न्यू इनकम टैक्स स्लैब क्या है? - nyoo inakam taiks slaib kya hai?

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इनकम टैक्स कैलकुलेटर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आप अपनी सेलरी पर कितना इनकम टैक्स चुकाते हैं, यह आपकी टैक्स योग्य आय और आपके इनकम टैक्स स्लैब पर निर्भर करता है. आपकी टैक्स योग्य आय वह है जो आपको अपनी सकल कुल आय में से छूट और कटौतियों को घटाकर प्राप्त होती है, जिसमें सेलरी (पुरानी व्यवस्था के लिए एचआरए, मानक कटौती आदि घटाकर) और अन्य स्रोतों से होने वाली आय शामिल है.

टैक्स स्लैब, आपकी टैक्स योग्य आय और आयु पर निर्भर करता है और यह पुरानी और नई व्यवस्था के लिए अलग-अलग है.

इनकम टैक्स कैलकुलेटर एक आसान ऑनलाइन टूल है जो टैक्स कैलकुलेशन को आसान बनाता है. आपको बस खाली फील्ड में संबंधित विवरण दर्ज करना होगा:

  • लिंग चुनें
  • अपनी वार्षिक आय दर्ज करें
  • होम लोन पर चुकाए गए ब्याज को दर्ज करें
  • होम लोन पर चुकाए गए मूलधन को दर्ज करें

होम लोन से पहले और होम लोन के बाद देय टैक्स के साथ आपका कुल इनकम टैक्स लाभ तुरंत कैलकुलेटर के दाईं ओर दिखेगा.

सेक्शन 80सी के तहत, आप प्रति फाइनेंशियल वर्ष रु. 1.5 लाख तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं. एनपीएस अकाउंट में किए गए डिपॉजिट के लिए ₹50,000 तक की अतिरिक्त कटौती की अनुमति है.

सेक्शन 80सी के तहत कटौती ईपीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस, और टैक्स सेविंग एफडी के साथ-साथ LIC प्रीमियम, होम लोन के मूल पुनर्भुगतान आदि जैसे इन्वेस्टमेंट पर लागू होती है. रु. 1.5 लाख की इस सीमा में 80सीसीसी, 80सीसीडी(1), और 80सीसीडी(2) जैसे सब सेक्शन शामिल हैं.

होम लोन का भुगतान करते समय, आप इस प्रकार क्लेम कर सकते हैं:

  • सेक्शन 80C के तहत, मूलधन पुनर्भुगतान और स्टाम्प ड्यूटी के लिए रु. 1.5 लाख प्रति वर्ष तक
  • सेक्शन 24B के तहत, ब्याज़ के भुगतान के लिए रु. 2 लाख प्रति वर्ष तक
  • सेक्शन 80EE के तहत, वार्षिक रूप से रु. 50,000 तक की अतिरिक्त ब्याज़ कटौती
  • किफायती हाउसिंग हेतु लिए जाने वाले होम लोन पर सेक्शन 80ईईए के तहत वार्षिक रूप से रु. 1.5 लाख तक अतिरिक्त ब्याज़ कटौती के रूप में पाएं

आप सेक्शन 80ईई या 80ईईए से लाभ उठा सकते हैं और आप प्रति वर्ष अधिकतम कटौती रु. 5 लाख (रु. 1.5 लाख + रु. 2 लाख + रु. 1.5 लाख) के लिए क्लेम कर सकते हैं. सह-मालिकों द्वारा लिए गए जॉइंट होम लोन के मामले में, प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वामित्व के हिस्से के अनुसार टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं.

सेक्शन 24B के तहत टैक्स कटौती प्रति फाइनेंशियल वर्ष अधिकतम रु. 2 लाख है. यह कटौती होम लोन ब्याज़ पुनर्भुगतान के लिए है, लेकिन आपने जिस फाइनेंशियल वर्ष में लोन लिया है, उस फाइनेंशियल वर्ष के अंत से 5 वर्षों की अवधि के भीतर, आप घर खरीदने / प्राप्त करने में फेल हो जाते हैं, तो अधिकतम कटौती लिमिट रु. 30,000 हो जाती है.

