हमारे ब्रह्मांड (Universe) में हजारों-लाखों प्लानेट्स (Planes) यानी ग्रह मौजूद है, लेकिन हम केवल अबतक पृथ्वी (Earth) समेत केवल 8 ग्रहों के बारे में ही जानकारी हासिल कर पाए हैं. यही नहीं इन ग्रहों के बारे में भी वैज्ञानिकों (Scientist) के पास पूरी जानकारी नहीं है. इसलिए वैज्ञानिक भी पूरी तरह से किसी ग्रह (Planet) के बारे में सटीक जानकारी नहीं
दे पाए हैं. अभी तक मात्र एक अंतरिक्ष यान “Voyager 2” ने अरुण ग्रह की यात्रा की है। इसे 20 अगस्त 1977 को लांच किया गया था। 24 जनवरी 1986 को यह अरुण ग्रह की
कक्षा में पहुंचा था। “Voyager 2” ने अरुण ग्रह की सतह से 81000 किलोमीटर पर चक्कर लगाते हुए 12 उपग्रहों की खोज की थी। इसके साथ ही छल्लो (Ring) और उपग्रहों की अनेक तस्वीरें भेजी थी। आज हम आपको अरुण ग्रह के बारे में आपको कुछ अनोखी जानकारियां देने जा रहे हैं Uranus सौरमंडल का पहला ऐसा ग्रह है, जिसे टेलिस्कोप से ढूंढा गया था.जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा. अरुण ग्रह को अंग्रेजी में यूरेनस (Uranus) भी कहा जाता है. Uranus को ” Ice Giant” भी कहा जाता है,
इस ग्रह में गैसें भी अधिक मात्र में पाई जाती हैं इसीलिए इस ग्रह को गैस दानव (Gas Giant) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें मिट्टी-पत्थर के बजाय अधिकतर गैसें पाई जाती है. अरुण ग्रह पर बादलों की अनेक परतें पाई जाती हैं। सबसे ऊपर मीथेन गैस पाई जाती है। अरुण ग्रह के केंद्र में बर्फ और पत्थर पाए जाते हैं। इसके बाहरी आवरण में 82.5 % हाइड्रोजन 2.3 % मीथेन. 15.2% हिलियम गैस है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता, तापमान और हवा के कारण हीरे की बारिश होती हो। मीथेन गैस की वजह से अरुण ग्रह का रंग नीला दिखाई देता है यूरेनस (Uranus) का आकार अन्य ग्रहों की तुलना में काफी बड़ा है. Rotation and Revolution period of Uranus?यह सौरमंडल (Solar System) के आठ ग्रहों (8 Planets) में सूर्य से दूरी के आधार पर सातवां सबसे दूर ग्रह है.अरुण ग्रह का 1 साल (सूर्य के 1 चक्कर लगाने में लगा समय) पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है। यहां का एक साल पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है. अरुण ग्रह का एक दिन (धुरी पर चक्कर लगाने का समय) पृथ्वी के 17 घंटे 14 मिनट के बराबर होता है। अरुण ग्रह तक सूर्य की किरणों को पहुंचने में 2 घंटे 40 मिनट का समय लगता है जो पृथ्वी से 20 गुना अधिक है। सौर मंडल के सभी ग्रह पश्चिम से पूरब की ओर घूमते हैं लेकिन अरुण और शुक्र ग्रह ऐसे दो ग्रह हैं जो पूरब से पश्चिम दिशा की ओर घूमते हैं। अरुण ग्रह का वजन 8।681 × 10^25 kg है जो पृथ्वी के वजन से 14 गुना ज्यादा है। अरुण ग्रह का एक दिन (धुरी पर चक्कर लगाने का समय) पृथ्वी के 17 घंटे 14 मिनट के बराबर होता है। अरुण ग्रह तक सूर्य की किरणों को पहुंचने में 2 घंटे 40 मिनट का समय लगता है जो पृथ्वी से 20 गुना अधिक है। अरुण ग्रह का वजन 8।681 × 10^25 kg है जो पृथ्वी के वजन से 14 गुना ज्यादा है। Satellites of Uranus?अरुण ग्रह के कुल 27 प्राकृतिक चंद्रमा (उपग्रह) है। इन सभी के नाम एलेग्जेंडर पोप और शेक्सपियर की रचनाओं के नाम पर रखा गया है। 5 चंद्रमाओं का नाम मिरांडा, टाइटेनिया, ओबेरॉन, एरियल और अम्ब्रियल है। सभी उपग्रहों में टाइटेनिया सबसे बड़ा उपग्रह है। अरुण ग्रह सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है। यहां का न्यूनतम तापमान – 224 डिग्री सेंटीग्रेड पाया गया है अरुण ग्रह का व्यास 51118 किलोमीटर है। अरुण ग्रह की सूर्य से दूरी 2,870,972,200 (287 करोड़) किलोमीटर है। अरुण ग्रह (Uranus) के नाम पर ही यूरेनियम पदार्थ का नाम रखा गया है।
