नयी कहानी के लेखक कौन है? - nayee kahaanee ke lekhak kaun hai?

हिन्दी की पहली कहानी “इन्दुमती” है। इसका रचनाकाल 1900 ई. है। इसके रचनाकार या लेखक “किशोरीलाल गोस्वामी” हैं। उन्नीसवीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना गया। कहानी हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है। हिन्दी कहानी और कहानीकार पूरी जानकारी पढ़ें।

क्रमकहानी/रचनाकहानीकार1. रानी केतकी की कहानी इंशाअल्ला खाँ 2. राजा भोज का सपना राजा शिवप्रसाद ‘सितारे-हिंद’ 3. अद्भुत अपूर्व सपना भारतेंदु 4. दुलाईवाली राजा बाला घोष (बंगमहिला) 5. इंदुमती, गुलबहार किशोरीलाल गोस्वामी 6. मन की चंचलता माधवप्रसाद मिश्र 7. प्लेग की चुडैल भगवानदीन 8. ग्यारह वर्ष का समय रामचंद्र शुक्ल 9. इ कानों में कंगना राधिकारमण प्रसाद सिंह 10. सुखमय जीवन, बुद्ध का काँटा, उसने कहा था चंद्रधारी शर्मा गुलेरी 11. राखीबंद भाई वृंदावनलाल वर्मा 12. रक्षाबंधन, ताई, चित्रशाला (दो भाग), गल्प मंदिर, मंगली, प्रेम प्रतिमा, कल्लोल, मणिमाला विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ 13. पंचपरमेश्वर, सौत, बेटों वाली विधवा, सज्जनता का दण्ड, ईश्वरीय न्याय, रानी सारंधा, आत्माराम, बूढ़ी काकी, ईदगाह, पूस की रात, शतरंज के खिलाड़ी, कजाकी, अलग्योझा, तावान, ठाकुर का कुआँ, कफन, सप्त सरोज (कहानी-संग्रह), मान सरोवर-8 भागों में (कहानी-संग्रह) मुंशी प्रेमचंद 14. ग्राम, छाया (कहानी-संग्रह), इंद्रजाल, आकाशदीप, आँधी, सुनहरा साँप, सालवती, मधुवा, गुंडा, पुरस्कार, चूड़ी वाली नीरा, प्रतिध्वनि, देवरथ जयशंकर प्रसाद 15. सुदर्शन सुधा, तीर्थयात्रा, पुष्पलता, गल्पमंजरी, पनघट, हार की जीत, कवि की स्त्री सुदर्शन 16. दुखवा मैं कासों कहूँ मोरी सजनी, अंबपालिका, भिक्षुराज, हल्दीघाटी में, बाणवधू चतुरसेन शास्त्री 17. चिनगारियाँ, शैतान मंडली, इंद्रधनुष, बलात्कार, चाकलेट, दोज़ख की आग, निर्लज्जा, जब सारा आलम सोता है। पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ 18. हत्या, खेल, अपना-अपना भाग्य, जय संधि, बाहुबली, वातायन, नीलम देश की राजकन्या, दो चिड़ियाँ, ध्रुवयात्रा, पाजेब, एक दिन, राजीव और भाभी जैनेंद्र 19. विपथगा, त्रिपथगा, परंपरा, कोठरी की बात, शरणार्थी, जयदोल, अमर वल्लरी, ये तेरे प्रतिरूप, रोज, पठार का धीरज, सिगनेलर, रेल की सीटी, कविप्रिया, मैना, हरसिंगार ‘अज्ञेय’ 20. लिली, सुकुल की बीवी, श्रीमती गजानंद देवी, चतुरी चमार, पद्मा ‘निराला’ 21. पानवाला पंत 22. सतमी के बच्चे राहुल सांकृत्यायन 23. बिखरे मोती, उन्मादिनी, पापी पेट सुभद्रा कुमारी चौहान 24. इंस्टालमेंट, दो बाँके, उत्तमी की माँ, प्रायश्चित, मुगलों ने सल्तनत बख्श दी, वो दुनिया भगवती चरण वर्मा 25. मुक्त, देशभक्त, डाची, कांगड़ा का तेली, आकाशचारी, टेबुल लैंड ‘अश्क’ 26. सूर्यपूजा, भेड़िए भुवनेश्वर 27. काठ का सपना ‘मुक्तिबोध’ 28. आहुति, धन का अभिशाप, एकांकी चोर, कापालिक, प्रथम