प्याज अदरक लहसुन का रस पीने से क्या होता है? - pyaaj adarak lahasun ka ras peene se kya hota hai?

लहसुुन में कुछ बहुत ही खास गुण होते हैं और इसे न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में एक महत्वपूर्ण मसाले के तौर भी पर इस्तेमाल किया जाता है। लहसुुन में खाने को एक अलग ही स्वाद देने की क्षमता होती है जो बहुत से लोगों को पसंद होती है। 


लहसुुन को अपनी डाइट का हिस्सा बनाने का एक और तरीका है इसे ज्यूस के तौर पर इस्तेमाल करना। आप जल्दी ही इससे आने वाले बदलाव को महसूस करने लगेंगे।  

1. लहसुुन के ज्यूस की 10 बूंदें और दो चम्मच शहद को एक ग्लास पानी में मिलाकर रोजाना पीने से दमा रोग में बहुत फायदा होता है।


2. अगर आपका गला खराब है तो लहसुुन के ज्यूस को गर्म पानी में मिलाकर गरारे करने से गले की खिचखिच में तुरंत आराम मिलता है।


3. लहसुुन के रस की 20 बूंदें और एक ग्लास अनार का ज्यूस मिलाकर पीने से किसी भी तरह की खांसी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।


4. लहसुुन के ज्यूस को मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए सीधे ही चेहरे पर लगाया जा सकता है। लहसुुन के ज्यूस को दिन के समय में चेहरे पर लगाकर 5 मिनट के लिए रखना चाहिए और फिर इसे पानी के साथ धो लेना चाहिए। इस उपाय को मुंहासों के गायब होने तक अपनाया जा सकता है।


5. लहसुुन का ज्यूस कम बालों वाले लोगो के लिए वरदान की तरह है। इसे दिन में दो बार कम बाल वाली जगह पर लगाकर सुखने तक रखना चाहिए। इससे न सिर्फ नए बाल उगते हैं बल्कि रुसी और जूं जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। 

नहीं होंगे रोग, खूब खाएं अदरक, प्याज और लहसुन

Publish Date: Mon, 08 Jul 2013 09:12 PM (IST)Updated Date: Mon, 08 Jul 2013 09:13 PM (IST)

रगड़कर नहाने के बाद करें तेल की मालिश : वैद्य आत्माराम

सुपाच्य भोजन करें, चिकनाई और मसाले से बचें

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बारिश के मौसम में तमाम रोगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। प्रदूषित पानी तमाम संक्रमणों की मुख्य वजह है। बढ़ी हुई नमी और उमस रोग कारक जीवाणुओं के बढ़ने में मददगार होता है। आयुर्वेद के मुताबिक बरसात में इसके अलावा रोगों की और क्या वजहें है और इनके रोकथाम का क्या तरीका है, इस बारे में जानिए शहर के नामचीन वैद्य आत्माराम दूबे की राय।

इनके मुताबिक आयुर्वेद रोगों की तीन वजह मानता है। वायु, पित्त और कफ। तीनों की विषमता ही रोगों की वजह है। बरसात के मौसम में ये तीनों कुपित रहते हैं खासकर वायु। वायु पूरे शरीर में व्याप्त होती है। इसलिए इसके कुपित होने का प्रभाव भी व्यापक होता है। गैस, अपच, जोड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द इसी की वजह से होता है। प्रदूषित पानी रोगों को बढ़ाने में और मददगार बनता है। लहसुन, अदरक और प्याज का भरपूर सेवन करें। इनमें संक्रामक रोगों से लड़ने की ताकत होती है।

मौसम से रोग के बचाव के बारे में वैद्य आत्माराम का सुझाव है कि हर जगह का पानी न पीएं। घर के पानी को भी हल्का सा उबाल कर पीएं। तबियत से आम खाएं। देर से कटे फल, सब्जी, सलाद, चिकनाई व मसालेदार भोजन और शर्बत से परहेज करें। इस मौसम में हाजमा कमजोर रहता है। लिहाजा सुपाच्य भोजन करें। रगड़ कर स्नान करें। स्नान के बाद सरसों या नारियल के तेल की मालिश करें।

