पीरियड्स बंद होने पर महिलाओं के साथ क्या होता हैएक उम्र के बाद पीरियड्स बंद होने की स्थिति को मैनोपॉज़ (Menopause) कहते हैं. मैनोपॉज़ के पड़ाव से हर औरत गुजरती है. ज़रूरी है कि हम सभी जानें, शारीरिक संरचना अलग होने की वजह से औरतें किन-किन परेशानियों से गुज़रती हैं.
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1/ 10 एक उम्र के बाद पीरियड्स बंद होने की स्थिति को मैनोपॉज़ (Menopause) कहते हैं. मैनोपॉज़ को हिंदी में रजोनवृत्ति कहा जाता है. 40-45 साल की उम्र के बाद लगातार 1 साल तक पीरियड होना बंद होने की स्थिति को पूर्ण मैनोपॉज़ कहा जाता है. मैनोपॉज़ के पड़ाव से हर औरत गुजरती है. ये प्रजनन शक्ति लगभग खत्म होने पर होता है. 2/ 10 मैनोपॉज़ के बाद औरत प्राकृतिक रूप से प्रेगनेंट नहीं हो सकती. क्योंकि इसमें ओवरी से जनन शक्ति खत्म और हार्मोंस कम हो जाते हैं. इस दौरान ओवरी में एस्ट्रोजेन नाम का हार्मोन बनना बंद हो जाता है. जिस वजह से औरतों में शारिरिक और मानसिक बदलाव आते हैं. कुछ मामले ऐसे भी सामने आए जिसमें मैनोपॉज़ पड़ाव पर भी महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है. 3/ 10 ओवरी क्या है - महिलाओं में दो ओवरी होती हैं, जो अंडे (ova/egg) हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करते हैं. ये प्रजनन प्रणाली का हिस्सा हैं और गर्भाशय के दोनों ओर निचली तरफ होती हैं. 4/ 10 महिला के प्रजनन चक्र को चार भागों में बांटा गया है. (1) प्री मैनोपॉज़ - इस दौरान महिला में गर्भ धारण क्षमता होती है. प्री मैनोपॉज़ पहले पीरियड चक्र से आखिरी चक्र की अवधि को कहते हैं. (2) पेरी मैनोपॉज़- यह मैनोपॉज़ से पहले की अवस्था है. इसकी अवधि दो से दस साल तक की हो सकती है, जब पीरियड्स धीरे-धीरे बंद होते हैं. यह 35 से 50 साल के बीच आती है. (3) मैनोपॉज़- मैनोपॉज़ अवस्था में हॉर्मोन्स का उत्पादन कम होता है. ओवरी से प्रजनन क्षमता लगभग खत्म होती है. (4) पोस्ट मैनोपॉज़- यह मैनोपॉज़ के बाद की अवस्था है. जो जिंदगी भर के लिए होती है. 5/ 10 मैनोपॉज़ के बाद शारीरिक परेशानियां- पीरियड्स बंद होने से खून में असंतुलन के कारण बॉडी में हीट बढ़ता है. इस दौरान औरतों को बहुत गर्मी लगती है. दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है. बहुत पसीना आता है. 6/ 10 पसीना आने को साइंस की भाषा में 'मैनोपॉज़ हॉट-फ्लैशेस' कहते हैं. हॉट-फ्लैशेस में थोड़े-थोड़े अंतराल बाद, तेज गर्मी लगती है और तुरंत बाद तेज ठंड. गर्मी लगने पर दिल की धड़कन भी बढ़ती है. चेहरा, छाती और गर्दन का हिस्सा लाल हो जाता है. यह स्थिति 30 सेकंड से 5 मिनट तक भी होती है. इस दौरान जेनेटल बदलाव भी होते हैं, जिसमें जननांग में सिकुड़न और सेक्स न करने की इच्छा भी शामिल है. 7/ 10 यूरीनरी ट्रैक्ट चेंज की वजह से कभी बहुत ज्यादा पेशाब आता है और कभी कम. हार्मोन्स में बदलाव से हड्डियां कमजोर हो जाती है. इसमें जोड़ों, पीठ और मांसपेशियों में दर्द होता है. त्वचा में रूखापन भी आया है. इसी वजह से स्तन भी सिकुड़ते हैं. सिर दर्द. चक्कर आना. पाचन शक्ति कमजोर होना. 8/ 10 मैनोपॉज़ के बाद मानसिक परेशानियां- ओवरी में एस्ट्रोजेन हार्मोन का बंद होना मस्तिष्क को प्रभावित करता है. क्योंकि एस्ट्रोजेन मस्तिष्क के उस भाग पर असर डालता है, जिसका काम शरीर के तापमान को नियंत्रित करना है. इस भाग को हाइपोथलेमस कहके हैं. हाइपोथलेमस के ब्लड वेसल्स फैलने पर शरीर का तापमान बढ़ता है. जिसे नॉर्मल करने के लिए शरीर से पसीना निकलता है. चिड़चिड़ापन होता है. उदासी होती है. कुछ भी न करने की इच्छा, याद न रहना, खोए रहना जैसी परेशानी होती हैं. अचानक मायूस हो जाना. रो पड़ना. घर में फैले सामान को देखकर परेशान होना. इतने सालों से जो काम आसानी किया, वही पहाड़ सा लगना. इस दौरान महिलाएं मानसिक तनाव से गुजरती हैं.
