सौभाग्य के लिए पहने जाने वाली माला को क्या कहते हैं? - saubhaagy ke lie pahane jaane vaalee maala ko kya kahate hain?

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हेलो फ्रेंड्स मैं योगेंद्र शर्मा मोटिवेशनल स्पीकर क्रिकेट कोच और कॉरपोरेट पैनल डिस्कशन के बारे में बात करने वाले हैं माय डियर फ्रेंड है कि चौपाल के लिए पहने जाने वाली माला कौन सा नाम क्या है पार्टी के लिए जो माला पहनी जाती है उसका दूसरा नाम जो है मंगलसूत्र है पति परमेश्वर की लंबी उम्र की जाती है कहा जाता है कि तो औरतें मंगलसूत्र पहनती है उसके पति की उम्र लंबी होती है उसका प्यार बना देता है और बहुत सारी प्रॉब्लम

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कृष्णा सौभाग्य के लिए जाने जाने वाली माला कौन सी है तो देखे वैसे तो बहुत सारे मालाएं लोग दान करते हैं कोई स्टैटिक की पहनता है तो कोई तुलसा जी के बनता है तो और भी कई तरह की महिलाएं यहां पर आते हैं लेकिन अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो उस दृष्टिकोण से जो आपके रुद्राक्ष की माला होते हैं उसका स्थान काफी ऊपर है मैं शुभकामनाएं आपके साथ हैं धन्यवाद

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सौभाग्य के लिए भगवान भी धारण करते हैं ये माला, आप भी बदलें अपनी किस्मत

सौभाग्य के लिए पहने जाने वाली माला को क्या कहते हैं? - saubhaagy ke lie pahane jaane vaalee maala ko kya kahate hain?

गले में माला पहनने का जहां आध्यात्मिक महत्व है, वहीं ये धारक के मन, मस्तिष्क, चर्म, अस्थि, रक्त प्रवाह, वात संस्थान और संवेगों को भी प्रभावित करती हैं। रुद्राक्ष की माला इस दृष्टि से सर्वगुण संपन्न मानी गई है। लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, राम, कृष्ण,...

गले में माला पहनने का जहां आध्यात्मिक महत्व है, वहीं ये धारक के मन, मस्तिष्क, चर्म, अस्थि, रक्त प्रवाह, वात संस्थान और संवेगों को भी प्रभावित करती हैं। रुद्राक्ष की माला इस दृष्टि से सर्वगुण संपन्न मानी गई है। लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, राम, कृष्ण, शिव, विष्णु, दत्त तथा नवग्रह आदि की साधना में रुद्राक्ष की माला का उपयोग मनोवांछित फल देने वाला है। माला चाहे जैसी भी हो, उसका शुद्ध पूर्ण और वास्तविक होना आवश्यक है। टूटी-फूटी, आधी-अधूरी, अशुद्ध माला प्रभावकारी नहीं होती। जप के प्रभाव को कम या ज्यादा करने में माला एक प्रमुख उपदान है, इसलिए किसी विद्वान के निर्देश पर ही इसका प्रयोग करना चााहिए। माला को गंगाजल अथवा कच्चे दूध से स्नान करवाने के बाद ही उपयोग में लाना चाहिए। शुद्धता किसी भी माला के प्रभावकारी होने की पहली शर्त है। 

हाथी दांत के मनकों से बनी हुई माला से जप करने पर गणेश जी प्रसन्न होते हैं, हालांकि यह माला काफी महंगी और दुर्लभ होती है। कमलगट्टे की माला का प्रयोग शत्रु के नाश और धन प्राप्ति के लिए किया जाता है। संतान प्राप्ति के लिए पुत्र जीवा की अल्प मौली माला फलदायी मानी गई है। पुष्टि कर्म के अंतर्गत सात्विक कार्यों की पूर्ति के लिए चांदी की माला सर्वोत्तम मानी गई है। इसका प्रभाव जप के साथ ही आरंभ हो जाता है।  

जबकि मूंगा (प्रवाल) की माला धारण करने व इसके जप में प्रयोग करने से गणेश और लक्ष्मी की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है। धन-संपत्ति, द्रव्य, स्वर्ण आदि की प्राप्ति की कामना मूंगे की माला से पूर्ण हो जाती है। कुश ग्रंथ की माला कुश नामक घास की जड़ को खोद कर बनाई जाती है। इसका जातक अथवा साधक पर जप के दौरान जादुई प्रभाव होता है। सहज उपलब्धता के कारण अक्सर लोग इसे अप्रभावी मानकर हाशिए पर फैंक देते हैं लेकिन अध्यात्म की दुनिया में इसके गुणों का कोई सानी माला नहीं है। कुश ग्रंथी माला समस्त कायिक, वाचिक और मानसिक पातकों का शमन करती हुई साधक को निष्कलंक, प्रदूषणमुक्त, निर्मल और सतेज बनाती हैं। इसके प्रयोग से तामसिक व्याधियों का विनाश होता है। 

चंदन की माला दो प्रकार की मिलती है- सफेद और लाल चंदन की। श्री राम, विष्णु, कृष्ण आदि देवताओं की स्तुति, पूजन-अर्चन आदि में सफेद चंदन की माला से किया गया जप देखते-देखते धन-धान्य की प्राप्ति करवा देता है। जबकि लाल चंदन की माला गणेश तथा दुर्गा, लक्ष्मी, त्रिपुर सुंदरी आदि देवी स्वरूपों की उपासना में प्रयोग में लाई जाती है।

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तुलसी की माला सस्ती है और सर्वत्र उपलब्ध है। इसलिए राम कृष्ण की उपासना में वैष्णव भक्त इसका बड़ी ही श्रद्धापूर्वक प्रयोग करते हैं। आयुर्वैदिक दृष्टि से भी इसे गले में धारण करने का महत्व है। इसे लोग सुरक्षा कवच मानकर भी गले में पहने रहते हैं। 

सोने के मनकों वाली माला जप आदि में तो प्रयोग में कम लाई जाती है लेकिन अनुभव में आया है कि स्वर्ण माला के धारण करने से धन प्राप्ति और पुत्र प्राप्त की कामना शीघ्र पूरी होती है। स्फटिक की माला सौम्य प्रभाव वाली होती है। इसके धारकों पर चंद्रमा और शिव जी की विशेष कृपा होती है। सात्विक और पुष्टि कार्यों के लिए इसके प्रभाव स्वयं सिद्ध हैं। शंखमाला का प्रयोग तांत्रिक विद्याओं की सिद्धि के लिए किया जाता है। शिवजी की पूजा आराधना तथा सात्विक कामनाओं की पूर्ति तथा जप आदि में इसकी लोकप्रियता शिखर पर है। 

वैजयंती की माला विष्णु और कृष्ण के भक्तों को प्रिय है। यह बहुप्रयोजनीय है। भक्त तो भक्त, इसे भगवान भी धारण कर सौभाग्य अर्जित करना चाहते हैं। हल्दी की माला गणेश जी की प्रसन्नता के लिए है। बृहस्पति ग्रह तथा बगलामुखी की साधना हल्दी की माला के बिना अधूरी मानी जाती है।