प्रथम विश्व युद्ध का राष्ट्रीय आंदोलन पर क्या प्रभाव पड़ा? - pratham vishv yuddh ka raashtreey aandolan par kya prabhaav pada?

पहले विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया

भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में प्रथम विश्व युद्ध के योगदान का वर्णन इस प्रकार है:

(क) करों में वृद्धि: पहले विश्व युद्ध के कारण रक्षा व्यय एकाएक बढ़ गया। इस खर्च को पूरा करने के लिए सरकार ने करों में वृद्धिकर दी। इसके अतिरिक्त सीमा-शुल्क को भी बढ़ा दिया गया। आयकर के रूप में नया कर भी लगा दिया गया। इससे जनता में रोष फैल गया जिसने राष्ट्रवाद को जन्म दिया।
(ख) कीमतों में वृद्धि: पहले विश्व युद्ध के दौरान खाद्य पदार्थों का भारी अभाव हो गया। फलस्वरूप कीमतें लगभग दुगनी हो गईं।
आम आदमी का जीवन कष्टमय हो गया। अतः लोग विदेशी शासन से मुक्ति के बारे में सोचने लगे। यह सोच राष्ट्रीय आंदोलन का आधार बनी।
(ग) सिपाहियों की जबरन भर्ती: विश्व युद्ध में अत्यधिक सैनिकों के मारे जाने के कारण सरकार को अधिक-से-अधिक सैनिकों कीआवश्यकता थी। अत: गाँवों से नौजवानों को ज़बरदस्ती सेना में भर्ती किया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के प्रति विशेष रोष था।
(घ) भारतीय उद्योगपतियों में रोषः भारत में अब विदेशी पूँजी बड़े पैमाने पर लगाई जाने लगी। भारतीय उद्योगपति चाहते थे कि सरकार
आयातों पर भारी कस्टम ड्यूटी लगाए तथा उन्हें सुविधाएं देकर भारतीय उद्योगों को सुरक्षा प्रदान करे। अब उन्हें भी आभास होने लगा कि केवल एक दृढ़ राष्ट्रवादी आंदोलन तथा एक स्वाधीन भारतीय सरकार के द्वारा ही सुरक्षा के लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं।
(ङ) मज़दूरों तथा दस्तकारों में रोष: आर्थिक शोषण से पीड़ित बेरोज़गारी तथा महंगाई से पीड़ित मज़दूर तथा दस्तकार भी राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय हो उठे। उनके लिए निर्वाह करना भी कठिन था। वे सोचने लगे कि यदि भूखा ही मरना है तो स्वदेशी सरकार की छाया में ही क्यों न मरा जाए। अत: वे स्वतंत्रता के लिए कोई भी आहुति देने के लिए तत्पर हो उठे।
इस तरह भारतीय समाज के सभी वर्ग अंग्रेज़ी सरकार की नीतियों से पीड़ित थे। अतः उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए राष्ट्रवादी आंदोलन आरंभ कर दिया।

प्राचीन भारत के युद्धों की सूची:

वर्ष (कब हुआ) युद्ध का नाम किस-किस के बीच हुए
326 ई०पू० हाइडेस्पीज का युद्ध यह युद्ध सिकंदर और पंजाब के राजा पुरु के बीच इस युद्ध में सिकन्दर ने राजा पुरू को को पराजित किया।
261 ई०पू० कलिंग युद्ध इस युद्ध में अशोक ने कलिंग के राजा को पराजित किया, परंतु युद्ध की विभीषका से दु:खी  होकर उसने बौद्ध धर्म भी स्वीकार कर लिया।
712 ई० रावर का युद्ध यह युद्ध राजा दाहिर व मुहम्मद बिन कासिम के मध्य हुआ, इस युद्ध में मुहम्मद बिन कासिम ने दाहिर को पराजित किया।
1001 ई० पेशावर का युद्ध इस युद्ध में महमूद गजनवी ने राजा जयपाल को हराया।
1191 ई० तराइन का प्रथम युद्ध इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी को पराजित किया।
1192 ई० तराइन का द्वितीय युद्ध इस युद्ध में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को पराजित किया।
1194 ई० चंदावर का युद्ध इस युद्ध में मुहम्मद गोरी ने राजा जयचंद को पराजित किया।

मध्यकालीन भारत के युद्धों की सूची:

