गन्ने की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है? - ganne kee sabase achchhee vairaayatee kaun see hai?

गन्ने की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है? - ganne kee sabase achchhee vairaayatee kaun see hai?

Sugarcane variety 13235 is becoming an alternative to 0238

मुजफ्फरनगर। पूर्वांचल में और मुरादाबाद मंडल में गन्ने की प्रजाति 0238 के बीमारी की चपेट में आ जाने के बाद गन्ना विभाग ने इसके विकल्प के रूप में 13235 का बीज तैयार कर दिया है। जिले में इस बार गन्ना शोध केंद्र से गन्ने की इस प्रजाति की 20 लाख का आंख का वितरण महिला समूहों और किसानों को किया गया जो बीज तैयार करने का काम कर रहे हैं।

गन्ना शोध केंद्र के निदेशक डॉ वीरेश कुमार ने बताया कि 0238 मेरठ और सहारनपुर मंडल को छोड़कर पूरे प्रदेश में बीमारी की चपेट में आ गई है। गन्ने की फसल प्रभावित न हो इसे लेकर विभाग ने इसके विकल्प के रूप में दूसरी प्रजातियों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। तीन वैरायटी गन्ना विभाग बढ़ा रहा है। इनमें को शा 13235, को लख 14201, को 15023 शामिल है। तमाम शोध के आधार पर 13235 ऐसी प्रजाति है जो हर तरह से 0238 से बेहतर है। गन्ना शोध केंद्र से इसकी 20 लाख आंख का वितरण महिला समूहों और किसानों को किया गया है।

शरदकालीन फसल में जिले में 350 एकड़ में इसकी पौध तैयार हो रही है, जिसका वितरण आगामी वर्षों में होगा। इस प्रजाति की खास बात यह है कि इसका गन्ना एक जैसा निकल रहा है। गन्ने में अंतर नहीं है। 0238 से लंबा और वजनदार है। एक क्विंटल में 50 गन्ने ही आ रहे हैं। लगभग दो किलो का एक गन्ना सामान्य रूप से निकल रहा है। चीनी और गुड़ दोनो इसमें बेहतर बन रहे है। रिकवरी अच्छी है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह प्रजाति रोग मुक्त है। 0238 में चारे की समस्या थी, इसमें चारा बहुत अच्छा है।

उत्तर प्रदेश में दो नई गन्ना किस्मों को बोने की स्वीकृति शासन ने दी है, इसमें सबसे महत्वपूर्ण गन्ना किस्म यूपी 14234 है, यह गन्ना प्रजाति ऊसर जमीन...

गन्ने की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है? - ganne kee sabase achchhee vairaayatee kaun see hai?

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरFri, 26 Aug 2022 01:20 AM

शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश में दो नई गन्ना किस्मों को बोने की स्वीकृति शासन ने दी है, इसमें सबसे महत्वपूर्ण गन्ना किस्म यूपी 14234 है, यह गन्ना प्रजाति ऊसर जमीन पर भी पैदा हो सकेगी। इसके साथ ही शीघ्र पकने वाली उच्च एवं गुणवत्ता युक्त गन्ना किस्म कोशा 17231 स्वीकृत दी गई है। गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उपसमिति की बैठक आयोजित की गयी। इस उपसमिति में प्रदेश के गन्ना किसान एवं चीनी मिलें भी सदस्य हैं। इस बैठक में वैरायटल रिलीज कमेटी द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए 2 नई गन्ना किस्मों कोशा 17231 एवं यू़पी 14234 को प्रदेश में सामान्य खेती के लिए अवमुक्त किया गया।

इन आंकड़ों पर मिली स्वीकृति

बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उपसमिति के समक्ष गन्ना शोध परिषद के प्रजनन अनुभाग के वैज्ञानिकों ने प्रस्तावित नवीन किस्मों का विभिन्न शोध संस्थानों तथा विभिन्न चीनी मिल प्रक्षेत्रों पर सम्पन्न राज्य स्तरीय जातीय परीक्षण के उपज, पोल इन केन प्रतिशत, रस में शर्करा प्रतिशत, सीसीएसटन प्रति हेक्टेयर के आंकड़े प्रस्तुत किये तथा स्टैण्डर्ड गन्ना प्रजाति को 0238 एवं कोशा 767 से उसका तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया।

