सबसे पहले कौन सा युग आया - sabase pahale kaun sa yug aaya

विष्णु
देवनागरी विष्णु
संबंध हिन्दू देवता
निवासस्थान वैकुंठ
मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
अस्त्र पाञ्चजन्य शंख, सुदर्शन चक्र, कौमुदी गदा पद्म
सवारी गरुड़

युग का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। उदाहरणः कलियुग, द्वापर, सत्ययुग, त्रेतायुग आदि। युग वर्णन का अर्थ होता है कि उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊँचाई होती है एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे में विस्तार से परिचय दे।

प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है :

सत्ययुग[संपादित करें]

  • मनुष्य की आयु - १.००,०००
  • लम्बाई - ३२ फिट (लगभग) [ २१ हाथ ]
  • तीर्थ - पुष्कर
  • पाप - ० विश्वा
  • पुण्य - २० विश्वा
  • अवतार – मत्स्य, कूर्म, वाराह, नृसिंह ( सभी अमानवीय अवतार हुए )
  • कारण – शंखासुर का वध एंव वेदों का उद्धार, पृथ्वी का भार हरण, हरिण्याक्ष दैत्य का वध, हिरण्यकश्यपु का वध एवं प्रह्लाद को सुख देने के लिए।
  • मुद्रा – रत्नमय
  • पात्र – स्वर्ण का

त्रेतायुग[संपादित करें]

  • पूर्ण आयु - १२,९६,०००
  • मनुष्य की आयु - १०,०००
  • लम्बाई - २१ फिट (लगभग) [ १४ हाथ ]
  • तीर्थ - नैमिषारण्य
  • पाप - ५ विश्वा
  • पुण्य - १५ विश्वा
  • अवतार – वामन, परशुराम, राम (राजा दशरथ के घर)
  • कारण – बलि का उद्धार कर पाताल भेजा, मदान्ध क्षत्रियों का संहार, रावण-वध एवं देवों को बन्धनमुक्त करने के लिए।
  • मुद्रा – स्वर्ण
  • पात्र – चाँदी का

द्वापरयुग[संपादित करें]

  • पूर्ण आयु - ८.६४,०००
  • मनुष्य की आयु - १,०००
  • लम्बाई - ११ फिट (लगभग) [ ७ हाथ ]
  • तीर्थ - कुरुक्षेत्र
  • पाप - १०
  • पुण्य - १०
  • अवतार – कृष्ण, (देवकी के गर्भ से एंव नंद के घर पालन-पोषण), बलराम।
  • कारण – कंसादि दुष्टो का संहार एंव गोपों की भलाई, दैत्यो को मोहित करने के लिए।
  • मुद्रा – चाँदी
  • पात्र – ताम्र का

कलियुग[संपादित करें]

  • पूर्ण आयु - ४,३२,०००
  • मनुष्य की आयु - १००
  • लम्बाई - ५.५ फिट (लगभग) [२. हाथ]
  • तीर्थ - गंगा
  • पाप - १५
  • पुण्य - ५
  • अवतार – कल्कि (ब्राह्मण विष्णु यश के घर)।
  • कारण – मनुष्य जाति के उद्धार अधर्मियों का विनाश एंव धर्म कि रक्षा के लिए।
  • मुद्रा – लोहा
  • पात्र – मिट्टी का

चौरासी लाख योनियों की व्यवस्था[संपादित करें]

८४ लाख योनि व्यवस्था कुछ इस प्रकार है

  • जलचर जीव - ९ लाख
  • वृक्ष - २७ लाख
  • कीट (क्षुद्रजीव) - ११ लाख
  • पक्षी - १० लाख
  • जंगली पशु - २३ लाख
  • मनुष्य - ४ लाख

बाहरी कडियाँ[संपादित करें]

  • ये सारे लिखित शब्द अभिषेक तिवारी ने अपने पठित पुस्तकों से लिखें है।
  • वेद
  • गीता
  • रुपेश पंचांग

कौन सा युग सबसे पहले आया और दूसरे नंबर पर कौन सा युग आया और तीसरा नंबर पर कौन सा युग आया और चौथे नंबर पर कौन सा युग आया?...


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नमस्कार आपका प्रश्न कौन सा युग पहले ही फिर दूसरा तीसरा चौथा किस कौन सा आया मैं बता दूं सबसे पहला युग सतयुग होता है जिसे सब कहते हैं दूसरा हैं वह होता है त्रेतायुग जिसमें भगवान राम का जन्म हुआ था कि नया द्वापर युग में भगवान कृष्ण का अवतार

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सबसे पहले कौन सा युग आया - sabase pahale kaun sa yug aaya

1 जवाब

सबसे पहले कौन सा युग आया - sabase pahale kaun sa yug aaya

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सबसे पुराना युग कौन सा है?

अनुक्रम.
1 सत्ययुग.
2 त्रेतायुग.
3 द्वापरयुग.
4 कलियुग.
5 चौरासी लाख योनियों की व्यवस्था.
6 बाहरी कडियाँ.

4 युग कितने वर्ष के होते हैं?

इस गणना के अनुसार सत्य आदि चार युग संध्या (युगारंभ के पहले का काल) और संध्यांश (युगांत के बाद का काल) के साथ 12000 वर्ष परिमित होते हैं। चार युगों का मान 4000 + 3000 + 2000 + 1000 = 10000 वर्ष है; संध्या का 400 + 300 + 200 + 100 = 1000 वर्ष; संध्यांश का भी 1000 वर्ष है। युगों का यह परिमाण दिव्य वर्ष में है।

कलयुग के पहले कौन सा युग आया था?

शास्त्रों में सतयुग की अवधि 17 लाख 28 हजार वर्ष बतायी गयी है और त्रेता की अवधि 12 लाख 28 हजार। द्वापर युग की अवधि 8 लाख 64 हजार है जो त्रेता से लगभग 4 लाख वर्ष कम है। कलियुग की अवधि द्वापर से ठीक आधी, यानी 4 लाख 32 हजार है। सतयुग से कलयुग तक सभी युगों की अवधि छोटी होती गयी है।

1 युग कितने वर्ष का होता है?

युगों की काल गणना इस प्रकार है कि कृत युग में चार हजार वर्ष, त्रेता युग में तीन हजार, द्वापर में दो हजार और कलियुग में एक हजार वर्ष। परन्तु एक युग समाप्त होते ही दूसरा युग एकदम आरम्भ नहीं हो जाता, बीच में दो युगों के संधि काल में कुछ वर्ष बीत जाते हैं।