नवरात्रि में क्या क्या पढ़ना चाहिए? - navaraatri mein kya kya padhana chaahie?

Shardiya Navratri 2022 नवरात्र के दौरान नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है । इसके साथ ही देवी मां प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती है। लेकिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय विशेष सावधानी बरतनी जरूरी है।

नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022 Durga Saptashati Path Niyam: अश्विन मास की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी। इसके साथ ही व्रत रखने वाला व्यक्ति पूजा करने के साथ-साथ रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है। माना जाता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और व्यक्ति की हर कामना पूर्ण हो जाती है। जानिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय किन गलतियों को नहीं करना चाहिए।

दुर्गा सप्तशती पाठ में 13 अध्याय

दुर्गा सप्तशती में 13 अध्यायों है जिसमे 700 श्लोकों के माध्यम से मां दुर्गा की  आराधना की जाती है। इन 13 अध्यायों में मां दुर्गा के तीन चरित्रों के बारे में बताया गया है। इन चरित्रों को प्रथम, मध्यम और उत्तम के नाम से जानते हैं।

दुर्गा सप्तशती का पाठ  करते समय ध्यान रखें ये बातें

  • शास्त्रों के अनुसार, वही व्यक्ति दुर्गा सप्तशती का पाठ करें जिसने नवरात्र के समय अपने घर में कलश की स्थापना की है।
  • श्री दुर्गा सप्तशती की पुस्तक पाठ में लेकर नहीं पढ़ना चाहिए। इसके लिए एक साफ चौकी में लाल कपड़ा बिछा लें। इसके बाद पुस्तक रखें और कुमकुम, चावल और फूल से पूजा करें। फिर माथे में रोली लगा कर ही पाठ का आरंभ करें।
  • श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ को शुरू करने से पहले और समाप्त करने के बाद रोजाना नर्वाण मंत्र 'ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का पाठ जरूर करें। सभी पाठ पूर्ण माना जाता है।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय तन के साथ-साथ मन भी साफ होना चाहिए। इसलिए पाठ करने से पहले स्नान आदि  करके साफ वस्त्र धारण कर लें।
  • दुर्गा सप्तशती पाठ करने से पहले शापोद्धार करना सबसे जरूरी माना जाता है। अगर इसके बिना आप पाठ करते हैं, तो उसका फल नहीं मिलता है।  क्योंकि इसके हर मंत्र को वशिष्ठ, ब्रह्मा जी और विश्वामित्र से शाप मिला है।
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  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय हर एक शब्द का सही और स्पष्ट उच्चारण करें। इसके साथ ही तेज आवाज में पाठ न करें। अगर संस्कृत में कठिन लग रहा है, तो हिंदी में पाठ कर सकते हैं।
  • दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले नवार्ण मंत्र के अलावा कीलक, कवच और अर्गला स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

डिसक्लेमर'

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Edited By: Shivani Singh

आज से नवरात्र प्रारम्भ हो रहा है। वनारस हिंदी विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है, जिसमें 9 दिनों तक देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। कुछ लोग तो मां की आराधना करने के लिए पूरे 9 दिनों का उपवास रखते हैं।                                        

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'मां' इस एक शब्द को बोलने मात्र से समस्त समस्याओं का समाधान होता है । माँ दुर्गा जो सारे संसार के दुखों का नाश करती है ,जिनको देवो के देव महादेव शिव का आशीर्वाद प्राप्त है और जो खुद महादेव का ही अंश है वो देवी शक्ति को नमस्कार है। 

नवरात्री में कौन सा पाठ पढ़ना चाहिए 

वैसे तो बहुत सारे पंडित और अन्य websites आपको  कुछ पाठ करने के सलाह देंगे। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है ,पूर्ण लाभ के लिए आपको दुर्गा सप्तशती का पूर्ण पाठ करना चाहिए। अगर आपको भूक लगी हो तो ,तो क्या आपका पेट आधे प्लेट खाने से भर जाएगा? वैसे ही आधे पाठ करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है। दुर्गा माता का आशीर्वाद तो हमेशा उनके भक्तो पर  बना रहता है लेकिन जो उनके हर एक स्वरूपों को विधि विधान से पूजते है वह उन्हें अधिक प्रिये है।  

नवरात्रि में क्या क्या पढ़ना चाहिए? - navaraatri mein kya kya padhana chaahie?

