्षमताओं को पहचानते ही नहीं या हम अपनी योग्यता को बढ़ाते नहीं। जिंगगी संघर्षमय हैं क्योंकि हम इसे ऐसा ही समझते हैं तो फिर जिंदगी एक उत्सव कैसे बनेगी? कई लोग कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष है। संघर्ष कब पैदा होता है?इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष की स्थिति तब निर्मित होती है जब अनेक व्यक्ति और समूह किसी सीमित लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते है। संघर्ष के साधनों पर उनका ध्यान नही जाता, जतना लक्ष्य प्राप्ति अर्थात् साध्य पर। यहि कारण है कि संघर्षरत व्यक्ति अथवा समूह किसी भी सीमा तब बल प्रयोग हिंसा कर सकते हैं। सामाजिक प्रक्रिया के कितने प्रकार होते हैं? इसे सुनेंरोकेंलेस्ली ने विभिन्न प्रकार की सामाजिक प्रक्रियाओं को पांच भागों में विभक्त किया है। इनमें प्रथम तीन संयोजक प्रक्रियाएं हैं, जबकि अंतिम दो विघटनात्मक प्रक्रियाएं हैं। कुछ समाजशास्त्रियों ने अंत:क्रिया और सामाजिक प्रक्रिया को एक ही अर्थ में प्रयोग किया है, जबकि दोनों अलग-अलग धारणाएं हैं। प्रतिस्पर्धा और संघर्ष में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंसमान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक दूसरे से आगे बढ़ने की दौड़ को प्रतिस्पर्धा कहते हैं। उस दौड़ में जो कठिनाई आती है उस कठनाई को दूर करने के लिए जो प्रयत्न किया जाता हैं वह संघर्ष कहलाता है। पढ़ना: Wifi का पासवर्ड कैसे पता करे? संगठनात्मक संघर्ष क्या है?इसे सुनेंरोकेंसंगठनात्मक संघर्ष , या कार्यस्थल संघर्ष , एक साथ काम करने वाले लोगों के बीच जरूरतों , मूल्यों और हितों के वास्तविक या कथित विरोध के कारण होने वाली कलह की स्थिति है । संगठनों में संघर्ष कई रूप लेता है । औपचारिक अधिकार और शक्ति और प्रभावित व्यक्तियों और समूहों के बीच अपरिहार्य संघर्ष है। समाज में संघर्ष क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष मे विरोधी के प्रति हिंसात्मक तरीका, बल प्रयोग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है और इसका परिणाम जीवन को भी खत्म करने तक हो सकता है। जब एक ही समूह के सदस्यों मे संघर्ष होता है तब यह समूह मे एकता की कमी होने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। संघर्ष की वजह से समूह के सदस्य छोटे-छोटे समूहों मे विभाजित हो जाते है। संगठनात्मक सदस्यों के बीच संघर्ष को हल करने वाला एक प्रबंधक क्या कार्य कर रहा है? इसे सुनेंरोकेंसंघर्ष को हल करने के चार तरीके हैं – जबरदस्ती, समस्या को सुलझाना, समझौता करना और टालना। पहले दो सबसे पसंदीदा तरीका है। पहली विधि (मजबूर) ज्यादातर संगठनों में अच्छी तरह से काम करती है। तंत्र पर्याप्त सरल है: एक पक्ष समाधान लगाने के लिए बेहतर शक्ति का उपयोग करता है। हम एक अच्छा संगठनात्मक वातावरण कैसे विकसित कर सकते हैं?