सेब का पेड़ कैसा होता है - seb ka ped kaisa hota hai

प्रोडक्ट विवरण

The apple tree (Malus pumila, commonly and erroneously called Malus domestica) is a deciduous tree in the rose family best known for its sweet, pomaceous fruit, the apple. Apple Trees are one of the most well-known fruiting trees, with history in religions, mythologies, and cultures from around the world. Apple Trees are not traditionally a United States tree, though €œas American as apple pie€ has become a familiar notion. Apple Trees originate in Central Asia. Cultivated throughout Asia and Europe, colonists brought the Apple Tree to the United States in the 1600s. It grows readily from seed, though common store-bought apples are typically taken from root graft trees instead. Most common varieties of apple today have been carefully cultivated for taste, appearance, and disease resistance. Pl ng an Apple Tree provides not only peaceful shade, but also edible profits that recognize the hard work of the gardener. Apple Trees not only provide fruit, but they are also ornamental trees, accenting gardens and lawns with ease. Apple Trees are easy to grow, yet they do have specific requirements with regard to soil, sun, and water. Read the quick facts below before examining the following sections in detail. Sun: Plant in full sun with minimal shade from buildings or other trees. Water: Water frequently. In general, trees require one inch of rain per week. Irrigation systems should be used if fruit-bearing is a desired trait. Soil: Well-draining loamy soil. Pruning: Heavy pruning is required in order to earn edible fruits.

क्या बीज से सेब का पौधा लगाया जा सकता है? क्या उसमें फल उगेंगे? इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं, गार्डनिंग एक्सपर्ट अनुपमा देसाई से।

होम गार्डनिंग और पौधों के शौकीन लोग समय-समय पर नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। कुछ प्रयोग सफल होते हैं, तो कुछ नहीं। आमतौर पर कहा जाता है कि हर पेड़ की अलग प्रकृति और स्वभाव होता है। अगर आप उनके गुणों और ज़रूरतों को ध्यान में रखकर पौधा लगाते हैं, तो आप जरूर सफल होते हैं। अगर बात फलों और सब्जियों के पौधों की करें तो, इनके उगने और अच्छी ग्रोथ के लिए परागण, सही तामपान, सूरज की रौशनी, नमी आदि का बहुत बड़ा योगदान होता है। कुछ पौधे गर्म वातावरण में उगते हैं, तो कुछ ठंडे प्रदेश में। अगर इन पौधों को इनकी प्रकृति के विपरीत उगाया जाए, तो ये उग तो जरूर जाते हैं, लेकिन उनका विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता और न ही उनमें फल आ पाते हैं। ऐसा ही एक पेड़ है सेब का, जो आमतौर पर ठंडे प्रदेशों में उगता है। कई लोग सेब का पेड़ घर पर ही उगाना चाहते हैं। 

अगर आप ठंडे प्रदेश में रहते हैं, तब तो सेब को गमले मेंं आसानी से उगाया जा सकता है। लेकिन, पिछले 10 सालों से अपने घर में गार्डनिंग करती आ रहीं, सूरत की अनुपमा देसाई को घर में सेब का पौधा लगाने की बड़ी तमन्ना थी। फिलहाल, उनके घर में तीन सेब के पौधे हैं। तो चलिए, उनसे जानें कि उनके पास सेब की कौन-कौन सी किस्में हैं और उन्होंने इसे कैसे लगाया। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए अनुपमा बताती हैं, “चूँकि गुजरात की जलवायु सेब उगाने के लिए अनुकूल नहीं थी। इसलिए मैंने इसे लगाने की हिम्मत कभी नहीं की।” सेब के पेड़ को अधिकतम 10 से 25 डिग्री के तापमान की जरूरत होती है। इसी तापमान में सेब के पेड़, फल भी अच्छे देते हैं। अनुपमा बताती हैं कि सूरत में ठंड या बारिश के समय अगर यह पौधा लगाया जाए, तो आराम से लग जाता है। लेकिन इसमें फल आएंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं होती। हां, आपके गार्डन में एक सूंदर बोनसाई पौधा जरूर लग जाएगा। आप कलम या बीज से इस बोनसाई को लगा सकते हैं।  

सेब का पेड़ कैसा होता है - seb ka ped kaisa hota hai

बीज से कैसे लगाएं सेब का पौधा? 

वह बताती हैं, “बीज से लगे पौधे को बड़ा होने और फल आने में पांच से छह साल लग जाते हैं। वहीं, गर्म जगह पर इसमें फल आने में मुश्किल होती है। अगर सही तापमान मिले, तो बाजार जैसे बड़े सेब तो शायद न आ पाएं, लोकिन घर में लगे पौधों में भी फल आ सकते हैं।”

बीज से इसे लगाने के लिए, आप सेब के बीज को ट्राइकोडर्मा पाउडर की कोटिंग करके गमले में लगा सकते हैं। इससे बीज को अंकुरित होने में मदद मिलेगी।  