वर्ष (कब हुआ) युद्ध का नाम किस-किस के बीच हुए
1526 पानीपत का प्रथम युद्ध बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया, जिसमें बाबर की विजय हुई।
1527 खानवा का युद्ध बाबर एवं राणा सांगा के बीच, जिसमें बाबर की विजय हुई।
1528 चंदेरी का युद्ध बाबर और मेदिनी राय के मध्य लड़ा गया, जिसमें बाबर की विजय हुई।
1529 घाघरा का युद्ध बाबर और महमूद लोदी के मध्य लड़ा गया, जिसमें बाबर की विजय।
1532 दौराह का युद्ध इस युद्ध में हुमायूँ ने महमूद लोदी को पराजित किया।
1539 चौसा का युद्ध यह युद्ध हुमायूँ एवं शेरशाह सूरी के मध्य लड़ा गया, जिसमें शेरशाह विजयी हुआ।
1540 कन्नौज में बिलग्राम का युद्ध यह युद्ध हुमायूँ एवं शेरशाह सूरी के मध्य लड़ा गया, जिसमें शेरशाह विजय हुआ और हुमायूँ पूर्णतया परास्त।
1555 मच्छीवाडा का युद्ध यह युद्ध हुमायूँ एवं अफगान सालार खाँ के मध्य के हुआ, जिसमें हुमायूँ की विजय।
1555 सरहिन्द का युद्ध यह युद्ध हुमायूँ और सिकंदरशाह के बीच हुआ, जिसमें हुमायूँ की विजय हुई।
1556 पानीपत का द्वितीय युद्ध यह युद्ध अकबर एवं हेमू के बीच हुआ, जिसमें अकबर विजयी हुआ।
1565 तालीकोटा का युद्ध इस युद्ध में बहमनी साम्राज्य के चार मुस्लिम राज्यों ने सम्मिलित रूप से विजयनगर साम्राज्य को हराया इस युद्ध को बन्नीहट्टी के युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
1576 हल्दीघाटी का युद्ध यह युद्ध अकबर के सेनापति मानसिंह और राणा प्रताप के बीच लड़ा गया, जिसमें राणा प्रताप हार और मुगलों की जीत हुई।
1600 अहमदनगर का युद्ध यह युद्ध अकबर की सेना और गोंडवाना की रानी चांदबीबी के मध्य हुआ, जिसमें अकबर की विजय हुई।
1601 असीरगढ़ का युद्ध यह युद्ध अकबर और मियां बहादुर के मध्य हुआ, जिसमें अकबर विजयी हुआ।
1658 धरमत का युद्ध यह युद्ध औरंगजेब और दारा शिकोह के मध्य लड़ा गया, जिसमें औरंगजेब की विजय हुई।
1658 सामूगढ़ का युद्ध यह युद्ध औरंगजेब और दारा शिकोह के मध्य लड़ा गया, जिसमें औरंगजेब की पुन:  विजय हुई।

आधुनिक भारत के युद्धों की सूची:

वर्ष (कब हुआ ) युद्ध का नाम किस-किस के बीच हुए
1707 खेड़ा का युद्ध यह मराठा छत्रपति शाहू एवं ताराबाई के मध्य हुआ, जिसमे शाहू की विजय हुई।
1724 सखर खर्दा का युद्ध निजामुलमुल्क एवं मुबारिज खाँ के मध्य हुआ, जिसमें निजाम विजय हुआ।
1737 भोपाल का युद्ध बाजीराव प्रथम एवं मुगल के बीच हुआ, जिसमे बाजीराव प्रथम को विजय प्राप्त हुई।
1739 करनाल का युद्ध यह युद्ध नादिरशाह और मुहम्मद शाह के मध्य हुआ, जिसमें नादिरशाह की जीत हुई।
1740 गिरिया का युद्ध सरफराज खाँ और अलीवर्दी खाँ के बीच हुआ, इस युद्ध में अलीवर्दी खाँ की जीत हुई।
1744-48 प्रथम कर्नाटक युद्ध फ़्रांसिसी (डूप्ले) एवं अंग्रेज (क्लाइव) के मध्य हुआ, इसमें फ़्रांसिसी सेना की विजय हुई।
1750-54 द्वितीय कर्नाटक युद्ध फ़्रांसिसी (डूप्ले) एवं अंग्रेज (क्लाइव) के मध्य हुआ, इसमें अंग्रेजों की विजय हुई।
1757-1763 तृतीय कर्नाटक युद्ध फ़्रांसिसी (लैली) और अंग्रेज के बीच हुआ, जिसमें पुन: अंग्रेजो की जीत हुई।
1757 प्लासी का युद्ध अंग्रेज (क्लाइव) एवं सिराजुद्दौला के बीच हुआ, अंग्रेजों की विजय हुई।
1759 बेदारा का युद्ध अंग्रेज और डच के बीच हुआ, अंग्रेजों की विजय।
1760 वांडीवॉश का युद्ध अंग्रेज (आयरकूट) एवं फ़्रांसिसी (लैली) के मध्य हुआ, जिसमें अंग्रेज विजय हुए।
1761 पानीपत का तृतीय युद्ध अहमद शाह अब्दाली और मराठा के मध्य हुआ, जिसमें अहमद शाह अब्दाली विजयी हुआ।
1764 बक्सर का युद्ध अंग्रेज (मुनरो) एवं मीर कासिम शुजाउद्दौला और शाह आलम की संयुक्त सेना के मध्य हुआ, जिसमें अंग्रेजों की जीत हुई।
1766-69 प्रथम मैसूर युद्ध अंग्रेज एवं हैदरअली के मध्य हुआ, जिसमें हैदरअली की विजय हुई।
१७७४ रूहेला युद्ध हेस्टिंग्स एवं हाफिज खाँ के बीच हुआ जिसमे हेस्टिंग्स (अंग्रेज) की जीत हुई।
1775 सिंदखेड़ा का युद्ध यह युद्ध निजाम व मराठा के बीच हुआ, जिसमे मराठा लोगों की विजय हुई।
1775-82 प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध अंग्रेज (वारेन हेस्टिंग्स) एवं मराठा के नाना फडनवीस के मध्य हुआ, जिसमें किसी की जीत नहीं हुई।
1780-84 द्वितीय मैसूर युद्ध हेस्टिंग्स एवं हैदर और टीपू सुल्तान के मध्य हुआ, जिसमें किसी को जीत हासिल नहीं हुई।
1790-92 तृतीय मैसूर युद्ध लॉर्ड कॉर्नवॉलिस एवं टीपू सुल्तान के मध्य हुआ, जिसमें कॉर्नवॉलिस (अंग्रेज) की विजय हुई।
1799 चतुर्थ मैसूर युद्ध लॉर्ड वेलेजली एवं टीपू सुल्तान के मध्य हुआ, जिसमें लॉर्ड वेलेजली (अंग्रेज) की जीत हुई।
1803-06 द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध लॉर्ड वेलेजली एवं मराठा के मध्य हुआ, जिसमें भी लॉर्ड वेलेजली की जीत हुई।

हमने इस पोस्ट में पहले विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया? Pehle Vishwa Yudh Mein Bharat Mein Rashtriya Aandolan Ke Vikas Mein Kis Prakar Yogdan Diya प्रथम विश्वयुद्ध के बारे में बताएं प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय के कारण बताइए प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था प्रथम विश्व युद्ध भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध pdf download   विश्व के प्रमुख युद्ध भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए विश्व के प्रमुख युद्ध pdf भारत में हुए प्रमुख युद्ध से सबंधित जानकारी दी है अगर इनके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके पूछो और अगर आपको यह  जानकारी  फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

प्रथम विश्व युद्ध का राष्ट्रीय आंदोलनों पर क्या प्रभाव पड़ा?

Answer: परिणामस्वरूप भारतीयों में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति असंतोष का भाव जागा इससे राष्ट्रीय चेतना का उदय हुआ तथा जल्द ही असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई। इस युद्ध के बाद यूएसएसआर के गठन के साथ ही भारत में भी साम्यवाद का प्रसार (सीपीआई के गठन) हुआ और परिणामतः स्वतंत्रता संग्राम पर समाजवादी प्रभाव देखने को मिला।

प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा Class 10?

Solution : हालांकि भारत प्रत्यक्ष रूप से प्रथम विश्व युद्ध में शामिल नहीं था लेकिन उस युद्ध में इंगलैंड के शामिल होने के कारण भारत पर भी असर पड़ा था। युद्ध के कारण इंगलैंड के रक्षा संबंधी खर्चे में बढ़ोतरी हुई थी। उस खर्चे को पूरा करने के लिये कर्ज लिये गये और टैक्स बढ़ाए गये।

भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में प्रथम विश्व युद्ध ने कैसे मदद की?

- राष्ट्रवाद के इतिहास में प्रायः एक अकेले व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण के साथ जोड़कर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, हम इटली के निर्माण के साथ गैरीबाल्डी को, अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध के साथ जॉर्ज वाशिंगटन को और वियतनाम को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के संघर्ष से हो ची मिन्ह को जोड़कर देखते हैं।

प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा class 8?

प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा? उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर देश में राहत और प्रगति की बजाय दमनकारी कानून और पंजाब में मार्शल लॉ लागू हुआ। जनता में अपमान की कड़वाहट और क्रोध फैल गया और शोषण का बाजार गर्म था।