इसे सुनेंरोकेंOD संगठन की समस्या-निवारण और पुनर्नवीनीकरण प्रक्रियाओं को, विशिष्टतः संगठनात्मक संस्कृति के अधिक प्रभावी और सहयोगपूर्ण प्रबंधन के द्वारा, अक्सर किसी परिवर्तन कारक या उत्प्रेरक की सहायता से तथा प्रायोगिक व्यवहारात्मक विज्ञान की प्रौद्योगिकी एवं सिद्धांत का प्रयोग करके, सुधारने के लिये लंबी दूरी का एक प्रयास है। कौन सा संगठन परिवर्तन का विरोध करता है? इसे सुनेंरोकेंअभिनव प्रबंधन संगठन को बाहरी या आंतरिक अवसरों के लिए जवाब है, और अपनी रचनात्मकता का उपयोग विचारों , प्रक्रियाओं या उत्पादों नया पेश करने की अनुमति देता है। यह अनुसंधान एवं विकास में चलता नही है। यह एक कंपनी के उत्पाद विकास, विनिर्माण और विपणन के लिए रचनात्मक योगदान करने में हर स्तर पर कार्यकर्ताओं शामिल है। संगठनात्मक विकास की प्रक्रिया क्या है? इसे सुनेंरोकेंए। संगठनात्मक विकास की प्रक्रिया में 7 दिलचस्प दृष्टिकोण शामिल हैं: – (1) प्रारंभिक परामर्श (2) डेटा संग्रह (3) डेटा फीडबैक और टकराव (4) एक्शन प्लानिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग (5) टीम बिल्डिंग या टीम फॉर्मेशन (6) इंटर -ग्रुप डेवलपमेंट (7) मूल्यांकन और अनुवर्ती। पढ़ना: एक राजा का क्या कर्तव्य होता है? प्रजातीय संघर्ष क्या है?इसे सुनेंरोकेंप्रजातीय संघर्ष – जब आनुवांशिक शारीरिक भेदभाव के कारण व्यक्तियों का वर्गीकरण किया जाता है तो उसे प्रजाति कहते हैं। वैयक्तिक संघर्ष के अतिरिक्त सामूहिक संघर्ष भी हो सकता है। प्रजातीय संघर्ष भी इसमें से एक है। प्रजातीय संघर्ष का आधार प्रजातीय श्रेष्ठता व हीनता जैसी वैज्ञानिक अवधारणा है। संघर्ष को टालने की विधि क्या है? इसे सुनेंरोकेंइसी संघर्ष की स्थिति को टालने के लिए जो समझौता किया जाता है, उसे ही समायोजन कहते हैं। यह समायोजन संघर्षरत व्यक्तियों के बीच या तो स्वयं या किसी मध्यस्थ के द्वारा स्थापित किया जाता है। समायोजन एक बार स्थापित हो जाने का मतलब यह कभी नहीं होता कि समायोजन करने वाले आगे कभी संघर्ष नहीं करेंगे और हमेशा सहयोग की ओर ही बढ़ेंगे। कार्यात्मक और संघर्ष सिद्धांत के बीच अंतर क्या है? इसे सुनेंरोकेंमुख्य अंतर कार्यात्मकता और संघर्ष सिद्धांत के बीच यह है कि कार्यात्मकता कहती है कि किसी समाज का प्रत्येक पहलू एक कार्य करता है और उस समाज के अस्तित्व के लिए आवश्यक होता है जबकि संघर्ष सिद्धांत बताता है कि एक समाज सीमा और संसाधनों के असमान वितरण के कारण सतत वर्ग संघर्ष में है। संघर्ष प्रक्रिया के चरण क्या हैं?इसे सुनेंरोकेंपृष्ठभूमि की स्थिति. हताशा का अनुभव. संघर्षशील स्थिति और मौजूदा विकल्पों की अवधारणा. संघर्ष समाधान के प्रमुख उपागम क्या है? इसे सुनेंरोकेंशांति अध्ययन, पर्यावरण अध्ययन, हाशिए की अस्मिताओं का अध्ययन, नागरिक एवं मानवाधिकार अध्ययन, जनांदोलनों का अध्ययन आदि के पाठ्यक्रम संघर्ष-समाधान की जरूरत के मद्देनजर बनाए और चलाए जाते हैं। संघर्ष से मुक्ति पाने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ध्यान व योग के स्तर पर भी काफी प्रयास देखने को मिलते हैं। प्रतिस्पर्धा क्या है प्रतिस्पर्धा और संघर्ष में अंतर बताइए? प्रतियोगिता और संघर्ष के बीच प्रतिस्पर्धा को अलग क्या है?