पुलिस को देखते ही चोर आँखों से ओझल हो गया वाक्य में प्रयुक्त मुहावरे का अर्थ क्या है? - pulis ko dekhate hee chor aankhon se ojhal ho gaya vaaky mein prayukt muhaavare ka arth kya hai?

आँखों से ओझल होना मुहावरे का अर्थ aankhon se ojhal hona muhavare ka arth – दूर हो जाना या गायब हो जाना ।

दोस्तो आज मनुष्य अपने जीवन के आनन्द भरे पलो का मजा केवल अपनी आंखो के कारण ही लेता है । क्योकी इन ही आंखो के कारण से वह सृष्टि की सुन्द्रता को देख सकता ‌‌‌है । इसी तरह से मनुष्य अपनी आंखो के कारण से ही दुसरी वस्तुओ व व्यक्ति को देख सकता है । और इस तरह से जब कोई वस्तु या व्यक्ति मनुष्य की आंख के सामने होता है तो उसे आंख के सामने होना कहा जाता है ।

मगर जब कभी वही वस्तु या व्यक्ति आंख के सामने नही रहता है तो ‌‌‌आंखो से ओझल होना कहा जाता है । क्योकी आंखो के सामने न रहने को दूर हो जाना या गायब हो जाना भी कहा जाता है इसी कारण से आंखो से ओझल होना मुहावरे का अर्थ दूर हो जाना या गायब हो जाना होता है ।

पुलिस को देखते ही चोर आँखों से ओझल हो गया वाक्य में प्रयुक्त मुहावरे का अर्थ क्या है? - pulis ko dekhate hee chor aankhon se ojhal ho gaya vaaky mein prayukt muhaavare ka arth kya hai?

आँखोंसेओझल होनामुहावरेकावाक्यमेंप्रयोग // aankhon se ojhal hona idioms in sentences in hindi

  • पुलिस के आते ही चोर आंखो से ओझल हो गया ।
  • जब जब रामू अपना कर्जा कर्जदार से वापस लेने के लिए जाता है ‌‌‌तो कर्जदार आंखो से ओझल हो जाता है ।
  • चौर ने जैसे ही बैंक में चोरी की आंखो से ओझल हो गया ।
  • ‌‌‌अभी तो रामू यही था और आपके आते ही हमारी आंखो से ओझल हो गया ।
  • तुम हर बार मैंरी आंखो से ओझल हो जाते हो इस बार मैं अपना कर्जा लेकर रहूगा ।
  • हर बार तुम कोई न कोई बहाना बना कर मेरी आंखो से ओझल हो जाते हो इस बार मैं तुम्हारी बात में नही आउगा ।
  • बेताल हर बार विक्रम को अपनी कहानी के जाल में फसा कर ‌‌‌आखो से ओझल हो जाता था ।
  • यह युद्ध भुमी है यहां आसानी से आंखो से ओझल नही हुआ जाता है ।
  • जैसे ही डाकूओ ने सब कुछ अपने थेले में भर लिया सभी लोगो की आंखो से ओझल हो गए ।

‌‌‌आखो से ओझल होना ‌‌‌मुहावरे पर कहानी (‌‌‌राजा और चोर) // story on idiom aankhon se ojhal hona in Hindi

प्राचीन समय की बात है एक बहुत ही बडा नगर हुआ करता था जहां पर एक बहुत ही ज्ञानी राजा रहता जो की अपने ज्ञान के कारण से हमेंशा ही लोगो को कोई न कोई चुनोती देता रहता था और कहता की ऐसा कोई नही है जो की मेरी नजरो से बच सके । मगर कहते है न कोई न कोई हर किसी से बढ कर इस दुनिया ‌‌‌में देखने को मिल जाता है ।

इसी तरह से उस नगर में एक व्यक्ति आया था जो की पास के ही राज्य से आया था । असल में वह व्यक्ति चोर था जो की धन को देखने मात्र ही उसे लूटने की योजना बनाने के लिए लग जाता था और सब कुछ लूट लेता था । मगर राजा कहता की कोई भी मेरी आंखो से बचा नही है और जो जूर्म करेगा वह ‌‌‌मेरी नजरो से बच भी नही सकता है ।