उत्पादन और चीनी परते में भी वृदि्ध होगी

अध्यक्ष एवं गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने प्रस्तुत आंकड़ों का गहनता पूर्वक अवलोकन कर सर्वसम्मति से गन्ना किस्म कोशा 17231 एवं यूपी 14234 को प्रदेश में सामान्य खेती के लिए स्वीकृत किया। उन्होंने बताया कि इन किस्मों के सामान्य खेती के लिए स्वीकृत होने से गन्ना किसानों के उत्पादन में वृद्वि के साथ-साथ चीनी परते में भी वृदि्ध होगी।

जहां नहीं होता गन्ना, वहां भी होगी पैदावार

गन्ना किस्म यूपी 14234 उन क्षेत्रों के लिए है, जहां की भूमि ऊसर है तथा उन क्षेत्रों में गन्ने की खेती नहीं हो रही है अथवा गन्ने की उपज बहुत कम है। ऐसे क्षेत्रों में यू़पी़ 14234 गन्ना किसानों हेतु लाभदायक सिद्घ होगी।

यह है नई गन्ना किस्मों की खासियत

कोशा 17231 गन्ना किस्म के बारे में बताया गया कि इस नवीन किस्म का जमाव एवं मिल योग्य गन्नों की संख्या अच्छी है। गन्ना मोटा एवं लम्बा होने के साथ-साथ पेड़ी उत्पादन क्षमता भी बेहतर है। इसी के साथ लाल सड़न के रोग से ग्राही हो जाने के कारण गन्ना किस्म कोपीके 05191 को फेज आउट करने का भी निर्णय लिया गया।

2023-24 से ही मान्य होंगी दोनों गन्ना किस्म

पेराई सत्र 2022-23 में इस किस्म की पेड़ी एवं पौधा फसल सामान्य किस्म के रूप में क्रय की जायेगी। पेराई सत्र 2023-24 में केवल पेड़ी फसल को सामान्य किस्म के रूप में लिया जायेगा। बुवाई वर्ष 2022-23 से यह किस्म बुवाई के लिए प्रतिबन्धित होगी तथा बुवाई करने की दशा में इसे अस्वीकृत किस्म के रूप में माना जायेगा।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

गन्ना प्रजातियों के बारे में आम पूछे गये प्रश्न

  1. आजकल कौन सी सूखा सहनशील प्रजातियां उपलब्ध हैं?
  2. को. 86032, को. 88006, को.टी.एल 88322, को. 95014, को.97008, को. 99004, को. 95003, को. 95006, को. 94012, को. 96009, को.जे.एन 86-600, वी.एस.आई. 9/20, को. 99012, को. 97001 और को. 96023 कुछ सूखा सहनशील प्रजातियां हैं।

  3. जलप्लावन के लिये कौन सी प्रजातियां सहनशील हैं
  4. प्रजातियां, जैसेकि को. 8231, को. 8232, को.8145, को.एस.आई 86071, को.एस.आई 776, को. 8371, को. 99006, 93ए. 4, 93ए.11, 93ए.145 and 93ए.21, जलप्लावन के लिये सहनशील हैं।

  5. लवणताग्रस्त हालातों के लिये कौन सी प्रजातियां सहनशील हैं?
  6. को. 95003, को. 93005, को. 97008, को. 85019, को. 99004, को. 2001-13 को लवणता वाली मृदाओं में समृद्ध संवर्धन करते देखा जाता है। कुछ दूसरी प्रजातियां भी, जैसेकि को. 94012, को. 94008, को. 2000-10, को. 2001-15 और को. 97001, लवणताग्रस्त हालातों के लिये सहनशील हैं।

  7. लोहे की कमी वाले हालातों में कौन सी प्रजातियां बेहतर साबित होंगी?
  8. प्रजातियां जैसेकि को. 8021, को. 86032, को. 86249, को. 88025, को. 94005 और को. 94012 लोहे की कमी वाले हालातों के लिये सहनशील हैं।