  • आप इसके बीज को, फ्रिज में रख कर भी अंकुरित कर सकते हैं। 
  • सेब के सभी बीजों को निकाल कर तक़रीबन तीन हफ्तों तक फ्रिज में रखें।  
  • तीन हफ्ते या महीने बाद, बीज को निकाल लें और इसे पानी में डुबोकर पांच-छह घंटे रखें। ध्यान दें, जो बीज तैर रहे हैं उसका उपयोग न करें। 
  • अब बीज को गीले टावल में तकरीबन एक हफ्ते तक धूप से बचाकर किसी डिब्बे में भरकर रखें।  
  • आप देखेंगे, हफ्ते बाद बीज अंकुरित होने लगेंगे। अब इसे गमले में लगाने का समय आ गया है।  
  • आप 50% सामान्य मिट्टी, 50% कोकोपीट और वर्मी कम्पोस्ट के मिश्रण वाली पॉटिंग मिक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।  
  • आप गमले में एक-एक करके बीज लगाएं और ऊपर से थोड़ी सी मिट्टी और पानी डाल दें।  
  • इसे तेज़ धूप से बचाकर रखें, लेकिन इसे तीन से चार घंटे की धूप मिलना भी जरूरी है।  
  • करीब 10 दिनों के बाद, आप देखेंगे कि आपके बीज से पौधा निकल आया है। 
  • पौधों को तीन से चार घंटे की धूप दें और नियमित पानी डालते रहें। ज्यादा पानी डालने से इसकी जड़ें सड़ जाएँगी, इसलिए जरूरत के हिसाब से ही पानी डालें। 
  • अगर 20 से 22 डिग्री का अधिकतम तापमान मिले, तो यह पौधा लगभग पांच साल में फल भी देने लगेगा।  

गुजरात की गर्मी में कैसे लगाया सेब का पौधा 

आप सोच रहे होंगें कि अनुपमा ने सूरत की गर्म जलवायु में सेब का पौधा कैसे लगाया और क्या इसमें फल आएंगे? तो इसका जवाब देते हुए, अनुपमा ने बताया कि  उन्होंने HRMN 99 नाम की किस्म के सेब का पौधा घर पर लगाया है। सेब की इस किस्म को हिमाचल के एक किसान, हरिमन शर्मा ने  विकसित किया है। यह 40 से 44 डिग्री की गर्मी में भी उग सकता है और इसमें फल भी आ सकते हैं। हरिमन शर्मा को इस खोज के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। 

सेब का पेड़ कैसा होता है - seb ka ped kaisa hota hai
हरिमन शर्मा

अनुपमा ने बताया, “जबसे मैंने इस नई किस्म के बारे में पढ़ा, तभी से मैं इस पौधे की खोज में लग गई। इसी साल मई महीने में मुझे यह पौधा सूरत की एक नर्सरी से मिला। जिसे मैंने बड़े ग्रो बैग में लगाया है।”

नर्सरी से लाए इस पौधे को उन्होंने, 50% सामान्य मिट्टी, 50% कोकोपीट और वर्मी कम्पोस्ट के मिश्रण वाली पॉटिंग मिक्स वाले गमले में लगाया है। चूँकि यह गर्म प्रदेश में भी विकसित हो सकता है, इसलिए इसे सामान्य धूप में रखें। वहीं किसी प्रकार के कीट आदि के बचाव के लिए वह नीम के तेल का नियमित छिड़काव करती हैं। उनका कहना हैं कि HRMN सेब के पौधे को अगर ज़मीन पर लगाया जाए, तो तकरीबन दो साल में फल आने लगते हैं।  वहीं गमले में लगे पौधे में फल आने में पांच साल लग सकते हैं। 

अगर आप गर्म प्रदेश में रहते हैं और अपने घर में सेब का पौधा बोनसाई के तौर पर लगाना चाहते हैं, तो बीज से लगा सकते हैं। और अगर घर में उगे सेब का स्वाद चखना है, तो अपने आस-पास की नर्सरी से आप HRMN 99 किस्म के पौधे को लाकर लगाएं। 

साल 2017-2018 में HRMN 99 सेब की किस्म को देश के हर हिस्से में भेजा गया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी खेती कर सकें और सेब गर्म प्रदेशों में भी उगाया जा सके।

 हैप्पी गार्डनिंग

संपादनः अर्चना दूबे

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सेब का पेड़ कैसे होता है?

सेब की खेती (Apple Farming) के लिए जलवायु और भूमि खेत में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसकी खेती में जलवायु का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए अधिक ठंड की आवश्यकता होती है। सर्दियों के मौसम में फलों के अच्छे विकास के लिए पौधों को लगभग 200 घंटे सूर्य की धूप की आवश्यकता होती है।

सेब का पौधा कितने समय में फल देता है?

आमतौर पर सेब सितम्बर -अक्तूबर से फसल-कटाई के लिए तैयार होते हैं लेकिन नीलगिरि में ऐसा नहीं होता है जहां मौसम अप्रैल से जुलाई होता है। विकसित की गई किस्म पर निर्भर करते हुए पूर्ण पुष्प पुंज अवस्था के बाद 130-135 दिनों के भीतर फल परिपक्व होते हैं।

एप्पल के पत्ते कैसे होते हैं?

सेब पपड़ी पत्तों और फलों दोनों को प्रभावित करती है। फल-स्परों पर उगने वाले पत्तों की निचली सतह पर बिखरे हुए, गोलाकार भूरे या जैतूनी-हरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। प्रारंभ में लीशन पत्ते के बड़े हिस्से को कवर करता है जोकि समय से पहले पत्तों के पीला होने, पतझड़ और फल गिरने का प्रमुख कारण है।

सेब के पेड़ की ऊंचाई कितनी होती है?

सेब की खेती ऐसे पर्वतीय इलाकों में की जाती है जहां पर्वतों की ऊंचाई 1600 से 2700 मीटर हो, क्योंकि सेब के पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए अधिक ठंड की आवश्यकता होती है।