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जब इस बारे में उस चोर को पता चला तो चोर ने सोचा की इस राज्य में तो उसका चोरी करना सही नही होगा । मगर चोर जैसे ही पैसे देखता उससे रूका नही जाता और वह चोरी कर लेता था और इसी तरह से उस राज्य में चोर के साथ हुआ था ।

दरसल उस राज्य में एक धनवान सेठ था जिसने आभुषणो की ‌‌‌दुकान कर रखी थी। और जैसे ही चोर उस नगर में पहुचा उसी दिन उस दुकान के बारे में चोर को पता चल गया था । अब चोर रात भर यह सोचता रहा की अगर वह चोरी करते हुए पकडा गया तो राजा उसे बहुत कठिन सजा देगा ।

मगर तभी चोर ने सोचा की आज तक मैं अपने राज्य के राजा के हाथ नही लगा तो यहा पर क्या लगूगा । ‌‌‌इसी सोच के ‌‌‌साथ चोर चोरी करने के लिए निकल गया था । उस राज्य में एक नियम था की जो भी कोई रात को इधर उधर घुमता हुआ दिख गया तो उसे पकड कर कारागार मे डाल दिया जाएगा । जिसके कारण से चोर को चारो ‌‌‌ओर सन्नाटा दिख रहा था ।

मगर तभी चोर ने दो सेनिको को इस बारे में बता करते हुए सुन लिया की जो भी कोई हमे दिखे ‌‌‌उसे पकड लेना है और कारगार में लेजाकर बहुत कोडे बरसाने है । चोर यह सुन कर कुछ डरा मगर तभी उसने सोचा की यहां पर मुझे चालाकी से काम लेना होगा और इसी सोच के साथ चोर धिरे धिरे आगे बढता गया ।

इस तरह से आगे बढते रहने के कारण से चोर आभुषणो की दुकान के पास पहुंच गया था मगर तभी उसने देखा की दुकान के आगे ‌‌‌एक सेनिक खडा है और कुछ समय के बाद में फिर से चोर ने देखा की वह सेनिक जा रहा है और दूसरा आ रहा है। इस तरह से चोर ने दो तीन बार देखा तो उसे समझ में आ गया की ये सेनिक यहां ‌‌‌से हिलने वाले तो नही है ।

मगर सोच का इरादा पक्का था वह चोरी करने की पूरी योजना बना चुका था । जिसके कारण से चोर ने चोरो ‌‌‌ओर ‌‌‌देखा तो उसे नजर आया की दुकान की जो पिछे की दिवार है वहां पर एक घर है जिसमें ताला लगा है । बस चोर को पता चल गया की घर में कोई नही है और चोर घर में चला गया ।

पुलिस को देखते ही चोर आँखों से ओझल हो गया वाक्य में प्रयुक्त मुहावरे का अर्थ क्या है? - pulis ko dekhate hee chor aankhon se ojhal ho gaya vaaky mein prayukt muhaavare ka arth kya hai?

कुछ समय के बाद में चोर ने अपने थेले में से एक ओजार निकाला जो की बहुत ही पावरफुल था और वह उसे दिवार पर लगा चुका था । इसे बाद में वह अपने ‌‌‌थेले से एक हथोडा निकालता है और फिर उसी हथोडे से दिवार पर देने लग जाता है । इस तरह से ध्वनी अधिक होनी चाहिए थी जिसके कारण से सेनिको को पता चल जाना चाहिए था मगर ध्वनी नाम मात्र नही हो रही थी ।

जिसके कारण से कुछ ही समय में चोर ने पिछे की दिवार फोड ली । ‌‌‌इसके बाद में चोर ने अंदर जो भी आभूषण थे वह सब चुरा लिए  । तभी चोर वहां से जाने लगा मगर अब वह ‌‌‌उन सेनिक की नजर में आ गया जिसके कारण से सेनिक ने आवाज लगाई की कोन है मगर चोर नही बोला । फिर से जब सेनिक ने पूछा कोन है तो फिर से चोर नही बोला ।