कहानी, दिवाली, चरणों की दासी मैं, खंडहर की आत्माएँ, डायरी के नीरस पृष्ठ, आहुति और दिवाली इलाचंद्र जोशी 29. मक्रील, कुत्ते की पूँछ, फूलो का कुर्ता, पराया सुख, भस्मावृत चिनगारी, पाप का कीचड़, ज्ञानदान, तुमने क्यों कहा कि मैं सुंदर हूँ, पिंजरे की उड़ान यशपाल 30. धरती अब भी घूम रही है, संघर्ष के बाद विष्णु प्रभाकर 31. ठुमरी, आदिम रात्रि की महक, तीसरी कसम, विघटन के क्षण, तीन बिंदिया ‘रेणु’ 32. मलबे का मालिक, एक और जिंदगी, जानवर और जानवर, परमात्मा का कुत्ता, खोया हुआ शहर, आर्द्रा, वासना की छाया में, फौलाद का आकाश, रोये रेशे मोहन राकेश 33. चीफ की दावत, मौकापरस्त, खून का रिश्ता, वाँग चू, पटरियाँ, भटकती राख भीष्म साहनी 34. भोलाराम का जीव, निठल्ले की डायरी, एक फरिश्ते की कथा हरिशंकर परसाई 35. आरपार की माला, मुर्दा सराय, इन्हें भी इंतजार है, कर्मनाशा की हार शिवप्रसाद सिंह 36. परिंदे, लवर्स, लंदन की एक रात, डेढ़ इंच ऊपर, कुत्ते की मौत, अँधेरे में, जलती झाड़ी, माया-दर्पण, धूप का एक टुकड़ा, पोस्टकार्ड, बीच बहस में निर्मल वर्मा 37. राजा निरबंसिया, युद्ध, एक अश्लील कहानी, नीली झील, जार्ज पंचम की नाक, देवा की माँ, मांस का दरिया, बयान जो लिखा नहीं जाता, एक रुकी हुई जिंदगी कमलेश्वर 38. शीराजी, पत्थर की आँखें कमल जोशी 39. जहाँ लक्ष्मी कैद है, प्रतीक्षा, छोटे-छोटे ताजमहल, एक दुनिया समानांतर, लहरें और परछाइयाँ, टूटना तथा अन्य कहानियाँ, एक कमजोर लड़की की कहानी, अभिमन्यु की आत्मकथा राजेंद्र यादव 40. कोसी का घटवार, बदबू, दाज्यू शेखर जोशी 41. जिंदगी और जोंक, डिप्टी कलेक्टरी अमरकांत 42. गुलरा के बाबा, हंसा जाई अकेला, महुए का पेड़, सेमल का फूल, साबुन मार्कण्डेय 43. गुलकी वन्नों, सावित्री नं० 2, बंद गली का आखिरी मकान, चाँद और टूटे हुए लोग, मुर्दो का गाँव धर्मवीर भारती 44. निशा जी, तथापि, एक समर्पित महिला नरेश मेहता 45. पागल कुत्तों का मसीहा, अँधेरे पर अँधेरा सर्वेश्वर 46. मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, एक प्लेट पुलाव, रानी माँ का चबूतरा, गीत का चुंबन मन्नू भंडारी 47. जिंदगी और गुलाब के फूल, चाँदनी में बर्फ पर, मछलियाँ, कितना बड़ा झूठ, एक कोई दूसरा, वापसी उषा प्रियंवदा 48. यारों के यार, बादलों के घेरे, तिन पहाड़, ऐ लड़की कृष्णा सोबती 49. बहिर्गमन, घंटा, पिता, फेस के इधर और उधर ज्ञानरंजन 50. एक और विदाई, प्रश्नचिह्न गंगाप्रसाद ‘विमल’ 51. अँधेरे के सिलसिले ज्ञानप्रकाश 52. एक पति के नोट्स, तीन-चार दिन महेंद्र भल्ला 53. चायघर में मृत्यु, चोट, हस्तक्षेप काशीनाथ सिंह 54. सफेद कौआ मंजुल भगत 55. गाउन, पेपरवेट, चिड़ियाघर, अलग-अलग कद के दो आदमी, फ्राक वाला घोड़ा गिरिराज किशोर 56. दरियाई घोड़ा, तिरीछ, और अंत में प्रार्थना, पॉल गोमरा का स्कूटर, दत्तात्रेय का दुःख, अरेबा-परेबा, मैंगोसिल; मोहनदास; पीली छतरी वाली लड़की, वारेन हेस्टिग्स का सांड़ उदय प्रकाश