9/ 10 मैनोपॉज़ के दौरान क्या सावधानियां बरतें- तेज मिर्च वाला खाना, कॉफी, शराब या कोई भी गरम तासीर की चीज न खाएं. धूम्रपान से बचें. ज्यादा लिक्विड लें. पौष्टिक खाएं. कैल्शियम युक्त पदार्थ लें. दूध और दूध से बनी चीजें खाएं. इससे शरीर में दर्द कम होगा और उसे सहने की क्षमता भी मिलेगी. नियमित व्यायाम करें. ग्रीन टी लें, इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. सकारात्मक रहें. जो परिवर्तन प्रकृति की तरफ से है हम उन्हें बदल तो नहीं सकते, लेकिन आसान तो कर ही सकते हैं. 10/ 10 मैनोपॉज़ में करें ये योगासन- (1) धनुरासन के लिए पेट के बल लेटें. दोनों पैरो को पीछे की तरफ धीरे-धीरे ऊपर उठायें. दोनों हाथों को पीछे की तरफ लेजाकर, पैरों को पकड़ें और धनुष के सामान आकृति बनाएं. इससे हार्मोनल बदलाव से आए शारीरिक और मानसिक दर्द में आराम मिलता है. (2) शशांकासन में पैरो को पीछे की तरफ मोड़कर बैठें. गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर ले जाएं फिर सांस छोड़ते हुए हाथ नीचे की तरफ लाएं. हाथ जमीन पर टिका दें. इसके बाद सिर भी जमीन पर टिकाएं. इस दौरान पेट और रीढ़ सीधा रखें. First Published: January 20, 2019, 11:55 IST पीरियड बंद होने के क्या क्या लक्षण है?पेरिमेनोपॉज के लक्षण. अनियमित पीरियड्स. एस्ट्रोजन नाम के सेक्स हॉरमोन का लेवल असमान रूप से घटते-बढ़ते रहना. पीरियड साइकिल शुरू होने पर भी ओवरीज से अंडे रिलीज न होना. अचानक से शरीर में गर्मी महसूस होना (हॉट फ्लैश). नींद में गड़बड़ी. वजाइना में सूखापन. मूड स्विंग्स. फर्टिलिटी कम होना. क्या मेनोपॉज में पीरियड तुरंत बंद हो जाता है?पेरिमेनोपॉज के दौरान अक्सर पीरियड्स अनियमित आने लगते हैं या लेट पीरियड्स होते हैं। एक दो बार से ज्यादा पीरियड्स पूरी तरह से छूट सकते हैं। ब्लड का फ्लो कभी भारी तो कभी हल्का होने लगता है। पोस्ट मेनोपॉज की स्थिति में आपके पीरियड्स लगातार 12 महीने से ज्यादा समय तक चल सकते हैं।
मासिक धर्म अचानक बंद क्यों हो जाता है?* थायराइड – थायराइड ग्लैंड से स्त्रावित होने वाले थायराइड का कम या ज्यादा होने से महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित हो जाता है या मासिक धर्म आना रुक जाता है. * पिट्यूटरी ट्यूमर – यह पिट्यूटरी ग्रंथि में होने वाला कैंसर फ्री ट्यूमर है. इससे महिलाओं का हार्मोनल लेवल अनियंत्रित होता है.
पीरियड कितनी उम्र में बंद हो जाता है?इंफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. ज्योति बाली बताती हैं कि आमतौर पर महिलाओं को 14-15 की उम्र से लेकर 45 से 50 वर्ष की आयु तक पीरियड्स होते हैं। पर कुछ महिलाओं में समय पूर्व यानी 28 से 38 वर्ष की आयु के बीच में ही ओवेरियन फेल्योर हो जाता है और पीरियड बंद हो जाते हैं। इसके बाद महिला की गर्भधारण क्षमता खत्म हो जाती है।
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