प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे ?`? - pratham vishvayuddh mein roos kee paraajay kraanti hetu maarg prashast kiya kaise ?`?

विषयसूची

  • 1 प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे?
  • 2 रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया कैसे?
  • 3 रूसीकरण की नीति क्रांति हेतु कहाँ तक उत्तरदायी थी?
  • 4 रश की क्रांति कब हुई थी?
  • 5 प्रथम विश्वयुद्ध का राष्ट्रीय आंदोलनों पर क्या प्रभाव पड़ा लिखिए?
  • 6 7 रूसी क्रांति पर मार्क्सवाद का क्या प्रभाव पड़ा?`?

प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे?

इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय ने क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया; कैसे? उत्तर – प्रथम विश्वयुद्ध 1914 से 1918 तक चला । रूस इस युद्ध में मित्र राष्ट्रों की ओर से लड़ा । युद्ध में शामिल होने का एकमात्र उद्देश्य था कि रूसी जनता मामलों में उलझी रहे ।

रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया कैसे?

1 Answer

  • सर्वहारा वर्ग के सम्मान में वृद्धि हुई।
  • रूस के समान अनेक देशों में साम्यवादी सरकारों की स्थापना हुई।
  • विचारधारा के आधार पर विश्व और यूरोप दो खेमों में विभक्त हो गया।
  • अंतरराष्ट्रवाद को प्रोत्साहन मिला।
  • शीतयुद्ध आरंभ हुआ।
  • एशिया और अफ्रीका में साम्राज्यवाद का पतन हुआ तथा उपनिवेश-मुक्ति आंदोलन को बल मिला।

प्रथम विश्वयुद्ध का रूस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: रूसी क्रांति के परिणामस्वरूप सर्वप्रथम निरंकुश-तंत्र, अभिजात वर्ग और चर्च की शक्ति का अंत हो गया। ज़ार के राज्य का अंत कर उसे सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ में बदल दिया गया। प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त हो गया, क्योंकि न केवल बोल्शेविक बल्कि संपूर्ण यूरोप के समाजवादी संगठन युद्ध के विरुद्ध थे।

रूसी क्रांति कब हुई थी रूसी क्रांति के वैश्विक प्रभाव का वर्णन करें?

इसे सुनेंरोकेंसन 1917 की रूस की क्रान्ति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई। यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी – मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में।

रूसीकरण की नीति क्रांति हेतु कहाँ तक उत्तरदायी थी?

इसे सुनेंरोकेंइनकी भाषा एवं संस्कृति अलग-अलग थी, परंतु जार ने देश की एकता के लिए रूसीकरण की नीति अपनाई, सबों पर समान भाषा, शिक्षा और संस्कृति थोपने का प्रयास किया। सन् 1863 ई० में रूसीकरण की नीति के विरुद्ध पोलों ने विद्रोह कर दिया, जिसे दबा दिया गया। इससे विद्रोह की भावना बलवती हुई और रूसी क्रांति की पृष्ठभूमि तैयार हुई।

रश की क्रांति कब हुई थी?

इसे सुनेंरोकेंवर्ष 1917 की रूसी क्रांति मुख्य रूप से पिछड़ी अर्थव्यवस्था, किसानों एवं मज़दूरों की दयनीय स्थिति, निरंकुश एवं स्वेच्छाचारी शासन के अत्याचार का परिणाम थी।

१९१७ में रूस का शासक कौन था?

इसे सुनेंरोकेंरूसी क्रांति (Russian Revolution) के समय जॉर्ज निकोलस रूस का शासक था।

रूस द्वारा प्रथम विश्व युद्ध से हटने के क्या परिणाम हुए?

इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों ने किसकी ओर से युद्ध किया था। इस युद्ध के समाप्त होने से पहले 1917 में रूसी क्रांति आई थी। यह बोल्शेविक क्रांति के रूप में भी जानी जाती है, क्योंकि राजनीतिक समूह के रूप में बोल्शेविक ने इस क्रांति को सफल बनाने और इसकी नीतियों को भी निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रथम विश्वयुद्ध का राष्ट्रीय आंदोलनों पर क्या प्रभाव पड़ा लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: परिणामस्वरूप भारतीयों में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति असंतोष का भाव जागा इससे राष्ट्रीय चेतना का उदय हुआ तथा जल्द ही असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई। इस युद्ध के बाद यूएसएसआर के गठन के साथ ही भारत में भी साम्यवाद का प्रसार (सीपीआई के गठन) हुआ और परिणामतः स्वतंत्रता संग्राम पर समाजवादी प्रभाव देखने को मिला।

7 रूसी क्रांति पर मार्क्सवाद का क्या प्रभाव पड़ा?`?

इसे सुनेंरोकें1893 से मार्क्सवादी विचारधारा का प्रचार हो रहा था। (6) रूसीकरण की नीति के कारण दलित जातियाँ जैसे फिन, पोल आदि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही थी। इनके असंतोष से क्रांति को बल प्राप्त हुआ। (7) आतंकवादी पुलिस और भष्ट अधिकारियों की हत्या कर रहे थे।

रूस की क्रांति ने विश्व के देशों पर क्या प्रभाव डाला?

इसे सुनेंरोकेंa. मार्च 1917 ,15 तक. सन 1917 की रूस की क्रान्ति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई।

प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय ने क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे?

1905 ई० के रूस-जापान युद्ध में रूस एशिया के एक छोटे-से देश जापान से पराजित हो गया। पराजय के अपमान के कारण जनता ने क्रांति कर दी। 9 जनवरी, 1905 ई० लोगों का समूह प्रदर्शन करते हुए सेंट पिट्सबर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था। जार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसाईं जिसमें हजारों लोग मारे गये।

प्रथम विश्व युद्ध का रूस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?

प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों ने किसकी ओर से युद्ध किया था। इस युद्ध के समाप्त होने से पहले 1917 में रूसी क्रांति आई थी। यह बोल्शेविक क्रांति के रूप में भी जानी जाती है, क्योंकि राजनीतिक समूह के रूप में बोल्शेविक ने इस क्रांति को सफल बनाने और इसकी नीतियों को भी निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रूसी शासन की केन्द्रीयकृत नियोजन व्यवस्था क्या थी?

लगभग सभी उद्योग व्यक्तिगत स्वामित्व में थे। बहुत सारे रैडिकल और उदारवादियों के पास भी काफी संपत्ति थी और उनके यहाँ बहुत सारे लोग नौकरी करते थे। उन्होंने व्यापार या औद्योगिक व्यवसायों के ज़रिए धन-दौलत इकट्ठा की थी इसलिए वह चाहते थे कि इस तरह के प्रयासों को ज़्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए।

रूसी क्रांति से पूर्व कौन से दो प्रमुख दल थे?

1917 में दो क्रांतियों ने रूस को पूरी तरह से बदल दिया है. सबसे पहले, फरवरी में हुई रूसी क्रांति ने रूसी राजशाही को गिरा दिया और एक अस्थायी सरकार की स्थापना की. फिर अक्टूबर में, एक दूसरे रूसी क्रांति में नेताओं के रूप में बोल्शेविक रखा गया, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया के पहले कम्युनिस्ट देश के निर्माण हुआ.