‘एक शानदार अतीत कुत्ते की मौत मर रहा है, उसी में से फूटता हुआ एक विलक्षण वर्तमान रू-ब-रू खड़ा है-अनाम, अरक्षित, आदिम अवस्था में ! और आदिम अवस्था में खड़ा यह मनुष्य अपनी भाषा चाहता है, आस्था चाहता है, कविता और कला चाहता है, मूल्य और संस्कार चाहता है; अपनी मानसिक और भौतिक दुनिया चाहता है’ - यह है नयी कहानी की भूमिका - इस कहानी को शास्त्र और शास्त्रियों द्वारा परिभाषित करने की जब-जब कोशिश हुई है, कहानी और कहानीकार ने विद्रोह किया है !

इस कहानी को केवल जीवन के संदर्भो से ही समझा जा सकता है, युग के सम्पूर्ण बोध के साथ ही पाया जा सकता है ! नयी कहानी के प्रमुख प्रवक्ता तथा समान्तर कहानी आन्दोलन के प्रवर्तक कमलेश्वर ने छठे दशक के काल खंड में जीवन के उलझे रेशों और उससे उभरनेवाली कहानी की जटिलताओं को गहरी और साफ़ निगाहों से विश्लेषित किया है ! साहित्य का यह विश्लेषण बिना स्वस्थ सामाजिक दृष्टि के संभव नहीं है !

कमलेश्वर की यह पुस्तक इसलिए ऐतिहासिक महत्व की है क्योंकि यह समय और साहित्य को पारस्परिक समग्रता में समझने की दृष्टि देती है ! ‘नयी कहानी की भूमिका’ अपने समय के साहित्य का अत्यंत विशिष्ट दस्तावेज है; पाठकों, लेखकों और अध्येताओं के लिए अपरिहार्य पुस्तक है !

नई कहानी के लेखक कौन हैं?

नयी कहानी का जन्म 1956 से माना जाता है। 1956 में भैरव प्रसाद गुप्त के संपादन में नयी कहानी नाम की पत्रिका का एक विशेषांक निकाला। इसी विशेषांक के आधार पर अगली कड़ी की कहानियों को नयी कहानी के नाम से सम्बोधित किया जाने लगा।

नई कहानी आंदोलन क्या है?

'कहानी' पत्रिका में छपनेवाली कहानियों के कारण 1955 ई. में 'नयी कविता' के तर्ज पर नयी कहानी आंदोलन का नाम चल पड़ा जिसे 'नयी कहानियाँ' ने आगे बढ़ाया । हिन्दी में कहानी की एक पुष्ट समर्थ और स्वस्थ परंपरा है और वर्तमान कहानी उसका ही एक विकसित रूप है ।

कहानी नई कहानी के इतिहास और आलोचना यह किसकी रचना है *?

सन १९२२ में उग्र का हिन्दी-कथा-साहित्य में प्रवेश हुआ। उग्र न तो प्रसाद की तरह रोमैंटिक थे और न ही प्रेमचंद की भाँति आदर्शोन्मुख यथार्थवादी। वे केवल यथार्थवादी थे – प्रकृति से ही उन्होंने समाज के नंगे यथार्थ को सशक्त भाषा-शैली में उजागर किया। १९२७-१९२८ में जैनेन्द्र ने कहानी लिखना आरंभ किया।

नई कहानी की विशेषता क्या है?

हिन्दी की नयी कहानियों में आज के युग की दिशाहीनता, उत्कण्ठा, उलझन, मानसिक भटकाव और अन्तर्द्वन्द्वों का सजीव चित्रण नये शैली-विधान में किया गया है। नयी कहानियों का मुख्य उद्देश्य जीवन के भोगे हुए यथार्थ को आधुनिक भाव-बोध के धरातल पर प्रस्तुत करना है।