बाली और सुग्रीव के बीच हार और जीत के अंतर का मुख्य कारण क्या था? - baalee aur sugreev ke beech haar aur jeet ke antar ka mukhy kaaran kya tha?

इसलिए भगवान क्रोधित होकर बाली का वध कर दिया। मरते समय बाली ने भगवान राम से पूछा कि 'धर्म हेतु अवतरेहु गोसाई। मारेहु मोहि ब्याध की नाईं।।' अर्थात-हे राम आपने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया, लेकिन मुझे शिकारी की तरह छुपकर क्यों मारा।

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राम ने दिया था ये जबाव
बाली का वध करने के बाद उसके प्रश्नों के उत्तर देते हुए श्रीराम ने कहा था कि 'अनुज बधू भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी।। इन्हहि कुदृष्टि बिलाकइ जोई। ताहि बंधें कुछ पाप न होई।।' अर्थात- श्रीराम जी कहते हैं कि छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की पत्नी और बेटी ये चारों समान हैं। इनको जो बुरी नजर से देखता है उसे मारने में कोई पाप नहीं है।

ये है बाली की कथा
बता दें कि, बाली ने सुग्रीव को न केवल राज्य से निकाला था, बल्कि उसकी पत्नी को भी छीन लिया था। जब भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता हुई और सुग्रीव ने भगवान से आप बीती बताई तो भगवान क्रोधित हो गए। भगवान का क्रोध बस इसलिए था क्योंकि जो व्यक्ति स्त्री का सम्मान नहीं करता उसे सामने से मारने या छुपकर मारने में कोई अंतर नहीं है। मूल बात है उसे दंड मिले। आखिरकार भगवान ने बाली को दंड भी दिया।

बाली को था ब्रह्मा का वरदान
रामायण के अनुसार बाली की तपस्या से खुश होकर ब्रह्मा जी एक अनोखा वरदान दिया था। वरदान इस तरह का था कि कोई भी व्यक्ति सामने से युद्ध करेगा तो उसकी आधी ताकत बाली के शरीर में चली जाएगी। इसलिए पूरे दुनिया के योद्धा बाली से डरते थे। कोई भी उसके सामने नहीं टिक पाता था।

रावण का भी हरा चुका था बाली
बाली के पराक्रम के बारे में सुनकर एक बार रावण बालि से युद्ध करने पहुंचा। बालि उस समय पूजा कर रहा था। लेकिन रावण लगातार बाली को ललकार रहा था, जिससे बालि की पूजा में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इससे नाराज होकर बाली ने रावण को अपनी बाजू में दबा कर चारों समुद्रों की परिक्रमा की थी। रावण ने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन छूट ना सका। पूजा के बाद बालि ने रावण को छोड़ दिया था। इसके बाद रावण ने बाली से मित्रता करली थी।

रामायण में वानर राज बाली और सुग्रीव की कथा का वर्णन विस्तार से बताया गया है। साथ ही तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में वानर बंधुओं का उल्लेख है। सनातन धार्मिक ग्रंथ रामायण में निहित है कि वानर राजा सुग्रीव ने वनवास के दौरान सीताहरण के बाद लंका नरेश रावण संग युद्ध में मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम की सहायता की थी। इस युद्ध में वानर सेना की मदद से भगवान श्रीराम ने रावण और उनकी सेना को परास्त किया था। जब सीता हरण के बाद भगवान श्रीराम और लक्ष्मण वन में माता सीता की तलाश कर रहे थे। उस वक्त उनकी मुलाकात परम भक्त हनुमान और वानर राजा सुग्रीव से हुई थी। सुग्रीव भी अपने भाई बाली के डर से छुपे रहते थे।