इतने में दूसरा सेनिक भी आ गया और दोनो ने चोर से पूछा ‌‌‌कोन है मगर फिर से चोर नही बोला जिसके कारण से सेनिक उसे पकडने के लिए आगे बढने लगे । मगर तभी चोर ने अपने आस पास देखा तो उसे एक कुत्ता नजर आया और वह कुत्ता भी उन सेनिको को देख कर भोकने लगा था क्योकी चोर कुत्ते को नजर नही आया ।

कुत्ता भोकने की आवाज जब सेनिको ने सुनी तो वे दोनो ‌‌‌ने उस कुत्ते ‌‌‌की तरफ एक नजर ढाली और वापस उस चोर की और देखा तो वहां पर चोर नही था । तभी दोनो सेनिको ने अपनी आंखो पर हाथ फैरे और फिर देखा मगर चोर नही दिखा । क्योकी चोर तो भाग चुका था ।

तब दोनो सेनिको ने कहा की न जाने कोन था जो पल भर में आंखो से ओझल हो गया । मगर सेनिको ने इस घटना की तरफ ध्यान नही दिया । जब ‌‌‌अगली सुबह हुई तो सेठ अपनी आभुषण की दुकान खोलने के लिए आया और जेसे ही दुकान ‌‌‌खुली तो उसे पिछे से दुकान में रोशनी आते हुए दिखी । तब सेठ ने अपनी दुकान में नजर डाली तो दुकान पूरी खाली थी ।

यह देख कर तुरन्त सेठ ने सेनिको को आवाज लगाई और कहा की देखो तुम्हारे होते हुए भी मेरी दुकान में चोरी हो गई । ‌‌‌और कुछ समय के बाद में सेठ इस बात की सुचना राजा के पास लेकर चला गया और उसके साथ वे सेनिक भी थे । जब राजा ने सेठ के मुह से सुना की मेरी दुकान में चोरी हो गई है तो राजा ने कहा की हमारे होते हुए तुम्हारी दुकान मे चारी । और फिर राजा ने अपने सेनिको को बुलाया और पूछा की रात को कोन राज्य की निगरानी ‌‌‌में था ।

तब सेनिको ने राजा के सामने उन सभी अन्य सेनिको का नाम बताया जो की रात को राज्य की निगरानी पर काम कर रहे थे । जिनका नाम सुनते ही राजा ने उन सेनिको को बुला कर लाने को कहा । कुछ समय के बाद में सभी सेनिक राजा के दरबार में थे और राजा ने कहा की कल रात सेठ की दुकान में चोरी हो गई और किसी ‌‌‌को पता चल गया ।

तभी सेठ बोल पडा की मेरे करोडो का धन चोरी हो गया था । इस तरह से फिर राजा ने सेनिको से कहा की कल रात आपने किसी अनजान व्यक्ति को देखा था की नही । तब वे दोनो सेनिक बोल पडे की महाराज कल रात को हमने ऐसे व्यक्ति को देखा था मगर अंधेरा होने के कारण से हम उसका चेहरा नही देख सके थे । ‌‌‌

तभी राजा बोल पडा तो उसे पकडना चाहिए और कारागार में डाल देना चाहिए था । तब उन सेनिको ने कहा था की महाराजा तभी एक कुत्ता भौका और इतने में वह न जाने आंखो से ओझल होकर कहा चला गया । इस तरह से फिर राजा ने अपना क्रोध दिखाया और उस चोर को ढूंढने के लिए अपने सेनिको को लगा दिया ।

मगर चोर आज तक ‌‌‌किसी की पकड में न आया था और ऐसा ही हुआ । क्योकी राजा के सेनिक तीन दिनो तक चक्कर काट रहे थे मगर किसी को चोर के बारे में पता नही चल सका । और सेठ भी क्या करता वह भी मजबूरी ‌‌‌का मारा अपने दुखो को झलेता रह गया ।

मगर दो तीन दिनो के बाद मे चोर ने अचानक ही सेनिको के सामने अपना जुर्म कबूल कर दिया ‌‌‌। जिसका क्या कारण होगा यह सेनिको को समझ में नही आया था । मगर सेनिको ने राजा के सामने यह नही बताया की चोर स्वयं ही हमारे पास आया था बल्की वे राजा से कहने लगे की चोर को हमने पकड लिया था ।

पुलिस को देखते ही चोर आँखों से ओझल हो गया वाक्य में प्रयुक्त मुहावरे का अर्थ क्या है? - pulis ko dekhate hee chor aankhon se ojhal ho gaya vaaky mein prayukt muhaavare ka arth kya hai?