पुरानी व्यवस्था के तहत, रु. 2.5 लाख तक की टैक्स योग्य आय वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स का भुगतान करने से छूट दी गई है. यह छूट लिमिट सीनियर सिटिज़न के लिए रु. 3 लाख तक और सुपर सीनियर सिटीज़न के लिए रु. 5 लाख तक की होती है. नई व्यवस्था के तहत, सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों को इनकम टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है, अगर उनकी टैक्स योग्य आय रु. 2.5 लाख तक है.

हालांकि, दोनों व्यवस्थाओं के तहत, अगर आपकी टैक्स योग्य आय रु. 5 लाख से अधिक नहीं है, तो आप सेक्शन 87ए के तहत रु. 12,500 तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. इसलिए, रु. 5 लाख तक की टैक्स योग्य आय के लिए कोई इनकम टैक्स नहीं दिया जा सकता है.

आईटीआर-वी या इनकम टैक्स रिटर्न - वेरिफिकेशन फॉर्म वह इनकम टैक्स सर्टिफिकेट है, जो आपको डिजिटल हस्ताक्षर के बिना अपना आईटीआर ऑनलाइन दाखिल करने पर मिलता है. आपकी ई-फाइलिंग की प्रामाणिकता को सत्यापित करने वाले आईटी विभाग के लिए आईटीआर आवश्यक है.

आप ऑफिशियल आईटी डिपार्टमेंट वेबसाइट से आईटीआर-वी का पीडीएफ वर्ज़न डाउनलोड कर सकते हैं, और प्रिंटिंग और साइन करने के बाद आपको इसे सीपीसी बैंगलोर में ऑनलाइन रिटर्न भरने के 120 दिनों के भीतर भेजना होगा.

आपके क्रेडिट स्कोर पर इनकम टैक्स का कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता. अगर आप अपना ITR फाइल करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर नहीं बढ़ेगा. लेकिन, ITR एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है जो आपको लोन प्राप्त करने में मदद कर सकता है. लोन प्राप्त करने के बाद, आप अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने के लिए समयानुसार पुनर्भुगतान कर सकते हैं. इसलिए, इनकम टैक्स आपके क्रेडिट स्कोर को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है.

डिस्क्लेमर

यहां जनरेट किया गया डेटा पूरी तरह से और केवल बजाज फिनसर्व लिमिटेड द्वारा निर्दिष्ट प्रश्नों के जवाब में आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी/विवरण के आधार पर है. ये प्रश्न और उनके परिणामस्वरूप किसी विशिष्ट डेटा के लिए की गई गणना बजाज फिनसर्व लिमिटेड को उपलब्ध करवाए गए कुछ निश्चित टूल और कैलकुलेटर पर आधारित हैं और पूर्व-निर्धारित पूर्वानुमानों/अनुमानों के आधार पर की गई है. उक्त जानकारी और परिणामी डेटा केवल यूजर की सुविधा और जानकारी के उद्देश्य से प्रदान किए गए हैं.

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वर्तमान में इनकम टैक्स स्लैब क्या है?

7.5 लाख रुपये से 10 रुपये की आय पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर अब 20 फीसदी टैक्स लगेगा. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर अब 25 फीसदी टैक्स लगेगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों पर पहले की तरह 30 फीसदी टैक्स लगेगा.

नए और पुराने टैक्स स्लैब में क्या अंतर है?

पुराने टैक्स स्लैब में 2.5 लाख से 5 लाख पर 5 फीसदी की टैक्स है लेकिन इसपर कई छूट प्राप्त होने से कम 5 लाख तक आय पर टैक्स लगभग शून्य है. वहीं नए टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं है लेकिन कई छूट को खत्म कर दिया गया है. आम बजट 2021 में आयकर स्लैब को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ था.

कितने लाख तक टैक्स फ्री है?

नए टैक्स सिस्टम में सात स्लैब थे. 2.5 लाख की कमाई वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाता है. वहीं 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय वालों पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है जबकि 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगता है.

पुराना टैक्स स्लैब क्या है?

पुराना टैक्स स्लैब अगर कोई 60 साल से कम उम्र का आयकरदाता पुराने वाले टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स भरता है तो सालाना 2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके बाद 2.5 लाख से 5 लाख आय है तो 5 फीसदी टैक्स, 5 लाख से 10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी टैक्स और 10 लाख रुपये सालाना आय पर तीस फीसदी का टैक्स लगेगा.