वानर राज बाली को तपस्या भंग करने की वजह से मतङ्ग ऋषि का श्राप मिला था कि अगर वह ऋष्यमूक पर्वत के समीप या पर्वत क्षेत्र में प्रवेश करेगा, तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसके लिए बाली ऋष्यमूक पर्वत पर नहीं जाता था। यह जान सुग्रीव पर्वत जा छिपा था। भगवान राम से मिलने पर वानर राजा सुग्रीव ने अपनी आपबीती सुनाई। यह सुन भगवान ने सहायता करने और बाली का वध करने का वादा किया। आइए, बाली और सुग्रीव के युद्ध के कारण की कथा जानते हैं-

युद्ध की कथा

किदवंती है कि एक बार की बात है जब दुंदभी नामक दैत्य ने वानर राजा बाली को युद्ध के लिए ललकारा था। वानर राजा बाली किसी भी ललकार को ठुकराता नहीं था और युद्ध मैदान पर चला आता था। बाली के पराक्रम के आगे दुंदभी टिक नहीं सका और महज कुछ पल में बाली ने दुंदभी को परास्त कर उसका वध कर दिया। इसके बाद दुंदभी के शव को हवा में घुमाकर फेंक दिया। इससे दुंदभी का शव कई टुकड़ों में बंट गया।

इस दौरान दुंदभी के शरीर से रक्त प्रवाहित होकर मतङ्ग ऋषि के आश्रम पर जा गिरती है। इससे क्रोधित होकर मतङ्ग ऋषि को श्राप दे देता है कि वह आश्रम के पास आएगा, तो उसकी मौत हो जाएगी। कालांतर में दुंदभी का भाई मायावी वानर राज बाली को युद्ध के लिए ललकारता है। वानर राज बाली पुन: युद्ध के लिए आता है। बाली कई बार मायावी को समझाता है कि वह लौट जाए। युद्ध करेगा, तो उसकी मौत निश्चित है। हालांकि, मायावी नहीं मानता है। तब बाली मायावी का पीछा करने लगता है।

विषयसूची

  • 1 राम ने बाली को छुपकर क्यों मारा था?
  • 2 बाली की पत्नी का नाम क्या था?
  • 3 सुग्रीव का छोटा भाई कौन था?
  • 4 ऋष्यमूक पर्वत पर कौन रहता था?
  • 5 बाली सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ?
  • 6 सुग्रीव बाली से क्यों डरता था?
  • 7 बाली की मृत्यु कैसे हुई?
  • 8 सुग्रीव और बाली के पिता कौन थे?
  • 9 बाली और सुग्रीव के बीच हार और जीत के अंतर का मुख्य कारण क्या था?
  • 10 हनुमान जी ने किसका वध किया?
  • 11 बालि का पुत्र कौन था?
  • 12 पंपापुर का राजा कौन था?
  • 13 बाली के पुत्र कौन थे?
  • 14 मांडवी किसकी अवतार थी?

राम ने बाली को छुपकर क्यों मारा था?

इसे सुनेंरोकेंउक्त बातें प्रभू श्री राम ने रामचरितमानस के किष्किंधा कांड में बाली का वध करते समय कही थी। क्योंकि बाली ने अपने छोटे भाई सुग्रीव को न केवल राज्य से निकाल दिया था बल्कि उसकी पत्नी को भी छीन लिया था। इसलिए भगवान क्रोधित होकर बाली का वध कर दिया।

बाली की पत्नी का नाम क्या था?

इसे सुनेंरोकेंवानर राज बाली किष्किंधा का राजा और सुग्रीव का बड़ा भाई था। बाली का विवाह वानर वैद्यराज सुषेण की पुत्री तारा के साथ संपन्न हुआ था।

बाली का वध कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंराम के संकेत पर सुग्रीव ने बाली को उकसाया और उसे युद्ध के लिए ललकारा। बाली क्रोध में सुग्रीव से लड़ने आ गया। उधर पेड़ की ओट में राम धनुष-बाण लिए तैयार थे। बाली और सुग्रीव का युद्ध शुरू हुआ तो राम ने अवसर मिलते ही बाली पर बाण चला दिया।

बाली कहाँ का राजा था?