इसे सुनेंरोकेंपप) प्रतिस्पर्धा में, दो या दो से अधिक पक्ष कुछ पाने की इच्छा करते हैं जिसे वे वोट नहीं ले सकते, साथ ही ये लोग किसी का विरोध करने अथवा किसी के हकों का प्रतिरोध करने के उद्देश्य से प्रयास नहीं करते। पपप) प्रतिस्पर्धा में हमेशा ही नैतिकता एवं सही आचरण का पालन किया जाता है जबकि संघर्ष में यह सब कुछ नहीं होता। संघर्ष कितने प्रकार के होते हैं?संघर्ष के प्रकार. वैयक्तिक संघर्ष वैयक्तिक संघर्ष उसे कहते हैं जब संघर्षशील व्यक्तियों में व्यक्तिगत रूप से घृणा होती है तथा वे अपने स्वयं के हितों के लिए अन्य को शारीरिक हानि पहुंचाने तक भी तैयार हो जाते हैं। ... . प्रजातीय संघर्ष ... . वर्ग संघर्ष ... . जातीय संघर्ष ... . राजनैतिक संघर्ष ... . अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष. संघर्ष के दो प्रकार क्या है?संघर्ष के प्रकार (sangharsh prakar)
प्रत्यक्ष संघर्ष के तरीके, वाद-विवाद, वैचारिक मतभेद, मारपीट आदि रूप मे प्रकट होते हैं। अप्रत्यक्ष संघर्ष, संघर्ष का वह रूप है जिसमे व्यक्ति और समूह दूसरे व्यक्ति और समूह के स्वार्थ और हितो मे बाधा पहुँचाकर स्वयं के हितो की पूर्ति करने का पूर्ण प्रयास करते है।
संघर्ष से आप क्या समझते हैं?संघर्ष या द्वन्द्व (Conflict) से तात्पर्य दो या अधिक समूहों के बीच मतभेद, प्रतिरोध, विरोध आदि से है। एक ही समूह के अन्दर भी द्वन्द्व हो सकता है। इस स्थिति में अन्तःसमूह द्वन्द्व (intragroup conflict) कहते हैं। संघर्ष अपने स्वप्नों को प्राप्त करने का भी हो सकता है।
संघर्ष की क्या विशेषताएं?संघर्ष की विशेषताएं या प्रकृति
संघर्ष के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों अथवा समूहों का होना आवश्यक है एक-दूसरे के हितों को हिंसा की धमकी, आक्रमण विरोध या उत्पीड़न के माध्यम से चोट पहुँचाने जो की कोशिश करते हैं।
संघर्ष समाधान के 5 तरीके क्या हैं?फ़ायदा: एक पारस्परिक रूप से लाभप्रद समाधान संघर्ष को हल करने का एक शानदार तरीका है क्योंकि इसमें आमतौर पर दोनों पक्ष जीतते हैं।. संघर्ष का समाधान: एकतरफा निर्णय ... . संघर्ष का समाधान: अनुनय ... . संघर्ष का समाधान: मोलभाव/अदला-बदली ... . संघर्ष का समाधान: मध्यस्थता ... . संघर्ष का समाधान: स्थगन. संघर्ष से आप क्या समझते हैं संघर्ष के प्रकारों का विस्तार से वर्णन कीजिये?ग्रीन, ए0 डब्लू0: संघर्ष किसी अन्य व्यक्ति अथवा व्यक्तियों की इच्छा का जानबूझकर विरोध करने अथवा उसे शक्ति से पूर्ण कराने से सम्बन्धित प्रयत्न है। गिलिन एण्ड गिलिन: संघर्ष सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अथवा समूह अपने उद्देश्य की प्राप्ति अपने विरोधी को हिंसा अथवा हिंसा के भय द्वारा प्रत्यक्ष चुनौती देकर करते हैं।
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