जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ये तो हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम की कमी होने पर हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, लेकिन आपको बता दें कि इसकी कमी होने पर ब्रेन, हार्ट, मसल्स को भी नुकसान होता है. हेल्थलाइन के मुताबिक, कैल्शियम हमारे बोन्स और दांतों को तो मजबूत बनाते ही हैं, हार्ट और मसल्स फंक्शन को भी ठीक रखने का काम करता है. यही नहीं, बढ़ते बच्चों के बेहतर विकास के लिए भी कैल्शियम एक जरूरी मिनरल्स है. कैल्शियम की कमी को हाइपोकैल्शेमिया भी कहा जाता है. Show क्यों होती है कैल्शियम की कमी शरीर में कैल्शियम की कमी खान पान में लापरवाही के कारण तो होती ही है, कई बार ये किसी तरह की दवाओं के सेवन, डायटरी इंटॉलरेंस, हार्मोनल बदलाव, मेनोपॉज, न्यूट्रिशन की कमी और कई बार जेनेटिक बदलाव के कारण भी हो सकता है. शरीर में विटामिन डी की कमी से भी कैल्शियम का अवशोषण बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है. कैल्शियम की कमी के ये हैं लक्षण मैमोरी लॉस कैल्शियम की कमी होने से मैमोरी लॉस की समस्या हो सकती है. लोग छोटी छोटी चीजें भूलने लगते हैं और हर बात याद रखना मुश्किल भरा हो जाता है. मांसपेशियों में ऐंठन कैल्शियम की कमी होने पर मांसपेशियों में ऐंठन, जकड़न, अकड़न जैसी समस्याएं होने लगती हैं. यह आमतौर पर पैरों या पंजों में होती हैं जो दर्दनाक होता है. हड्डियां होती हैं कमजोर हड्डियों में कैल्शियम स्टोर होता है जो उन्हें मजबूत बनाने का काम करता है. कैल्शियम की कमी होने पर शरीर हड्डियों से कैल्शियम सोखने लगती है और धीरे-धीरे ये कमजोर हो जाती हैं. इससे उठने, बैठने, चलने में भी दर्द होने लगता है. कमजोरी लगना कैल्शियम की कमी से शरीर में कमजोरी, चक्कर आना और ब्रेन फोग आदि होने लगता है. इससे किसी काम पर फोकस करने में मुश्किल होने लगता है. नाखून होता है कमजोर कैल्शियम की कमी से नाखून खराब होने लगते हैं और ये टूटने लगते हैं. कई बार नाखून पर पीले या सफेद दाग भी आने लगते हैं. दांत होते हैं कमजोर कैल्शियम की कमी से दांतों से भी कैल्शियम सोखने लगता है. जिससे ये टूटने और गिरने लगते हैं. ऐसे में अपने डाइट में उन चीजों को अधिक से अधिक शामिल करें जिनमें भरपूर कैल्शियम हों. इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह पर दवाएं भी खा सकते हैं.
हड्डियों से जुड़ी हुई एक खास तरह की बीमारी होती है। यह महिला और पुरुष को एक समान रूप से प्रभावित करती है। जिन लोगों के द्वारा कैल्शियम पोषक तत्व की पूर्ति शरीर में ठीक तरह से नहीं होती है, उन्हें एक लंबे समय के बाद यह समस्या हो जाती है। इस मेडिकल कंडीशन में
मानव शरीर की हड्डियां बहुत पतली और कमजोर हो जाती हैं और वह आंतरिक रूप से एक दूसरे से जुड़ी हुई नहीं रहती हैं, जिस कारण से हड्डियों के टूटने का खतरा बना रहता है। मेनोपाॅज के जोखिम को बढ़ा सकता हैयह एक ऐसी मेडिकल कंडीशन होती है जिसमें महिलाओं को मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर की हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं और उन्हें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की जरूरत पड़ती है। इसलिए ऐसी मेडिकल कंडीशन से जूझ रही महिलाओं में जब यह
स्थिति उत्पन्न हो तो उन्हें अपने खाने-पीने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ऐसी महिलाएं खाने में ऐसे खाद्य पदार्थ को शामिल कर सकती हैं जो कैल्शियम से भरपूर हों ताकि उनके शरीर की हड्डियां कमजोर ना होने पाएं। कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता हैरिसर्च के अनुसार, इस बारे में दावा किया जा चुका है कि यदि व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त रूप से कैल्शियम की पूर्ति ना हो तो उसमें कोलन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। एक रिसर्च के अनुसार यह देखा गया कि कैल्शियम का भरपूर सेवन करने वाले लोगों में एडिनोमा नाम के
ट्यूमर का खतरा कई हद तक कम हो जाता है जो कोलन से संबंधित होता है। यही ट्यूमर कैल्शियम की कमी के कारण बढ़ने के बाद कोलन कैंसर के खतरे को जन्म दे सकता है। इसलिए कैल्शियम स्रोत वाले खाद्य पदार्थों का पर्याप्त रूप से सेवन करें। हृदय रोगआप अपने भोजन में यदि कैल्शियम पोषक तत्व को ठीक तरह से शामिल नहीं कर रहे हैं तो इससे हृदय रोगों के जोखिम का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इस बारे में जानकारी दी गई है। रिसर्च की मानें तो पर्याप्त रूप
से कैल्शियम का सेवन करने के कारण यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर करने का काम करता है। इस कारण हृदय रोगों का खतरा कई गुना तक कम हो जाता है। इसलिए शरीर में कैल्शियम की कमी बिल्कुल भी ना होने दें। ब्लड प्रेशर बढ़ सकता हैकैल्शियम की कमी होने के कारण आपको ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
से जुड़ी हुई कई प्रकार की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, इसका असर आपके हृदय पर भी पड़ेगा। कई अध्ययन में इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि कैल्शियम का सेवन अगर भरपूर मात्रा में किया जाए तो यह ब्लड प्रेशर को कम करने का कार्य करता है और आप हाइपरटेंशन की चपेट में आने से बचे रहते हैं। इन खाद्य पदार्थों से होगी पूर्तिकैल्शियम की पूर्ति करने के लिए आप कई प्रकार के खाद्य पदार्थों को अलग-अलग दिन के हिसाब से अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं।
कैल्शियम स्रोत वाले खाद्य पदार्थों में मुख्य रूप से पनीर, दही, दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक और केल। इसके अलावा ऑरेंज जूस, सोयाबीन और कॉर्न फ्लेक्स में भी आपको पर्याप्त रूप से कैल्शियम की पूर्ति हो सकती है। इन खाद्य पदार्थों को आप
अपने घर के आस-पास मौजूद दुकानों से भी खरीद सकते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें शरीर में कैल्शियम की कमी होने से क्या दिक्कत होती है?बिना किसी दोराय कैल्शियम की कमी हड्डियों को प्रभावित करती है. हड्डियों में कैल्शियम स्टोर होता है जो उन्हें मजबूती देता है. कैल्शियम की कमी होने पर शरीर हड्डियों से कैल्शियम सोख लेता है जिससे वे कमजोर हो जाती हैं और उनमें चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही, उठने-बैठने और चलने में दर्द महसूस होता है.
सबसे ज्यादा कैल्शियम कौन सी चीज में होता है?कैल्शियम का सबसे अच्छा सोर्स दूध को माना जाता है। इसलिए कहा भी जाता है कि नियमित रूप से दूध का सेवन करना चाहिए। एक गिलास दूध में करीब 300 ग्राम कैल्शियम होता है।
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