इसे सुनेंरोकेंवालि (संस्कृत) या बालि रामायण का एक पात्र है। वह सुग्रीव का बड़ा भाई था। वह किष्किन्धा का राजा था, इन्द्र का पुत्र बताया जाता है तथा बंदरों के रूप थे।

सुग्रीव का छोटा भाई कौन था?

इसे सुनेंरोकेंसुग्रीव बाली के छोटे भाई थे। बाली किष्किंधा के राजा थे। पिता की मृत्यु के बाद बड़े पुत्र होने के नाते वह किष्किंधा का राजा बना था लेकिन बाद में बड़े भाई बाली ने उसे राज्य से निकाल दिया था।

ऋष्यमूक पर्वत पर कौन रहता था?

इसे सुनेंरोकेंरामायण के अनुसार ऋष्यमूक पर्वत में ऋषि मतंग का आश्रम था। वालि ने दुंदुभि असुर का वध करने के पश्चात् दोनों हाथों से उसका मृत शरीर एक ही झटके में एक योजन दूर फेंक दिया। हवा में उड़ते हुए मृत दुंदुभि के मुँह से रक्तस्राव हो रहा था जिसकी कुछ बूंदें मतंग ऋषि के आश्रम पर भी पड़ गयीं।

मंदोदरी का पहला पति कौन था?

इसे सुनेंरोकेंरावण से शादी के बाद मंदोदरी के तीन पुत्र हुए जिनका नाम ‘मेघनाद’, ‘अक्षकुमार’ और ‘अतिक्य’ था। रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी ने रावण के भाई विभीषण से विवाह किया था। एक किंवदती के अनुसार रावण और मंदोदरी का विवाह मंडोर में हुआ था।

बाली की कितनी पत्नी थी?

इसे सुनेंरोकेंअहल्या द्रौपदी तारा कुंती मंदोदरी तथा।

बाली सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंइंद्रदेव का तेज ऋक्षराज के बालों पर गिरा था जिससे जो पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम बाली रखा गया और बाली इंद्र पुत्र कहलाया। जबकि सूर्यदेव का तेज गर्दन पर गिरा था जिससे सुग्रीव की उत्पत्ति हुई ग्रीवा पर तेज करने के उनका नाम सुग्रीव पड़ा।

सुग्रीव बाली से क्यों डरता था?

इसे सुनेंरोकेंरामायाण में वानरराज बाली और सुग्रीव की चर्चा की गई है। ये दोनों भाई थे जिनका आपस में खूब स्नेह था, लेकिन एक गलतफहमी के कारण दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए। इसी दुश्मनी के कारण सुग्रीव को एक पर्वत पर छुपकर रहना पड़ा जहां बाली नहीं जा सकता था।

बाली सुग्रीव के पिता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसुग्रीव रामायण के एक प्रमुख पात्र है। इनके पिता सूर्यनारायण और माता अरुण देव थे। बालि इनके बड़े भाई थे।

श्रीराम ने जिन वृक्षों की ओट लेकर वानरराज बालि को मारा था उसका क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंश्रीराम ने जिन वृक्षों की ओट से वानरराज बालि को मारा, उनका क्या नाम था? ‘साल वृक्ष’ एक अर्ध-पर्णपाती और द्विबीजपत्री बहुवर्षीय वृक्ष है। इस वृक्ष की उपयोगिता मुख्यत: इसकी लकड़ियाँ हैं, जो अपनी मजबूती तथा प्रत्यास्थता के लिए प्रख्यात हैं।

बाली की मृत्यु कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकेंयह तीर उनके पैरों में जाकर लगा और तभी उन्होंने देह त्यागने का निर्णय ले लिया। पौराणिक मान्यताओं अनुसार प्रभु ने त्रेता में राम के रूप में अवतार लेकर बाली को छुपकर तीर मारा था। कृष्णावतार के समय भगवान ने उसी बाली को जरा नामक बहेलिया बनाया और अपने लिए वैसी ही मृत्यु चुनी, जैसी बाली को दी थी।