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सर्दियों के मौसम में दिल की बीमारियों का खतरा सबसे अधिक होता है। क्योंकि इस मौसम में कोलेस्ट्रॉल और बीपी काफी बढ़ जाता है। जिसके कारण कई बार जान भी चली जाती हैं। ऐसे में आप अपने खानपान में थोड़ा सा बदलाव करके बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करके गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ा सकते हैं। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे लहसुन, प्याज के साथ कुछ चीजों का इस्तेमाल करके आप कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के साथ दिल को हेल्दी रख सकते हैं। 

लहसुन, प्याज जैसे कई चीजों से मिलकर बना इस आयुर्वेदिक ड्रिंक का रोजाना सेवन करने से कोलेस्ट्राल के साथ-साथ अर्थराइटिस, हाई बीपी, थायराइड, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है। इसके साथ ही इम्यूनिटी मजबूत करके संक्रामक बीमारियों से कोसों दूर रखेगा। जानिए इसे बनाने और सेवन की विधि।

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क्या होता है कोलेस्ट्रॉल?

कोलेस्ट्रॉल एक वसा है, जो लिवर में उत्पन्न होता है। हमारे शरीर की हर कोशिका को जीवित रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल  एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा चिकना लिक्विड है जो ब्लड प्लाज्मा द्वारा शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचता है। अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो यह कोशिकाओं में हानिकारक रूप से एकत्र हो जाते हैं। जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट करने के साथ कई समस्याओं को जन्म देते हैं। 

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आयुर्वेदिक ड्रिंक बनाने के लिए सामग्री

  • 6-7 लहसुन की कली
  • 1 प्याज
  • एक इंच अदरक
  • आधा नींबू
  • एक इंच हल्दी
  • 1 चम्मच शहद

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ऐसे बनाएं

सबसे पहले शहद और नींबू छोड़ सभी चीजों को इमामदस्ता में कूट लें। इसके बाद इन्हें छानकर रख निकाल लें। इसके बाद इसे पका लें। जब यह आधा बच जाए तो इसमें इसमं नींबू और शहद डालकर पी लें। 

अगर आप रोजाना नहीं बनाना चाहते हैं तो कुछ दिनों के लिए बनाकर रख लें। इसके लिए हल्दी, प्याज, लहसुन, नींबू और अदरक  का 100 ग्राम रस लेकर पकाए। जब यह आधा हो जाए तो इसमें बराबर मात्रा में शहद डाल दें। रोजाना सुबह-शाम 2-2 चम्मच इसका सेवन करे। 

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अदरक लहसुन प्याज का रस पीने से क्या होता है?

प्याज़ और अदरक का रस पीने से आपके शरीर में खून की कमी दूर हो सकती है। इसके साथ अदरक शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधारता है। वही प्याज़ का रस एनीमिया के लिए बहुत लाभकारी होता है। एनीमिया में आपके शरीर में खून की कमी हो जाती है तो इस मामले में प्याज़ और अदरक का रस बहुत ही प्रभावी होता है।

प्याज खाने से शुक्राणु बढ़ते हैं क्या?

प्याज में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है. एंटीऑक्‍सीडेंट नेचुरल तरीके से स्पर्म काउंट (sperm count) को बढ़ाने में मदद करता है. जिन पुरुषों को स्पर्म काउंट से संबंधित समस्या है, उन्हें प्याज के रस का सेवन करना चाहिए. डॉ.

प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए?

वेद शास्त्रों के अनुसार,लहसुन और प्याज जैसी सब्जियां जुनून,उत्तेजना को बढ़ावा देती हैं और आध्यात्म के मार्ग पर चलने से रोकती हैं इसलिए इनका सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं आयुर्वेद के मुताबिक,फ़ूड प्रोडक्ट्स को तीन कैटेगरीज में बांटा जाता है। सात्विक,राजसिक और तामसिक जिनमें सात्विक खाना:शांति,पवित्र माना जाता है।

प्याज का रस पीने से क्या लाभ होता है?

खाली पेट प्याज का रस पीने से जल्दी फैट बर्न होता है। मेमोरी पावर बढ़ाने के लिए फायदेमंद : प्याज के जूस का सेवन भी मेमोरी पॉवर को बूस्ट करने के लिए प्रभावी रूप से मददगार साबित हो सकता है। इसका एक वैज्ञानिक कारण यह है कि प्याज के जूस में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा पाई जाती है जो याददाश्त क्षमता को सुधारता है।