आपको दुर्गा सप्तशती के तेरह पाठों में अलग अलग बाधाओं के निवारण के लिए उपाय दिए गए हैं। 

पहले अध्याय का पाठ करने से समस्त प्रकार की चिताओं का नाश हो जाता है। 

दूसरे अध्याय को करने से अदालती दिक्कतों में सफलता प्राप्त होती है।

तीसरे अध्याय से शत्रु बाधा से छुटकारा मिलता है।

चौथे अध्याया को पढ़ने से शक्ति मिलती है। 

पांचवे अध्याय को करने से आध्यात्म की शक्ति प्राप्त होती है। 

छठे अध्याय को करने से मन में बसे डर का नाश हो जाता है।

सातवें अध्याय के पाठ से इच्छाओं की प्राप्ति होती है। 

मिलाप और वशीकरण के लिए आठवें अध्याय का पाठ महत्वपूर्ण है।

नौवे अध्याय का पाठ गुम हुए व्यक्ति की तलाश में फलदायी होता है। 

दसवे अध्याय का पाठ भी गुम हुए व्यक्ति की तलाश के लिए किया जाता है।

ग्यारहवें अध्याय का पाठ कारोबार में वृद्धि के लिए किया जाता है। 

बारहवें अध्याय का पाठ धन लाभ और मान सम्मान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। तेरहवे अध्याय का पाठ अध्यात्म में सिद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

यह ग्रंथ अपने प्रत्येक पृष्ठ पर तंत्र सम्मत गुह्य बीज मंत्रों को समेटे है। यह पवित्र ग्रंथ मार्कण्डेय पुराण का एक महत्वूर्ण भाग है। संस्कृत में सप्तशती के पाठ का एक विशेष स्थान है। भगवती का यह सप्तशती ग्रंथ शुद्ध हिंदी में है, इसलिए इसके पाठ में सिर्फ भावना का महत्व है। 

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नवरात्रों में कौन सा पाठ करना चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार, वही व्यक्ति दुर्गा सप्तशती का पाठ करें जिसने नवरात्र के समय अपने घर में कलश की स्थापना की है। श्री दुर्गा सप्तशती की पुस्तक पाठ में लेकर नहीं पढ़ना चाहिए। इसके लिए एक साफ चौकी में लाल कपड़ा बिछा लें। इसके बाद पुस्तक रखें और कुमकुम, चावल और फूल से पूजा करें।

नवरात्रि में कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

नवरात्रि में क्या क्या नियम करना चाहिए?

नवरात्र व्रत के नियम (Navratri 2022 Fasting Rules).
व्रत करने वाले को चाहिए कि पलंग के बजाए जमीन पर सोएं। ... .
नवरात्र का व्रत करने वाले को सोने के लिए अधिक गुदगुदे गद्दे का प्रयोग करने से बचना चाहिए। ... .
व्रत करने वाले अधिक भोजन नहीं करना चाहिए। ... .
व्रत करने वाले को ब्र‍ह्मचर्य का पालन करना चाहिए।.

नवरात्रि के 9 दिन में क्या करना चाहिए?

नवरात्रि में क्या करें - नवरात्रि के नौ दिनों तक रोजाना सुबह नहाकर पूजा स्थान और घर की अच्छे से सफाई करें. - मंदिर की सफाई करें और गंगा-जल से शुद्ध करें. इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें. - देवी मां को लाल रंग काफी पसंद है इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां को लाल रंग के फूल अर्पित करें.

नवरात्रि पूजा तैयारी कैसे करें?

इसके लिए हवन कुंड, आम की लकड़ी, काले तिल, रोलीया कुमकुम, अक्षत(चावल), जौ, धूप, पंचमेवा, घी, लोबान, लौंग का जोड़ा, गुग्गल, कमल गट्टा, सुपारी, कपूर, हवन में चढ़ाने के लिए भोग, शुद्ध जल (आमचन के लिए)। नवरात्रि में माता रानी को श्रृंगार भी अर्पित करना चाहिए। ये श्रृंगार सामग्री माता रानी के लिए लयनी आवश्यक है।

माता को सिंगार कब चढ़ाना चाहिए?

मां दुर्गा का पर्व नवरात्रि जारी है। इन दिनों माता रानी का श्रृंगार किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में जो भी माता रानी को श्रृंगार चढ़ाता है, उनके घर में सुख-समृद्धि आती है।