इसे सुनेंरोकेंसाल के वृक्ष के पीछे । ये वही सात साल के वृक्ष थे , जिन्हें एक-एक कर के वाली , एक ही तीर से आर-पार बींध देता था। और जिन सातों साल के वृक्षों को राम ने एक साथ , एक ही बाण से आर-पार बींध दिया था । उसके बाद उनका वही बाण , पृथ्वी को फोड़ कर वापिस लौटा ,और राम के तरकस में समा गया था।

सुग्रीव और बाली के पिता कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंजन्म बालि और सुग्रीव के जन्म को लेकर एक रोचक प्रसंग मौजूद है। ऐसा कहा जाता है कि बालि इन्द्र और अरुण का पुत्र था। इन्द्र देवताओं के राजा थे और अरुण सूर्यनारायण के सारथी।

बाली की मृत्यु के बाद क्या हुआ?

इसे सुनेंरोकेंबाली की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी तारा का क्या हुआ था? ऐसी मान्यता है वालि के वध के बाद तारा पुनः सुग्रीव की पत्नी बन गई। शायद उस काल के समाज में बहु-पत्नी तथा बहु-पति (द्रौपदी ) प्रथा का चलन स्वीकार्य रहा।

बाली की पत्नी का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंतारा (रामायण) – विकिपीडिया

बाली और सुग्रीव के बीच हार और जीत के अंतर का मुख्य कारण क्या था?

इसे सुनेंरोकेंउसने किसी कि भी बात सुनने से मना किया और सुग्रीव पे राज्य और बीवी हड़पने का इल्ज़ाम डाला। सुग्रीव ने वाली को राज्य लौटा दिया लेकिन वाली ने सुग्रीव को दुनियाभर में भगाया और उसका पीछा किया। इतना ही नहीं वाली ने सुग्रीव की पत्नी, रूमा, से भी ज़बरदस्ती शादी कर ली। यही कारण है वाली और सुग्रीव के बीच के युद्ध का।

हनुमान जी ने किसका वध किया?

इसे सुनेंरोकेंरावण ने अपने पराक्रमी पुत्र अक्षयकुमार को भेजा, हनुमानजी ने उसको भी मार दिया। हनुमानजी ने अपना पराक्रम दिखाते हुए लंका में आग लगा दी। जब विभीषण रावण को छोड़कर श्रीराम की शरण में आए तो सुग्रीव, जामवंत आदि ने कहा कि ये रावण का भाई है।

बाली सुग्रीव की माता जी का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंकथाओं के अनुसार इंद्र ने बाली को एक सोने का हार दिया जबकि सूर्यदेव ने सुग्रीव को हनुमान जी के रूप में एक सच्चा मित्र और रक्षक भेंट किया। कहा जाता इन दोनों वानरों की उतपत्ति के बाद युवती दोबारा रीछराज में बदल गई। इसलिए कहा जाता है रीछराज ही बाली और सुग्रीव की मां और पिता है।

बाली और सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंइंद्रदेव का तेज ऋक्षराज के बालों पर गिरा था जिससे जो पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम बाली रखा गया और बाली इंद्र पुत्र कहलाया, जबकि सूर्यदेव का तेज गर्दन पर गिरा था, जिससे सुग्रीव की उत्पत्ति हुई ग्रीवा पर तेज करने के उनका नाम सुग्रीव पड़ा।

बालि का पुत्र कौन था?