उस दिन बडी सभा थी और सभा में तीन अन्य व्यक्ति आए थे जीन्होने अपने साथ बहुत ही अधिक धन ले रखा था । ‌‌‌इसी बिच में चोर को राजा के सामने लाया गया था । दरसल रात का वक्त था मगर फिर राजा ने चोर को कारागार में डाल देने और कल फैसला होगा यह कह दिया।

मगर तभी चोर ने सुना की इन लोगो का धन विश्राम गृह में रख देना और इन्हे वही पर रहने देना । और जब चोर कारागार में बंद हो गया और रात होने के कारण से सभी ‌‌‌आराम से सो रहे थे । मगर तभी चोर उठा और कारागार का ताला तोड कर बाहर आ गया था । चोर दबे पाव विश्राम गृह में चला गया और वहां जो धन था उसे खोजने लगा ।

काफी अधिक समय के बाद में चोर को धन मिल गया । और चोर धन को उठा कर जाने ही वाला था की उसे कुछ सेनिको ने देख लिया । जिसके कारण सेनिक उसके पास आने ‌‌‌लगे मगर चोर ने चारो ‌‌‌ओर धूवा फैला दिया और वहां से भाग गया ।

तभी राजा को इस बारे में पता चला की चोर धन चुरा कर भाग गया है तो राजा ने अपने सेनिको को नालयक कहा और ‌‌‌चारो ओर को ढूंढने के लिए पूरी की पूरी सेना को लगा दिया । मगर अब क्या हो सकता था चोर कही जाकर छूप गया था । जिसके कारण से ‌‌‌कोई भी उसे खोज न पाया ।

तब राजा ने अपने उन सेनिको से कहा की तुम सभी किसी काम के नही हो चोर आंखो के सामने था मगर उसे पकड न सके । मगर तब वे सेनिक कहते की महाराज वह चारो और धुवा कर कर आंखो से ओझल हो गया था । मगर राजा क्या करता उसकी सेना ने कुल छ महिनो तक चोर को नही पकड सकी ।

क्योकी चोर अभी ‌‌‌कही छीपा हुआ था और फिर जब छ महिने के बाद में चोर बाहर आया तो वह एक पागल की तरह दिखने लगा था और इसी बात के कारण से कोई भी सेनिक उसे पहचान न सका और चोर उस नगर से बहार चला गया और सारा धन चोर के साथ चला गया । इस तरह से चोर अपनी हर चोरी को अंजाम देता और कोई उसे पकड न सका था ।

इस तरह से ‌‌‌पल भर में आंखो से ओझल होना चोर की खासियत थी और इसी कारण से चोर किसी के हाथ न लगा था ।

क्या आपने कभी ऐसे व्यक्ति को देखा है जो आंखो से ओझल होने में देर नही लगाता? बताना न भूले ।

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आँखों से ओझल होना '

आँख से ओझल होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है। अर्थ- दृष्टि-क्षेत्र परे चले जाना।

ओझल होना मुहावरे का अर्थ क्या है?

आंखो से ओझल होना हिंदी का एक मुहावरा है जिसका अर्थ होता है गायब हो जाना अथवा दूर चला जाना।

वह अंतरिक्षयान उनकी आँखों से ओझल हो गया रेखांकित मुहावरे का अर्थ क्या है ?) गायब होना दूर होना चकित होना?

मगर जब कभी वही वस्तु या व्यक्ति आंख के सामने नही रहता है तो ‌‌‌आंखो से ओझल होना कहा जाता है । क्योकी आंखो के सामने न रहने को दूर हो जाना या गायब हो जाना भी कहा जाता है इसी कारण से आंखो से ओझल होना मुहावरे का अर्थ दूर हो जाना या गायब हो जाना होता है ।