बिलवासी मिश्र कौन थे? उन्होंने मित्र के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया? Show पंडित बिलवासी मिश्र झाऊलाल जी के घनिष्ठ मित्र थे। लालाजी ने जब उन्हें अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक से ढाई सौ रुपए चुराकर उन्हें देने चाहे। लेकिन जब वे लालाजी के घर पहुँचे तो वहाँ भीड़ लगी थी जिनमें एक अंग्रेज़ सिर से पैर तक पानी से भीगा हुआ झगड़ रहा था क्योंकि लालाजी के हाथ से पानी से भरा एक लोटा छूटकर उसे जा लगा था। पंडित जी ने उसे ऐसे बातों में लगाया कि वह उसी लोटे को ‘अकबरी लोटा’ के नाम से खरीदने को लालायित हो उठा और उसने पाँच सौ रुपए में उस लोटे को खरीद लिया। 336 Views अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए। कहानी बनाने हेतु संकेत बिंदु: 1. नई कक्षा में प्रवेश। 866 Views “अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।” अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया’- ये शब्द लेखक ने लोटे के लिए कहे हैं क्योंकि लोटा उल्का की गति से भी तीव्र गति से नीचे की ओर गिरा था। ग्रहों और उल्काओं में समानताएँ- असमानताएँ- 1644 Views बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए। बिलवासी जी के दिमाग में न जाने क्या आया कि उन्होंने लोटे की कथा को समाप्त करने हेतु व अंग्रेज़ काे चुप करवाने के लिए लोटे को ऐतिहासिक लोटा बता दिया। उसका नामकरण भी ‘अकबरी लोटा’ कहकर कर दिया। 755 Views “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।” लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए। लाला झाऊलाल छत पर टहल रहे थे। कुछ प्यास लगने पर उन्होंने नौकर को पानी के लिए आवाज़ दी। नौकर के न होने पर उनकी पत्नी उनके लिए स्वयं पानी लेकर आई। वह पानी एक बेढंगे से लोटे में लाई जो लाला को जरा भी पसंद न था लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ न कहा क्योंकि वे अपनी पत्नी की इज़्ज़त करते थे बिना वजह उसे टोकना नहीं चाहते थे। दूसरा वे पत्नी के तेज़-तर्रार स्वभाव को भी जानते थे वे सोचने लगे कि यदि मैंने लोटे के बारे में कुछ कह दिया तो खाना बाल्टी में ही खाना पड़ेगा। इसलिए वे चुप रहे। 1746 Views “लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी? दो और दो जोड़कर स्थिति समझना-अर्थात् परिस्थिति
को भाँप जाना। जब लालाजी के हाथों से लोटा गिरने के बाद आँगन में भीड़ एकत्रित हो गई और एक अंग्रेज़ नखशिख तक भीगा हुआ लोटा हाथ में लिए गालियाँ देता हुआ आ रहा था, तो लाला ने परिस्थिति का अनुमान लगा लिया कि कुछ गड़बड़ हो गई है। 830 Views .पं बिलवासी ने लोटे की क्या विशेषता बताई *?Answer: यदि अंग्रेज़ लोटा नहीं खरीदता तो बिलवासी जी को अपनी पत्नी से चुराए हुए रूपए लाला झाऊलाल को देना पड़ता। अन्यथा झाऊलाल अपनी पत्नि को पैसे नहीं दे पाते।
पं बिलवासी ने लोटे की क्या विशेषता बताई 1 Point पुश्तैनी ऐतिहासिक कीमती रत्न हीरे जवाहरात से जड़ा हुआ?यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।
बिलवासी जी ने लोटे को अकबरी लोटा क्यों कहा?बिलवासी जी ने लोटे को अकबरी लोटा कहकर अंग्रेज़ काे गुमराह क्यों किया? वे अंग्रेज़ और झाऊलाल की लड़ाई नहीं होने देना चाहते थे। वे सोच रहे थे शायद लोटे खरीद कर अंग्रेज़ झाऊलाल को धन देकर उनकी परेशानी कम कर दे। वे मन ही मन अंग्रेज़ को मूर्ख बनाकर प्रसन्न भी हो रहे थे।
लोटे के बारे में बिलवासी मिश्र ने क्या कहा?बिलवासी जी ने बड़ी चतुराई से अंग्रेज को ही मुर्ख बनाकर उसी लोटे को अकबरी लोटा बताकर उसे 500 रूपए में बेच दिया। इससे रुपये का इंतजाम भी हो गया और झाऊलाल की इज्जत भी बच गई। इससे लाला बहुत प्रसन्न हुए उसने बिलवासी जी को बहुत धन्यवाद दिया।
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