इन्द्रबालि / पालकभगवान इन्द्र हिन्दू धर्म में सभी देवताओं के राजा का सबसे उच्च पद था जिसकी एक अलग ही चुनाव-पद्धति थी। इस चुनाव पद्धति के विषय में स्पष्ट वर्णन उपलब्ध नहीं है। विकिपीडिया

पंपापुर का राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंबाली – किश्कंधा (पंपापुर) का राजा, रावण का मित्र तथा साढ़ू, साठ हजार हाथीयों का बल। सुग्रीव – बाली का छोटा भाई, जिनकी हनुमान जी ने मित्रता करवाई।

बाली को क्या वरदान प्राप्त था?

इसे सुनेंरोकेंऐसा कहा जाता है कि बालि को उसके पिता इन्द्र से एक स्वर्ण हार प्राप्त हुआ जिसको ब्रह्मा ने मंत्रयुक्त करके यह वरदान दिया था कि इसको पहनकर वह जब भी रणभूमि में अपने दुश्मन का सामना करेगा तो उसके दुश्मन की आधी शक्ति क्षीण हो जायेगी और वालि को प्राप्त हो जायेगी। इस कारण से वालि लगभग अजेय था।

बाली के कितने पुत्र थे?

इसे सुनेंरोकेंबाली के धर्मपिता देवराज इन्द्र थे। बालि का एक पु‍त्र था जिसका नाम अंगद था।

बाली के पुत्र कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंअंगद रामायण का एक पात्र, पंचकन्या में से एक तारा तथा किष्किंधा के राजा बाली का पुत्र और सुग्रीव का भतीजा, रावण की लंका को ध्वस्त करने वाली राम सेना का एक प्रमुख योद्धा था।

मांडवी किसकी अवतार थी?

इसे सुनेंरोकेंमाण्डवी हिंदू महाकाव्य रामायण में कुशध्वज की बेटी थीं और उनकी माता रानी चंद्रभागा थीं। उनकी एक छोटी बहन श्रुतकीर्ति थी। वह कैकेयी के पुत्र और राम के छोटे भाई भरत की पत्नी थीं। उनके दो बेटे थे- तक्ष और पुष्कल।

दधिमुख कौन था?

इसे सुनेंरोकेंदधिमुख- सुग्रीव का मामा। संपाती- जटायु का बड़ा भाई,वानरों को सीता का पता बताया। जटायु- रामभक्त पक्षी,रावण द्वारा वध, राम द्वारा अंतिम संस्कार।

बाली और सुग्रीव के बीच हार और जीत के अंतर का मुख्य कारण क्या है?

क्रोधित बाली अपने भाई के कार्य से अप्रसन्न हो जाता है और तत्काल राज छोड़ने का आदेश देता है। हालांकि, सुग्रीव की पत्नी को जाने नहीं देता है और अपने साथ रख लेता है। इस वजह से वानर बंधुओं के बीच युद्ध हुआ था।

बाली और सुग्रीव में क्या अंतर था?

वालि (संस्कृत) या बालि रामायण का एक पात्र है। वह सुग्रीव का बड़ा भाई था। वह किष्किन्धा का राजा था, इन्द्र का पुत्र बताया जाता है तथा बंदरों के रूप थे।

बाली और सुग्रीव किस वानर से उत्पन्न हुए थे उसका क्या नाम था?

ऋषराज वानर से स्त्री बनी उस महिला ने ऋष्यमूक पर्वत पर रहकर ही इंद्र और सूर्यदेव से उत्पन्न अपने पुत्रों बाली और सुग्रीव का पालन-पोषण किया।

बाली और सुग्रीव पूर्व जन्म में कौन थे?

ऋक्षराज के पास अब कोई और चारा नहीं था कि वह अपने पुराने रूप में वापस आ सके। इसलिए उसने बाली और सुग्रीव के पालन-पोषण पर ध्यान दिया और ऋष्यमूक पर्वत पर ही अपना साम्राज्य स्थापित किया। इस पौराणिक कथा के आधार पर ही कहा जाता है कि एक ही मां की संतान होने के बावजूद बाली और सुग्रीव का जन्म मां के गर्भ से नहीं हुआ था।