अरुण ग्रह की खोज अंटार्कटिका महाद्वीप की खोज से पहले हुई थी। अरुण ग्रह का अक्षीय झुकाव 97.77 डिग्री है। इस वजह से इस पर दूसरे ग्रहों की तुलना में विपरीत प्रकार का मौसम पाया जाता है। देखने में यह किसी लुढकती हुई गेंद की तरह सूर्य की परिक्रमा करता है। 97.77 डिग्री के अदभुत अक्षीय झुकाव की वजह से अरुण ग्रह का एक ध्रुव 42 वर्षों तक सूर्य के सामने रहता है, जबकि दूसरा ध्रुव दूसरी तरफ अंधकार में रहता है. 42 वर्षो बाद दूसरा ग्रह सूर्य के सामने आता है। Volume and Density of Uranus?द्रव्यमान के आधार पर यह चौथा बड़ा ग्रह है और व्यास के आधार पर Uranus तीसरा बड़ा ग्रह है। अरुण ग्रह की खोज जर्मन वैज्ञानिक विलियम हर्षल (William Herschel) ने 13 मार्च 1781 को की थी। अभी तक Uranus के 13 वलय (Ring) की खोज की जा चुकी है। ये सभी वलय धुंधले हैं जबकि शनि ग्रह के वलय चमकदार हैं। Uranus का घनत्व 1.27 ग्राम/ सेंटीमीटर³ है। शनि ग्रह के बाद यह सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है। इससे यह पता चलता है कि यह विभिन्न प्रकार की बर्फ से बना हुआ है जैसे जल अमोनिया और मीथेन। Uranus ग्रीष्म ऋतु 42 साल लंबी होती है। Uranus ग्रह आयतन के हिसाब से इतना बड़ा है कि इसमें 63 पृथ्वी समा सकती है। पृथ्वी की तुलना में अरुण ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल कम है। यदि पृथ्वी पर कोई वस्तु 10 फीट की ऊंचाई पर उछलती है, तो अरुण ग्रह पर यह 11 फीट की ऊंचाई पर उछलेगी। इसी तरह यदि कोई वस्तु का भार पृथ्वी पर 100 किलो ग्राम है तो अरुण ग्रह पर 92 किलोग्राम होगा। अरुण ग्रह को पृथ्वी की सतह से देखना मुश्किल है पर कभी-कभी इसे रात में साफ आसमान में देखा जा सकता है। दूरबीन की मदद से इसे आसानी से देखा जा सकता है।
अरुण ग्रह में कौन सी गैस पाई जाती है?अरुण ग्रह के केंद्र में बर्फ और पत्थर पाए जाते हैं। इसके बाहरी आवरण में 82.5 % हाइड्रोजन 2.3 % मीथेन. 15.2% हिलियम गैस है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता, तापमान और हवा के कारण हीरे की बारिश होती हो।
अरुण ग्रह का दूसरा नाम क्या है?), या यूरेनस हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है।
ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह कौन सा है?बृहस्पति का चुम्बकीय क्षेत्र हमारे सौर मंडल के किसी भी अन्य ग्रह से अधिक शक्तिशाली है और वैज्ञानिक कहते हैं कि इसकी वजह बृहस्पति के अन्दर की धातु हाइड्रोजन है। बृहस्पति के वायुमंडल में मीथेन, जल वाष्प, अमोनिया और सिलिकॉन आधारित यौगिक मिले है।
अरुण ग्रह को लेटा हुआ ग्रह क्यों कहते हैं?अरुण ग्रह को लेटा हुआ ग्रह इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह अपने अक्ष से 97.77 डिग्री झुका हुआ है, और यही कारण है, कि सभी ग्रह अपने अक्ष पर लड्डू की तरह घूमते हैं, और यह लुढ़कती हुई गेंद की तरह दिखता है, इस ग्रह में बर्फ की अधिकता होने के कारण इसे बर्फ का दानव भी कहा जाता है.
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