  9. कटाई के बाद आने वाली गिरावट के लिये कौन सी प्रजातियां बेहतर सिद्ध होंगी?
  10. प्रजातियां को.सी. 671, को. 7314 और को. 775 को को.जे. 64, को.एस. 510, को. 7240, को.सी. 8001, को. 6907 और को. 62175 से कटाई के बाद आने वाली गिरावट के लिये बेहतर प्रतिरोधि पाया गया। कोयम्बत्तूर में किये गये अध्यन में को.सी. 671 में को. 6304 के मुकाबले कटाई के बाद होने वाली विपरीतता (inversion) के कारण आने वाली गिरावट में कमी देखी गई। को.सी. 671 को यदि 14-16 महीने बाद भी काटा गया हो तो इसमें कम विपरीतता और डैक्सट्रान का बनना देखा गया। .

  11. गुड़ बनाने के लिये कौन सी प्रजातियां अच्छी हैं?
    • आन्ध्र प्रदेश : को. 6907, को.टी. 8201, को. 8013, को. 62175, को. 7219, को. 8014, को.आर. 8001
    • बिहार : को.एस. 767, बी.ओ. 91, को. 1148
    • गुजरात : को.सी. 671, को. 7527, को. 62175, को. 8014, को. 740
    • हरियाणा : को.7717, को. 1148, को. 1158, को.एस. 767
    • कर्नाटक : को. 7704, को. 62175, को. 8014, को. 8011, को.सी. 671, को. 86032
    • मध्य प्रदेश : को. 775, को. 7314, को. 6304, को. 62175
    • महाराष्ट्र : को. 775, को. 7219, को.सी. 671, को. 740, को. 7257, को. 86032
    • उड़ीसा : को. 7704, को. 7219, को. 62175, को. 6304
    • पंजाब : को.जे. 64, को. 1148, को.जे. 81
    • राजस्थान : को. 997, को. 419
    • तमिल नाडू : को.सी. 671, को. 62175, को. 7704, को. 6304, को. 8021, को. 86032, को.सी. 92061
    • उत्तर प्रदेश : को.एस. 687, को.जे. 64, को.1148, को.एस. 767, को.एस. 802, को.एस. 7918, को. 1158, को.एस. 8408, को.एस. 8432, बी.ओ. 91, को.एस. 8315, को.एस. 8016, को.एस. 8118, को.एस. 8119, बी.ओ. 19, को.एस. 837
    • पश्चिम बंगाल : को.जे. 64, को. 1148

  12. पेय पदार्थ बनाने के लिये कौन सी प्रजातियों की रस की गुणवत्ता बेहतर है?
  13. प्रजातियां जैसेकि को.सी. 671, को. 62175, को. 7717, को. 86032, को. 86249 और को. 94012 के रस में शर्करा की उच्च मात्रा होने के साथ हल्के रंग और कम रेशों वाला इनके रस को पेय योग्य बनाने के लिये आवश्यक है।

गन्ने का सबसे अच्छा बीज कौन सा है?

गन्ने की अन्य बेहतर उत्पादन देने वाली किस्मेंं.
0238 Co 0238 (करन 4).
86032..
जे. एन. 86-600..

गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक कौन है?

गन्ने का उत्पादन सबसे ज्यादा ‌‌‌‍ब्राजील में होता है और भारत का गन्ने की उत्पादकता में संपूर्ण विश्व में दूसरा स्थान हैI गन्ने की खेती बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देती है और विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

गन्ने की मोटाई के लिए क्या करें?

गन्ना मोटा करने के लिए क्या डालें?( What to add to thicken sugarcane?) किसानों के अनुसार, कोराजन गन्ने की खेती के लिये एक बेहतरीन कीटनाशक है. इसके उपयोग से न केवल गन्ने की फसल अच्छी होती है, बल्कि गन्ना लंबा और मोटा भी पैदा होता है. इसलिए इन दिनों किसान गन्ने की फसल के लिये कोराजन का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं.

गन्ना में कौन सा देश है?

Notes: ब्राज़ील विश्व का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है। ब्राज़ील, भारत, चीन, थाईलैंड, पाकिस्तान और मेक्सिको विश्व के बड़े गन्ना उत्पादक देश हैं।